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5.10.16

दिल्ली प्रेस क्लब का काम आखिर है क्या?

पढ़ने को मिला कि दिल्ली प्रेस क्लब में कई साथियों ने बड़े अंतर से चुनाव जीता। कई साथी फिर से अपने पदों पर काबिज हुए। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है और चलता रहेगा। ऐसे में प्रश्न उठता है कि आखिरकार प्रेस क्लब में चुनाव जीतने वाले इन पदाधिकारियों का काम है क्या ? प्रिंट मीडिया में ईमानदार और देशभक्त पत्रकार भुखमरी के कगार पर हैं। जगह-जगह पत्रकारों की हत्या की खबरें सुनने को मिलती हैं। लगभग सभी समाचार पत्रों में मालिकान व संपादक मीडियाकर्मियों का जमकर शोषण व उत्पीड़न कर रहे हैं। प्रिंट मीडिया के लिए गठित मजीठिया वेजबोर्ड सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद नहीं लग पा रहा है। अखबारों में आतंक का माहौल बना हुआ है। जो साथी मजीठिया मांगते हैं उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है।


दैनिक जागरण, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक भास्कर, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका समेत कई अखबारों में मजीठिया मांगने पर काफी साथियों को बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्त साथी बेरोजगार होकर भी मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसा नहीं कि टीवी चैनलों पर हालात बहुत अच्छे हैं। चैनलों में लॉबी सिस्टम है, जो साथी किसी लॉबी में फिट नहीं बैठता तो उसका काम करना बहुत मुश्किल है। यहां पर भी शोषण व उत्पीड़न का खेल जोरों पर पर चल रहा है। ऐसे में देश की राजधानी में स्थापित प्रेस क्लब के धुरंधर पत्रकार क्या कर रहे हैं ? मैंने न कभी देखा और न कभी पढ़ा कि दिल्ली प्रेस क्लब के पदाधिकारियों ने पत्रकारों के हित में कोई लड़ाई लड़ी हो। दिल्ली ही नहीं विभिन्न शहरों में बने प्रेस क्लब भी कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। हां इनमें से किसी पत्रकार के सम्मान में कोई ठेस पहुंच जाए तो  ये लोग जरूर सड़कों पर उतरने का नाटक करेंगे।

तो यह माना जाए कि ये पदाधिकारी प्रेस क्लब में सस्ती दारू पीने के लिए वह प्रेस क्लब की दलाली करने के लिए ही बनते हैं। यदि नहीं तो मजीठिया की लड़ाई को लड़ने वाले साथियों का साथ दो। मीडियाकर्मियों के शोषण के खिलाफ आवाज उठाओ। कलम से लड़ो देशहित व जनहित की लड़ाई। मीडिया पर जो उंगली उठ रही है उसे उनकी ओर ही मोड़ दो। खत्म करो मीडिया से दलाली व रिश्वतखोरी, पर यह सब पहले अपने से ही करना होगा। प्रेस क्लब ही नहीं प्रेस परिषद का भी काम में मेरी समझ में आज तक नहीं आया। प्रेस परिषद के पूर्व चेयरमैन मार्कर्ंडेय काटजू ने तो कभी मीडिया हित की बात नहीं की पर बे-सिर पैर के बयान जरूर जारी करते रहे।

चरण सिंह राजपूत
वरिष्ठ पत्रकार
charansraj12@gmail.com

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