-एच.एल.दुसाध
मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी द्वारा आईआईटी में संस्कृत पढाये जाने का प्रस्ताव पेश किये जाने के बाद सोशल मीडिया में इसके खिलाफ विरोध का सैलाब पैदा हो गया है.लोग जिन शब्दों में इसका विरोध कर रहे हैं, उससे मोदी सरकार बैकफुट पर आती दिख रही है.वंचित वर्गों की ओर से उठ रहे प्रबल विरोध को देखते हुए अटल सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री रहे डॉ.मुरली मनोहर जोशी वर्तमान मानव संसाधन विकास मंत्री के बचाव में उतर आये है और ढाल बनाया है डॉ.आंबेडकर को.उनको ऐसा करते देख किसी को विस्मय भी नहीं हो रहा है .कारण, विज्ञान के प्रोफ़ेसर रहे डॉ.जोशी वह व्यक्ति हैं जिनका लम्बे समय से यह मानना रहा है-अंग्रेजी पेट भर सकती , लेकिन संस्कृत दुनिया की इकलौती भाषा है जो पेट , आत्मा और दिमाग, तीनों को एक साथ संतुष्ट कर सकती है.’इस बात यकीन रखते हुए उन्होंने अपने कार्यकाल में जिस तरह शिक्षालयों में ज्योतिष, पौरोहित्य, संस्कृत इत्यादि को बढ़ावा देने का बलिष्ठ प्रयास किया था, उसी से अनुप्राणित हो कर स्मृति इरानी आगे बढ़ी हैं.बहरहाल डॉ.मुरली मनोहर जोशी ने एक भाजपा समर्थित बहुपठित में लेख लिखकर यह साबित करने का व्यर्थ प्रयास किया है कि डॉ.आंबेडकर संस्कृत को बढ़ावा देने के पक्षधर थे.
30.4.16
संस्कृत को बढ़ावा देने के पीछे....
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मायावती की जीत क्या सामाजिक न्याय की हार होगी?
लेखक : Dr. Purushottam Meena 'Nirankush'
मनुवादी एमके गांधी द्वारा आमरण अनशन को हथियार बनाकर बाबा साहब को कम्यूनल अवार्ड को त्यागने को मजबूर किया गया। दुष्परिणामस्वरूप पूना पैक्ट अस्तित्व में आया। जिसके तहत सामाजिक और शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े उन वर्गों को, जिनका राज्य (सरकार) की राय में प्रशासन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, प्रशासनिक प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गयी। जिसके तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अजा, अजजा एवं ओबीसी को आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। जिसका मूल मकसद सामाजिक न्याय की स्थापना करना था।
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29.4.16
सिंहस्थ के कारण मध्य प्रदेश की अगर थू-थू होगी या हो रही है तो उसका श्रेय मध्यप्रदेश जनसंपर्क के कमिश्नर अनुपम राजन को
हिंदी सम्मेलन ने अगर मध्यप्रदेश की शान बढ़ाई तो सिंहस्थ को विवादों अव्यवस्थाओं के लिये याद किया जायेगा और सिंहस्थ के कारण मध्यप्रदेश की अगर थू—थू होगी या हो रही है तो उसका श्रेय जायेगा मध्यप्रदेश जनसंपर्क के कमिश्नर अनुपम राजन को। इस सिंहस्थ में सरकार की जितनी छीछालेदर हो रही है उतनी होने की कभी नौबत नहीं आई। सिंहस्थ के प्रचार में हजारों करोड़ फूंकने वाले जनसंपर्क विभाग ने इस बार विज्ञापनों की सौगात से किसी को नवाजने में कोई कसर नहीं छोड़ी क्या अखबार,क्या चैनल क्या एफएम? हां जिन वेबसाईट्स पर जमाने भर की शर्तें लादकर महीनों प्रचार करवाया गया सिंहस्थ आते ही उन्हें सिंहस्थ की विज्ञापन नीति से बाहर कर दिया गया। सवाल यह है कि आखिर अनुपम राजन सबको बांटें वेबसाईट्स को डांटें की नीति पर चल क्यों रहे हैं? जिन प्रचार समितियों को करोड़ों बांट दिये गये उनकी तो चर्चा ही नहीं है। और सबसे बड़े घोटालेबाज वेबमीडिया वाले घोषित हो गये।
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कर्मचारियों के धैर्य की परीक्षा कब तक लेगा सहारा
दावा : सहारा इंडिया विश्व का सबसे बडा परिवार (भावनात्मक) है। यह अपने आय का २५ फीसद कर्मचारियों के कल्याण पर खर्च करता है।
हकीकत : इस विश्व के विशालकाय परिवार में काम करने वाले कर्मचारी (इनके यहां कोई कर्मचारी नहीं सभी कर्तव्ययोगी होते हैं) को कभी भी निकाला जा सकता है वो भी बिना कारण बताये , बिना आरोप लगाये और बिना जांच कराये । जबकि इन्होंने कर्तव्य कांउसिल बना रखी है।
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व्यावसायिक क्षमता के अनुसार पत्रकार एवं गैर पत्रकार कर्मचारियों को वेतन देना अनिवार्य
