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19.7.21

शोषण की पनाहगार सहारा मीडिया: आप वहां अपना खून दे दो, मर जाओ लेकिन आपका पैसा नहीं देंगे...


 Prakash Sharma

एक मार्मिक व्यथा...

महोदय प्रणाम,

मेरे सहारा मीडिया के सफर को सुनकर आप लोगों की आंखे भर आयेगी। मैंने सहारा टाइम्स इंग्लिश मैग्जिन में एक ले-आउट डिजाइनर के रूप में जून 2008 में ज्वाइन किया था। जहां पहले से कार्य से खुश होकर मैनेजमेंट ने 5000 रूपये का एक्सीलेंस प्रदान किया। लेकिन 2013 में मैग्जिन बंद होने के बाद मेरा ट्रांसफर सहारा टीवी के स्टोर में कर दिया और 5000 रूपये एक्सीलेंसी काट दी गई। लेकिन मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करता रहा क्योंकि टैक्निकल स्ट्रोंग होने के कारण मैंने बहुत जल्दी कार्य संभाल लिया। लेकिन वहां के मैनेजर दिनेश शर्मा जो कि फेडरल ऑटो वर्क्स के नाम से अपनी निजी कंपनी चलाता है अपने निजि कार्य भी धमकी स्वरूप करवाने लगा।


मैं आफिस के अलावा 4-5 घंटे उसकी कंपनी के डाटा का कार्य भी करता था। यहां तक कि रविवार को छुट््टी भी नसीब नहीं होती थी। ऐसा शोषण कई सालों तक चलता रहा लेकिन एक बार मैंने उनके निजी कार्यों को करना बंद कर दिया। और इसकी शिकायत सबूत सहित सीओ उपेंद्र राय, ए ए जैदी, राव विरेंद्र सिंह को भी की लेकिन दिनेश शर्मा ने सबको खरीद रखा है किसी ने मेरा साथ नहीं दिया। इस बात का  बदला दिनेश शर्मा ने कार्य पर आने के बावजूद अप्रैल 2020 में लॉकडाउन के दौरान 2 महीने बाद मिलने वाली सेलरी को रूकवा कर लिया। जब मैंने उससे पूछा तो अभद्रता के नाम पर मुझे एचआर में रिपोर्ट करने को कहा। जिसे में अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक सेहता रहा। यहां तक कि अक्टूबर 2020 के बाद की मेरी सेलरी भी रोक ली गई।

दिनेश शर्मा से मिला एचआर हेड अमिताभ चक्रबर्ती जिसने मुझे कहा अब तुम यहां क्या नौकरी करोगी तुम्हारी भलाई इसी में है कि तुम रिजाइन कर दो मैं तुम्हारा 2012 का बैकलॉक ग्रेज्यटी एवं पीएफ दिलवा दूंगा। अंततः मैंने सहारा से रिजाइन कर दिया लेकिन आज तक मुझे एक रूपया नहीं मिला यहां तक उन्होंने साजिश कर मेरे पीएफ एकाउंट को जून 2008 की जगह अक्टूबर 2013 कर दिया और पीएफ रिलीज नहीं किया। जिसकी शिकायत मैंने लेबर कमीशनर से भी की लेकिन वहां भी इनकी मिली भगत है।

यहां तक की सहारा श्री सुर्बोतो राय के जेल जाने पर 2014 में फिक्स के नाम पर 10000 रूपये भी हमसे लिये गये लेकिन अपने लोगों को उन्होंने पैसे दिये मुझे तो वह भी नहीं मिला। मेरे लगभग सहारा के पास 9 लाख रूपये से ज्यादा है और मुझे एक रूपया भी सहारा से नहीं मिला। मैंने अब कोर्ट का सहारा लिया है ऐसे ही अब कई लोग कोर्ट का सहारा लेने को तैयार हैं। मैं अपनी लड़ाई आखिरी दम तक जारी रखंूगा।
अंततः मेरा उद्देश्य अपनी पीड़ा को जगजाहिर करने का बस इतना है कि सहारा मैं बैठे चोरों के बारे में सबको पता चले।

धन्यवाद
रविन्द्र कुमार शर्मा
सहारा का भूतपूर्व कर्मी
ईसी न. 51549
Sahara India Network
Noida Sector -11
ps20022008@gmail.com
   

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