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30.12.21

आतंकियों के एंट्री गेट 'तब्लीगी जमात' पर सउदी अरब का प्रहार

विष्णुगुप्त-

सउदी अरब ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है और आतंकवाद की जड़ पर बहुत ही सटीक व कड़ा प्रहार किया है, सउदी अरब की आतंकवाद की जड़ में सटीक और कड़े प्रहार की गूंज पूरी दुनिया में दिखायी देगी, मुस्लिम आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भी मदद मिलेगी। भारत जैसे देशों को भी राहत मिलेगा। यह अलग बात है कि मुस्लिम दुनिया के कट्टरंपथी इस कार्रवाई के खिलाफ अपने गुस्से जाहिर करेंगे और सउदी अरब की आलोचना भी करने से पीछे नहीं हटेंगे। पर सउदी अरब आगे भी अपनी कार्रवाईयों को विराम नहीं देगा, क्योंकि सउदी अरब के अस्तित्व का प्रश्न है। आतंक अब सउदी अरब को भी अपने आगोश में ले लिया है, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक और लेबनान की तरह ही मुस्लिम आतंकी सउदी अरब को भी अपने आगोश में लेना चाहते हैं और सउदी अरब को हिंसा, अलगाव तथा अराजकता का प्रतीक बनाना चाहते हैं। सउदी अरब किसी भी स्थिति में अब आतंकी मानिकसता से छूटकारा चाहता है, सउदी अरब अपने आप को आतंकियों को सुरक्षित पनाहगार के तौर पर स्थापित नहीं करना चाहता है। ओसामा बिन लादेन के सबक से सउदी अरब ने काफी कुछ सीखा है और यह महसूस किया है कि आतंकी किसी के लिए भी हितैषी नहीं हो सकते हैं। आतंकी मानवता के दुश्मन हैं, इनसे दूर रहना और इनका दमन करना ही सही नीति है।

29.12.21

लावा ने अपने अग्नि 5 जी उपभोक्ताओं के लिए वाईडवाईन एल1 अपडेट की घोषणा की

मुम्बई, 29 दिसम्बर, 2021: अग्रणी भारतीय स्मार्टफोन ब्राण्ड लावा इंटरनेशनल लिमिटेड ने अपने अग्नि 5 जी उपभोक्ताओं के लिए वाईडवाईन एल1 अपडेट की घोषणा की है। यह अपग्रेड  एचडी कंटेंट व्यूइंग और अग्नि 5 जी डिवाइसेज़ में ओटीटी कंटेंट की स्ट्रीमिंग को आसान बनाएगा, जिससे यूज़र व्यूइंग का शानदार अनुभव पा सकेंगे। अग्नि में वाईडवाईन एल1 अपडेट पर उपभोक्ताओं के फीडबैक को ध्यान में रखते हुए यह घोषणा की गई है।

28.12.21

हिंदी में बोलने पर टोके जाने का जवाब मालवीय जी ने कुछ यूं दिया...

 डॉ.शंकर सुवन सिंह

महामाना मालवीय जी मर्मज्ञ पुरुष थे। अद्वितीय प्रतिभा के धनी पण्डित मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसम्बर,1861 को इलाहाबाद(प्रयागराज)में हुआ था। वर्ष 2021 में महामना मालवीय की 160वीं जयंती है। इस अवसर पर मालवीय जी के द्वारा सामाजिक,राजनैतिक और शैक्षणिक क्षेत्र में किये गए कार्यों को याद किया जाता है। इस दिन उनके आदर्शों को जीवन में उतारने   की कोशिश होती है। पंडित मदन मोहन मालवीय जी के पूर्वज मालवा प्रान्त के निवासी थे। अतएव इन्हें मालवीय कहा जाता था। मदन मोहन मालवीय को धार्मिक संस्कार विरासत में मिले थे।

23.12.21

113 भाषाओं और उप भाषाओं के 176 कवियों वाला अंतरराष्ट्रीय कविता महोत्सव

meethesh nirmohi-

त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय कविता महोत्सव... कोकराझार - आसाम (भारत)..... पिछले दिनों  कोकराझार - आसाम में  शांति और प्रेम  की थीम पर आयोजित  त्रिदिवसीय (14से16 नवम्बर,21)अन्तरराष्ट्रीय काव्योत्सव, भव्यता के साथ सम्पन्न  हुआ । बोड़ो साहित्य दिवस के अवसर पर गौरांग नदी के किनारे बोडोफा कल्चरल कॉम्प्लेक्स में आयोजित इस अनूठे, ऐतिहासिक और अविस्मरणीय साहित्योत्सव  के लिए बीटीआर सरकार , उसके मुखिया श्री प्रमोद बोड़ो तथा साहित्य अकादेमी ,नई दिल्ली से पुरस्कृत कवि और असम सरकार में कैबिनेट मंत्री  श्री यू. जी. ब्रह्मा,बोड़ो साहित्य सभा और  उससे जुड़े साहित्यकारों  की जितनी प्रशंसा की जाए कम है ।

22.12.21

काकोरी : वीर रस कवि सम्मेलन - एसपी और इंस्पेक्टर ने भी सुनाई कविताएं

लखनऊ : शहीदों को नमन करने काकोरी फिर से आए हैं...  काकोरी एक्शन के अमर बलिदानियों के 94वें बलिदान दिवस पर  काकोरी शहीद मंदिर प्रांगण में आयोजित वीर रस कवि सम्मेलन व मुशायरे का आगाज़ प्रातः 9 बजे जी. पी. ओ. हजरतगंज स्थित काकोरी स्तम्भ पर एस. डी. एम. सदर, साहित्य शिरोमणि डा. रंगनाथ मिश्रा सत्य, पण्डित बेअदब लखनवी, अनिल किशोर शुक्ल "निडर", कृष्णानंद राय, उदय खत्री, यादवेंद्र कुमार व उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के राम प्रकाश सिंह द्वारा पुष्पांजलि अर्पित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि से हुआ । तत्पश्चात काफिला बाजनगर स्थित काकोरी शहीद मंदिर पहुंचा जहाँ एस. डी. एम. सदर, पण्डित बेअदब लखनवी , डा. रंगनाथ मिश्रा "सत्य" द्वारा दीप प्रज्वलित कर उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा आयोजित होने वाले भव्य समारोह व चित्र प्रदर्शनी का शुभारम्भ हुआ ।


 

भारतीय समाज एकरंगा बनाने की कोशिश बेहद खतरनाक



नवसाधना कला केन्द्र में 'राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय' शिविर का समापन

वाराणसी ।तीन दिन तक 'प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण' शिविर के समापन पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये कार्यकर्ता इस नारे के साथ अपने घरों को लौट गये कि 'हम होंगे कामयाब एक दिन, मन में है विश्वास...'। साझी विरासत और मेल-जोल की भारतीय संस्कृति का विस्तार करने की शपथ लेने के साथ ही उन्होंने माना कि सतरंगी भारतीय संस्कृति को एकरंगी बनाने की कोशिश ही मुल्क के लिए सबसे बड़ा खतरा है जिससे मुल्क को बचाने की जरूरत है.

हिंदू देह है और हिंदुत्व उसकी आत्मा

 डा. कृष्णगोपाल मिश्र-

आजकल हिंदू और हिंदुत्व में अंतर की चर्चा जोरों पर है। पिछले दिनों एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के बड़े नेता ने राजस्थान की एक सभा में हिंदू और हिंदुत्व को लेकर जो ज्ञान दिया है उसे सुनकर बड़े-बड़े विद्वान और भाषाविद् भी आश्चर्यचकित हैं क्योंकि इससे पहले इन शब्दों की ऐसी ज्ञानगर्भित व्याख्या कभी पढ़ने-सुनने में नहीं आयी है। ऐसा लगता है कि हमारे विकासशील देश में राजनीति के साथ-साथ भाषा, साहित्य, इतिहास, दर्शन, विज्ञान, अर्थशास्त्र आदि सभी विषयों पर कुछ भी बोलने का एकाधिकार हमारे नेताओं ने अपने पक्ष में सुरक्षित कर लिया है। अब इन विषयों के विद्वानों की आवश्यकता नहीं रही। सारे विषय राजनीति के स्वार्थ सागर में समा गए हैं और अब जो राजनेता कहें वही अंतिम सत्य है।

18.12.21

झुकने के बजाय पत्रकार ने सवाल क्यों कर दिया?

 arun srivastava-

सलाम कीजिए आली जनाब आये हैं... तो आली जनाब के आगे झुक जाना चाहिए था। झुकने के बजाए सवाल करने लगे, वो भी ऐरे-गैरे से नहीं सांसद से और जब सांसद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हो वो भी राक्षसी बहुमत प्राप्त वाली सरकार का, तब सवाल! अब यह मत कहिएगा कि, इससे ज्यादा सांसद तो स्व. राजीव गांधी सरकार के पास भी थे और उसमें से कई बाहुबली भी रहे होंगे। रहे होंगे पर किसी ने सरेआम घोषित तो नहीं किया था न कि, मैं एक विधायक या सांसद ही नहीं हूँ ... यहाँ के लोग जानते हैं कि इसके पहले मैं क्या था। फिर यह बात उन्होंने किसी के कान में नहीं कही थी। सरे-आम कहा था और  लाउडस्पीकर से कहा था। अब चूक यह हो गई कि, यह नहीं बताया कि, ' इसके पहले वो क्या थे ?

14.12.21

निर्वाचन पास वाले पत्रकारो की अलग मतदान व्यवस्था की जाए

Vikram Srivastava-
    
चुनावों के दौरान निर्वाचन पास वाले पत्रकारो को अलग मतदान व्यवस्था के लिए राजधानी के सैकड़ो पत्रकारों के हस्ताक्षर किये हुए मांग पत्र को आज मंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार विक्रम श्रीवास्तव ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्रीमती सौजन्या को सौपा दिया है। 


 

ABP News-CVoter third opinion poll predicts victory of BJP in four states with AAP in the lead in Punjab

Noida: The ABP News-CVoter (Centre for Voting Opinion & Trends in Election Research) November 2021 opinion poll predicts a narrow win for the BJP in UP, Uttarakhand and Goa, with its seat share falling precariously close to the majority mark in UP and Uttarakhand. Punjab and Manipur remain too close to call for any party, with AAP and BJP leading in Punjab and Manipur respectively.

कलम और बॉर्डर के सिपाही को जर्नलिस्ट क्लब ने दी श्रद्धांजलि

कानपुर-देश के प्रथम सीडीएस जनरल बिपिन रावत और पत्रकार ब्रजेश दीक्षित के आकस्मिक निधन के बाद शनिवार को कानपुर जर्नलिस्ट क्लब में कलम और बॉर्डर के सिपाही को एकसाथ श्रद्धांजलि दी गयी, श्रद्धांजलि सभा में पत्रकार भावुक दिखे  सीडीएस स्व. बिपिन रावत और पत्रकार ब्रजेश दीक्षित को श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखकर दिवंगतों की आत्मा की शान्ति की प्रार्थना की गई।

पत्रकारिता की ऐसी स्थिति लोकतंत्र के लिए बहुत भयावह है

प्रवेश चौहान-

आज की मीडिया इंडस्ट्री में एक नया प्रचलन बढ़ गया है। पत्रकार सरकार से सवाल ना पूछ कर विपक्ष से सवाल पूछता है। अगर कोई मीडिया हाउस सरकार से सवाल करता भी है तो उस पर इनकम टैक्स काले साए की तरह मंडराता रहता है। अभी कुछ समय पहले ही देश के जाने-माने प्रतिष्ठित अखबार दैनिक भास्कर पर लगातार छापे पड़े थे। जिस कारण सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा जिस यूट्यूब चैनल के लिए काम करते हैं उस यूट्यूब चैनल न्यूज़ क्लिक के दफ्तर पर छापे मारे गए थे। यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या छापा मारने से सरकार पत्रकारों की आवाज दबा लेगी। खैर यह आने वाला वक्त ही बताएगा।

पुणे में नहीं है हिंदी के रिपोर्टर्स के लिए कोई खास मौका

आज देश में पुणे बहुत तेजी से बढ़ते शहर के रूप में जाना जाता है। कभी यह सिर्फ एजुकेशन के लिए जाना जाता था, लेकिन आज हर क्षेत्र में यह विकास कर रहा है, लेकिन यहाँ पर आज भी हिंदी रिपोर्टर्स के लिए कोई स्थान नहीं है। कभी वो छोटी सैलरी पर काम करने को मजबूर हो जाते हैं तो कभी उन्हें दूसरी भाषा की ओर मुड़ना पड़ता है। जो तटस्थ होकर हिंदी के लिए ही काम करना होता है वे मजबूरी में सिर्फ ट्रांसलेशन का काम करते हैं। उन्हें निखरने का मौका ही नहीं मिलता है। वो सिर्फ एक ट्रांसलेटर बनकर रह जाते हैं।

11.12.21

मोदी सरकार यदि हार गई तो क्या बेरोजगार अन्य राजनीतिक दल पर भरोसा कर सकते हैं?

