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31.1.23

केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य किताब सम्मानित

राजस्थान,चित्तौड़गढ़। 'स्वतंत्रता सेनानी रामचन्द्र नंदवाना सम्मान' 2021 के लिए बजरंगबिहारी तिवारी लिखित पुस्तक 'केरल में सामाजिक आंदोलन और दलित साहित्य' (नवारुण प्रकाशन, ग़ाज़ियाबाद) का चयन निर्णायक मंडल के तीन सदस्यों- वरिष्ठ कथाकार काशीनाथ सिंह, कवि-चिंतक राजेश जोशी तथा आलोचक दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने किया। कुल 26 अध्यायों में लिखित इस किताब में पहली बार हिंदी में केरल के कम्युनिस्ट आंदोलन का इतिहास प्रस्तुत किया गया है। किताब सिलसिलेवार ढंग से इस मॉडल स्टेट के निर्माण की व्याख्या करती है। 1850 तक इस राज्य में गुलामी प्रथा क़ायम थी।


News18 उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड का गालीबाज रिपोर्टर

सब कहते है कि पत्रकार को शालीन और मर्यादित शब्दावली का प्रयोग करना चाहिए, लेकिन News 18 उत्तर प्रदेश उत्तराखण्ड का बुलंदशहर का रिपोर्टर तो गालीबाज निकला. अपना रुतबा दिखाने के लिए फोन पर ही बुलंदशहर के एक रिपोर्टर को जमकर गरिया लगा. 



 

सब परिंदे उड़ गए ,धीरे धीरे छोड़कर, बाग़बान अब अकेला है, उम्र के इस मोड़ पर !


सत्येंद्र कुमार-

आज जब मोबाइल स्विच ऑन किया तो गणतंत्र दिवस पर औपचारिकता वश दी जाने वाली बधाईयों से व्हाट्सएप्प पटा पड़ा मिला । मन हुआ की पूछ लूँ इन भेड़ चाल वालों से की भाई ये कैसी है बधाई, जब आज तक गणतंत्र की बात ही तुम्हे समझ नही आई !


 

न्यूज़ पोर्टल और यूट्यूब चैनल के नाम पर वसूली गैंग चला रहा है पर्ल्स न्यूज़ २४, मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाये










 


    श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय      (By mail)
         अलीगढ
विषय: न्यूज़ पोर्टल और यूट्यूब चैनल के नाम पर बसूली गैंग चला रहा है पर्ल्स न्यूज़ २४,  मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाये

महोदय,  
  डिजिटल मीडिया के दुरुपयोग की कड़ी में नया मामला अलीगढ में सामने आया है| यहाँ पर्ल्स न्यूज़ २४ नाम ने एक पोर्टल में बसूली गैंग बना रखा है| एक न्यूज़ पोर्टल ने अपने यूट्यूब चैनल के नाम पर कुकरमुत्तों की तरह लोगो की भर्ती कर ली है| अपने तथाकथित रिपोर्टरों को एक प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल की मायिक आईडी से मिलती जुलती आईडी डिजाइन कराकर उनको थमां दी है| अब यह तथाकथित रिपोर्टर लोगो से खुलेआम खबर चलाने और बनाने के नाम पर खुलकर बसूली करते है|  यह तथाकथित लोग एक झुण्ड में कबरेज के लिए जाते है और गुडागर्दी करते है| इतना ही नहीं कोई इनसे टोकाटोकी करता है तो इस गैंग में शामिल महिलाओ को आगे करके फ़साने की धमकी दी जाती है| बाक्यात इस प्रकार है-

पत्रकार विजय कुमार राय की दादी श्रीमती शांति राय का निधन

 


शोक संदेश... हिन्दुस्थान समाचार नई दिल्ली में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार विजय कुमार राय की दादी श्रीमती शांति राय का आज उनके पैतृक निवास जिला गाजीपुर के डोरा सादात में शाम 7 बजे निधन हो गया।95वर्ष शांति राय अपना भरा पूरा परिवार छोड़कर परलोकवासी हो गई।

मौर्य के बयान पर अखिलेश के रूख से धर्म संकट में फस सकती है भाजपा

KP Singh-

स्वामी प्रसाद मौर्य के मुददे पर मनोज पाण्डेय एण्ड कम्पनी के दबाव को नकारकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उन्हें पार्टी से बाहर करने की बजाय उनके साथ खडे हो गये हैं। यहां तक कि अपने चाचा शिवपाल यादव की राय को भी उन्होने दरकिनार कर दिया है। शनिवार को स्वामी प्रसाद से मुलाकात के बाद ही उन्होंने इसे जाहिर कर दिया था, एक दिन बाद तो उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य का कद पार्टी में बढाकर उन्हें इनाम दे डाला है जो पुनरूत्थानवादियों को चिढाने जैसा है।

