मुख्य अतिथि अमिताभ बच्चन ने किया दीप प्रज्जवलित
- रविकुमार बाबुल
गुजरे जमाने की यादें ताजा करने वाली रोमांचकारी प्रस्तुतियों के बीच 45वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह की रंगारंग शुरूआत समारोह के मुख्य अतिथि और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम, बम्बोलिम में दीप प्रज्जवलित कर किया ।


उदघाटन समारोह के दौरान महोत्सव की अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी का भी परिचय सिने प्रेमियों से कराया गया। जिनमें चेयरमैन श्री सलाओमिरइदजियाक (पोलैंड के जाने-माने फिल्म निर्माता), श्री झांग जियानया (चीन के प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक), नाडिया द्रेष्टि (स्विट्जरलैंड के मशहूर फिल्म निर्माता व अंतर्राष्ट्रीय लोकार्नो फिल्म महोत्सव के प्रमुख), मैरी ब्रेनर (जाने-माने अमेरिकी फिल्म आलोचक) और प्रसिद्ध भारतीय अभिनेत्री सीमा बिश्वास शामिल थीं।
श्वेत-श्याम सिनेमा युग की ख्याति प्राप्त अभिनेत्री और नृत्यांगना पद्मिनी की भतीजी शोभना पिल्लई की अपने समूह के साथ आकर्षक प्रस्तुतियों ने दर्शकों के स्मृति पटल पर भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध नृत्य प्रस्तुतियों की यादें ताजा कर दीं, खासकर ‘होठों पे ऐसी बात में दबा के चली आई’ और ‘पिया तो से नैना लागे रे’ जैसे नृत्यों ने फिजा में स्वप्निल जादू बिखेरते हुए उपस्थित अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य जानी-मानी हस्तियों में सतीश कौशिक, मनोज बाजपेयी और रूपा गांगुली भी शामिल हुये।
उदघाटन समारोह के दौरान स्वच्छ भारत को प्रोत्साहन देने वाली फिल्म के अलावा महोत्सव की सिग्नेचर फिल्म भी दिखाई गई। सिग्नेचर फिल्म का निर्देशन शाजी एन. करुण ने किया है जो भारत के एक जाने-माने फिल्म निर्माता हैं। ईरान के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता मोहसेन मखमलबफ द्वारा निर्देशित की गई ‘द प्रेसिडेंट’ महोत्सव की शुरुआती फिल्म थी।
गोवा में आयोजित 11 दिवसीय 45वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के दौरान 79 देशों की 178 फिल्में दिखाई जायेंगी। इन फिल्मों को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है। विश्व सिनेमा (61 फिल्में), मास्टर-स्ट्रोक्स ( 11 फिल्में), महोत्सव बहुरूपदर्शक (फेस्टिवल केलिडोस्कोप) (20 फिल्में), सोल ऑफ एशिया (07 फिल्में), डाक्यूमेंट्री (06 फिल्में), एनीमेटेड फिल्में (06 फिल्में) इन श्रेणियों में शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय पैनोरमा वर्ग में 26 फीचर और 15 गैर फीचर फिल्में होंगी। पूर्वोत्तर महोत्सव का फोकस क्षेत्र है, इसलिए आईएफएफआई 2014 में भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की 07 फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। क्षेत्रीय सिनेमा भी महोत्सव का महत्वपूर्ण अंग होगा। इस वर्ष के समारोह में गुलजार और जानू बरूआ पर पुनरावलोकन वर्ग (रिट्रोस्पेक्टिव सेक्शंस), रिचर्ड एटनबरो, रॉबिन विलियम्स, ज़ोहरा सहगल, सुचित्रा सेन पर विशेष समर्पित फिल्में और फारूख शेख को विशेष श्रद्धाजंलि अन्य आकर्षण होंगे। नृत्य पर केंद्रित फिल्मों का एक विशेष वर्ग होगा तथा व्यक्तित्व आधारित पुनरावलोकन (रिट्रोस्पेक्टिव) और मास्टर क्लासेज/कार्यशालाएं भी आईएफएफआई 2014 का हिस्सा होंगे।
आम सिनेप्रेमियों के लिए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर मुफ्त में भारतीय फिल्मों की ओपन एयर स्क्रीनिंग इस महोत्सव का नया आकर्षण है। फिल्मों के प्रथम विश्व प्रदर्शन के अलावा आईएफएफआई 2014 के दौरान प्रतिनिधियों के लिए फिल्म बाजार, 3डी फिल्में, भोज, मास्टर क्लासेज, पैनल परिचर्चा व स्टॉल्स और ओपन एयर स्क्रीनिंग जैसी रंगपटल की गतिविधियां संचालित हुईं ।