देश - दुनिया की विडंबना पर खांटी खड़गपुरिया की चंद लाइनें ....
दौर कुछ ऐसा आया है ....
तारकेश कुमार ओझा
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क्या कोलकाता , क्या खड़गपुर
गया हो या टाटा
कोरोना वायरस से कांपी दुनिया
गांव शहर है सन्नाटा
हर चेहरे पर चस्पा दहशत
दौर कुछ ऐसा आया है .
कैसी होगी भविष्य की दुनिया
सोच कर दिल घबराया है .
घर से चलेंगे बाबुओं के दफ्तर
गरीब भटकेंगे दर - ब- दर
अहसास से मन अकुलाया है ,
दौर कुछ ऐसा आया है .
बंद कमरों में होली - दीवाली
दूर की कौड़ी बकलौली - बतरस
व्वाट्सएप पर मिलेंगे स्नेह निमंत्रण
स्क्रीन पर मिटेगी शादी - बारात की हसरत
भयाकुल मन भरमाया है
दौर कुछ ऐसा आया है .
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लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ट पत्रकार हैं। संपर्कः 9434453934, 9635221463