 Maheshwari Mishra-

 बेरोजगारी भत्ता अभी तक सिर्फ चुनावी घोषणा बनकर रह गया है... देश के युवा उसी भ्रमजाल में फंस रहे हैं जिस भ्रमजाल 7 साल पहले फंसे थे। तब कांग्रेस के प्रति लोगों में आक्रोश था और भाजपा-आरएसएस का साइलेंट सेल लोगों की नफरत की आग में घी डाल रहा था और फिर साहब आए गुजरात का विकास मॉडल पेश किया। दो करोड़ हर साल रोजगार देने का वादा किया। महंगाई का रोना रोया।

7.12.21

किसानों की आत्महत्याओं के कारणों का निवारण कैसे हो

- शैलेन्द्र चौहान
किसान आत्महत्याओं के बारे में जानने के लिए इस दुखांतिका का इतिहास जान लेना भी आवश्यक है। और इसे महाराष्ट्र राज्य के संदर्भ में जानना अधिक तर्कसंगत होगा। सन 1990 में अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' के ग्रामीण मामलों के संवाददाता पी. साईंनाथ ने किसानों द्वारा नियमित आत्महत्याओं की सूचना दी। आरंभ में ये रपटें महाराष्ट्र से आईं। जल्दी ही आंध्रप्रदेश से भी आत्महत्याओं की खबरें आने लगी। शुरुआत में लगा कि अधिकांश आत्महत्याएं महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के कपास उत्पादक किसानों ने ही की हैं। लेकिन महाराष्ट्र के राज्य अपराध लेखा कार्यालय से 2010 में प्राप्त आँकड़ों को देखने से स्पष्ट हो गया कि पूरे महाराष्ट्र में कपास सहित अन्य नकदी फसलों के किसानों की आत्महत्याओं की दर बहुत अधिक रही है। आत्महत्या करने वाले केवल छोटी जोत वाले किसान नहीं थे बल्कि मध्यम और बड़े जोतों वाले किसान भी थे। राज्य सरकार ने इस समस्या पर विचार करने के लिए कई जाँच समितियां बनाईं। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य सरकार द्वारा विदर्भ के किसानों पर व्यय करने के लिए 110 अरब रूपए के अनुदान की घोषणा की। बाद के वर्षों में कृषि संकट के कारण महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, आंध्रप्रदेश, पंजाब, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी किसानों ने आत्महत्याएँ की। 2009 में भारत के राष्ट्रीय अपराध लेखा कार्यालय ने 17368 किसानों के आत्महत्या की रपटें दर्ज कीं। सबसे ज़्यादा आत्महत्याएँ महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुई थी। इन 5 राज्यों में 10765 यानी 62% आत्महत्याएँ दर्ज हुई।

सिनेमा और टीवी के श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश देने की एफडब्लूआइसीई ने फिर की मांग

shashikant singh-
    
फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज (एफडब्लूआइसीई) ने महाराष्ट्र सरकार को एक ज्ञापन भेजकर सिनेमा,टीवी शो और मनोरंजन के दूसरे माध्यम से जुड़े   श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश और उन्हें पीएफ तथा इ एस आई की सुविधा दिए जाने की फिर से  मांग की है।

हाय ये योगी जी का पोस्टरी विकास

priyanshi singh-
 



मोदी के नाम पर पुनः सत्ता में आना चाहती भाजपा.... उत्तरप्रदेश जहां की गली गली अब आगामी विधानसभा चुनाव के रंग में रंगी हुई है और प्रदेश की सत्ताधारी सरकार का कहना ही क्या यह रोज एक नई रणनीति के साथ जनता को लुभाने के लिए एक नया दावं खेल देते हैं। वही आजकल इन्होंने जनता के मध्य मोदी मंत्र के जाप का आरम्भ कर दिया है और अब यह प्रदेश में मोदी ब्रांड के नाम से एक बार पुनः सत्ता में आने की कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि भगवा रंग की चुनर ओढे इस सरकार को ऐसा लगता है की मोदी इनके लिए तुरुप का इक्का है जिनका एक संबोधन जनता को अपने शाब्दिक मायाजाल में गाँस लेगा।

अगर मीडिया में जाना है तो मल्टीटास्कर बनना मत भूलना

priyanshi singh-

बुर्जुग कहावत कहते थे कि दूर के ढोल सुहावने होते हैं आजकल यह दिखाई भी दे रहा है। पत्रकार सुनने में जितना खूबसूरत लगता है कॉलेज लाइफ में यह हमें उतना ही खूबसूरत दिखाई भी देता है। लेकिन जैसे ही स्नातक की पढ़ाई पूरी होती है हम इसकी हकीकत से रूबरू होने लगते हैं। क्योंकि रोजगार की भूख से हमारा पेट बिलख उठता है और हम आय दिन रोजगार के लिए समाचार संस्थानों के चक्कर लगाने लगते हैं लेकिन वहां हमें मिलता एक दाना भी नहीं क्योंकि बड़े संस्थान बड़े पत्रकारों को जानते हैं और उनकी भूख शांत करने की योजनाओं के साथ चलते है। वहीं यदि कही कोई लोकल न्यूज़ चैनल आपको अपने यहां मौका दे देता है तो यह आपके लिए वैसा रोजगार सिद्ध होता है जैसे ढोल के अंदर पोल। जो बिना टाँकी के शानदार बजता रहे यानी सैलरी में पूरी डेस्क का काम सम्भाल ले। वहीं यदि उसे सब नहीं आता है तो वह उसे सीखे अन्यथा उनके हिसाब से लोगों की कमी नही है जो कम पैसे में सब जगह हांथ पसार कर काम कर सकते हैं। लेकिन एक बात तो है इन लोकल चैनलों की इन्हें कंटेंट तो ऐसा चाहिए जो सभी पोर्टल से भिन्न हो और एक नजर में लोगों को अपनी और आकर्षित करें इनके व्यू भी बढ़वाए लेकिन लेखक ऐसा बिल्कुल नहीं चाहिए जो सिर्फ उत्त्तम कोटि का कंटेंट बनाए।

5.12.21

मीडिया का यह सच अगर कॉलेजों में बता दिया जाए तो पत्रकारों की भड़ास न निकले

 Aman Rathaur
journalist.aman.rathaur@gmail.com

मीडिया में काम कर रहे लोगों के व्यवसायिक जीवन की अनुभूति और असलियत में जमीन-आसमान का अंतर है। हाईलेवल पर्सनालिटी के लोगों के साथ उठना-बैठना, पत्रकारिता से राजनेताओं और बयूरोक्रेट्स को अपनी मुट्ठी में रखना। अलग-अलग कई शाखाओं और पदों पर काम करने का अनुभव; रोज नई चुनोतियों का सामना करके कुछ सीखना; अच्छा खासा पैसा और हाथ मे पावर, अक्सर पत्रकारों की ऐसी ही छवि लोग बनाते है। पर जिस प्रकार अभिनेता पर्दे पर कुछ तथा असलियत में अलग होते हैं। वैसे ही पत्रकार कैमरे के आगे और पीछे काफी अलग होता है।

1.12.21

सबको सुधारने का दावा करने वाले पत्रकार ने महिला को सरेआम गरिया दिया

के. सत्येंद्र-

पुरानी आग ठंडी भी नही हुई थी कि फिर से धधक पड़ी!

गोरखपुर : गोरखपुर जनपद के चौरीचौरा थानाक्षेत्र में आज एक महिला ने एक टी वी चैनल के पत्रकार पर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी । सार्वजनिक तौर पर इस घटना से आहत महिला ने अपनी सहायक महिलाओ को एकत्र कर इस घटना के संबंध में अपना बयान कैमरे पर दिया है । महिला का आरोप है कि वो अपने सहायक महिला साथियों के साथ पत्रकार हरेंद्र दूबे से मिली और उनसे अपनी मदद करने को कहा।

झूठ क्यों बोलते हो 15 लाख मिले तो थे ....याद करो वो वाक्या जब !

के. सत्येंद्र-

सबको मिले थे पंद्रह लाख याद करो जब एक जनसभा में मोदीजी ने कहा भाईयों और बहनों...अयोध्या में दीपावली पर एक साल में 3 लाख दिए जलाए, तो बोलो 5 साल में कितने दिए ?

28.11.21

जब आंदोलन में बैठे किसानों को बीजेपी ने कभी किसान माना ही नहीं तो मोदी ने बिल वापस क्यों ले लिया?

praveshchauhan405@gmail.com 

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए यह बात तो हम सभी जानते हैं। मगर कुछ बातें हैं जो अब सभी लोगों को सोचने पर मजबूर करती हैं। पहली बात, कई बार भाषणों में बीजेपी के मंत्रियों द्वारा यह कहते हुए हमने भी सुना है कि जो किसान वहां बैठे हैं। वह वास्तव में किसान नहीं उपद्रवी, खालिस्तानी और नकली किसान जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था। सबसे बड़ा सवाल यहां पर, जब दिल्ली को घेरे वहां पर बैठे हुए लोग किसान नहीं थे तो फिर नरेंद्र मोदी ने आखिर बिल वापस क्यों ले लिया।

सामाजिक एकता का खात्मा डेमोक्रेसी को चैलेंज: प्रो. मलिक

वाराणसी।आज वाराणसी के नव साधना प्रेक्षागृह,तरना में राइज एंड एक्ट के तहत एक दिवसीय " राष्ट्रीय एकता, शांति व न्याय" विषयक सम्मेलन में वक्ताओं ने राष्ट्रीय एकता,शांति और न्याय की स्थापना को लेकर अपने-अपने विचार रखे। वक्ताओं का मत था कि राष्ट्रीय एकता के कमजोर होने से लोकतंत्र कमजोर होता है। जरूरत हमें सामाजिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करते हुए देश की एकता अखंडता को अक्षुण रखने का प्रयास करना चाहिए।

दैनिक जागरण ने अटल बिहारी को राष्ट्रपति बना दिया

 दैनिक जागरण में शनिवार 27 नवंबर को एक ख़बर सभी संस्करण में छपी है। जिसमें अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति लिख दिया। यह खबर किसी रिपोर्ट्स ने नहीं बल्कि खुद आउटपुट हेड दिवाकर मिश्र ने लिखी है जो डेस्क पर बिंदी मात्रा की गलती पर माफीनामा लिखाते रहते है और सार्वजनिक डेस्क के साथियों को गालियां देकर अपमानित भी करते हैं।

गैरोला स्मृति सम्मान पर उठे सवाल

अरुण श्रीवास्तव-

 देहरादून। उत्तरांचल प्रेस क्लब ने अपने  डा.पीतांबर दत्त बड़थ्वाल सभागार में एक समारोह आयोजित कर तीन स्थानीय पत्रकारों चांद मोहम्मद मनीष भट्ट और मो. अफजाल अहमद सहित सामाजिक कार्यकर्ता राजीव उनियाल जी को कोरोना से संक्रमित लोगों की मदद करने के लिए " पत्रकार अनूप गैरोला स्मृति सामाजिक सक्रियता सम्मान " से नवाज़ा है। इस सम्मान का इतिहास क्या है, भूगोल क्या है पता नहीं। आसान शब्दों में कब शुरू हुआ, कितनी बार कितनों को दिया गया पता नहीं।

21.11.21

शशिभूषण प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान से नवाजे जाएंगे पत्रकार : आईपीसी

नई दिल्ली : आज वरिष्ठ पत्रकार शशिभूषण प्रसाद सिंह की जयंती समारोह के मौके पर अंतरराष्ट्रीय प्रेस परिषद् के द्वारा पत्रकार सम्मान की बात कही गई । बताते चले कि शशिभूषण प्रसाद सिंह बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले थे । जिन्होंने हिंदुस्थान समाचार की नींव बिहार में स्थापित की व कई वर्षों तक संपादन का कार्य किया । इसके अलावा उन्होंने हिंदी दैनिक समाचार पत्र प्लीज की स्थापना की व संपादन करते रहे । इसी वर्ष 71 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक की वजह से वे पत्रकारिता जगत को अलविदा कह चले ।

सी एम सिटी के एस आई सी का तुगलकी फरमान ...सिर्फ मान्यता प्राप्त पत्रकार ही मिलें!

के. सत्येंद्र- 

 गोरखपुर के ए डी एम (एफ आर) साहब से मैं कहना चाहता हूँ कि आपके मना करने के बावजूद हमने फिर से बदतमीजी कर दी और फिर से मैंने आपके जनपद के एक होनहार अफसर द्वारा जारी किए गए तुगलकी फरमान की  रिकॉर्डिंग खबर बनाकर वायरल कर दी है । तुगलकी फरमान जारी करने वाले इन साहब से जब मैं  मिला तो मुझे यह अहसास हुआ कि ये साहब शायद एनेस्थीसिया के डॉक्टर हैं । ये दिन भर अपने आफिस में बैठ कर अपनी ही उधेड़ बुन में लगे रहते हैं और अपने मुखबिरों से जिला अस्पताल गोरखपुर में होने वाले भ्रष्टाचार का कमीशन प्रतिशत का हिसाब किताब लगाते रहते हैं। 

मजीठिया वेज बोर्ड : तारीख...तारीख ... तारीख...


अरुण श्रीवास्तव-

है तो यह एक मुंबइया फिल्म का डायलाग लेकिन मजीठिया वेजबोर्ड पर काफी हद तक लागू होता है। आखिर अब तक हर किसी को तारीख ही मिली। किसी को श्रम विभाग से मिल रही है तो किसी को श्रम न्यायालय से। शायद वो खुशकिस्मत होंगे जिन्हें हाई कोर्ट से तारीख मिल रही है। वो भी तब जब बामुश्किल तीन सेपांच फीसद लोगों ने साहस दिखाया और कोर्ट के सुझाए रास्ते को अपनाते हुए वेजबोर्ड की रिपोर्ट की संस्तुतियों के अनुसार वेतन और अन्य परिलाभ मांगा लेकिन 10 साल बाद उन्हें मिला क्या ... ?

भ्रष्टाचार और कदाचार के नए नए कीर्तिमान गढ़ रही है सी एम सिटी की पुलिस

के. सत्येंद्र-


गोरखपुर : यूपी पुलिस तो बेमिसाल थी आज भी है और शायद हमेशा यूँ ही बेमिसाल बनी रहेगी लेकिन योगी जी की गोरखपुर पुलिस तो योगी जी के नाक के नीचे खुद ही  अपने कर्मकांडों से अपनी आबरू कई बार तार-तार कर चुकी है । सी एम सिटी में ही वर्दीधारियों ने चेकिंग के नाम पर कभी सर्राफ को लूटा तो कभी ब्लैकमेल कर डॉक्टर से लाखों रुपये ऐंठ लिए । कभी किसी की दीवार गिरा कर वसूली की तो कभी होटल में व्यवसाई को पीट-पीटकर मार डाला। कमाई के मामले में तो लगता है जैसे अपनी गोरखपुर पुलिस को कोई  विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।

महिलाओं की तरह ही पुरुष भी असमानता का शिकार होते हैं

डॉ. विक्रम चौरसिया-

मर्द को दर्द नहीं होता कहावत को सच मानकर,जो हम पुरुष ता उम्र अपना दर्द छिपाते है,जी हां वो पुरुष ही होते है,जी हां, मैं पुरुष हूं ! ध्यान से देखो  मां के पेट से जब मैं दुनियां में आता हूं, परिवार के सपने पूरे करने का जरिया बन जाता हूं, कोई मुझे बुढ़ापे का सहारा कहता है, तो किसी की आंखों का तारा बन जाता हूं। लेकिन फिर भी मैं अत्याचारी कहलाता हूं। जी हां, मैं पुरुष हूं ! देखे तो किसी भी सभ्य समाज के जीवन रूपी गाड़ी के पुरुष और महिला दोनों ही पहिये हैं ,जबकि अक्सर  पुरुष नेपथ्य में रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों व दायित्वों का भलीभांति निर्वहन करते हुए जीवन गुजार देता है,जबकि किसी भी लोकतांत्रिक देश या सभ्य  समाज में दोनों को बराबर का अधिकार मिलना चाहिए, लेकिन हमने पिछले दिनों लखनऊ में सरेआम पुरुष का धज्जियां उड़ते हुए देखें तो वही ऐसे ही बहुत से झूठे आरोप पुरुषों पर लगा दिया जाता है।

20.11.21

गंगा-यमुना की सफाई के नाम पर हुए भ्रष्टाचार में सबने हाथ धोए हैं...