सागर : श्रम जीवी पत्रकार एवं अन्य समाचार पत्र कर्मचारी अधिनियम 1955 के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा गठित मजीठिया वेतन बोर्ड द्वारा पत्रकार एवं गैर पत्रकार कर्मचारियों के वेतन भर्त्तो की अनुशंसाओं को दिनांक 11.11.2011 से लागू किया गया है जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 7.4.2014 को सभी याचिकाओं को निराकृत करते हुए वेतन बोर्ड की अनुशंसाओं को लागू करने के निर्देश दिए गये हैं।
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28.4.16
किसान और जवान दोनों परेशान, मौज करें बैंक लुटेरे तो कैसे बने देश महान
3 महीने में ऋणग्रस्त 116 किसानों ने की खुदकुशी तो पूर्व सैनिक हैं संसद की चौखट पर आन्दोलनरत... प्रभावशाली लोगों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को लूटने की खुली छूट और सरकारी संरक्षण.. जरा सोचिए, आज देश की तस्वीर इसके कर्णधारों द्वारा कितनी भयावह बना दी गई है। एक तरफ देश के कृषक व रक्षक कष्ट झेलने को विवश कर दिये गये हैं तो दूसरी ओर कुछ लोग जनता के गाढ़े पसीने की कमाई को दोनों हाथों लूट कर मौज कर रहे हैं। देश में एक तरफ जहाँ किसान लगातार आत्महत्या किये जा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर पूर्वसैनिक अपनी कुछेक मांगों को लेकर आन्दोलन को विवश हैं। जिस देश के किसानों तथा सैनिकों के हितों की अनदेखी की जाती हो और गिनती भर लुटेरे सरकारी संरक्षण में बैंकों में जमा लोगों की कमाई पर न केवल मौज कर रहे हों, बल्कि लिये गये ऋण को लौटाते भी न हों उस देश का भला कैसे हो सकता है?
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IFWJ का रंगमंच : कब खुद सामने आयेंगे नायक-खलनायक
लखनऊ : IFWJ को श्रमजीवी पत्रकारों का संगठन कहा जाता है इसलिये हर श्रमजीवी पत्रकार इसकी कार्यशैली पर सवाल उठाने का अधिकार रखता है। चाहे वो IFWJ से जुड़ा हो या नही। चाहे यूनियन के पदाधिकारियों का विवाद हो या बाहरी पत्रकार इसकी कार्यशैली पर आपत्ति दर्ज कराये अथवा सराहना करे। यदि तमाम पत्रकारों के बीच ( सोशल मीडिया) आरोप-प्रत्यारोप /तर्क- वितर्क का अखाड़ा खुदता है तो ये बुरा नही बल्कि अच्छी परम्परा है। पत्रकारों के संगठनों/यूनियनो के विवादो से जुड़े मसलो और तमाम पत्रकारो के बीच पारदर्शिता बेहद जरूरी है।
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रेल पटरियों पर भटकता बचपन
अभिषेक कांत पाण्डेय
रेलगाड़ी में सफर करने का आनंद आपने लिया होगा लेकिन शायद ही कभी आपने गौर किया होगा कि स्टेशन व ट्रेन के बीच मासूम बच्चों की जिंदगी कहीं खो गई है। खेत-खलियान व शहरों से गुजरती हुई रेलगाड़ी जब स्टेशन पर रूकती है तो अपकी निगाह उन बच्चों पर जरूर ठहरी होगी, जो रेलवे ट्रेक पर पानी की बोतलें इकट्ठा करते हैं, या उन बच्चों की टोलियों को देखा होगा जिनके गंदे-मैले कपड़े उनकी बदहाली को बयां करते हैं। हाथ में गुटखा-खैनी का पाउच लिए टेªन की बोगियों में बेचते हैं, देश के ये नौनिहाल। जहां इन्हें स्कूलों में होना चाहिए लेकिन पापी पेट के कारण यहां इनकी जिंदगी के हिस्से में केवल ट्रेन की सीटी ही सुनाई देती है। इन बच्चों का जीवन सुबह पांच बजे से शुरू होता है, स्कूल की घंटी नहीं ट्रेन की सीटी सुनकर झुंड में निकल पड़ते हैं इनके कदम और ट्रेन की बोगियों में गुटखा-खैनी बेचकर अपने घर का पेट पालते हैं।
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बीबीसी में यूपी के बुंदेलखंड पैकेज में हुए ‘खेल’ और कर्ज़ में फँसे किसानों की ज़मीनी हक़ीक़त का विवरण
पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश की ख़बरें बीबीसी पर न तो पढ़ने को मिल रही थीं और न ही रेडियो पर सुनने को. लेकिन आजकल शायद बीबीसी को भी उत्तर प्रदेश की याद आई है. वजह चाहे चुनाव हों फिर कुछ और, लेकिन बीबीसी आजकल उत्तर प्रदेश की ख़बरों को प्राथमिकता के आधार पर कवर कर रहा है. विशेष तौर पर पिछले दिनों जिस तरह से बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त इलाकों की ग्राउंड रिपोर्ट की वह बेहद सराहनीय रही.
