माँ भारती के दो सपूत महामना पंडित मदनमोहन मालवीय जी और महामानव पंडित अटलबिहारी वाजपेयी जी को भारतरत्न, इन दो ब्रह्माण्ड रत्नो के प्रति असीम भारतीय कृतज्ञता का प्रकटीकरण है ! शिक्षा, साहित्य, धर्म और राजनीति के साथ सनातन संस्कृति पोषक इन दोनों पुरोधाओं का सम्मान कर आज प्रत्येक भारतीय अपने आप को गौरवान्वित और सम्मानित अनुभव कर रहा है ! हार्दिक बधाई , अभिनन्दन !
24.12.14
17.12.14
आतंक का कोई मजहब नहीं होता
-नितिन शर्मा ‘सबरंगी’
पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी स्कूल में जिस क्रूर अंदाज में बेरहम आतंकवादियों ने मासूम बच्चों को छलनी किया उससे इंसानियत शर्मसार है। चार घंटे में आतंकियों ने लाशों का अंबार लगा दिया। जो सामने आया उसे भून डाला। पूरी दुनिया में घटना की निंदा हो रही है। सबसे बड़ा सवाल यह कि पाकिस्तान में ऐसी नौबत आयी क्यों? आतंकियों को पाला किसने? दरअसल हकीकत यह है कि पाकिस्तान अब खुद अपनी ही आग में झुलस रहा है। आतंक की हांडी में जिन कीड़ों को उसने पाला वही अब कुलबुला रहे हैं। कांटों के पेड़ लगाकर कभी फूल नहीं खिला करते। उम्मीद है पाकिस्तान को समझ आ रहा होगा कि आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता। कांटों के पेड़ लगाकर उस पर कभी फूल नहीं खिला करते। अब पाकिस्तान खुद आतंक की आग में झुलस रहा है। आतंक का एक ही मजहब होता है नफरत, तबाही, हिंसा और मौत। मिया नवाज शरीफ कहतें हैं कि अब आतंकवाद से लड़ेंगे और पहले पूरी दुनिया बोल रही थी तब समझ नहीं आया? आतंक के खिलाफ पाकिस्तान ने आवाज उठाई होती, तो मासूमों की जान नहीं जाती। दर्जनों परिवारों के पास अब दर्द और आंसुओं के सैलाब हैं। उनका क्या गुनाह था? मासूमों की कब्रों परा चढ़कर पता नहीं आतंकी कौन सी जन्नत में जाएंगे? चरमपंथी हमले पाकिस्तान में होते रहे हैं। आतंक का जड़ से सफाया जरूरी है वरना यह आग ओर भी झुलसायेगी। इंसानियत का वजूद भी पूरी तरह खो जायेगा।
पाकिस्तान के पेशावर स्थित आर्मी स्कूल में जिस क्रूर अंदाज में बेरहम आतंकवादियों ने मासूम बच्चों को छलनी किया उससे इंसानियत शर्मसार है। चार घंटे में आतंकियों ने लाशों का अंबार लगा दिया। जो सामने आया उसे भून डाला। पूरी दुनिया में घटना की निंदा हो रही है। सबसे बड़ा सवाल यह कि पाकिस्तान में ऐसी नौबत आयी क्यों? आतंकियों को पाला किसने? दरअसल हकीकत यह है कि पाकिस्तान अब खुद अपनी ही आग में झुलस रहा है। आतंक की हांडी में जिन कीड़ों को उसने पाला वही अब कुलबुला रहे हैं। कांटों के पेड़ लगाकर कभी फूल नहीं खिला करते। उम्मीद है पाकिस्तान को समझ आ रहा होगा कि आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता। कांटों के पेड़ लगाकर उस पर कभी फूल नहीं खिला करते। अब पाकिस्तान खुद आतंक की आग में झुलस रहा है। आतंक का एक ही मजहब होता है नफरत, तबाही, हिंसा और मौत। मिया नवाज शरीफ कहतें हैं कि अब आतंकवाद से लड़ेंगे और पहले पूरी दुनिया बोल रही थी तब समझ नहीं आया? आतंक के खिलाफ पाकिस्तान ने आवाज उठाई होती, तो मासूमों की जान नहीं जाती। दर्जनों परिवारों के पास अब दर्द और आंसुओं के सैलाब हैं। उनका क्या गुनाह था? मासूमों की कब्रों परा चढ़कर पता नहीं आतंकी कौन सी जन्नत में जाएंगे? चरमपंथी हमले पाकिस्तान में होते रहे हैं। आतंक का जड़ से सफाया जरूरी है वरना यह आग ओर भी झुलसायेगी। इंसानियत का वजूद भी पूरी तरह खो जायेगा।
Posted by Nitin Sabrangi 2 comments
Labels: army school, attack, children, killed, nitinsabrangi, pakistan, Peshawar, Taliban, terrorist
15.12.14
आचार्य तुलसी के अप्रकाशित फोटो की एलबम नुमा बूक
मान्यवर जी,
आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष में आचार्य तुलसी के अप्रकाशित फोटो की एलबम नुमा बूक का प्रकाशन हुआ है। देश के जाने माने एवं पदम् श्री अवार्ड से सम्मानित फोटोग्राफर रघु राय के इस फोटो एलबम बूक की प्रस्तावना दलाई लामा जी द्वारा लिखी गयी है। यह एक ऐतिहासिक कृति है, जिसे पीढ़ियों तक सुरक्षित व संग्रहित किया जा सकता है, साथ ही आप अपने परिजनों, मित्रों को भेंट भी दे सकते हैं।यह एलबम विक्रय हेतु नैतिकता के शक्तिपीठ ,गंगाशहर पर उपलब्ध है। शीघ्र संपर्क करें। मो. 9414139192 . 01512270396
धन्यवाद।
आचार्य तुलसी जन्म शताब्दी वर्ष में आचार्य तुलसी के अप्रकाशित फोटो की एलबम नुमा बूक का प्रकाशन हुआ है। देश के जाने माने एवं पदम् श्री अवार्ड से सम्मानित फोटोग्राफर रघु राय के इस फोटो एलबम बूक की प्रस्तावना दलाई लामा जी द्वारा लिखी गयी है। यह एक ऐतिहासिक कृति है, जिसे पीढ़ियों तक सुरक्षित व संग्रहित किया जा सकता है, साथ ही आप अपने परिजनों, मित्रों को भेंट भी दे सकते हैं।यह एलबम विक्रय हेतु नैतिकता के शक्तिपीठ ,गंगाशहर पर उपलब्ध है। शीघ्र संपर्क करें। मो. 9414139192 . 01512270396
धन्यवाद।
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