-शैलेन्द्र चौहान

नदियों को प्रदूषण से क्या कोई बचा पाएगा... राजधानी दिल्ली में यमुना नदी पर ओखला बैराज के पास विगत कई वर्षों से जहरीले झाग की मोटी परत दिखती है। इस वर्ष राजनीतिक कारणों से छठपूजा के अवसर पर यह विशेष चर्चा में रही। यह झाग इस नदी में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण का नतीजा है। कई साल से यह नजारा दिख रहा है लेकिन हालात बेहतर होते नहीं दिखते। दो चार दिन आरोप-प्रत्यारोप के बाद मामला ठंडा पड़ जाता है। दिल्ली सरकार ने इसी साल जनवरी में झाग रोकने के लिए 9 सूत्री कार्य योजना बनाई, जिसका नतीजा अभी तक शून्य ही रहा है। बजट में दिल्ली सरकार ने यमुना क्लीनिंग प्रोजेक्ट के लिए 2,074 करोड़ रुपये आवंटित किए लेकिन उसका नतीजा भी अभी तक शून्य ही रहा है। दिल्ली सरकार ने यमुना की सफाई के लिए 2018 से 2021 के बीच तीन साल में करीब 200 करोड़ रुपये आवंटित किए, लेकिन अभी तक उस खर्च का कुछ असर नहीं दिखा।

Complaint againstYOUTUBE STAR CANADA TV

 sir,

 channel under name of Star Canada tv situated at sector 82 plot no.740 is not giving joining Letter and after 3 months the person named Jaspreet Singh so called channel head by making bogus blames on staff ,wo targeted staff Ko bina salry diye nikal diya jata hai, pehle se hi plan Kiya jata hai,do teen months ki salary rokne ke baad ye sb drama hota hai,8-10 logo ko sath aisa hi hua hai
 
Thanks
Komal

किसानों के संघर्ष के आगे केंद्र सरकार के झुकने पर आप कार्यकर्ताओं ने पटना में बांटी मिठाई




आम आदमी पार्टी, बिहार के प्रभारी सह बुराड़ी विधानसभा, दिल्ली के विधायक श्री संजीव झा ने किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के बाद केंद्र सरकार द्वारा तीनों काले कृषि कानून वापस लेने की घोषणा को जनतंत्र की जीत करार दिया। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा तीनों काले कानून वापस लेने की घोषणा के पश्चात् सिंधु बार्डर लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसान भाईयों से मिलकर उन्हें मीठाई खिलाई एवं उनकी ऐतिहासिक जीत के लिए उन्हें बधाई भी दी।

किसान कानून को लेकर मीडिया के एंकर क्या बोले... व्यंग्यकार पंकज प्रसून को पढ़िए

Pankaj Prasun-

कृषि कानून रद्द होने के बाद आज शाम टीवी पर यही होने वाला है..

अमीश देवगन  - आज मोदी जी के दरियादिली की जीत हुई है। उन्होंने विपक्ष  को एक झटके में उखाड़ फेंका है।
अब क्या करेंगे यह खालिस्तानी ,कहां जाएंगे देशद्रोह करने?  कृषि कानूनों को काला कानून बताने वाले विपक्ष के काले कारनामे कब बन्द होंगे। आज की डिबेट है -कृषि कानून निरस्त, विपक्ष हुआ पस्त।

19.11.21

किसानों का ऐतिहासिक संघर्ष ज़िंदाबाद!

साल भर से जारी अभूतपूर्व किसान आंदोलन के दबाव में आज केंद्र सरकार को तीनों प्रतिगामी कृषि क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी पड़ी। यह किसानों की एक ऐतिहासिक जीत है। जनवादी लेखक संघ किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चे को इस जीत के लिए मुबारक़बाद देता है और उनका क्रांतिकारी अभिनंदन करता है। 

14.11.21

कंगना तो बहाना हैं अपनी सोच को मनवाना है

arun srivastava-

अच्छा-खासा समय लग गया यह सोचने में कि, कंगना पर लिखूं या न लिखूं। आखिर में बाल लोकतंत्र में कम्युनिस्टों ने भी तो कहा था कि, देश की जनता भूखी है ये आजादी झूठी है जेएनयू के छात्रों ने भी हमें चाहिए आजादी वाला गीत गाया था। पर इसको लेकर पार्टी के अंदर अच्छी-खासी बहस चली और कन्हैया ने आजाद भारत में क्यों चाहिए आजादी पर अपना पक्ष रखा था।  

सौरभ द्विवेदी के जाते ही लल्लनटॉप की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में

Ankit-

युवाओं में बेहद लोकप्रिय द लल्लनटॉप इसके सम्पादक सौरभ द्विवेदी के जाते ही विश्वसनीयता के सवालों के घेरे में आ गया है। अभी हाल में ही इसकी टीम ने लखनऊ प्रवास के दौरान एक हाइटेक स्मार्ट गांव लतीफ़पुर के विषय में एक स्टोरी वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में एक गांव और उसके पूर्व प्रधानपति का प्रशस्ति गान किया गया है। पहली नज़र में यह एक सामान्य वीडियो लगता है लेकिन बारीकी से देखने पर लल्लनटॉप के इस वीडियो की चतुराई पकड़ में आ जाती है। जो सीधे इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर देती है। इसे निम्न बिन्दुओं में साफ़ समझा जा सकता है-

13.11.21

मध्यवर्गीय संघर्ष और विषमताओं की ताकत का आख्यान

शैलेन्द्र चौहान-

गजानन माधव मुक्तिबोध उन गिने चुने कवियों में थे जिन्होंने विज्ञान और फैंटेसी के आधुनिक तथा कलात्मक बिंब और भाव कविता में लिए। उनकी एक कविता 'मुझे मालूम नहीं' में मनुष्य की उस असहायता का चित्रण है जिसमें वह यथास्थिति तोड़ नहीं पाता। वह दूसरों के बने नियमों तथा संकेतों से चलता है। उसका स्वयं का सोच दूसरों के सोच पर आधारित होता है। दूसरों का सोच सत्ता के आसपास का चरित्र होता है। सत्ता अपने को स्थापित करने के लिए मनुष्य के सोच की स्थिरीकरण करती है। परन्तु मनुष्य की चेतना कभी कभी चिंगारी की भांति इस बात का अहसास कराती है कि वह जो सामने का सत्य है उससे आगे भी कुछ है। संवेदनहीन होते व्यक्ति की संवेदना को वह चिंगारी पल भर के लिए जागृत करती है।

1.11.21

धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की आत्मा है : प्रो.मंडल





वाराणसी।जिस आइडिया ऑफ इंडिया का सपना आजादी के आंदोलन के दौरान परवान चढ़ा था आज वह बर्बाद हो रहा है. मुल्क नफरत, गैर बराबरी और कारपोरेट फासीवाद की आग में झुलस रहा है यदि समय रहते  स्वतन्त्रता, समता,बंधुता और इंसाफ पर आधारित आईडिया ऑफ़ इंडिया/भारत की परिकल्पना के लिए संघर्ष नहीं किया जाएगा तो हमारी बसुधैव कुटुम्बकम की विरासत खतरे में पड़ जाएगी। आज जरूरत है कि संविधान की प्रस्तावना को आत्मसात कर उसे सुदुर ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए ,जिससे जन मानस को न सिर्फ संवैधानिक मूल्यों की जानकारी हासिल हो बल्कि इन मूल्यों पर आधारित समाज निर्मित करने में भी आसानी हो।उक्त बातें मात्रिधाम स्थित अंजलि में राइज एंड एक्ट प्रोग्राम के तहत आयोजित *भारत की परिकल्पना* विषयक एक संगोष्ठी में वक्ताओं ने कही।

31.10.21

मोदी सरकार चली गई तो भी रोजगार नहीं मिलेगा


देश के युवा उसी भ्रमजाल में फंस रहे हैं जिस भ्रमजाल 7 साल पहले फंसे थे। तब कांग्रेस के प्रति लोगों में आक्रोश था और भाजपा-आरएसएस का साइलेंट सेल लोगों की नफरत की आग में घी डाल रहा था और फिर साहब आए गुजरात का विकास मॉडल पेश किया। दो करोड़ हर साल रोजगार देने का वादा किया। महंगाई का रोना रोया।
और चुनाव जीतने के बाद सच्चाई आपके सामने है। अब भी वक्त कुछ ऐसा ही है पार्टी बदल गई। अब सभी पार्टियां सरकार के प्रति लोगों में फैली नाराजगी की आग और भड़का रहे हैं पर सवाल वही है कि क्या देश के हर नागरिक को आजीवका का अधिकार (रोजगार) मिलेगा?

भारत-मोदी को एक समझने की गलती न करें विपक्ष

संजय सक्सेना, लखनऊ

कांग्रेस के एक नेता हुआ करते थे देवकांत बरूआ।बरूआ कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे थे। बरूआ की पहचान कांग्रेस के दिग्गज नेता सहित पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा के वफादारों में भी होती थी।बरूआ ने ही आपातकाल के दौरान 1975 में नारा दिया था,‘इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा’।यह नारा उस वक्त इंदिरा गांधी की ताकत को दिखाता था। एक समय इंदिरा को ‘कामराज की कठपुतली’ और ‘गूंगी गुड़िया’ कहा जाता था। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद दुनिया ने उनका एक अलग रूप देखा। बैंकों का राष्ट्रीयकरण, पूर्व रजवाड़ों के प्रिवीपर्स समाप्त करना, 1971 का भारत-पाक युद्ध और 1974 का पहला परमाणु परीक्षण... इन फैसलों से इंदिरा ने अपनी ताकत दिखाई। हालांकि 1975 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया। इसकेे बाद इंदिरा ने आपातकाल लागू कर दिया। इसी समय आया था ‘इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा’ का नारा।हालांकि,इसके ठीक बाद 1977 में हुए चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हार गई थी। यहां तक की प्रधानमंत्री रहते इंदिरा गांधी तक को हार का सामना करना पड़ा था। देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी। कांग्रेस ने 1977 की हार के लिए मंथन किया तो इसके कारणों में आपातकाल के साथ ही विमर्श में यह बात भी निकल कर आई कि ‘इंदिरा इज इंडिया एंड इंडिया इज इंदिरा’ के नारे का वोटरों के बीच काफी गलत प्रभाव पड़ा था और एक बड़ा वर्ग इससे बेहद नाराज भी था। इसी लिए इस नारे ने भी कांग्रेस की हार में प्रमुख भूमिका निभाई थी।कांग्रेस पर हमला करने के लिए विपक्ष आज भी इस नारे को उसक(कांग्रेस)े खिलाफ जुमले की तरह इस्तेमाल करता है।

27.10.21

पोल-खोल अधिकारी अमिताभ ठाकुर ज़बरन रिटायर,लेकिन भ्र्ष्टाचारी को बार बार तैनाती

 योगी सरकार में भी समाज कल्याण अधिकारी का दबदबा, तीन महीने में मिली दोबारा तैनाती


कई बार लग चुके हैं भ्र्ष्टाचार के आरोप,जांच में पाया गया दोषी

गोंडा में तैनाती के दौरान फर्जी शिक्षक नियुक्ति और कानपुर में सरकारी धन के दुरुपयोग में पाए गए थे दोषी
 


 

FARMERS CRY FOUL CENTER'S BOGUS INSURANCE SCHEME

UNMESH GUJARATHI
SPROUTS BRAND STORY

On the face of mounting farmer suicides in the various states amidst failures on part of the insurance companies under the aegis of the centre to clear the pending claims form the farming community being on the rise, there prevails widespread disillusionment with the union government’s Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana(PMFBY). Repeated cries for help from small and marginal farmers who feel cheated on this count has lent its voice in the form of a political outrage being expressed over the Centre’s scheme of things benefitting private insurance firms at the cost of the farming community’s financial stakes.  

24.10.21

Complain against Paritosh Chaturvedi, Output head, Times Now External

 


न्यूज़18 राजस्थान के हिस्ट्रीशीटर पत्रकार प्रेमदान ने बुजुर्ग शंकरदान का मकान हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए

Sabal Singh Bhati

sabalbhati@gmail.com

न्यूज़18 राजस्थान के हिस्ट्रीशीटर पत्रकार प्रेमदान ने बुजुर्ग शंकरदान का मकान हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए, नगर पालिका ने पट्टा किया निरस्त, पुलिस नही कर रही कोई कार्रवाई

सौरभ द्विवेदी ने पत्रकारिता के एक और शिखर को छुआ

Krishan pal Singh-

लल्लन टॉप के साथ साथ इंडिया टुडे की भी जिम्मेदारी

उरई | इण्डिया टुडे ग्रुप ने सौरभ द्विवेदी को एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है | उन्हें लल्लन टॉप के साथ साथ इण्डिया टुडे हिंदी का भी सम्पादक नियुक्त कर दिया गया है | उनकी इस उपलब्धि से पूरा शहर इतरा उठा है | बेहद कम उम्र में हिंदी पत्रकारिता में राष्ट्रीय स्तर पर शिखर छूने वाले सौरभ यहीं के निवासी हैं जिससे यहाँ के लोगों को उन पर नाज होना लाजिमी है |

जिस अखबार का प्रधान संपादक गिरफ्तार हुआ, वह समाचार पत्र पत्रकारों का कर रहा है सम्मान

Rakesh Sharma-

जयपुर। कूटरचित दस्तावेजों से धोखाधड़ी करने के एक मामले में दैनिक राष्ट्र-सम्मत समाचार पत्र के प्रधान संपादक घनश्याम स्वरुप बाघी को अलवर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कई दिनों बाद गत दिनों राजस्थान हाईकोर्ट से उसकी जमानत हुई। बाघी पर चार अन्य आपराधिक केस भी दर्ज है, जो अलवर व जयपुर के पुलिस थानों में दर्ज है। जिस राष्ट्र-सम्मत समाचार पत्र का प्रधान संपादक धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है और उस पर अन्य आपराधिक मुकदमें भी दर्ज हैं, वह समाचार पत्र और भारत पत्रकार संघ (अंपजीकृत) रविवार 24 अक्टूबर, 2021 को दौसा में पत्रकारों का सम्मान कर रहा है।

इस दिवाली दें अपने घर को प्रकृति की सुरक्षा

Amrita Raj Singh-

·  बढ़ते प्रदूषण के कारण वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए लोग आक्सीजन उत्सर्जन करने वाले पेड़ - पौधों की मांग बढ़ी।

·  वृक्षवन नर्सरी द्वारा पौधों और गमलों पर 20% की छूट दिया जा रहा है।

·  इस फेस्टिवल सीजन में ‘हाउस प्लांट’ होंगे बेहतरीन गिफ्ट

मीडिया फ्रेंडली मुख्यमंत्री मीडिया से दुखी क्यों ?

