गुजरात में चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों के द्वारा खूब भड़ास निकाली गई किसी किसी को मौत का सौदागर कहा तो किसी कुछ लेकिन जब जनता ने अपनी भड़ास निकाली तो सभी की हवा ही निकल गई बड़े-२ दावे किये गये थे बड़े-२ सपने देखे गये थे कोई मंत्री बनरहा था तो कोई संतरी पर सबके सब नींद खुलते ही असलियत की जमीन पर आ गये । क्या इन राजनीतिक पार्टियों को कभी समझ में आयेगा कि चरित्र हनन से वोट नहीं मिलता है बल्कि वोट मिलता है जनता से जुड़ने से।
24.12.07
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