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भाजपा का बुद्ध प्रेम दलितों के साथ छलावा है - दारापुरी
लखनऊ : “भाजपा का बुद्द प्रेम दलितों के साथ छलावा है ” यह बात आज एस.आर.दारापुरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस को जारी ब्यान में कही है. उन्होंने आगे कहा है कि भाजपा जहाँ एक ओर दलितों को रिझाने के लिए डॉ. आंबेडकर को हथियाने में लगी है वहीँ अब वह बुद्ध को भी हथियाने का जुगाड़ कर रही है. इस सम्बन्ध में हाल में ही राजनाथ सिंह ने हरी झंडी दिखा कर एक “धम्मचक्र यात्रा” सारनाथ से चालू की है जिस में एयर कंडीशंड बसें तथा इन्नोवा कारें लगायी गयी हैं. इस यात्रा के मुखिया राज्य सभा के पूर्व सदस्य भंते डी. धम्मवीरियो हैं जो कि काफी तिकड़मी हैं और पूर्व में लालू प्रसाद यादव के साथ थे परन्तु अब सत्ताधारी पार्टी के साथ आ गए हैं. इस यात्रा में इन के साथ 70-80 भंते भी हैं. यह यात्रा चार चरणों में उत्तर प्रदेश के लगभग 70 जिलों में जाएगी और हर जगह पर दो दिन रुकेगी. प्रत्येक स्थल पर एक एक टीवी तथा मोदी जी की आंबेडकर और बौद्ध स्थलों के भ्रमण की वीडियो सीडी भी दान में दी जाएगी.
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युवा गायक कृष्णानन्द की मौत मुझे अपराधबोध दे गई!
मोबाइल के कुछ चित्र कई बार अपने लैपटॉप में सहेज लेता हूं और ढूंढते हुए भाई कृष्णानन्द के ये चित्र मिल गए जो पिछले आठ फरवरी के हैं। यह गोमती नगर के मण्डी परिषद का आयोजन था जिसमें प्रख्यात गजल गायक गुलाम अली के साथ वह न सिर्फ बाजू में मंच पर बैठे थे बल्कि हारमोनियम पर संगत भी कर रहे थे। गुलाम अली एक गुणी गायक के साथ ही अच्छे हारमोनियम वादक भी हैं।
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भोजपुरी फिल्म ''देशप्रेमी'' का मुहूर्त किया गया मुंबई में
सालों पहले देशभक्ति से लबरेज़ एक हिंदी फिल्म आई थी माँ तुझे सलाम । इस फिल्म में प्रीति जिंटा, सन्नी देओल और अमरीश पूरी की बड़ी भूमिका थी। आज उसी तर्ज़ पर भोजपुरी फिल्मों के सबसे बड़े फाइनेंसर और लगभग सौ फिल्मों में अपना पैसा लगा चुके निर्माता दुर्गा प्रसाद ने एक क्रन्तिकारी कदम उठाते हुए भोजपुरी में पहली बार देशप्रेमी बनाने का ऐलान किया है।
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Simhastha Mahakumbh : Appeal to media persons
Bhopal : The ‘Indian Federation of Working Journalists’ (IFWJ) has appealed to media persons reporting the religious mega event of Simhastha Mahakumbh at Ujjain to respect the religious sensibilities of the people while filing their stories. Unnecessary ‘sensationalism’ and ‘derisive rationalism’ should be avoided as such matters are susceptible to hurt the religious sentiments of the believers.
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26.4.16
संजय जोशी से अब भाजपा के स्थानीय नेता भी दूरी बनाने लगे!