सत्य पारीक-

अशोक गहलोत को मीडिया फ्रेंडली मुख्यमंत्री माना जाता है लेकिन इन दिनों वे मीडिया का ही मैनेजमेंट नहीं कर पा रहें हैं क्योंकि वे अपने भगत मीडिया कर्मियों को लाभ के पदों पर सुशोभित कर गैर पत्रकार को अपने प्रचार की कमान सौंप बैठे हैं । इसी कारण मुख्यमंत्री का मीडिया सम्भालने वाला विशेषाधिकारी बदनामी का सबब बन कर घूम रहा है । वैसे जिस लोकेश शर्मा को मीडिया मैनेजमेंट सौंप रखा है उसका मीडिया से दूर दूर का वास्ता नहीं होने से मुख्यमंत्री का टूल बनना स्वीकार किया । जिसे बचाने के लिये मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से अन्डरहैन्ड समझौता करना पड़ा है । वो समझौता जिससे कांग्रेस को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है जो भाजपा के पूर्व महापौर के भृष्टाचार से जुड़ा है । यानि मीडिया मैनेजर से राजनीतिक हित साधने के बाद उसका बचाव करना भारी पड़ रहा है ।

20.10.21

भारत में राजनेता ही सबसे बड़े वैज्ञानिक होते हैं

- शैलेन्द्र चौहान
भारत की इस धरती पर कई ऐसे महान वैज्ञानिक पैदा हुए हैं, जिन्होंने अपनी खोज और रिसर्च से दुनिया के विकास को नई दिशा दी है। विडंबना यह है कि यह काम वे भारत में रहते हुए नहीं कर सके। उन्हें पश्चिमी देशों में रहने की सुविधा मिली तभी उनकी खोज फलीभूत हुई। भारत में विज्ञान हो, एकेडमिक्स हो, तकनीक और प्रौद्योगिकी हो या चिकित्सा का क्षेत्र हो सब में अनचाहा राजनीतिक-प्रशासनिक हस्तक्षेप न केवल विशेषज्ञों का मनोबल गिराता है बल्कि उन्हें बुरी तरह अपमानित भी किया जाता है। इससे यह भलीभांति समझा जा सकता है कि भारत में राजनेता ही सबसे बड़े वैज्ञानिक और विद्वान होते हैं। एक हुए हैं खगोल भौतिकी के क्षेत्र के बड़े वैज्ञानिक डॉ. सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर।

18.10.21

जौनपुर News : रामजी जायसवाल अध्यक्ष व छोटे लाल चुने गये महासचिव

सम्पादक मण्डल उत्तर प्रदेश की जनपद इकाई का चुनाव सम्पन्न

वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रेश मिश्र व युवा पत्रकार अमित गुप्ता के पुत्र के निधन पर जताया गया शोक


जौनपुर। सम्पादक मण्डल उत्तर प्रदेश के जनपद इकाई का चुनाव सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित पत्रकार भवन में सम्पन्न हुआ। संरक्षक जय प्रकाश मिश्र की देख-रेख में चुनाव प्रक्रिया की अध्यक्षता कार्यवाहक अध्यक्ष राकेशकान्त पाण्डेय ने किया। साथ ही 5 सदस्यीय चुनाव संचालन समिति का गठन हुआ जिसमें पूर्व अध्यक्ष जय प्रकाश मिश्र, डा. ब्रजेश यदुवंशी, शम्भूनाथ सिंह, छोटे लाल सिंह व सै. मेंहदी हुसैन रिजवी सामिन शामिल किये गये।

12.10.21

गांधी नहीं सुहाते तो मोदी से कहो कि बापू के नाम से राज चलाना बंद करें

करणीदानसिंह राजपूत-

गांधी बाबा के नाम पर कांग्रेस ने राज चलाया और अब भाजपा भी गांधी बाबा के नाम पर ही राज कर रही है।

कोयले की कमी से यूपी में भी गहरा रहा है बिजली संकट

अजय कुमार,लखनऊ

लखनऊ। देश के विभिन्न राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले का संकट गहराता जा रहा है।उत्तर प्रदेश में सरकारी स्वामित्व वाली विद्युत इकाइयों में कोयले की जबर्दस्त किल्लत के कारण बिजली उत्पादन कम हो गया है। यूपी में मांग के मुकाबले तीन हजार मेगावॉट कम बिजली का उत्पादन हो रहा है। जिसके कारण गांवों तथा कस्बों में बिजली की अत्यधिक कटौती की जा रही है।  

जयप्रकाश नारायण और अमिताभ बच्चन का जन्मदिन : एक फिल्मी महानायक तो दूसरा जननायक

संजय सक्सेना, लखनऊ

देश आज दो महानायकों का जन्मदिन मना रहा है। एक रूपहले पर्दे के महानायक अमिताभ बच्चन हैं तो दूसरे जननायक जय प्रकाश नारायण हैं। एक का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जो अब प्रयागराज हो गया में तो दूसरे  का जन्म बिहार के सिताब दियारा में हुआ था। दोनों में अगर कोई समानता थी तो यही थी कि दोनों ने ही कायस्थ परिवार में जन्म लिया था। अमिताभ को फिल्मी पर्दे का एंग्री मैन कहा जाता था तो जयप्रकाश नारायण जेपी’ को स्वतंत्रा सेनानी का रूतबा हासिल था।1975 में  जयप्रकाश नारायण का लोहा देश की जनता ने तब माना जब उन्होंने कांग्रेस की आयरन लेडी कही जाने वाली इंदिरा गांधी के खिलाफ बिगुल फूंक दिया था।  

A MULTI CRORE FSI SCAM IN SRA PROJECT

UNMESH GUJARATHI/ DIVAKAR SHEJWAL
SPROUTS BRAND STORY

A multi-crore Slum Redevelopment scam has come to light when the complaints that lay for nearly a decade with the MIDC police station, in the western suburbs of India’s financial capital, Mumbai continued gathering dust and the original slum residents petitioned the High Court in wake of police inaction. The scam running into nearly INR 2000 crores involves the registration of bogus documents with fictitious names of tenants.  The complaint pertains to the up-market city developers, Hub Town Private Ltd, having obtained FSI far in excess of their entitlement by virtue of a huge SRA scam in Andheri (East), a Western suburb of Mumbai.

9.10.21

सावधान...5 फर्जी पत्रकारों की टीम घूम रही है...



मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में कुछ पत्रकारों को लेकर पंचायत सचिव संघ के वाट्सअप ग्रुपों में एक खबर चल रही है. बाद में पंचायत सचिव संगठन गुप का ये स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

8.10.21

रहस्यमय पीएम केयर्स फंड : देश का धन है तो फिर देश जानकारी क्यों नहीं ले सकता?

करणीदानसिंह राजपूत-

देश में पहले से ही प्रधानमंत्री राहत कोष सन 1948 ईसवी से स्थापित है और 73 वर्षों से संचालित है। प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री राहत कोष का संपूर्ण संचालन प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन कर दिया था जो वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ही अधीन है। ऐसी अधिकारिता के होते हुए पीएम केयर्स फंड की स्थापना की आवश्यकता क्यों हुई? इसमें देश का धन लगा है तो देश को इसके संचालन व जमा खर्च की जानकारी भी होनी चाहिए, लेकिन वह जानकारी दी नहीं जा रही।

नई शिक्षा नीति 2020 कहीं बाल अधिकारों का हनन ना करने लगे!

 


 डॉ मनीष जैसल-


हर बच्चे की विशिष्ट क्षमता, पहचान के साथ उनके विकास को ध्यान में रखते हुए बुनियादी साक्षरता और अवधारणात्मक समझ विकसित करने का लक्ष्य लिए मौजूदा सरकार ने पिछले वर्ष नई शिक्षा नीति को लागू करने का निर्णय लिया था । दरअसल यह कार्य योजना 2015 में अपनाए गए सतत विकास एजेंडा 2030 के लक्ष्य 4 जिसमें वैश्विक शिक्षा विकास एजेंडा प्रस्तावित है उसको ध्यान में रखकर बनाई गयी । जिसमें 2030 तक सभी के समावेशी और समान गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने और जीवन पर्यन्त शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा दिए जाने की बात स्वीकारी गयी है । यह तथ्य भी सत्य है कि  अगले दशक तक भारत दुनिया का सबसे युवा जनसंख्या वाला देश होगा और  इन्हीं युवाओं की उच्चतर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की  उपलब्धता पर ही  भारत का  भविष्य निर्भर करेगा ।

5.10.21

दुनिया को आईना दिखाती धार्मिक स्थलों में यौन शोषण की रिपोर्ट!

CHARAN SINGH RAJPUT-

फ्रांस के एक जांच आयोग की रिपोर्ट में खोला गया हजारों पादरियों और स्टाफ का सालों पुराना कच्चा-चिट्ठा!

जांच आयोग ने अपनी रिसर्च में पाया कि सन 1950 से लेकर अब तक कम से कम 2900 से लेकर 3200 पीडोफाइल पादरी या चर्च के अन्य सदस्यों का खुलासा हा चुका है, भारत में भी धर्म स्थलों में यौन शोषण के मामले उजागर हुए हैं, गत दिनों चले मी टू अभियान में हज जाने वाली महिलाओं के साथ भी यौन शोषण के मामले उजागर हुए थे..

कू ऐप की ओर से पत्रकारों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन

लखनऊ के हजरतगंज इलाके के एक होटल में कू ऐप की ओर से पत्रकारों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इस वर्कशॉप में लखनऊ के तमाम पत्रकार शामिल हुए. कू ऐप की ओर से आई टीम ने अपने ऐप की बारीकियां पत्रकारों को समझाईं और इस स्वदेशी ऐप के बारे में बताया.

राजनीति में अपराधियों की हिस्सेदारी

- शैलेन्द्र चौहान

अपराधियों का चुनाव प्रक्रिया में भाग लेना हमारी निर्वाचन व्यवस्था का एक अवांछित आवश्यक अंग बन गया है। यह कड़वी सचाई है। विगत में जारी आँकड़ों के अनुसार, संसद के 46 प्रतिशत सदस्य आपराधिक पृष्ठभूमि से हैं। असल चिंता का विषय यह है कि मौजूदा लोकसभा सदस्यों में सर्वाधिक (29 प्रतिशत) सदस्यों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि पिछली लोकसभा में यह आँकड़ा तुलनात्मक रूप से कम था। राजनीति का अपराधीकरण भारतीय लोकतंत्र का एक स्याह पक्ष है, जिसके मद्देनज़र सर्वोच्च न्यायालय और निर्वाचन आयोग ने कई कदम उठाए हैं, किंतु इस संदर्भ में किये गए सभी नीतिगत प्रयास समस्या को पूर्णतः संबोधित करने में असफल रहे हैं।

3.10.21

शराब असली है तो नोट जलेंगे नहीं!

pahadprime@gmail.com

शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। हिंदू रीति रिवाज में शराब को अपवित्र माना जाता है। शराब पीकर भगवान के दर पर या पूजा पाठ में जाना भी अपने आप में पाप की श्रेणी में रखा गया है। लेकिन अगर हम आपको कहें कि एक ऐसी भी शराब है जिसे शादी समारोह, पूजा-पाठ और औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, तो आप क्या कहेंगे। आप कुछ भी कहिए लेकिन ये सत्य है और आज हम आपको किन्नौरी शराब के बारे में बताएंगे।

2.10.21

Swapnil Joshi to play the protagonist in ‘Mann Sudha Tuja’

ABP Majha special focusing on mental health issues

ABP Majha is set to engage the audience around the pressing issues surrounding mental health. The series will include 13 episodes relatable to issues in everyday lives of families. The series will be telecast on a weekly basis, from 3rd October 2021 (Sunday) at 10:30am.

ABP Ananda’s biggest hit ‘Sharad Ananda’ is all set to rule festive season 2021

Kolkata, 2nd October, 2021: Ahead of upcoming Durga Puja festivities, West Bengal’s most illustrious news channel, ABP Ananda is all set to take the spotlight with its flagship property ‘Sharad Ananda’. This year’s Sharad Ananda edition begins on 2nd October with a series of innovative programming.

महात्मा गाँधी को जवाब चाहिये

 


डा. सी पी राय-

 बहुत आश्चर्यचकित करने वाला है कि हिंदुस्तान आज उन ताकतों के द्वारा महत्मा गाँधी की माला जपने से जिनके आदर्शो ने आज से 73 वर्ष पूर्व महात्मा गाँधी की महज शारीरिक हत्या कर दी थी, लेकिन बापू मरे नही । अपने विचारो और आदर्शो के साथ वो आज भी जिन्दा है ।  73 वर्ष बीत गए । इतनी  लम्बी अवधि में एक पूरी पीढ़ी गुजर जाती है, रास्ट्र के जीवन में अनगिनत संघर्षो, संकल्पों और समीक्षाओ का दौर आता और जाता रहा। इतने उतार और चढ़ाव के बावजूद अगर आज भी किसी का वजूद कायम है तो निश्चय ही उनमें कुछ तो चमत्कार होगा। बापू को इसी नजरिये से देखने की जरूरत है।

30.9.21

कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर की हत्या : योगी पीड़ित परिवार से मिलने का कार्यक्रम बनाते ही रह गए, अखिलेश मिल भी आए

अजय कुमार,लखनऊ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनाव की बहार है। हर दल का नेता चुनावी रंग में रंगा हुआ है,जिसके चलते नेताओं का असली रंग जनता देख ही नहीं पा रही है। चुनावी रंग में करीब-करीब सभी दलों के नेता विरोधियों पर ‘कीचड़’ उछालने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। तमाम नेताओं ने तो इस ‘कीचड’ को अपनी सियासत चमकाने का जरिया ही समझ लिया है। इसी लिए तो इन नेताओं को आम आदमी की रगों से बहता हुआ खून में भी राजनीति दिखाई देती है। इसकी बानगी तब देखने को मिली जब सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की हत्या के मामले को गंभीरता से लेते हुए मनीष गुप्ता के परिवार से मिलने का कार्यक्रम बनाया।

29.9.21

सुनील सौरभ को 'विद्यावाचस्पति ' व 'हिंदी भूषण श्री' सम्मान

अमरेन्द्र कुमार का रिपोर्ट

गया । वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार सुनील सौरभ को  पत्रकारिता तथा साहित्य के माध्यम से हिंदी की लंबे समय से सेवा करने के कारण विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर ने इनका चयन ' विद्यावाचस्पति' सम्मान के लिए किया है। सुनील सौरभ को यह सम्मान 18-19 दिसम्बर 2021 को विद्यापीठ परिसर में आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किया जाएगा। 

 


28.9.21

पत्रकार पर हमला करने वाले कॉल सेंटर संचालक की अभी तक नहीं हुई गिरफ्तारी

Vikram Srivastava-

हरकीरत सिंह के खिलाफ पुलिस ने मामूली धारा में मामला किया दर्ज...  24 सितम्बर शुक्रवार देर रात को एक पीड़ित की शिकायत पर समाचार संकलन करने गए दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार एवं श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश विक्रम श्रीवास्तव के ऊपर देहरादून ISBT के समीप बने दून बिजनेस पार्क में कॉल सेंटर संचालक हरकीरत सिंह ने गुंडे बुलाकर हमला कर दिया।

आईटीसी वर्कर्स यूनियन में भारी झगड़ा, देखें ये वीडियो

सहारनपुर। देश की प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में शुमार आइटीसी की सहारनपुर ब्रांच में मौजूदा यूनियन ही कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रही है। उत्पीड़न से आज़िज़ वर्कर्स और मज़दूरों ने आज फैक्ट्री गेट पर धरना दिया और मौजूदा यूनियन को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।

इस देश में आबादी जितने ही यूट्यूबर्स हो गए तो?

Khushdeep Sehgal-
 
यूट्यूबर्स की दुनिया भी गज़ब है, व्यूज़ पाने की ललक यहां भी सनक की हद तक है...कुछ वैसी ही जैसे कि मेनस्ट्रीम मीडिया में TRP और डिजिटल में हिट्स या विजिट्स के लिए होती है...

SAIL 49th AGM : चेयरमैन बोले- कंपनी विस्तारीकरण के अगले चरण की ओर बढ़ने के लिए तैयार है

Chairman says Company ready to move to next realm of expansion  

New Delhi, 28th September, 2021: Steel Authority of India Limited (SAIL) held its 49th Annual General Meeting today through the virtual platform. Attending the meeting from the Company’s headquarters situated at Lodi Road, New Delhi, Smt. Soma Mondal, Chairman, SAIL addressed the shareholders on this occasion.

समाजसेवी ने पत्रकारों को कॉलोनी देने का किया ऐलान

Atul Verma-

झांसी के एक वरिष्ठ समाजसेवी संदीप सरावगी ने पत्रकारों को कॉलोनी देने का किया ऐलान...