28.1.23

बिल्डर-गुंडों की यारी कानून पर भारी, अदालत से स्टे के बावजूद रात अंधेरे में तोड़वाने लगे कटरा

भाष्कर गुहा नियोगी-

वाराणसी। ताकत और अवैध पैसों का साथ यानी बिल्डर और गुंडों का गठजोड़ कानून पर भारी पड़ता दिख रहा है।   नहीं तो बीते 24 जनवरी  दालमंडी घुंघरानी गली स्थित एक कटरे की दुकानों को रात में जिस तरह से ढहाने की  कोशिश की गई वो बताने के लिए काफी है कि बिल्डर - गुंडा गठजोड़ किसी हद तक जा सकता है। खासकर दालमंडी सहित आसपास के इलाकों में इनका वर्चस्व कायम है। यहां कई  गुंडे खुद बिल्डर बन चुके है।  धमकी, मारपीट और जरूरत पड़ने पर किसी को जान से मार देना इनके लिए बड़ी बात नहीं है। 

ABP Majha honours unsung heroes of Maharashtra at its annual event ‘Shourya Puraskar’

 

Mumbai, January 27, 2023: ABP MajhaMaharashtra’s leading news channel, hosted its annual event 'Shourya Puraskar' at BKC Trident in Mumbai on 24th January 2023. This event is an initiative by the channel to recognize and celebrate the courage and heroism of common people across the Maharashtra region. Dedicated to celebrating the bravery of the common people, the event was aired on the occasion of Republic Day today.

ABP Majha’s ‘Majha Maharashtra Majha Vision’ sheds light on state matters

 

Mumbai, January 27, 2023: ABP Majha, Maharashtra’s leading news channel, successfully concluded its highly anticipated event, Majha Maharashtra Majha Vision, at BKC Trident, Mumbai. This one-of-a-kind event saw eminent leaders of Maharashtra present their vision for the state. It was an insightful platform to understand Maharashtra’s potential and the way forward. 

24.1.23

पंजाब की आप सरकार और अफसरशाही में फिर ठन गई

अमरीक-

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार और अफसरशाही में एकबारगी फिर जबरदस्त ढंग से ठन गई है। इस बार भी वजह 'दिल्ली वाले' हैं। इस बार मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आला अफसरों के इसलिए आनन-फानन में तबादले कर दिए कि उन्होंने विभागीय राशि को 'प्रचार' के लिए इस्तेमाल करने से साफ इनकार कर दिया और सरकार को कतिपय ईमानदार अफसरों का यह रवैया पसंद नहीं आया। दो दिन के भीतर हुए कुछ तबादले बेहद चर्चा में हैं। इनमें से तो एक रविवार यानी छुट्टी के दिन किया गया। अफसरशाही में जबरदस्त खलबली है और सुगबुगाहट है कि मुख्यमंत्री ने 'ऊपर' के इशारे से मुख्य सचिव को मौखिक आदेश दिए जो मुख्य सचिव की मेज पर पहुंचते ही लिखित में बदल गए। पूरा घटनाक्रम बताता है कि अब राज्य सरकार को तर्क करने वाले और ईमानदारी के साथ फर्ज निभाने वाले आला अधिकारी रत्ती भर भी पसंद नहीं। नीचे के अफसरों को भी रोज ताश के पत्तों की मानिंद फेंटा जा रहा है। सरकार के पक्षधर अधिकारी इसे अपरिहार्य सख्ती बताते हैं, जबकि 'पीड़ित' अफसरों के हमदर्द (सूबे में जो कुछ इन दिनों हो रहा है) इसे अपने किस्म का सरकारी भ्रष्टाचार! चंद दिन पहले ही पीसीएस और आईएएस अफसरों तथा सरकार के बीच तनातनी बढ़ी थी और मुख्यमंत्री के संवैधानिक दबाव में आकर अफसर झुक गए थे। इसकी एक वजह और भी थी कि मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और उनके किचन कैबिनेट के सदस्य मीडिया तथा अन्य मंचों से प्रचार करने लगे थे कि सरकार से नाराज हुए अफसर दरअसल दागी अधिकारियों को बचाना चाहते हैं और खुद भी बचना चाहते हैं। लेकिन इस बार मामला दूसरा है। तब जिला स्तरीय अधिकारियों में अपने एक साथी की विजिलेंस द्वारा की गई गिरफ्तारी को लेकर रोष था और वे पांच दिन की सामूहिक हड़ताल पर चले गए थे लेकिन सरकार के दबाव का डंडा उन पर चल पड़ गया और वे काम पर लौट आए। मुख्यमंत्री ने खुद सामने आकर उन्हें नियमानुसार निलंबित करने की धमकी दी थी।         




 फोटो परिचय: मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ,  आईएएस अधिकारी अजोय शर्मा और वीरेंद कुमार शर्मा। 

बसंत का यह 'खूनी' चेहरा भी देखिए!