जबलपुर। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रचारक के रूप में अपनी एक अलग पहचान बना चुके संजय जोशी को जब भारतीय जनता पार्टी का संगठन महामंत्री बनाया था उस समय किसी ने नहीं सोचा था कि श्री जोशी अपनी ही पार्टी में इस कदर उपेक्षित हो जायेंगे कि राष्ट्रीय नेता तो दूर स्थानीय नेता भी उनसे अपनी दूरी बना लेंगे। उक्त स्थिति संस्कारधानी जबलपुर में देखने को तब मिली जब संजय जोशी का शहर में एक कार्यक्रम हुआ और स्थानीय भाजपा नेताओं ने उनसे दूरी बनाकर रखी।
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25.4.16
आरटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न और हत्याओं में महाराष्ट्र पहले नंबर पर, यूपी दूसरे स्थान पर
देश के आरटीआई कार्यकर्ताओं पर 315 से अधिक हमलों और 50 से अधिक हत्याओं के लिए पीआइओ-सूचना आयुक्त का भ्रष्ट गठजोड़ जिम्मेदार
येश्वर्याज के कैंप में हुई आरटीआई एक्ट के कानूनी पहलुओं पर चर्चा तथा सबसे खराब सूचना आयुक्त और आरटीआई के मार्ग की बाधा के चयन के लिए सर्वे
लखनऊ : यह भी क्या संयोग है कि साल 1976 में राज नारायण
बनाम उत्तर प्रदेश के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा संविधान के
अनुच्छेद 19 में वर्णित सूचना पाने के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया
गया था पर जनांदोलनों के कड़े संघर्ष के परिणामस्वरूप भारत की जनता को
प्राप्त सूचना का अधिकार अधिनियम लागू होने के लगभग 11 वर्ष बाद और राज
नारायण बनाम उत्तर प्रदेश मामले के इस निर्णय के 40 साल बाद भी उसी उत्तर
प्रदेश में लोगों को इस सूचना के अधिकार को लेने के लिए जद्दोजहत करनी पड़
रही है l इस जद्दोजहत की बानगी आज राजधानी लखनऊ में सामाजिक संस्था
येश्वर्याज सेवा संस्थान द्वारा आयोजित आरटीआई कैंप में दिखाई दी जहां
प्रदेश के सुदूर क्षेत्रों से आये सैकड़ों आरटीआई प्रयोगकर्ताओं ने अपने
जानने के मूलभूत हक के रास्ते में आने बाली समस्याओं के समाधान के लिए और
येश्वर्याज के सर्वे में भाग लेने के लिए अप्रैल की रिकॉर्डतोड़ गर्मी की
परवाह किये बिना अपनी उपस्थिति दर्ज कराई l
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मंत्री जी वेतन दिला दो, जिंदगी भर आपका पालतू कुत्ता बनके रहूंगा
मनेंद्रगढ़। डेढ़ साल से वेतन न मिलने से नाराज शिक्षाकर्मी ने प्रदेश के श्रम व खेल मंत्री भैयालाल राजवाड़े से जिले के एक शिक्षाकर्मी ने पत्र लिखकर वेतन दिलाने की गुहार लगाते हुए यह तक कह दिया है कि मंत्री जी आप मुझे मेरा वेतन दिलवा दो मैं आपका जिंदगी भर पालतू कुत्ता बनकर रहुंगा। इतना ही नहीं मंत्री को पत्र लिखने वाले शिक्षाकर्मी ने पत्र में यह भी कहा है कि मैं आपके जात राजवार समाज का कटृर समर्थक हूं।
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सृजन पक्ष की वर्षगांठ पर साहित्यकारों ने किया विमर्श
भोपाल। साहित्यकारों की प्रतिनिधि डेली आन लाइन मैगजीन "सृजन पक्ष" का एक वर्ष पूर्ण हो जाने पर भोपाल के हिंदी भवन में समारोह का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों से आये साहित्यकारों ने भी शामिल होकर साहित्य के विविध पक्षों पर चर्चा और रचना पाठ किया। उद्घाटन सत्र में अध्यक्ष मंडल के प्रतिनिधियों में सर्व श्री सूरज प्रकाश, राम किशोर मेहता, ए. असफल की अध्यक्षता में मणि मोहन जी के संचालन में सृजन पक्ष के एडमिन सुरेन्द्र रघुवंशी ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह एक ऐसी दैनिक ऑन लाइन पत्रिका है जिससे व्हाट्सएप्प तथा फेसबुक पर बड़ी संख्या में देशभर के साहित्यकार जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमें ख़ुशी है कि सृजन पक्ष की प्रथम वर्षगाँठ पर आभासी दुनिया के लोग आज वास्तविक दुनिया में प्रकट होकर अपने अनुभव साझा कर रहे हैं।