सम्राट मिहिर भोज प्रकरण योगी को विस चुनाव में फायदा देगा या भारी पड़ेगा?

Satyendra PS-
 



अगर कोई नशेड़ी हो तो उससे दारू, गांजा, चरस, अफीम छुड़ाना बेहद मुश्किल होता है। यह डॉक्टर से लेकर उनके झेल रहे परिजन बखूबी समझते हैं। उससे नशा छुड़ाने की कवायद करने वाला कभी उसका मित्र बन जाए, यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर होगा। वहीं अगर उस नशेड़ी को दो पैग पिला दें, उसे एक चरस की पुड़िया दे दें तो वह आपका ऐसा मित्र बन जाएगा कि वह आपके कहने पर अपने भाई बंधु और परिजनों तक की हत्या कर देगा।

बेतिया में पत्रकारों द्वारा अवैध उगाही का वीडियो देखें

 दीपक कुमार-

न्यूज़ 9 टाइम्स (News9times) के ब्यूरो चीफ आशुतोष बरनवाल और पत्रकार अनिसुल वारा बेनकाब... बिहार के पश्चिमी चम्पारण के दो पत्रकार पत्रकारिता की छवि को धूमिल कर रखे हैं | इनका कुछ दिन पहले दलाली का एक आडियो वायरल हुआ था जिसमें थानाध्यक्ष की मदद से किसी अपराधी को 1.5 लाख रुपये लेकर छुड़ाया गया और आज अपडेट न्यूज़ बिहार ने एक स्टिंग किया जिसमें चावल कारोबारी और डीलरों से चावल तस्करी के मामलों को दबाने के बदले में पैसे लेते हुए आशुतोष बरनवाल और अनिसुल वारा कैमरे में कैद हुए।

MP में ई प्रवेश प्रक्रिया में फ़र्ज़ीवाड़ा, पैसों के लिए होनहार छात्रों का करियर ख़राब कर रहे शिक्षण संस्थान

आशीष चौकसे-

MP में UG और PG कोर्सेज़ के लिए सीट आवंटन की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग के नियमानुसार छात्रों को MP E Pravesh के पोर्टल पर online रेजिस्ट्रेशन करके नियमानुसार फ़ीस भरके मेरिट लिस्ट जारी होने का इंतज़ार करना होता है। विभाग की ओर से साफ़ साफ़ बताया गया है कि छात्रों को कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है।

26.9.21

श्रीकृष्ण की धर्म नीति

लोकजीवन में ‘धर्म’ शब्द जितना अधिक सुपरिचित है उसका अर्थ-बोध उतना ही अधिक व्यापक एवं गूढ़ है। अर्थ-विस्तार की दृष्टि से धर्म मानव-जीवन के उन समस्त पक्षों का सम्यक् संवहन करता है, जो जीवन को रचनात्मकता एवं सुंदरता की ओर अग्रसर करते हैं किंतु अर्थ-संकोच की दृष्टि से धर्म विशिष्ट विश्वास-प्रेरित पूजा-पद्धति के अर्थ में रुढ़ हो गया है । जनसामान्य धर्म को इसी रुढ़ अर्थ में ग्रहण करता है।

22.9.21

एसपी ऑफिस में तैनात होमगार्ड कवरेज के दौरान पत्रकारों से करते हैं बदतमीजी

राजीव रंजन, शाहजहाँपुर

शाहजहांपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इन दिनों अधिकारियों ने मीडिया पर कुछ ज्यादा ही अंकुश लगा रखा है। आलम यह है कि अगर मीडिया कर्मी अपनी बाईक कार्यालय परिसर में बने स्टैंड  पर खड़ी करना चाहें तो ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी या होमगार्ड्स सख्त लहजे में मना कर देते हैं।

राधा प्रेम "चिंतन" आलौकिक शक्ति

 


राधे राधे,

अलौकिक राधा, अलौकिक श्याम,  एक रूप के कितने नाम वृषभानु जी की पुत्री, जन्म से नेत्रहीन, जन्मो का वादा ,की राधा जब कृष्ण को देखेगी तभी चक्षु खोलेगी, !

गुजरात में लीला पुरूष का खिलवाड़

Krishan pal Singh-

उत्तराखंड के बाद अपने गृह राज्य गुजरात में मुख्यमंत्री के चयन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह का आत्मविश्वास दिखाया है उससे एक चर्चित लोक कथा की याद आ गई। कथा यह है कि एक राज्य में राजा की निपूते मौत हो गई जिससे यह समस्या खड़ी हो गई कि नया राजा किसे बनाया जायें क्योंकि विधान यह था कि राजा का ज्येष्ठ पुत्र स्वतः उसकी मौत के बाद उसका स्थान ले लेगा। सयानों ने काफी माथा पच्ची करने के बाद इसकी गुत्थी सुलझाते हुए तय किया कि अगले दिन भोर में राज्य के सारे गणमान्य एकजुट होकर राजधानी में निकलें और जो सबसे पहले दिख जाये उसका राज तिलक कर दें।

स्तम्भकार अमित राजपूत के नाम विश्व रिकॉर्ड




हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड तथा इण्डिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में नाम दर्ज

नई दिल्लीः ब्रॉडकास्टर एवं स्तम्भकार अमित राजपूत ने विश्व रिकॉर्ड बनाया है। लंदन के हार्वर्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड ने अमित राजपूत के नाम विश्व के सबसे युवा स्तम्भकार होने का रिकॉर्ड दर्ज किया है। इसी के साथ स्तम्भकार अमित राजपूत की ख्याति अंतर्राष्ट्रीय पटल पर फैल गयी है और उन्होंने दुनियाभर में भारत का मान बढ़ाया है।

21 सितम्बर (जयंती पर विशेष) : संन्यासी के चोले में जिंदगी भर व्यवस्था से लड़ते रहे स्वामी अग्निवेश जी

CHARAN SINGH RAJPUT-

आज सोशल एक्टिविस्ट और समाज सुधारक स्वामी अग्निवेश जी जयंती है। मुझे भी उनके साथ काम करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। भाषा पर जबर्दस्त पकड़ होने की वजह से मुझे उनसे सीखने को बहुत कुछ मिला। हर आदमी में कमियां खूबियां दोनों होती हैं। स्वामी अग्निवश जी में भी थे। मुझे उनकी इस बात ने बहुत प्रभावित किया कि अन्याय के खिलाफ मोर्चा खोलने में वह किसी को नहीं बख्शते थे। मीडिया के खिलाफ बोलने से राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के लोग अक्सर बचते देखे जाते हैं पर स्वामी अग्निवेश जी ने मीडिया में शोषण के खिलाफ होने वाले आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। मजीठिया वेज बोर्ड मामले में वह न केवल दैनिक जागरण के खिलाफ खुलकर बोले बल्कि राष्ट्रीय सहारा में अन्याय के खिलाफ हुए आंदोलन में भी उन्होंने आंदोलनकारियों की मदद की।

कांग्रेस के पंजाब दांव से यूपी में बैकफुट पर आई बीजेपी 22 से करेगी मंथन

संजय सक्सेना, लखनऊ
       
लखनऊ। कांग्रेस ने पंजाब में अपने दलित नेता को मुख्यमंत्री की कुर्सी क्या सौंपी है, उत्तर प्रदेश की भी दलित राजनीति उफान मारने लगी है। यूपी कांग्रेस के नेता बीजेपी पर तंज कसने लगे हैं कि हम सिर्फ दलितों क यहां जाकर खिचड़ी नहीं खाते हैं,बल्कि उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाते हैं। कांग्रेस के दलित दांव से बीजेपी की धड़कने इस लिए भी बढ़ी हुई हैं क्योंकि भले ही बीजेपी की कई राज्यों में सत्ता हो,लेकिन बीजेपी आलाकमान ने कभी इस बात को तरजीह नहीं दी कि वह भी दलित नेता को मुख्यमंत्री बनाए। इतना ही नहीं बीजेपी में कोई जनाधार वाला दलित नेता भी नहीं है।

ओली राज में सील हुआ नेपाल बार्डर देउबा सरकार ने खोला

 संजय सक्सेना, लखनऊ

लखनऊ। नेपाल में कम्युनिष्ट सोच और चीन की करीबी माने जाने वाली ओली की सरकार के जाने और शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने का असर नेपाल-भारत के साथ रिश्तों में दिखने लगा है। शेर बहादुर देउबा के नेतृत्व वाली नई सरकार का झुकाव चीन की बजाए भारत की तरफ होने से यह बदलाव देखने को मिल रहा है। इसी बदलाव का असर है कि पूर्ववर्ती नेपाल सरकार द्वारा कोरोना महामारी की आड़ में जो बार्डर सील कर दिए गए थे,उसे अब खोला जाने लगा है। इसी क्रम में नेपाल सरकार ने लगभग डेढ़ साल से बंद चल रही उत्तर प्रदेश के जिला गोरखपुर से सटी भारत-सीमा को खोलने का निर्णय लिया है। 21 सितंबर को नेपाल कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय पर मुहर भी लग गई हैैं।

यूपी चुनाव जीतने को एमएसपी खरीद पर कानून बना सकती है मोदी सरकार!

CHARAN SINGH RAJPUT-

भाजपा के लिए खतरा बनता जा रहे किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए मोदी सरकार में चल रही माथा-पच्ची

नई दिल्ली। नये किसान कानूनों को वापस कराने के लिए 9 महीने से चल रहा किसान आंदोलन न केवल मोदी सरकार बल्कि भाजपा के  लिए भी खतरा बनता जा रहा है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गुजरात और गोवा में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन भाजपा का चुनाव प्रभावित का सकता है। भाजपा को सबसे ज्यादा डर उत्तर प्रदेश में सता रहा है। किसान आंदोलन का चेहरा बन चुके भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश मुजफ्फरनगर के होने की वजह से भाजपा को 100 सीटें गड़बड़ाने का अंदेशा है। किसान आंदोलन में भाकियू का उत्तर प्रदेश में न केवल गन्ना भुगतान बल्कि बिजली की बढ़ी दरों को शामिल करने की वजह से योगी सरकार पर बड़ा दबाव बन गया है। ऊपर से जाटों का पार्टी माने जाने वाली रालोद के साथ सपा के साथ होने जा रहा गठबंधन। यही वजह है कि योगी और मोदी सरकार यूपी विधानसभा चुनाव से पहले किसी भी सूरत में आंदोलन को खत्म कराना चाहती हैं।  इसमें दो राय नहीं कि भले ही किसान तीनों किसान आंदोलनों को खत्म करने की बात कर रहे हों पर एमएसपी खरीद पर कानून पर काफी हद तक किसानों और सरकार में सहमति बन सकती है। वैसे भी रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ राकेश टिकैत के मधुर संबंध रहे हैं।

20.9.21

भारत बंद को इस पत्रकार संगठन ने दिया समर्थन

Hyderabad : The Indian Journalists Union (IJU) extended its support and solidarity to the September 27  'Bharat Bandh' call given by farmers' organisations to bolster their fight against the three farm laws.

Which are the best government jobs after 12th?

After 12th, many students want to work hard and get a government job soon. So here we will tell you about the top government jobs (Sarkari Naukari), which you can apply directly after 12th.

Most of the students choose such a stream from class 11 itself, so that they can get government jobs soon. Many students already start preparations for Sarkari Naukari after 12th, so you can know here about top government jobs that are available after 12th. If you are thinking of doing government job after 12th, then start preparing for these exams. This includes jobs like Data Entry Operator, State Police, Indian Army and Indian Air Force (Data Entry Operator, State Police, Indian Army and Indian Air Force).

दूसरे अखबारों में छपी खबरों की नकल कर रहा अमर उजाला

Anil Sharma
anilamarujalakathua@gmail.com

- कठुआ से छपी एक खबर को उजाला ने दूसरे दिन छापा, सरकारी कर्मी बना है उजाला का रिपोर्टर

जम्मू : खुद को जम्मू कश्मीर का नंबर वन समाचार पत्र का दावा करने वाला अमर उजाला इन दिनों दूसरी अखबारों की नकल कर रहा है। वैसे तो इस अखबार की स्थिति जम्मू कश्मीर के कई जिलों में खराब हो रही है। यही नहीं कठुआ जिला तो ऐसा है, जहां अखबार ने पहले से ही एक सरकारी कर्मचारी को नौकरी पर रखा है और यही रिपोर्टर के तौर पर अमर उजाला का काम चला रहा है।

नवभारत अखबार का फर्जीवाडा

Anil Singh
anil.singh7b@gmail.com


छत्तीसगढ के 'नवभारत' अखबार ने बिलासपुर में नवभारत कप राष्ट्रीय फुटबाल के आयोजन के नाम पर जमकर फर्जीवाडा कर प्रायोजकों को तो चूना लगाया हैं भूपेश बघेल सरकार की भी दस लाख की जेब काटी है, जबकी कथित राष्ट्रीय फुटबाल मैच देखने अखबार दर्शक भी नहीं जुटा पा रहा है. प्रायोजक कुछ कर नहीं पा रहे है क्योंकि अखबार से दुश्मनी कौन लें.?

19.9.21

एनसीआर प्रेस क्लब की नवनियुक्त कार्यकारणी का शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित

बहरोड  : दिल्ली जयपुर हाइवे के होटल हाइवे एक्सप्रेस में गुरुवार को नवनियुक्त एनसीआर क्लब कार्यकारणी का शपथ ग्रहण समारोह कार्यक्रम अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार होशियार यादव व मुख्य अतिथि नीमराणा एसोसिएशन अध्यक्ष के.के शर्मा की मौजूदगी में आयोजन हुआ।

उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार राष्ट्रीय दर से ऊपर

-   एस आर दारापुरी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट  

हाल में एनसीआरबी द्वारा वर्ष 2020 के अपराध से संबंधित आँकड़े यह दर्शाते हैं कि उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार के मामलों की दर राष्ट्रीय स्तर पर अपराध की दर से काफी ऊंची है। यह ज्ञातव्य है कि उत्तर प्रदेश में दलितों की आबादी प्रदेश की कुल आबादी का 21% है जबकि उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार का घटित अपराध 12714 राष्ट्रीय दर (1 लाख आबादी पर) 25.4 की अपेक्षा 30.7 है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश में दलितों पर कुल घटित अपराध राष्ट्रीय स्तर पर दलितों पर घटित कुल अपराध का 25.3% है अर्थात देश में दलितों पर घटित अपराध का एक चौथाई है। यह स्थिति योगी सरकार के उत्तर प्रदेश में अपराध के नियंत्रण के दावे को पूरी तरह से झुठलाती है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश में दलित अत्याचार का बराबर शिकार हो रहे हैं जैसा कि अपराध के आंकड़ों के निम्नलिखित विवेचन से स्पष्ट है:-

9.9.21

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने नहीं दिया आरटीआई का जवाब, एक्टिविस्ट ने दी आत्महत्या की धमकी




नई दिल्ली। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग द्वारा आरटीआई का जवाब नहीं देने से आहत बिहार के एक शख्स ने आत्महत्या की धमकी दे दी है। करीब 6 महीने से आरटीआई का जवाब मांग रहे पटना निवासी जीवन ज्योति ने आयोग के टॉल फ्री नंबर पर बात करते हुए 3 दिनों में जवाब नहीं मिलने पर आत्महत्या की धमकी दी है। उन्होंने इसका ऑडीयो अपने करीबियों को दिया है। साथ ही साथ आयोग को मेल के जरिये और ट्वीटर के जरिये इसकी सूचना भी दी है।

8.9.21

बसपा सुप्रीमो की मौजूदगी में गूंजा पुराना नारा- 'हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा, विष्णु, महेश है’

संजय सक्सेना, लखनऊ

2007 की तरह फिर बनेगी बसपा की सरकार : मायावती


लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी का काफी दिनों से चल रहा ब्राह्मण वोटरों को साधने के लिए प्रबुद्ध सम्मेलन  का आज बसपा सुप्रीमों मायावती के संबोधन के साथ समापन हो गया। इस मौके पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने लखनऊ में रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि 2007 की तरह फिर से सरकार बनेगी, एक हजार सक्रिय कार्यकर्ता पूरे जिले में तैयार करना है, पहले चरण के बाद दूसरे चरण में महिला कार्यकर्ताओं को भी प्रबुद्ध वर्ग के लिए तैयार किया जाएगा और उन्हें जोड़ा जाएगा.