अमरीक-

शेष देश की मानिंद पंजाब में भी बसंत पंचमी का पर्व बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। नए साल के आगाज के साथ ही बसंत का आगमन भी शुरू हो जाता है। जिस दिन आकाश साफ होता है, उस दिन चौतरफा पतंगे ही पतंगे दिखाई देती हैं। गोया बादलों की जगह पतंगों ने ले ली हो। इस बार भी ऐसा ही आलम है। वैसे, बसंत पंचमी 26 जनवरी को है लेकिन इसकी धूम अभी से है। इधर के कुछ सालों में बसंत पंचमी खुशियां ही नहीं, मातम भी दे रही है। पतंगबाजी के लिए होने वाले प्लास्टिक डोर ने कहर बरपा रखा है। प्लास्टिक डोर को पंजाब में 'चीनी मांझा' भी कहा जाता है और इस पर कानूनन सरकारी प्रतिबंध है। लेकिन फिर भी इसका आतंक समूचे सूबे के चप्पे-चप्पे में तारी है। अपने आप में यह आतंकवाद की शक्ल अख्तियार कर चुका है। प्लास्टिक डोर अथवा चीनी मांझे की की चपेट में जो भी आता है, वह गंभीर रूप से जख्मी एवं लहूलुहान हो जाता है। ऐसे-जैसे उस पर नुकीले या तीखे खंजर से बदस्तूर सैकड़ों वार किए गए हों।     









 

22.1.23

दैनिक जागरण के पत्रकार की शिक्षक ने प्रेस काउंसिल में की शिकायत

   

 

 अमृत विचार की टीम ने अखबार वितरकों की सेवा की





रहमान राही: खामोशी से गुजर गया कश्मीर का एक अहम युग

अमरीक-

कश्मीर अक्सर सियासी गतिविधियों और अन्य वजहों से सुर्खियों में रहता है। साल 2023 का पहला पखवाड़ा कश्मीर, कश्मीरियत और समूची अदबी  जमात के लिए बेहद नागवार साबित हुआ। कश्मीर और कश्मीरियत के दिग्गज एवं प्रतिनिधि/समकालीन प्रथम पुरुष साहित्यकार रहमान राही साहब जिस्मानी तौर पर दुनिया से रुखसत हो गए। एक ऐसा खजाना बल्कि बेशुमार खजानें दुनिया को देकर, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी उन्हें तथा कश्मीरियत और उर्दू जबान को हमेशा-हमेशा के लिए जिंदा रखेगा। प्रोफेसर रहमान राही के किए काम के जिक्र के बगैर कश्मीरियत की बाबत कोई भी संदर्भ निहायत अधूरा अथवा बेबुनियाद होगा। कश्मीरी और उर्दू भाषा की ऐसी ही अजीम शख्सियत थे रहमान राही, जिनसे पूरा मुल्क और समूची दुनिया का विशाल साहित्यिक दायरा बखूबी वाकिफ था।  






 

सुब्रत राय की बुद्धि शुद्धि हेतु सुंदर काण्ड पाठ

 2023 में सुब्रत राय सहारा से निवेशकों का भुगतान कराओ... हर तीसरा घर है प्रभावित.... भारत वर्ष की आधी आबादी परेशान...

 

थाली, चम्मच शंख घन्टा बजाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया

सीतापुर। संयुक्त किसान मोर्चा के साथ सहारा इंडिया के विरुद्ध निवेशकों द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन में आज ग्यारहवें दिन जागरूकता अभियान के तहत ताली थाली और शंख बजाकर दोपहर दो बजे जुलूस यात्रा निकाल कर संगठन की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया गया।संयोजक पिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कोरौना महामारी के समय, ताली,थाली व शंख अभियान चलाकर कोरौना पर विजय पाई थी.