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'परिषद साक्ष्य' का जेपी-अंक यानी संपूर्ण क्रान्ति के नायक को नया हुंकार देती पत्रिका
शहंशाह आलम
इस सच से इनकार नहीं किया जा सकता कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 'संपूर्ण क्रान्ति' देश की आत्मा और देश की चेतना में अब भी पूरी तरह पैवस्त है। बिहार का सन् 1974 का छात्र-आंदोलन व्यवस्था-परिवर्तन के लिए जयप्रकाशजी की ललकार पर किए गए विश्व भर के उन आंदोलनों जैसा ही था, जोकि सफ़ल हुए थे। यह एक ऐसा अद्भुत आंदोलन था, जिसने लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, सुशील कुमार मोदी तथा प्रो. जाबिर हुसेन जैसे नेताओं को भी जन्म दिया, जो जयप्रकाशजी के विचारों को आज भी स्पष्ट और सार्थक तरीक़े से ज़िंदा रखे हुए हैं। बिहार विधान परिषद् की बहुचर्चित वैचारिक-साहित्यिक पत्रिका 'परिषद् साक्ष्य' ने अपने लोकनायक स्मरण-अंक के बहाने जयप्रकाशजी के विचारों को पुनरुज्जीवित किया है।
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विवाद के बाद बंद हुए 'उर्दू टाइम्स मुंबई' अखबार को 'मुम्बई उर्दू न्यूज़' नाम से लाने की तैयारी!
Written by दानिश आजमी
मुम्बई । उर्दू टाइम्स मुंबई का पिछले 3 महीने से प्रकाशन बन्द हो गया है। इसकी वजह चाचा भतीजे के बीच पारिवारिक सम्पत्ति का बटवारा बताया जा रहा है। सईद अहमद और इम्तेयाज के बीच चल रहे विवाद में मुम्बई का एक पुराना उर्दू अखबार लगभग 3 महीना पहले से पूरी तरह बन्द हो गया है। अभी तक दोनों फरीक किसी नतीजे पर नही पहुँचे है। अब उर्दू टाइम्स के पार्टनर सईद अहमद के भतीजे इम्तेयाज मुम्बई उर्दू न्यूज़ नामक अखबार लाने की जुगत में हैं।
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24.4.16
अंग्रेजी नहीं, भारतीय न्याय की आवश्यकता
लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभ में एक स्तंभ ऐसा है जिसे लेकर पूरे देशवासियों में दर्द में है। न्यायालय में सवा तीन करोड़ पेंडिंग मामले तीस करोड़ लोगों को प्रभावित करते हैं। और लोग यही चाहते है कि न्याय उनकी पहुंच में हो। अब संचार क्रांति का युग है। और आवेदक भी यही चाहते हैं कि कोर्ट आधुनिकता के हिसाब से चले। आनलाइन केस फाइल करने की सुविधा मिले। केस फाइलिंग के लिए वकीलों पर निर्भर ना रहना पड़े। हर दिन कोर्ट के चक्कर ना लगाने पड़े। आनलाइन जवाब और फोन पर बयान और आनलाइन उपस्थिति की सुविधा मिले। यह सुविधा सरकार ने अपने हिसाब से तय तो कर ली लेकिन लोगों तक सुविधा नहीं पहुंची। मप्र सरकार ने ईमेल से प्रशासन के जवाब को कानूनी मान्यता दे दी। केन्द्र सरकार भी पहल रही है। लेकिन वकील राज के कारण न्याय की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।
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यादव सिंह प्रकरण की सीबीआई जांच से सरकार-नौकरशाहों के बीच शह-मात का खेल
अजय कुमार, लखनऊ
उत्तर प्रदेश की नौकरशाही में एक बार फिर इतिहास दोहराया जा रहा है। खनन माफियाओं से मोर्चा लेने के लिये अखिलेश सरकार से भिड़ने वाली आईएएस अधिकारी दुर्गा नागपाल की तर्ज पर ही पीसीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और आईएएस अफसर सूर्य प्रताप सिंह ने भी अखिलेश राज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों नौकरशाह तो अखिलेश सरकार का कुछ खास नही बिगाड़ पाये हैं लेकिन सरकार ने दोनों के लिये ही मुसीबत खड़ी करते हुए दोनों के निलंबन का तांनाबाना बुन दिया है। सरकार की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है कि उक्त अधिकारियों ने सरकार के खिलाफ जाकर सेवा नियमावली की अवहेलना की है, जबकि नौकरशाह कुछ और ही दलील दे रहे हैं।
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काशी को दहलाने की क्या यह आतंकी साजिश?
