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28.1.23

बिल्डर-गुंडों की यारी कानून पर भारी, अदालत से स्टे के बावजूद रात अंधेरे में तोड़वाने लगे कटरा

भाष्कर गुहा नियोगी-

वाराणसी। ताकत और अवैध पैसों का साथ यानी बिल्डर और गुंडों का गठजोड़ कानून पर भारी पड़ता दिख रहा है।   नहीं तो बीते 24 जनवरी  दालमंडी घुंघरानी गली स्थित एक कटरे की दुकानों को रात में जिस तरह से ढहाने की  कोशिश की गई वो बताने के लिए काफी है कि बिल्डर - गुंडा गठजोड़ किसी हद तक जा सकता है। खासकर दालमंडी सहित आसपास के इलाकों में इनका वर्चस्व कायम है। यहां कई  गुंडे खुद बिल्डर बन चुके है।  धमकी, मारपीट और जरूरत पड़ने पर किसी को जान से मार देना इनके लिए बड़ी बात नहीं है। 

बीते डेढ़ दशक पहले पुराने मकानों को ढहा कर कटरा बनवाने यानी साठ -चालीस का खेल आज चरम पर पहुंच चुका है और औने- पौने भाव में मकानों को अपने कब्जे में कर करोड़ों कमाना सबसे मुफीद धंधा। इस धंधे में खाकी से लेकर खादी तक का हिस्सा है।  बिना नक्शा पास किए हुए सुरक्षा के हर मानक को ताक पर धर  संकरी गलियों में कुतुबमीनार तान देना इस गठजोड़ के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। यहां तनने वाले तकरीबन हर कटरा मकान के पीछे यही कहानी है पैसे की ताकत और गन प्वाइंट के चलते कई एक ज़बान खामोश है । अगर ढंग से मामलों की छानबीन हो जाए और खौफजदा जुबानें खुल जाएं तो करोड़ों के मुनाफे के इस गैरकानूनी खेल में कई लोग जेल में नजर आएंगे।

ताज़ा मामला फिलहाल दो दिन पहले विगत  24 जनवरी का है। थाना चौक दालमंडी घुंघरानी गली स्थित कभी अरविंद सिंह का कटरा नाम से जाने , जाने वाले मकान नं सी. के 40/68,69,70 के मालिक सईदुर्रहमान उर्फ बाबू पत्ते वाले थे। उनके इंतकाल के बाद उनके साहबजादों गुलजार, अंसार, जमाल, कमाल, अफजाल वगैरह ने इलाके के ही बिल्डर हारिस, नफीस, सुल्तान के साथ होकर करोड़ों कमाने का खेल शुरू किया। इस कटरे में बने दुकानों में तकरीबन 40 साल से आबाद दुकानदार इस राह में बाधा बन रहे थे। दुकानदारों का कहना है उन्हें हटाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से खेल खेला गया। दुकानदारों को धमकाया - डराया जाने लगा तो दुकानदारों ने अदालत की शरण ली। अदालत ने दुकानदार सुखा देवी बनाम गुलजार अहमद वगैरह, निजामुद्दीन बनाम गुलजार अहमद के मामले में 18 नवंबर 2022 को स्टे आर्डर दिया है। ताकि दुकानदारों के साथ कोई भी किसी तरह की कोई ज़ोर - जबरदस्ती न कर सके।

अदालत के आदेश की अवमानना करते हुए बीते 24 जनवरी की रात बिल्डर और इलाके के ही  दबंग बदमाशों की टोली ने भाड़े के मजदूरों को ले जाकर कटरे को ढहाना शुरू कर दिया सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे दुकानदारों ने पुलिस को फोन किया। पुलिस मौके पर पहुंची तो मौके पर मौजूद सभी भाग खड़े हुए। घटना के बाद नामजद लोगो में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।

इस घटना के बाद से दुकानदार खौफजदा हैं उनका कहना है कभी भी किसी के साथ कोई अनहोनी हो सकती है। दुकानदारों ने मुख्यमंत्री सहित सूबे के आला पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर अपने जान - माल की रक्षा की गुहार लगाई है। अब देखना यह है कि अदालत और कानून को ठेंगा दिखाने वाले बिल्डरों और इनके काम में हर तरह से मददगार गुंडों के खिलाफ कौन सी बड़ी कार्रवाई होती है या हर बार की तरह इस बार भी बिल्डर माफिया अपनी पहुंच और रसूख का इस्तेमाल कर सारे मामले को रफा दफा कर हजम कर जाते है।







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