 पत्रकारिता की आड़ ले रहा भू माफिया दीपक गुप्ता


Abhishek Shukla
abhidipm.com@gmail.com


खुद को india watch चैनल का बाँदा जनपद का रिपोर्टर बताने वाला दीपक गुप्ता असल में अवैध प्लॉटिंग का कार्य करता है दीपक गुप्ता की शहर में लगभग दर्जन भर साइट हैं जिनमें 6 साइट पर विकास प्राधिकरण नोटिस दे चुका है  और एक साइट का ध्वस्टिकरण कर चुका है। जिस प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया है वहां के ग्राहक अब अपने आप को ढगा हुआ पा रहें हैं

 दादा लखमी- मन पर गहरी लकीर छोड़ती एक फ़िल्म

पंकज सुबीर-

भोपाल के केपिटल मॉल के आईनॉक्स में प्रसिद्ध फ़िल्म अभिनेता यशपाल शर्मा द्वारा निर्देशित राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हरयाणवी फ़िल्म 'दादा लखमी' के विशेष शो को  देखने का अवसर मिला। सबसे पहले तो यह कि फ़िल्म भले ही हरयाणवी है लेकिन बहुत अच्छे से भाषा समझ में आ रही थी। इतनी हरयाणवी तो हम दंगल जैसी फ़िल्मों में सुन चुके हैं। फ़िल्म के बारे में क्या कहूँ, ज़्यादा कहूँगा तो लगेगा कि अपने मित्र की प्रशंसा कर रहा हूँ। लेकिन सच कह रहा हूँ कि मैंने बरसों बाद कोई ऐसी फ़िल्म देखी जो पूरे समय बाँध के रखती हो। इतना कसा हुआ निर्देशन, संपादन कि कुर्सी से हिलने का अवसर भी न मिले। यशपाल शर्मा ने अपनी पहली ही फ़िल्म से बहुत बड़ी लकीर खींच दी है। उनके अभिनय का तो मैं हमेशा कायल रहा लेकिन इस फ़िल्म को देख कर मुझे लगा कि उनके अंदर का निर्देशक शायद उनके अंदर के अभिनेता से कहीं ज़्यादा अच्छा है। बहुत चुनौतीपूर्ण है इस तरह की फ़िल्म बनाना और ऐसी बनाना कि दर्शकों को बाँध कर रख ले। आज के दर्शक को, जो कुछ ज़्यादा ही व्यस्त हो गया है। यशपाल शर्मा ने न केवल इस चुनौती को स्वीकार किया है, बल्कि उसे पूरा भी कर के दिखाया है। मेरा बस चले तो इस वर्ष के सारे पुरस्कार इस निर्देशक के नाम लिख दूँ। पिछले वर्ष हिन्दी फ़िल्म उद्योग का सबसे असफल वर्ष रहा है, हिन्दी फ़िल्में एक के बाद एक फ्लाप हुई हैं। हिन्दी फ़िल्म वालों को दादा लखमी देखना चाहिए, उनको समझ आएगा कि दर्शक क्या चाहता है। फ़िल्म हरयाणा में लगातार हाउसफुल चल रही है, जबकि रिलीज़ हुए दो माह से भी ज़्यादा हो चुका है।

 मैनेजमेंट गुरु और पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा बोले- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानी विवेक की जगह नहीं ले सकती

मैनेजमेंट गुरु और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अभिषेक मिश्रा ने KCCILHE दीक्षांत में छात्रों को बताए सफलता के सही मायने

ग्रेटर नोएडा । हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते दखल और भविष्य में इससे पैदा होने वाली बेरोजगारी की आशंकाओं के बीच यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और मैनेजमेंट स्कॉलर अभिषेक मिश्रा ने कहा है कि कृत्रिम बुद्धि कभी इंसानी विवेक की जगह नहीं ले पाएगी और मेधावी लोगों के लिए यह कभी भी चुनौती नहीं बन सकेगी.