28.8.21

ऐसे भी विधायक हुए जिन्होंने अपने सिद्धान्तों के चलते मंत्री पद ठुकरा दिया था

-सुनील शर्मा

वृंदावन (मुथुरा)। सत्यनिष्ठा और गांधीवादी चरित्र के लिए जाने जाने वाले शिक्षक बाल शिक्षक संघ के जनक गुरु कन्हैया लाल गुप्त जिन्होंने अपने सिद्धान्तों से कभी समझोता नहीं किया और शिक्षामंत्री के पद तक को भी ठुकरा दिया था। जिन्होंने वृंदावन की एक छोटी सी गली में रहकर अपने जीवन के आखिरी दिन बड़े ही कष्ट में काटे थे। जिन्होंने मथुरा के लिये आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्द्रागांधी के नसबंदी अभियान के खिलाफ गांधीवादी तरीके से विरोध का रास्ता चुनकर आन्दोलन की शुरूआत की थी और आमजन की आवाज बने थे। उस गांधीवादी नेता को आज राजनीतिज्ञ, समाजसेवियों, शिक्षाविदों ने ही भुला दिया।

22.8.21

PEC expresses concern over continued harassment to Burmese journalists

NJ THAKURIA-

Geneva/ Guwahati: Press Emblem  Campaign (PEC), the Switzerland based
global media rights body, expresses serious concern over the continued
harassments to journalists and other media workers of Myanmar (also
known as Burma or Brahmadesh), by the Burmese junta, which dethroned
the democratically elected government in NayPieTaw with a military
coup on 1 February 2021.

दबंग पत्रकारों से पीड़ित पत्रकार आत्महत्या को मजबूर

 
दबंग पत्रकारों से पीड़ित पत्रकार आत्महत्या को मजबूर, असद खान उर्फ गोलू पठान जो कि भारत समाचार का हमीरपुर से रिपोर्टर बताता है और अरुण श्रीवास्तव ए एन आई के रिपोर्टर बताते हैं, 

19.8.21

महिलाओं की सुरक्षा का दम्भ भरने वाले सिस्टम की पोल खोलती हुई ट्वीट

सत्येन्द्र कुमार-

गोरखपुर : आज के हालात में याद आते है बुजुर्गों के वो आशीर्वाद जो उनका पैर छूते ही बरबस उनके मुंह से निकल पड़ते थे कि... जियत रह आ बेटवा ...पढ़ लिख के कलेटटर..बन जा !! लेकिन उन बुजुर्गों को क्या पता था कि भविष्य में इस सड़े हुए सिस्टम और उनके आशीर्वाद का वो हश्र होगा कि यहां कलेक्टर से बड़ा कलाकार टू स्टार दरोगा कहलायेगा । और यह टू स्टार दरोगा आने आने समय मे अपनी बेईमानी, मक्कारी और जलालत की वजह से धरती का भगवान कहलायेगा । उन बुजुर्गों को यह नही पता था कि इस दरोगा की कलम में पीड़ितों को और ज्यादा पीड़ित करने की इतनी बेपनाह ताकत होगी की खुदा.. ए... कायनात खुद ही पनाह मांगने लगेंगे ।

ओटीटी कंटेट की गुणवत्ता बनाए रखना डिजिटल मीडिया आचार संहिता का लक्ष्य : विक्रम सहाय

 आईआईएमसी के विशेष व्याख्यान में बोले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव

नई दिल्ली, 18 अगस्त। ''डिजिटल मीडिया आचार संहिता 2021 के केंद्र में आम नागरिक हैं। आचार संहिता का उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखते हुए ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली सामग्री की गुणवत्ता को बनाए रखना है।'' यह विचार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विक्रम सहाय ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा 'डिजिटल मीडिया आचार संहिता 2021' विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में व्यक्त किए। कार्यक्रम में संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक के. सतीश नंबूदिरपाड, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा एवं आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह विशेष तौर पर उपस्थिति थे। 

"तालिबान" बनाम "तालिबे इल्म"..

"तालिबान" बनाम "तालिबे इल्म"..
गुज़िश्ता कुछ रोज़ क़ब्ल अमेरिकी सुपर पॉवर के ग़ुरूर को अपनी क़बाइली जूतियों तले रौंदते हुए जब अफगानिस्तान पर तालिबानी दहशत गर्दो की हुक़ूमत नाफ़िज़ हुई तब से "सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म" पर एक सवाल बाज़ाबता उठ खड़ा हुआ कि"तालिबान"की मुराद उन दहशत गर्दो से है जो मदरसों में "एक ख़ास मज़हबी"तालीम की मार्फ़त तैयार किये जाते हैं जिनका मक़सद और कारगर्दगी काफ़ी हद तक "मंगोल-हुक़ूमत" से मिलती है। दरअसल ये तालिबानी दहशत गर्द वो लोग हैं जिनका शिजरा ईमान आली मक़ाम मौला अली मुश्किल कुशा के मुखाल्फ़ीन से जा कर मिलता है।जिसकी पटकथा कर्बला के तपते हुए रेगिस्तान पर इमाम हुसैन इब्ने अली की शहादत के साथ लिखी गयी और मज़हब का नाम देकर पूरी दुनियां में ख़ौफ़ की तिजारत का कारोबार जो शुरू हुआ तो आज तलक जारी है।ये और बात है कि इस मज़हबी अक़ाएद की कमान उस दौर में यज़ीद और शिम्र के हाथ मे थी और हेड ऑफिस कर्बला के रास्ते  सीरिया में मुश्तमिल था।आज यज़ीद चेहरा बदल कर तालिबान के रूप में आन खड़ा हुआ और हेड आफिस पाकिस्तान के रास्ते वाशिंगटन पहुँच गया।ये उस अक़ाएद के लोग हैं जो "सऊदी-सोच" से पैदा हुए, "अमरीकी-सरपरस्ती" में परवरिश पाई।
#तो_तालिबानियों_सुनो!तुम्हारी सोच के कुछ "जीव-जन्तुओ" ने हमारे मुल्क़ में भी पैर-पसारने की नापाक क़ाविशे शुरू कर दी हैं,हालांकि मुल्क़ की आज़ादी से लेकर 2014 से पहले तक "सऊदी-ज़ाक़त"पर सालों से एक नामनेहाद सेक्युलर पार्टी की मार्फत इस सोच को सींचा जा रहा था..लेकिन अब बस!
तुम और तुम्हारी-सोच की जम कर मुख़ालफ़त होगी और तब तक करते रहेंगे जब तक तुम्हें सफे हस्ती से न मेट दें।क्योंकि तुम बहुत शातिराना तऱीके से अपने आप को "सुन्नी-मुसलमान"कहलवाते हो और तुम्हारे मदरसों में गजवा-ए-हिन्द का नापाक ख़्वाब दिखाया जाता है। इसलिये तुम्हारे मदरसों से जो निकला वो "तालिबानी" कहलाया और तमाम चिश्ती,साबरी,बरेलवी व् दीगर सूफी सिलसिले के मानने वाले बुजुर्गों के क़ायम-करदा इदारों में जो गया वो"तालिबे-इल्म"कहलाया जहां से एपीजे अब्दुल कलाम,अशफ़ाक़ उल्ला खान,अब्दुल हमीद बन कर निकला!!
 हम आले नबी औलादे अली हैं, हमारे यहां "तालिबान" नही तालिबे-इल्म का दर्स दिया जाता है। जिसका मायने इल्म का तलबगार होता है।चाहे वो दीनी इल्म हो या दुनियावी इल्म हो। जिसका मक़सद सिर्फ़ और सिर्फ़ एक है और वो है इंसानियत की बक़ा! जब हम बहत्तर थे तब भी हम तुम्हारे सामने कर्बला के तपते हुए सेहरा में सीना सिपर हो कर खड़े रहे,पूरा कुनबा राहे हक़ में इंसानियत की बक़ा के लिये लुटा दिया और आज भी तुम्हारे नापाक मंसूबो के आगे हुसैनियत और मुल्क़ के तहफ़्फ़ुज़ के लिये अपनी खून की आख़री बूंद तक  डटे रहेंगे और तुम्हें बेनक़ाब करते रहेंगे!इन्शा अल्लाह

17.8.21

बकाया पैसा नहीं दे रहे हैं न्यूज1इंडिया वाले!

नमस्कार सर

मैं अभिषेक केसरवानी!

कोरोनाकाल में 14 मार्च 2020 से 16 जुलाई 2020 तक न्यूज़1 इंडिया में कार्यरत था और जुलाई में डेंगू बुखार के कारण घर चला गया इलाज के लिए, उसके बाद डॉक्टर ने मुझे मेरी तबीयत देखते हुए बाहर जाने को मना कर दिया।

पश्चिमी यूपी में भाजपा को निगल सकता है ‘अजगर’

अजय कुमार,लखनऊ

लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति लगातार करवट बदल रही है। अभी तक भारतीय किसान यूनियन नये कषि कानून के विरोध में अलख जलाए हुए थे,जिससे बीजेपी को काफी नुकसान होने की अटकले लगाई जा रही थीं। इसकी काट के लिए बीजेपी ने भी 16 अगस्त से वेस्ट यूपी में आशीर्वाद यात्राएं शुरू कर दी हैं। बीजेपी नहीं चाहती है कि नये कषि कानून के विरोध के चलते जाट वोटर भाजपा से नाराज हो जाएं,इसके लिए भाजपा ने पश्चिमी यूपी में अपने सांसदों/विधायकों और नेताओं की फौज उतार दी। भाजपा की नजर जाट समुदाय को मनाने की है,जाट मानेंगे या नहीं यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे लेकिन जिस तरह से मोदी-योगी सरकार जाट नेताओं के सामने दण्डवत हो रही है उससे पश्चिमी यूपी के गुजर नेता नाराज हो गए हैं। पश्चिमी यूपी में गुजर दूसरा सबसे सशक्त वोट बैंक है। गुजरों के खांटी नेता डा.यशवीर सिंह की राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) में घर वापसी के बीच पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में होने वाली किसान महापंचायत पर योगी सरकार और  भाजपा की पैनी नजर लगी हुयी है। यूपी में विधानसभा चुनाव में यूं तो अभी करीब आठ महीने का समय बाकी हैं लेकिन भाजपा समेत तमाम विपक्षी दलों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। अबकी से नये कषि कानून के खिलाफ जाट-गुजरों के एकजुटता ने भी बीजेपी को बेचौन कर रखा है।

रोबो जर्नलिज्म आज के मीडिया की हकीकत : शशि शेखर

मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में आईआईएमसी ने किए नए प्रयोग : प्रो. संजय द्विवेदी

भारतीय जन संचार संस्थान में स्थापना दिवस व्याख्यान का आयोजन


नई दिल्ली, 17 अगस्त। ''रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के मीडिया की हकीकत है। तकनीक ने अब मीडिया को पूरी तरह बदल दिया है। तकनीकी क्षमता आज पत्रकारों की महत्वपूर्ण योग्यता है।'' यह विचार हिन्दुस्तान समाचार पत्र के प्रधान संपादक श्री शशि शेखर ने मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के 57वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष व्याख्यान में व्यक्त किए। इस अवसर पर संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी, नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय, प्रयागराज के कुलपति प्रो. राममोहन पाठक, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा एवं आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह विशेष तौर पर उपस्थित थे।

11.8.21

तीसरी लहर : भयभीत न हों लेकिन सतर्क तो हो जाएं..

krishanmohan jha-
 
पिछले कुछ महीनों से देश के वैज्ञानिक और चिकित्सा विशेषज्ञ लगातार यह आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि अगस्त में कोरोना की तीसरी लहर देश के अनेक हिस्सों में अपना असर दिखा सकती है। केरल , कर्नाटक, तमिलनाडु सहित कुछ दक्षिणी राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक आई तेजी उस आशंका को सच साबित करती दिख रही है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए  उन राज्यों की सरकारों ने ऐहतियाती कदम उठाना प्रारंभ कर दिया है।केरल सरकार ने राज्य में शनिवार और रविवार को लाक डाउन लागू करने का फैसला किया है। केरल में संक्रमण में अचानक आई तेजी से चिंतित केंद्र सरकार ने वहां अपना एक 6 सदस्यीय विशेषज्ञ दल भी भेजा था जो स्थिति का जायजा लेने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना पीड़ितों की निगरानी में लापरवाही  राज्य में कोरोना संक्रमितों की‌ संख्या  में एकाएक हुई बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण है।

उत्तर प्रदेश की जातीय राजनीति का काला अध्याय

अजय कुमार, लखनऊ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जातीय जनगरणा कराए जाने की मांग लगातार जोर पकड़ती जा रही है। भाजपा को छोड़कर सभी दल जातीय जनगरणा की सियासत में हाथ-पैर मार रहे हैं,पहले तो छोटे-छोटे दल जिनका आधार ही जातीय वोट बैंक है,वह जातीय जनगरणा की मांग कर रहे थे,लेकिन अब समाजवादी पार्टी भी इसके पक्ष में खुलकर बोलने लगी है,सबकी नजर पिछड़ा वर्ग के वोट बैंक पर लगी है,जबकि भारतीय जनता पार्टी इस मुददे पर बैकफुट पर नजर आ रही है। वह न तो हॉ कह रही  है न ही उसके द्वारा इससे इंकार किया जा रहा है, वहीं जाति आधारित जनगणना का समर्थन जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के साथ-साथ एनडीए के अन्य सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी और महाराष्ट्र के नेता रामदास अठावले भी कर चुके हैं.हालांकि भारतीय जनता पार्टी का मानना है कि जातिगत आधारित जनगणना से हिंदू समाज में मतभेद हो सकते हैं और सामाजिक सद्भाव बिगड़ सकता है इसलिए फिलहाल जाति आधारित जनगणना की कोई जरूरत नहीं है।

8.8.21

Stop Attacks on Journalists say NAJ-DUJ

The National Alliance of Journalists (NAJ) and the Delhi Union of Journalists (DUJ) note with shock that as many as 228 journalists were targeted by both state and non-state actors in the year 2020. They faced threats and physical or online attacks, FIRs and cases for their journalism. Some were jailed under draconian laws like the UAPA, NSA and the sedition law. Thirteen journalists were killed. We commend the Rights and Risks Analysis Report 2020 for its detailed documentation of these excesses.