प्रभुनाथ शुक्ल
धर्म और संस्कृति की नगरी काशी एक बार फिर दहशतगर्दों के निशाने पर थी। लेकिन बाबा भोलेनाथ की निगहबानी से एक और आतंकी साजिश विफल हो गयी। एक बड़ा हादसा टल गया। वरना नापाक मंसूबे के इरादे अपनी साजिश में कामयाब हो जाते। नापाक साजिशों के मंसूबे बेहद खतनाक थे। इस भयावहता की कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। लेकिन काशी और उसके वासी सुरक्षित रह गए। बाबा के साथ गंगा मइया की भी बड़ी कृपा रही। अगर आतंकी साजिश कामयाब हो जाती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जबाब देना मुश्किल होता। क्योंकि देश के पीएम का संसदीय क्षेत्र हैं। हमारी काशी आतंकी साजिश से बच निकली। चौथी बार इसे निशाना बनाया गया। शनिवार को वाराणसी कचहरी में गेट नम्बर-दो के पास से एक बैग में दो हैंडग्रेनेड बम पाया गया । विस्फोटक परिवार न्यायालय के करीब मनोरंजन कक्ष के पास रखा मिला।
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20.4.16
राज्यपाल कल्याण सिंह को स्वतंत्र लेखक व पत्रकार संतोष निर्मल ने अपनी किताब 'बॉलीवुड और उत्तर प्रदेश' की प्रति भेंट की
जयपुर। राज्यपाल कल्याण सिंह को स्वतंत्र लेखक व पत्रकार संतोष निर्मल ने अपनी नवीनतम प्रकाशित पुस्तक बॉलीवुड और उत्तर प्रदेश की प्रति राज्यपाल कल्याण सिंह को भेंट की। बोधि प्रकाशन जयपुर द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में उत्तर प्रदेश में जन्म लेने वाली प्रमुख फिल्मी हस्तियों के बारे में जानकारी दी गई है। पुस्तक का प्राक्कथन वरिष्ठ पत्रकार व कवि आलोक शर्मा ने लिखा है।
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19.4.16
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ताला लगा मिला तो सामाजिक कार्यकर्ता ने खुद शुरू कर दिया मरीजों का इलाज!
गाजीपुर : मंगलवार को देवकली विकास खण्ड के नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बासूचक पर सुवह के दस बजे तक चिकित्साधिकारी सहित कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा तो सामाजिक कार्यकर्ता ब्रज भूषण दूबे ने प्रतीकात्मक रूप से मरीजों का परीक्षण करना शुरू किया। पर्ची पर दवा लिखना व किसी प्रकार की दवा देना तो नहीं हो पाया किन्तु इलाज कराने आये सभी मरीजों को एक-एक गिलास दूध एवं फल जरूर खिलाया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एम0पी0 सिंह दूरभाष पर बताया कि दस बजे तक कोई चिकित्साकर्मी नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बासूचक पर नहीं पहुंचा तथा अक्सर यह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बन्द ही रहता है।
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कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता यूनिवर्सिटी : यहां छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जाता है....
रायपुर : छत्तीसगढ़ में कुछ वर्षों पहले शुरु हुई कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता यूनिवर्सिटी, अपने घोटाले और दर्ज केसों के चलते शिक्षा को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पूर्व वीसी सच्चिदानंद जोशी से लेकर रीडर शहीद अली और प्रोफेसर नरेंद्र त्रिपाठी तक सभी पर कोई न कोई केस या आरोप लग गया है। फर्जी दाखिला हो या पूरी की पूरी डिग्री ही फर्जी हो, इस यूनिवर्सिटी में कोई घोटाला ऐसा नहीं जो हुआ न हो। ताजा केस की बात करें तो मिली कम्प्लेन के मुताबिक यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एमफिल कर रहे कुछ छात्रों के रिजल्ट से छेड़छाड़ कर उन्हें फेल कर दिया है। दरअसल लिस्ट के रुप में 2 बार रिजल्ट नोटिस बोर्ड पर लगाया गया।
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Real story of Sahara india / subrat roy