13.1.23

 लोहड़ी का महानायक दूल्हा भट्टी

अमरीक-

लोहड़ी समूह पंजाबी लोकाचार का सबसे बड़ा पर्व है। पंजाबीयत की सांझा विरासत का सशक्त प्रतीक भी। माना जाता है कि लोहड़ी की रात के बाद कड़कड़ती ठंड का सफर ढलान की ओर जाने लगता है। हालांकि यह पक्ष अब ऋतु--चक्र के मिजाज पर ज्यादा निर्भर करने लगा है। फिर भी मान्यता यही है कि लोहड़ी की रात पूरे रस्मों रिवाज के साथ, अग्नि का अतिरिक्त सम्मान करते हुए ठंड को विदाई दी जाती है। पंजाबी पूरे उमंग से इसे मनाते हैं और यह कहकर लोहड़ी की रात खुशहाली की कामना करते हैं कि "इशर (खुशहाली) आए, दलिद्दर जाए/दलिद्दर दी जड़ चूल्हे पाए।" यानी बदहाली पूरी तरह से स्वाहा हो जाए। हर पर्व की तरह लोहड़ी से जुड़े मिथकों के भी कई आयाम हैंं और बदलते युग में खड़ी कुछ पुरातन विसंगतियां भी, जो नवचेतना अथवा वैज्ञानिक चेतना के साथ-साथ रफ्ता-रफ्ता बदल भी रही हैं। इनमें से एक अहम यह कि लोहड़ी पुत्र-जन्म और पुत्र-विवाह का प्रतिनिधि उत्सव भी है। अब पंजाब और इसके आसपास के इलाकों में 'धीओं (यानी बेटियों) की लोहड़ी' के बढ़ते प्रचलन ने इस त्योहार को यकीनन नया अक्स दिया है। इसे बेहतर समझने के लिए लोहड़ी पर्व के लगभग सर्वमान्य इतिहास की तहों में एकबारगी फिर से जाना गैर वाजिब नहीं।

11.1.23

 छेड़छाड़ का आरोपी प्रोफेसर बना एंटी रैगिंग केमेटी का सदस्य

कार्रवाई की जगह बचाने की जद्दोजहद में जुटा विश्वविद्यालय प्रशासन

रायपुर के कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में एक एसोसिएट प्रोफेसर ने छात्रा के साथ अश्लील हरकत की। इसकी शिकायत किए करीब 18 दिनों का समय बीत चुका है। लेकिन आरोपी प्रोफेसर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दूसरी तरफ अपने साथ हुई घिनौनी हरकत से परेशान स्टूडेंट ने अब कॉलेज जाना बंद कर दिया है।

10.1.23

 अवैध संबंधों के चलते बच्चों का पुराना खेल लूडो हुआ बदनाम

अजय कुमार,लखनऊ

मानवता जब भी शर्मसार होती है तो ‘वह’ अपने को बेगुनाह साबित करने के लिए मासूमियत का लबादा ओढ़ लेती है। सभी को याद होगा कि महाभारत काल में जुए में युधिष्ठिर द्रोपदी को हार गए थे! अब  कलयुग में एक महिला अपनी मर्जी से अपने आशिक से लूडो में खुद को हार गई! उसने कृष्ण भगवान को बुलाने के बजाय पति को ही धमकी दी कि वह उसे भूल जाए वरना उस पर पत्नी उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराएगी! दरअसल,उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में भी सामाजिक सरोकारों को बदनाम करने वाली ऐसी ही एक कहानी सामने आई है। जहां एक मकान मालिक और महिला किरायेदार ने अपने नाजायज संबंधों को छिपाने के लिए ऐसा कुचक्र रचा की सदियों से बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय खेल "लूडो"बदनाम हो गया। इस घटना के बाद से घर के बुजुर्गो ने बच्चों को लूडो नहीं खेलने तक की नसीहत देना शुरू कद दी है।

2.1.23

 कितना गिर गया पत्रकारिता का स्तर


भरतपुर । समाज की सेवा तथा समाज और सरकार के बीच सेतु का काम करने वाली पत्रकारिता का स्तर इतना गिर जाएगा शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा । जब पत्रकार सड़क पर अपने कंधे पर थैला लटका कर और जेब में कलम लगाकर निकलता था तब लोग उन्हें सलाम करते थे और उनसे अपनी पीड़ा बयां कर मलहम लगाने की आस करते थे । पत्रकार भी उन्हें पूरा सम्मान देते और उनकी समस्या को अपनी कलम के माध्यम से  सरकार तक पहुंचाने में महत्ती भूमिका निभाते थे  ।

1.1.23

OPEN LETTER TO YOGI ADITYANATH : WHY DOES YOUR GOVERNMENT AND POLICE FEEL INSECURE?

 

Respected Yogi Maharaj,

 We were to take out a padyatra during 24-27 December, 2022 from Varanasi to Manduri, Azamgarh in support of a farmers’ movement going on at Manduri since 13 October against a proposed international airport which would involve taking over of 670 acres of land belonging to 8 villages uprooting close to ten thousand people. This padyatra was to mark the completion of 75 days of the daily sit-in observed by mainly women at Khiriya Bagh, an open space in Manduri.