भोपाल । चूहा चिन्दी मिलने पर बजाज हो गया। जी हाँ कृष्णमोहन झा जिनका कोई दीन-इमान नहीं, उन पर यही मुहावरा लागू होता है। ये वो शख्स है जिनकी जमीन नहीं और अपने आप को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कहते हैं? कल उनके गंदे मुख से कहा गया कि एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन गली-कूचे का संगठन है। मैं कृष्णमोहन झा को याद दिलाना चाहता हूँ कि एक समय वो स्वयं एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन में पदाधिकारी थे। उनकी स्वार्थ पूर्ति नहीं हुई तो वे चले गये। ये वे कृष्णमोहन झा है जो ‘‘स्वार्थ लाग करै सब प्रीति’’ वाले है।
कुछ समय पूर्व जब एक राष्ट्रीय फेडरेशन एक था तब ये अध्यक्ष के आगे सिर झुकाये रहते थे। आज राष्ट्रीय फेडरेशन दो भाग में हो गया तो पद पाने के लालची कृष्णमोहन झा ने पद पाने के लिये नये फेडरेशन के महासचिव की शरण में है।
घमण्ड राजा रावण का नहीं रहा, कृष्णमोहन जी घमण्ड में मदहोश होकर कुछ तो भी नहीं बोलना चाहिए। एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश में 51 जिला अध्यक्ष है। आपका मध्य प्रदेश में कौन सा संगठन है, उसके कितने जिलों में जिला अध्यक्ष है। फिर जिस फेडरेशन के आप उपाध्यक्ष है वह दो टुकड़े में से एक है। आपकी आदत है कि जिससे लाभ मिले उसके साथ हो जाओ। मंडला के लोग आपकी स्थिति को अच्छी तरह से जानते है कि आप किस तरह के पत्रकार है। लिखा तो बहुत कुछ जाता। आपने अपने रास्ते चलते कोबरा नाग को छेड़ा है, परिणाम तो भुगतना ही पड़ेगा।
राधावल्लभ शारदा
प्रदेश अध्यक्ष
एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन
Mp Wju
mpwju10@gmail.com
19.10.16
कृष्णमोहन झा, अपनी औकात में रहो
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