ऊमस का प्रभाव

दिन के शुरुआत में आसमान में यदि बादलों के दर्शन हो जाए तो मन भी बारिश का आहवान करने से पीछे नहीं हटता | बादलो द्वारा बनाए जाने वाली भांति भांति की आकृतियां मनोरंजन को पहले से अधिक मनोरम बना देती हैं |  एक झलक अपने चारों ओर देखने से वातावरण में शांति महसूस होती हैं और यही शांति थोड़े ही वक्त के उपरांत ऊमस  का रूप धारण कर लेती हैं | बार-बार दौड़ कर बादलों को निहारना और मन ही मन यह अनुमान लगाना कि हो ना हो आज बारिश हमारा ही रुख़ करने वाली हैं |

7.8.21

शर्मनाक है वंदना कटारिया के घर पर हमला व जातिसूचक गालियां देना!

सी.एस. राजपूत-
 

टोक्यो ओलंपिक में महिला हाकी टीम की ऐतिहासिक  जीत पर काला धब्बा लगा दिया अराजक हमलावरों ने


कितनी पीड़ा और दबाव में होंगी हाकी स्टार वंदना कटारिया। महिला हाकी टीम को कांस्य पदक दिलाकर ऐतिहासिक जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वंदना कटारिया जहां उम्मीद कर रही थी कि उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर देश उन्हें पलकों पर बैठाएगा। ऐसे में न केवल हरिद्वार स्थित उनके घर पर हमला किया गया बल्कि उनके परिजनों जातिसूचक शब्दों से गालियां भी दी गईं। ये सब क्या है ? आखिरकार ये जातिवादी और अराजक लोग चाहते क्या हैं?

पिथौरागढ़ में जन सरोकारों से जुड़े पत्रकार एक तरफ और चाटुकार गोदी मीडिया के लोग एक तरफ हो चुके हैं

हुआ यूं कि पिछले दिनों  एक नेशनल यूनियन जन सरोकारों से जुड़े पत्रकारों ने खड़ी की। उसके बाद गोदी मीडिया की बात करते हुए इलेक्ट्रॉनिक चैनल और प्रिंट मीडिया के भी कुछ सफेदपोश पत्रकार तिलमिला गए और उन्होंने अपनी जिले के भीतर ही एक यूनियन खड़ी कर दी । स्थानीय भाजपा विधायक के खास लोग गोदी मीडिया के पत्रकारों को उनके यूनियन बनने पर बधाई देते हुए एक पार्टी उन्हें दी।

जोगीरा समझ न पाए पीर....

डॉ. अर्पण जैन 'अविचल'-

सत्ता की सजी हुई बिसात और शतरंज की जमी हुईं मोहरें, दोनों ही रंग राजनीति के वर्चस्व को स्थापित करते हैं। सरयू के पानी की तासीर और राजनीति का केन्द्रीय क़द भारत भारत के वर्तमान और भविष्य को तय करते हैं। आम चुनाव के बाद जब उत्तर प्रदेश के चुनाव आते हैं तो वह भारत का भविष्य बनाते हैं। बीते आधे दशक से उत्तर प्रदेश में भगवा ही सत्ताधीश है किन्तु इसी दौरान आपदा और विपदाओं के साथ-साथ राम जन्मभूमि मुद्दा भी सुलझ गया। अब अयोध्या के राजा के तम्बू भी राजमहल में परिवर्तित होने जा रहे हैं। सरयू तो अयोध्या का चरण अभिषेक करने को आतुर रहती है और इस तरह केन्द्रीय राजनीति भी अपने भविष्य को लेकर उत्तर प्रदेश की तरफ़ अपनी उम्मीद का मुँह रखकर रणनीति और कूटनीति की बिसात जमाती है।

25.7.21

समाचार पत्र व न्यूज़ चैनल पर छापे से कई जिलों के पत्रकार आक्रोशित-आंदोलित


फोटो- ज्ञापन देते उपजा के लोग

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर केंद्रीय प्रशासनिक उत्पीड़न के संबंध में पत्रकारों में आक्रोश

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबाने के कुत्सित प्रयास से आक्रोशित उपजा
 
राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को गया सौंपा

19.7.21

पवार के मोदी से मिलने के मायने

-निरंजन परिहार

वैसे तो देश के दो बड़े नेताओं का मिलना कोई बड़ी खबर नहीं बनता, लेकिन नेता अगर शरद पवार हो, मुलाकात अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हो और मामला महाराष्ट्र का हो, तो सचमुच बड़ी खबर तो बन ही जाता है। क्योंकि महाराष्ट्र में तीन दलों की खिचड़ी सरकार के गठबंधन की गांठ पवार ही है, और बीजेपी उस सरकार के कभी भी गिरने के सपनपाले बैठी है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात प्रधानमंत्री आवास पर हुई। दोनों नेताओं की करीब एक घंटा मीटिंग चली। इससे एक दिन पहले शरद पवार ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल से मुलाकात की थी। अब इन मुलाकातों के कई मायने निकाले जा रहे हैं। और सबसे बड़ी चर्चा यही है कि बीजेपी-एनसीपी मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना सकते हैं, जो कि बीजेपी चाहती भी है।

शोषण की पनाहगार सहारा मीडिया: आप वहां अपना खून दे दो, मर जाओ लेकिन आपका पैसा नहीं देंगे...


 Prakash Sharma

एक मार्मिक व्यथा...

महोदय प्रणाम,

मेरे सहारा मीडिया के सफर को सुनकर आप लोगों की आंखे भर आयेगी। मैंने सहारा टाइम्स इंग्लिश मैग्जिन में एक ले-आउट डिजाइनर के रूप में जून 2008 में ज्वाइन किया था। जहां पहले से कार्य से खुश होकर मैनेजमेंट ने 5000 रूपये का एक्सीलेंस प्रदान किया। लेकिन 2013 में मैग्जिन बंद होने के बाद मेरा ट्रांसफर सहारा टीवी के स्टोर में कर दिया और 5000 रूपये एक्सीलेंसी काट दी गई। लेकिन मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करता रहा क्योंकि टैक्निकल स्ट्रोंग होने के कारण मैंने बहुत जल्दी कार्य संभाल लिया। लेकिन वहां के मैनेजर दिनेश शर्मा जो कि फेडरल ऑटो वर्क्स के नाम से अपनी निजी कंपनी चलाता है अपने निजि कार्य भी धमकी स्वरूप करवाने लगा।

एक्सिस बैंक वाले मेरा लगातार पैसा काटे जा रहे हैं...

 

Mere ac se ros paisa cut rha, axis vale kat rhe... Roj mail kr rha hu, but koi jwab nai aa rha.. Jo santust kr ske.




Shubham singh

 shubhamsinghhcs@gmail.com

 

12.7.21

पत्रकारों की खंड स्तर के साथ साथ जिला व राज्य स्तर की एक्रीडेशन भी रदद् करे सरकार

 Bijender Sharma-

शिमला : सुना है हिमाचल प्रदेश ने पत्रकारों से सुविधाओं कम करने की योजना तैयार की है और इस कड़ी में राज्य के खंड स्तर के पत्रकारों पर सबसे पहले गाज गिरी है, जिनसे सरकार द्वारा खंड स्तर पर दी जाने वाली एक्रीडेशन (मान्यता) को रद्द किया जा रहा है। जैसे जैसे इसकी जानकारी पत्रकारों व उनके संगठनों को मिली है, वैसे ही उनमें कोहराम  मच गया है, सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें शुरू हो गयी हैं।

हम केवल ख़बर, वीडियो नहीं बनाते, जान भी बचाते हैं... क्योंकि हम पत्रकार हैं

Yogesh Mishra-
    
जब भी हमारे, आपके आसपास किसी तरह की घटना होती है और पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर, रिस्क लेकर लोगों को बचाने का प्रयास करते हैं, तो विरोध करने वाले कई लोग बड़ी आसानी से कहते हैं कि 'पत्रकार हो इसका मतलब क्या? छोटी बात को बड़ा क्यों बना रहे हो भाई? पत्रकार है, मतलब मदद नहीं करेगा, देखना वीडियो बनाएगा? मजलूमों पर अत्याचार करते, गलत काम करते कई असामाजिक लोग धमकाकर कहते हैं, क्यों बीच में आ रहे हो? क्या तुमने ही क्या ठेका लिया है? यह सवाल बिल्कुल सही है, पर जवाब ये है कि 'हां हमने ठेका लिया है। हाँ हम पत्रकार हैं, औरों की तरह तमाशा नहीं देखेंगे, कमज़ोरों को बचाएंगे।'

11.7.21

न्यू मीडिया के बेहतर इस्तेमाल से समाज को बदला जा सकता है : नरेंद्र नाहटा



सामाजिक समरसता को बचाये रखने के लिए मीडिया साक्षरता की ज़रूरत : प्रोफेसर पुष्पेंद्र पाल सिंह

मंदसौर विश्वविद्यालय में न्यू मीडिया एंड पॉलिटिक्स ऑफ ट्रुथ विषय पर आयोजित हुआ राष्ट्रीय वेबिनार

मंदसौर विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा न्यू मीडिया और पॉलिटिक्स ऑफ ट्रुथ विषय पर 8 जुलाई को राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया । इस वेबिनार में मंदसौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और प्रसिद्ध शिक्षाविद नरेंद्र नाहटा तथा मध्य प्रदेश सरकार के पत्र रोजगार एवं निर्माण के मुख्य संपादक और पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया,भोपाल चैप्टर के चेयरमैन प्रोफेसर पुष्पेंद्र पाल सिंह बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे।

डिजिटल मीडिया आचार संहिता का उदेश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखना - विक्रम सहाय

पटना : केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा डिजिटल मीडिया आचार संहिता 2021 का उद्देश्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखते हुए ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित होने वाली सामग्री के गुणवत्ता को बनाये रखना है। पत्र सूचना कार्यालय (पटना, लखनऊ, रांची एवं देहरादून) द्वारा डिजीटल मीडिया आचार संहिता 2021 पर एक विशेष ई-बैठक को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री विक्रम सहाय ने यह बात कही। इस ई-बैठक में आचार संहिता के भाग-3 से जुड़े प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए श्री सहाय ने बताया कि आचार संहिता का उद्देश्य किसी को दंडित करना नहीं है। उन्होंंने बताया कि पिछले कुछ वर्षो में डिजिटल मीडिया की भूमिका काफी बढ़ी है और पिछले 6 वर्षो में इंटरनेट डेटा का इस्तेमाल 43 प्रतिशत तक बढ़ चुका है। उन्होंने बताया कि ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित की जाने वाली सामग्री को लेकर शिकायतें मिल रही थीं, जिसके मद्देनजर डिजिटल मीडिया आचार संहिता बनायी गयी है। इसके तहत न्यूज पोर्टल या ओटीटी प्लेटफार्म पर काम कर रहे लोगों के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सामान्य जानकारी एकत्रित करेगा।

सत्ता की दुर्गति का आधार है सुख सुविधाओं की अति

सरकार/सत्ता में चेहरा बदलता हैं चाल और चरित्र नहीं। सारे नेताओं का चाल और चरित्र सत्ता मिलते ही वैसा ही हो जाता है जैसा पूर्ववर्ती सत्ता पक्ष के लोगों का होता है। नेता जब तक सत्ता में नहीं होता तब तक शालीन होता है। शालीनता, मानवता का प्रतीक है। सत्ता मिलते ही नेता अभिनेता हो जाता है। कहने का तात्पर्य जिस प्रकार अभिनेता, अभिनय करके किसी भी चरित्र का निर्माण करता हैं। उसी प्रकार नेता सत्ता मिलते ही अभिनय की भूमिका में आ जाता है। अभिनय नाटक का एक अंग है। नेताओ को गौर से देंखे और समझें तो आप पाएंगे कि सत्ता पाते ही नेताओं के बोलने का ढंग,चलने का ढंग,बैठने का ढंग,खान-पान का ढंग,लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का ढंग सब कुछ बेढंगा हो जाता है। सत्ता मिलते ही सुख सुविधाओं की अति नेताओं की दुर्गति का कारण बनती है। सुख सुविधा उतनी ही होनी चाहिए जितनी आवश्यक हो।

8.7.21

शिमला (आंचलिक) यात्रा वृतांत : वो शिमला जिसे शायद आप नहीं जानते!

Saksham Dwivedi-
    
शिमला का नाम सुनते ही चर्च, मॉल रोड और सैलानियों की भीड़ के दृश्य सामने घूमने लगते हैं . वास्तव में समुद्र तल से 2,206 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस जिले के आँचल में 2 -3 किलोमीटर की  भीड़-भाड़ के व शोर के अतिरिक्त पहाड़ की समृद्ध संस्कृति व छिपा हुआ प्राकृतिक सौंदर्य तथा पर्यावरण के क्षरण की चिंता भी बसती है.

टीम के कैप्टन होने के नाते खुद इस्तीफा देते प्रधानमंत्री!

CHARAN SINGH RAJPUT-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. डॉ हर्षवर्धन, अश्विनी चौबे समेत 11 मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी कर ज्योतिरादित्य सिंधिया, नारायणे राणे, वीरेंद्र कुमार, अश्विनी वैष्णव और भूपेंद्र सिंह समेत 15 मंत्रियों को कैबिनेट में लेकर 43 नये मंत्री भी बना दिये हैं। मोदी सरकार के लिए काम करने वाला गोदी मीडिया मंत्रियों के फेरबदल को पिछड़ों की सरकार की संज्ञा भी देने लगा है। मतलब पिछड़े समाज से अधिक मंत्री बनाने पर मोदी सरकार पिछड़ों की सरकार बन गई है। वह बात दूसरी है कि मोदी के लिए अगड़े पिछड़े सभी अडानी और अंबानी ही हैं। ऐसे में प्रश्न उठता है कि इतने बड़े स्तर पर मंत्रियों को हटाकर नये मंत्री क्यों बनाये गये हैं?

दिलीप कुमार अब कोई नहीं जन्मेगा!

-निरंजन परिहार

 बार बार जन्म नहीं लेते दिलीप कुमार !