सहारा के वैनर तले वर्तमान में जिन योजनाओं में पैसा लिया जा रहा है और जिन योजनाओं में जमाकर्ता और एजेंट भुगतान न होने की बात कर रहें है उन सभी योजनाओं से सहारा श्री सुब्रत रॉय का कोई वास्ता या कोई लेना देना नहीं है क्योकि सहारा श्री और उनके ब्लड रिलेटिव सभी ब्लैक लिस्टेड है अर्थात कोई भी कम्पनी या संस्था भारत में नही बना सकते। सुब्रत रॉय के तिहाड़ से बहार आने या ना आने से भुगतान की समस्या का समाधान नही होने बाला चूँकि सहारा श्री ने माननीय सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला की हमने OFCD के इन्वेस्टर को पूर्ण भुगतान कर दिया जबकि उन्होंने OFCD के इन्वेस्टर्स को अपने अधिकारी और कर्मचारी को धमका कर और एजेंटों को भारी भरकम कमीशन और ड्रा का लालच देकर सहारा क्यू शॉप नामक औचित्य हिन् योजना जिसमे भुगतान का कोई उल्लेख नही है में ट्रान्सफर करवा दिया।
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प्रत्युषा बनर्जी की जिंदगी पर आधारित फिल्म 'हर पल है यहाँ धोखा' का मुहूर्त मुम्बई में संपन्न
छोटे पर्दे की बड़ी स्टार बालिका वधु की आनंदी प्रत्युषा बनर्जी के मौत के चंद दिनों के अंदर ही उनकी जिंदगी पर आधारित फिल्म ''हर पल है यहाँ धोखा'' बनाने की भी घोषणा हो गयी है ! अपने पच्चीस साल की उम्र में जो प्रसिद्धि प्रत्युषा ने हासिल किया था वह आज के दौर में किसी भी कलाकार के लिए एक सपना ही होगा ।''झलक दिखला जा'' से लेकर बिग बॉस के घर तक अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज़ करा चुकी प्रत्युषा घर घर में लोकप्रिय थीं ।
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दो बार मसूरी नगपालिका के अध्यक्ष रहे गुनसोला जी का सम्पूर्ण व्यक्तित्व एक पहाड़ है
उत्तराखंड के राजनीतिक क्षितिज पर जिस दिन जोत सिंह गुनसोला जैसे सीधे-सच्चे, निर्गुटीय लोग चमकेंगे, उस दिन यहां के दिन बहुरने निश्चित हैं। दो बार मसूरी नगपालिका के अध्यक्ष रहे गुनसोला जी का सम्पूर्ण व्यक्तित्व एक पहाड़ है। वे बाहर से जितने भारी-भरकम और कठोर काया वाले दीखते हैं, अंदर से उतने ही सहृदयी और सम्वेदनशील हैं। आज तक मुझे ऐसा आदमी नहीं मिला, जिसने यह बताया कि मैंने जोत सिंह के चेहरे पर आक्रोश देखा और उनके शब्दों में कटुता सुनी है।
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UP Chief Minister orders for the Majithia Award Implementation Report
Lucknow : The Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav has taken a serious note of the memorandum submitted today by the Indian Federation of Working Journalists [IFWJ] which pointed out that despite the unambiguous order of the Supreme Court the State Government has failed to file the status report on the implementation of the Majithia Award. The order was passed a year ago on 28th of April 2015. The delegation apprised the Chief Minister that newspaper owners were adopting all nefarious and wicked methods to deny the wages and allowances to their employees and officials of the labour department appeared to be complicit with proprietors.
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17.4.16
फोटोग्राफर के बेटे ने मुझसे पैसे लिया और काम भी नहीं कराया
राष्ट्रीय सहारा बस्ती जनपद के हर्रैया तहसील कार्यालय के फोटो ग्राफर कृष्ण द्वयपायन मिश्र के बड़े पुत्र विवके मिश्रा ने मुझसे गैस सिलेंडर का पेपर बनवाने के लिये डेढ़ वर्ष पूर्व 2800 रुपया ले लिया. कहा कि मैं पेपर बनवा के आप को दे दूंगा।
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स्मारकों पर पथकर की बढ़ोतरी के प्रयास तेज
डा. राधेश्याम द्विवेदी
आगरा : पुरातत्व विभाग ने ऐतिहासिक स्मारकों की टिकट में बढ़ोतरी एक अप्रैल से लागू कर दी है । ताजमहल के दीदार के लिए विदेशी सैलानियों को अब 750 रुपये की जगह 1000 रुपये और भारतीय को 20 रुपये की जगह 40 रुपये की टिकट हो गई है। पूर्व में प्रस्तावित दरों में संशोधन किया गया है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा पहले टिकट की दरों में नवंबर में ही लागू करना चाह रहे थे, लेकिन पर्यटन लॉबी के विरोध के चलते मामला टल गया था।
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यूपी : कटघरे में खड़ी भदोही पुलिस?
