Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

1.12.07

यशवंत भाई...अमर उजाला में आपका नाम छपा है...!!!

सुबह सुबह मुजफ्फरनगर से अपने मित्र हर्ष का फोन आया...यशवंत जी, हिंदी ब्लागिंग के बारे में अमर उजाला में संपादकीय पेज पर लेख है, किसी भूपेन सिंह का। उस लेख में आपका भी नाम है। मैंने बताया, भूपेन से मिला नहीं हूं लेकिन ये स्टार न्यूज वाले अपने साथी हो सकते हैं। फिर हर्ष से पूछा...क्या लिखा है उसे लेख में। उन्होंने प्यार से दो-तीन पैरे पढ़कर सुनाए। जैसे कि ब्लागिंग पर लिखे किसी लेख में बातें कही जाती हैं...ब्लागिंग की शुरुआत, एग्रीगेटर की भूमिका, मोहल्ला--नारद विवाद बरास्ते बजार व राहुल, हिंदी ब्लागिंग में शामिल बड़े साहित्यकारों के नाम व उनके ब्लाग, कुछ पत्रकारों-फिल्मकारों के नाम और उनके ब्लाग का जिक्र और आखिर में दस बारह नाम गिनाकर कि ये लोग भी ब्लागिंग करते हैं.....आलेक की इतिश्री। मैंने तो अखबार खरीदकर पढ़ा। अच्छा लगा लेकिन जिस तरह के आलेख ये आ रहे हैं इन्हें बहुत शुरुआती किस्म का कहा जाना चाहिए। और इस तरह के आलेख पढ़पढ़कर मन उब गया है। अब थोड़ा एक्सपरटाइज किस्म के लेख लिखे जाने चाहिए, समीक्षाएं की जानी चाहिए। नीलिमा ने हिंदी ब्लागिंग पर दो किस्तों में जो लिखा उसे वाकई सराहनीय कहा जा सकता है। लेकिन बच्चा विश्लेषक दीपू राय ने जो कुछ मोहल्ला पर लिखा, हिंदी ब्लागिंग का कथित विश्लेषण करते हुए, उससे तो मुंह का स्वाद कड़वा हो गया। भाई ने ऐसा आकाश-पाताल नापा कि हिसाब नहीं हो पा रहा, किस स्पीड से और किस यंत्र के जरिये यह दौरा कर लिया...। उसकी बातों को निचोड़ने से एक बूंद पानी नहीं टपक रहा, सब शब्दों की खली ही खली निकल रही है। पर यहां गड़े मुरदे उखाड़ने का कोई मतलब नहीं।
यहां केवल आपको सूचना देना है कि अगर आप आज का अमर उजाला संपादकीय पेज पढ़ लें तो उसमें हिंदी ब्लागिंग के बारे में बड़ा लेख मिल जाएगा। भूपेन को बधाई....एक बड़े मंच पर ब्लागिंग की बात करने के लिए। उम्मीद है आगे के दिनों में विश्लेषण थोड़े माइक्रो लेवल तक जाएगी।
जय भड़ास
यशवंत

6 comments:

Ashish Maharishi said...

बधाई हो
http://www.amarujala.com/today/editnews.asp?edit=29c.asp

Neelima said...

मुबारक यशवंत जी

काकेश said...

मुबारक हो जी.

यशवंत सिंह yashwant singh said...

भई, मुबारकबाद जैसी कोई चीज इसलिए नहीं है क्योंकि दरअसल जिस भाई ने फोन किया उसने यही पहली लाइन कही थी और उसे ही हेडिंग बना दिया। हालांकि अब लग रहा है कि ज्यादा भड़काऊ हेडिंग हो गई। दरअसल जो आर्टिकल है उसमें तो हमारा नाम वो आदि आदि वाली कैटगरी में है। वैसे धन्यवाद लेकिन मूल आलेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें....
http://www.amarujala.com/today/editnews.asp?edit=29c.asp
यशवंत

Anita kumar said...

इस बात की खुशी है कि हिन्दी ब्लोगिंग की चर्चा अब अखबारों में भी होने लगी है। आशा है, इस शुरुवाती दौर के बाद ये मीडियम सबसे सक्त रूप में उभरेगा क्योंकि ब्लोग लिख्ने की सब को छूट है, हर वो क्षेत्र जो ऑल इनकल्युसिव होता है ज्यादा सशक्त होता है।

राजीव जैन said...

अच्‍छा लेख था
वहां तक पहुचाने के लिए शुक्रिया पर अब वह आरकाइव में मिलेगा
यहां क्लिक करके भी जा सकते हैं
http://www.amarujala.com/01122007/editnews.asp?edit=29c.asp