कहते हैं कि दिलीप कुमार ऐसी शख्सियत थे कि एक बार उनसे जो कोई मिल लेता, वह उनका मुरीद हुए बिना नहीं रहता।  परंतु सिनेमा के संसार के चमकते सितारों के बीच काफी समय से रहते हुए भी अपन दिलीप कुमार से कभी नहीं मिले। देवआनंद से अकसर अपन मिलने जाते थे, और उन्होंने कहा भी था कि मुझसे तो रोज मिलते हो और इतना प्यार भी करते हो, पर कभी दिलीप साहब से भी मिलो, तो समझ में आएगा कि मिलना क्या होता है, कोई कैसे किसी से जुड़ता है और कैसे अनजाने को भी अपना बना लेता है। मगर, इसे संयोग कहें, या समय का शिलालेख कि सिनेमाई लेखन से निकल जाने और देव साहब के संसार से चले जाने के साथ ही सिनेमा के लोगों से अपना रिश्ता भी धीरे धीरे रिसता गया। वैसे कभी कोई काम भी नहीं पड़ा दिलीप कुमार से मिलने का। बिना काम किसी से भी मिलने का अपने लिए कोई मतलब भी अपन नहीं मानते। फिर भी मिलते तो, जैसा कि सभी कहते है, शायद अपन भी उनके मुरीद हो जाते। लेकिन मिले ही नहीं तो मुरीद कैसे बनते! फिर भी दिलीप कुमार के दुनिया से विदा लेने के दिन उनकी श्रद्धांजलियों में जितना कुछ उनके बारे में पढ़ पाए, वह अपने आप में उनको जानने, समझने और मुरीद हो जाने के लिए काफी है। उनके निधन पर अमिताभ बच्चन की आकुलता, धर्मेंद्र की आंखों में छलके आंसू और सायरा बानो के पहलू में बैठे शाहरुख खान की सांत्वना से दिलीप कुमार के प्रति दुनिया के मन में बसे सम्मान समझा जा सकता है।

सभी संप्रदायों में परस्पर प्रेम और सौहार्द्र के पक्षधर हैं RSS प्रमुख

कृष्णमोहन झा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत  ने हाल में ही गाज़ियाबाद में आयोजित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के एक समारोह में जो व्याख्यान दिया उसकी देश भर में बहुत चर्चा हो रही है। सरसंघचालक ने इस कार्यक्रम  में मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने संबोधन में कहा था कि भारत में रहने वाले सभी लोगों का डीएनए 40 हजार साल पूर्व से  एक ही है और  हम समान पूर्वजों के वंशज हैं । इसके साथ ही  भागवत ने यह भी कहा था कि आज  हिंदू मुस्लिम एकता की बात की जाती है परन्तु यह सवाल तो तब उठता है जब कि दोनों अलग अलग हों। केवल पूजा पद्धति अलग अलग अलग होने से उनमें भेद करना ग़लत है ।  भागवत ने इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में लिंचिंग  को भी ग़लत ठहराया था। भागवत ने उक्त कार्यक्रम में जो सारगर्भित विचार व्यक्त किए उसके लिए वे  निःसंदेह साधुवाद पाने हकदार हैं परन्तु आश्चर्य की बात तो यह है कि  भागवत के धीर गंभीर संबोधन में भी छिद्रान्वेषण का सिलसिला शुरू हो गया है। अनेक विपक्षी राजनीतिक दलों के नेता भागवत के इस संबोधन को उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनावों में भाजपा की जीत की संभावनाओं को बलवती बनाने के लिए सोची समझी रणनीति के रूप में देख रहे हैं लेकिन उन विपक्षी नेताओं को शायद यह स्मरण नहीं है कि  भागवत ने गाज़ियाबाद के कार्यक्रम में जो बातें  कही हैं उनमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो उन्होंने पहली बार कहा हो भागवत के उक्त संबोधन को उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनावों से जोड़ कर देखना भी उचित नहीं होगा। यहां यह भी विशेष उल्लेखनीय है कि उन्होंने 2015 में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान आरक्षण को लेकर लेकर एक ऐसा बयान दिया था जिसके कारण भाजपा को असहज स्थिति का सामना करने के लिए विवश होना पड़ा था । इसलिए मैं  भागवत के ताजे बयान को भी राजनीतिक नफा-नुकसान की दृष्टि से  देखने का पक्षधर नहीं हूं।  स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक पद की बागडोर संभालने के बाद से ही भागवत पूरी बेबाकी से ज्वलंत मुद्दों पर अपनी  राय देते रहे हैं और  एक बार वे जो कुछ कह देते हैं उस पर  हमेशा अडिग रहते हैं। उनके बयानों को लेकर उन पर निशाना साधने वाले नेताओं पर पलटवार करते हुए भी उन्हें कभी नहीं सुना गया है।

मिशन यूपी : पहला कदम मोदी का, दूसरा योगी बढ़ाएंगे

अजय कुमार, लखनऊ

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी ने ‘मिशन यूपी- 2022‘ पर काम शुरू कर दिया है। सामजिक और क्षेत्रीय  समीकरण साधे, सहयोगी दलों को खुश किया जा रहा है। पार्टी के भीतर की नाराजगी को भी ‘ठंडा‘ किए जाने का प्रयास चल रहा है। इसी लिए छोटे नेताओं को ब्लाक प्रमुख चुनाव में अपने परिवार के सदस्यों को चुनाव लड़ाने की छूट दे दी गई है,तो बड़े नेताओं की नाराजगी दूर करने के लिए मोदी-योगी मोर्चा संभाले हुए हैं। इसी लिए ‘मिशन यूपी-2022 को पूरा करने के लिए पहला कदम उठाते हुए मोदी मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश का कोटा अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया गया है। अभी तक प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी सहित उनकी कैबिनेट  में यूपी से आठ मंत्री हुआ करते थे,अब यह संख्या 15 पर पहुंच जाना,यह बताने और समझने के लिए काफी है कि बीजेपी और मोदी के लिए ‘मिशन यूपी-2022‘ कितना महत्व रखता है। इसी के साथ मोदी मंत्रिमंडल  में यूपी का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व हो गया है। यही नहीं लखनऊ के तो दोनों ही सांसद (राजनाथ सिंह और कौशल किशोर) मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं। मिशन यूपी-2022 ‘ को अमली जामना पहनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला कदम उठाया है तो जल्द ही दूसरा कदम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करके उठाने जा रहे हैं। ताकि जिन नेताओं के अरमान ‘दिल्ली‘ में नहीं पूरे हो पाए हैं उनके अरमान ‘लखनऊ‘ में पूरे करके मिशन यूपी-2022 के लिए सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरण को और मजबूती प्रदान की जा सके। योगी भी मोदी की तर्ज पर कुछ मंत्रियों की छुटटी तो कुछ का कद बढ़ा सकते हैं। माना जा रहा  है कि ब्लॉेक प्रमुख चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल  विस्तार किया जा सकता है। इसमें ओबीसी जातियों में से निषाद समाज को समायोजित किया जा सकता है। कांग्रेस से भाजपा में आए जितिन प्रसाद को भी योगी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं मनोनीत किए जाने वाले चार विधान परिषद सदस्यों में भी निषाद समाज को प्रतिनिधित्व दिए जाने की अटकलें है। चर्चा है कि मोदी कैबिनेट में जगह बनाने में असफल रहे निषाद समाज के नेता को यूपी में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिल सकती है या फिर पार्टी मनोनीत किए जाने वाले चार विधान परिषद सदस्यों के नामों में से एक डा. संजय निषाद हो सकते हैं। पार्टी का मानना है कि पूर्वांचल में ओबीसी की प्रमुख जातियां में से एक निषाद समाज को पार्टी अपने साथ रखना चाहती है।

5.7.21

सिलेब्रिटी आमिर खान का है विवादों से गहरा नाता

अजय कुमार, लखनऊ

56 वर्षीय फिल्म अभिनेता आमिर खान ने 2002 में अपनी पहली पत्नी रीना दत्त के बाद 2021 में अपनी दूसरी पत्नी किरण राव को भी तलाक दे दिया है। तलाक दोनों की सहमति से हुआ है इसलिए इस पर किसी को ‘नुक्ताचीनी’ नहीं करना चाहिए। आमिर खान कोई पहले ऐसे शख्स भी नहीं हैं जिन्होंने अपनी पत्नी को तलाक दिया हो। 135 करोड़ की आबादी वाले देश में तलाक जैसी समाजिक बुराई जगह-जगह जन्म लेती रहती है। अगर कोई नई बात है तो वह यह है कि संभवता पहली बार ऐसा तलाक हुआ है जिसमें पति-पत्नी में से कोई अपने संबंधों को लेकर दुखी या परेशान भी नहीं था और साथ रह भी नहीं सकता था। यहां तक की तलाक पेपर पर हस्ताक्षर करते समय तक इनके बीच कोई मतभेद या रिश्तों में ‘दरार’ जैसी बात सामने नहीं आई। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि स्वयं इस जोड़े ने तलाक के बाद कही है।

सरकार के लिए बड़ी चुनौती बने कोरोना के साइड इफेक्ट

CHARAN SINGH RAJPUT
    
इसे जीत कहा जाए या पराजय, इसे जिंदगी कहा जाए य मौत, कोरोना महामारी की चपेट में आने वाला व्यक्ति तरह-तरह के साइड इफेक्ट से जूझ रहा है।   ये साइड इफेक्ट घर पर इलाज करने वालों से ज्यादा अस्पताल में गये व्यक्तियों ेमं ज्यादा देखे जा रहे हैं। कोरोना महामारी को परास्त करने वाले लोगों में तरह-तरह की बीमारियां होने की खबरें सामने आ रही हैं। यह कोरोना का साइड इफेक्ट है या फिर उनको दी जाने वाले दवाओं का आये दिन कोरोना से सही हुए लोगों में तरह-तरह की बीमारियां होने की खबरें आ रहे हैं। इन लोगों में ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस नाम की बीमारी तो जगजाहिर हो ही चुकी है। गत दिनों कई राज्यों में इसे महामारी भी घोषित किया था, अब  इसी कड़ी में एक नई बीमारी और जुड़ गई है, जिसका नाम है अवैस्क्यूलर नैक्रोसिस यानी बोन डेथ है। इस बीमारी ने मुंबई के डॉक्टरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मुंबई में इस बीमारी के 3 मरीज सामने आए हैं। इस बीमारी की सबसे खास और डराने वाली बात यह है कि इसमें मरीजों की हड्डियां गलने लगती है।  

3.7.21

जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ महाराष्ट्र द्वारा आयोजित पत्रकार मार्गदर्शन शिविर सफलता पूर्वक संपन्न

 "पत्रकार एक सच्चा सामाजिक कार्यकर्ता है।"- मेयर ज्योत्सना हसनाले

मीरा भायंदर( ठाणे/ मुंबई) : जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ महाराष्ट्र द्वारा आयोजित पत्रकार मार्गदर्शन शिविर का आयोजन शुक्रवार २ जुलाई २०२१ को अम्बर प्लाजा हॉल, मीरा रोड, थाणे में किया गया था, जोकि सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जहाँ पर मुख्य अतिथि मीरा-भायंदर नगर निगम मेयर ज्योत्सना हसनाले थी, जिनके हाथों दीप प्रज्ज्वलित कर पत्रकार मार्गदर्शन शिविर का उद्घाटन किया गया।  इस अवसर पर पत्रकारों को आरोग्य कार्ड, रेनकोट,छतरी व भारत के  संविधान की बुक वितरित किया गया। 

अडानी के हिसाब से बनता है भाजपा का मैनिफेस्टो!

CHARAN SINGH RAJPUT-

वैसे तो मौजूदा हालात में लगभग सभी दल कॉरपोरेट घरानों के लिए राजनीति कर रहे हैं। पर भाजपा ने इन सबके रिकार्ड तोड़ दिये हैं। भाजपा का तो मैनिफेस्टो भी पूंजपीतियों के हिसाब बनता है।  तभी तो देश की जनता की स्थिति बद से बदतर होती जा ही है और प्रधानमंत्री मोदी के करीबी अडानी और अंबानी ग्रुप मालामाल होते जा रहे हैं।

बहराइच कोऑर्डिनेटर द्वारा ₹5000 की अवैध मांग


आदरणीय यशवंत जी नमस्कार

मैं शुभम मिश्रा जो पयागपुर तहसील से पब्लिक्वाइब में पिछले एक माह से कार्य कर रहा था. मगर बहराइच कोऑर्डिनेटर महेश गुप्ता द्वारा₹5000 की अवैध मांग की गई. जिसके बाद मुझे पयागपुर तहसील से संवाददाता के रूप में रखा गया था. मगर दोबारा से मुझसे ₹5000 की मांग की गई. मेरे द्वारा न दे पाने पर 30 तारीख की देर रात मुझे ग्रुप से रिमूव कर दिया गया. मेरी आईडी को भी डीएक्टिवेट कर दिया गया है.

पिछड़ों की सियासत करने वाले क्यों ‘पिछड़ा वर्ग आयोग’ को लेकर गंभीर नहीं

अजय कुमार,लखनऊ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव की आहट सुनाई देते ही सियासतदारों ने पिछड़ा वोट बैंक को लुभाने के लिए हाथ-पैर मारना शुरू कर दिया है। सभी दलों में पिछड़ा समाज के नेताओं को अपने पाले में खींचने के लिए ‘रस्साकशी’ का दौर चल रहा है। इसी के चलते पिछड़ा समाज के नेताओं और दलों की बन आई है। यूपी में पिछड़ा वोट बैंक को काफी सशक्त माना जाता है। किसी भी चुनाव में पिछड़ा वर्ग वोट की महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश में पिछड़ा समाज की करीब 54 फीसदी की भागीदारी है। यह समाज जिस दल के साथ खड़ा हो जाता हैं, उसकी किस्मत का ताला खुलने के साथ ही जीत करीब-करीब सुनिश्चित हो जाती है,लेकिन पिछले कुछ वर्षो में पिछड़ा समाज का सियासी माहौल काफी बदल चुका है। पिछड़ा वर्ग की राजनीति में पिछले कुछ वर्षो में काफी बदलाव देखने को मिला है,जिसके चलते किसी भी दल के लिए एक मुस्त पिछड़ा वोट हासिल कर लेना असंभव हो गया है।

शराब दुकान के सामने मारपीट के आरोपों पर न्यूज18 के बांदा के पत्रकार अंकित का पक्ष पढ़ें

ANKIT TRIPATHI- 



सही वीडियो और सही डिटेल ये है शराब की दुकान के बाहर सहजाद के कुछ पत्रकार मौजूद हैं जो बता रहे है हम सहजाद के साथ काम करते है पत्रकार हैं लेकिन अवैध और महंगे दाम मे शराब बेचेंगे क्योंकि हम पत्रकार हैं देर रात 12 बजे के आस पास अवैध तरीके से हो रही थी बिक्री वहां से अरबाज के दो सहयोगी पत्रकार वहां से निकल रहे थे देखा कि कालूकुआ के मॉडल साप के बाहर जबरदस्त भीड़ लगी हुई है लोग शराब खरीद रहे हैं जिसका वीडियो भी बनाया वीडियो बनाने के बाद तुरंत वीडियो अरबाज खान को भेजा गया अरबाज खान ने मुझे वीडियो भेजा है इसके बाद मैंने पूरे मामले में आबकारी विभाग और पुलिस को सूचना दी है आबकारी विभाग से  30 मिनट बात भी की है आबकारी आयुक्त संतोष कुमार से बात हुई है संतोष कुमार आबकारी आयुक्त के अलावा शहर कोतवाल से दो बार बात हुई है कि मौके पर पुलिस को भेजकर कार्यवाही करावे लेकिन ना तो आबकारी विभाग पहुंचा तो पुलिस के कोई अधिकारी पहुंचे लेकिन संतोष कुमार ने  आश्वासन दिया की सुधांशु चौधरी 8 आबकारी इंस्पेक्टर पहुंच रहे है  कुछ कथित पत्रकार शराब बेच रहे थे खबर करने पहुचे सही पत्रकारों ने खबर की उस दौरान उनके साथ शराब माफियाओं ने गाली गलौच और मारपीट पर आमादा हो गए पत्रकारों ने खबर भी प्रकाशित की जिसके बाद यह लोग तथाकथित पत्रकार हैं वह फसाने की कोशिश कर रहे हैं