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15.10.16

संस्कृत गीतों और धुनों ने किया मंत्रमुग्ध

माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के 'पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन' में संस्कृत बैंड ध्रुवा की प्रस्तुति

भोपाल, 15 अक्टूबर। वेदों की ऋचाओं और श्लोकों से संस्कृत बैंड ध्रुवा ने जब अपनी प्रस्तुति शुरू की, तब श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। एक ओर रवीन्द्र भवन के मुक्ताकाश मंच पर शरद पूर्णिमा की चाँदनी शीतलता का अहसास करा रही थी, वहीं ध्रुवा बैंड के सुर-ताल पर संस्कृत श्रोताओं के हृदय में उतर रही थी। संस्कृत गीतों, भजनों और श्लोकों की यह सांगीतिक प्रस्तुति ध्रुवा ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी सम्मेलन के अवसर दी। संस्कृत के मंत्रों के साथ भारतीय पारंपरिक और पाश्चात्य के इस अद्भुत संगम को सुनने के लिए देशभर के मीडिया और संचार संस्थाओं में कार्यरत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ अध्यापक, अधिकारी और शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।



संस्कृत बैंड ध्रुवा के कलाकारों ने जैसे ही शंख के संघोष और ड्रम की थाप के साथ आलाप लिया और ओम का उच्चारण किया, रवींद्र भवन का मुक्ताकाश मंच तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज गया। ध्रुवा के कलाकारों ने ऋग्वेद की ऋचाओं, आदि शंकराचार्य के भजन 'भज गोविन्दम्', सूरदास के भजन 'प्रभु मोरे अवगुन चित्त न धरो' और माधवाचार्य के मधुराष्टकम् को जब प्रस्तुत किया, तब श्रोता आनंदित हो उठे। इसके अलावा उन्होंने प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी के मल्लाह गीत, कालिदास के प्रेम पत्र और कबीर के भजन 'झीनी चदरिया' की बेहतरीन प्रस्तुति दी। दुनिया के एकमात्र संस्कृत बैंड ने अपना परिचय बैंड के शीर्षक गीत 'हम ध्रुवा हैं' के जरिए दिया। 'हम ध्रुवा हैं, हम ध्रुवा हैं, हम आए बांटने चैन और सुकून, शांति, अमन, सुकून... ' गीत के जरिए उन्होंने श्रोताओं का दिल जीत लिया। अंत में वंदेमातरम् को अनूठे ढंग से फ्यूजन के साथ प्रस्तुत कर बैंड ने खूब वाह-वाही बटोरी।

Sanskrit Shlokas and hymns blended with western music enthralled audience

Sanskrit Band Dhruvaa's presentation in Alumni Meet of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication

Bhopal: Shlokas from vedas and hymns presented by unique Sanskrit band Dhruvaa enthralled audience. The presentation was made in the cultural evening of Alumni Meet of Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication.  The university alumni, arrived from different media and communication institutes of different places of the country, university teachers and distinguished persons of the city were present in the programme blended with western music. Band members started their performance with recitation of 'Om' and later presented Richas from Rigveda, Bhaj Govindam of Aadi Shankaracharya, Bhajan 'Prabhu Mere Avgun Chit Na Dharo' and Madhurashtkam. Prof Radhavallabh Tripathi presented Mallah Geet and Bhajans. The band is known for its unique presentation in Sanskrit. At last, it presented Vande Mataram in its different way of fusion to mesmerise the audience.

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