भदोही । 17 अप्रैल । उत्तर प्रदेश की भदोही पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं । यह गलत है । हम कुछ लोगों की गलती की सजा पूरी पुलिस पर नहीँ मढ़ सकते । इसके लिए कहीँ न कहीँ से हमारी व्यवस्था भी जवाबदेह और ज़िम्मेदार है । भदोही पुलिस तमाम घटनाओं को खुलासा करने में कामयाब रही है । विशेष रुप से क्राइम ब्रांच की उपलब्धि हमारे लिए खास है । हम पूरी पुलिस व्यवस्था पर सवाल नही खड़ा कार सकते।
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पत्रकार देवेंद्र कौशिक सम्मानित
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण महासंस्था हरियाणा इकाई के लिए देवेंद्र कौशिक लगातार कार्य कर रहे हैं। इसी सेवा भाव को देखते हुए एक बार फिर श्री कौशिक को महासंस्था का पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। देवेंद्र कौशिक हरियाणा ईकाई में अपने कार्यों के लिए सभी के दिलों में राज करते हैं। श्री कौशिक युवाओं में काफी लोकप्रिय है।
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सड़कें कहरातीं हैं... क्यों हादसा हमें खून से नहलाती हैं...
एजाज
गांव की पगडंडी ही भली थी। मोहन बकरियां और झूरी अपने दोनों बैल हीरा और मोती को लिये पगडंडी के सहारे खेतों तक पहुंचा करते थे। हीरा-मोती के बंधे घूंघरूओं की आवाजें अब नहीं गूंजती...वो दिन बीत सा गया। हमें एक अजीबों गरीब नाम दे दी गयी है ‘सड़क’ वो भी पक्की सड़क। एनएच, एसएनएच, जीटीआर, पीसीसी न जाने कौन-कौन सी। मेरी बहन ‘सावधानी’ जब भी लोगों से दूर हटती, हादसा हमें खून से नहला जाता। तब मैं रो पड़ती...कहराती...देखती...सुनती... और यही पुकारती... अब मुझे खून से मत नहलाओ। इल्जाम बहुत सह लिया...ये हादसा को दूर भगाओ...मौत का साथी और जिंदगी के दुश्मन मुझे बदनाम कर रखा है। मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
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14.4.16
Global Support for Sin Tax on Sugary Drinks in India
San Francisco: Medical professionals from the US, UK, India, Brazil and Mexico have released a statement in support of a sin tax on sugar-sweetened beverages in India.
The statement can be read here and in Hindi here.
The statement, which has been mailed to key Members of Parliament and ministries in India this week, notes that a changing Indian diet is leading to an alarming increase in rates of obesity, type 2 diabetes, hypertension, and cardiovascular diseases in India. The statement warns that India stands to reverse decades of public health gains if these trends are left unaddressed.
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‘लोकतंत्र बचाओ- देश बचाओ’ मार्च, नये भारत के लिए देश को जगाना है - भाकपा (माले)
लखनऊ । भाकपा (माले) द्वारा 23 मार्च से 14 अप्रैल तक राष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे ‘लोकतंत्र बचाओ- देश बचाओ भगत सिंह-अम्बेडकर संदेश यात्रा’ के तहत आज भाकपा (माले) की लखनऊ इकाई की ओर से मार्च निकाला गया। इसका मुख्य नारा था - ‘उठो मेरे देश, नये भारत के वास्ते, भगत सिंह और अम्बेडकर के रास्ते’। इसमें पार्टी कार्यकर्ताओं के अलावा आइसा, एपवा, जन संस्कृति मंच, एक्टू, निर्माण मजदूर यूनियन आदि जन संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
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वर्तमान दौर में डायस्पोरिक सिनेमा
सक्षम द्विवेदी
प्रवासन एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि मनुष्य की उत्पत्ति के साथ से ही जारी है। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट बताती है कि सन 2005 में विश्व की कुल आबादी की 3 प्रतिशत जनसंख्या प्रवासितों की है। प्रवासन के फलस्वरूप जिस समुदाय का निर्माण हुआ उसे डायस्पोरा कहा गया। डायस्पोरा का शाब्दिक अर्थ बिखराव है, परन्तु यहूदियेां के बेबीलोन से पलायन के बाद पलायित समूह को डायस्पोरा की संज्ञा दी गयी। वर्तमान में प्रवासन तथा प्रवासित समूहों के अध्ययन हेतु ‘डायस्पोरा’ शब्द ही एकडमिक जगत में ग्रहण कर लिया गया है।
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13.4.16
Google Starts Translation Community from MCU
Google Ink officers interact with journalism and communication studies students
Bhopal, April 13. The translation in English to Hindi and other Indian languages and vice versa is not accurate generally through Google online translation service had came afore in the 10th World Hindi Conference. Now, Google has focused on increasing online translation skills for better translation. Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and Communication will help in this regard to Google. The Google has started the translation community with the help of MCU.
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President Pranab Mukherjee confers the prestigious Padma Shri on Madhu Pandit Dasa
New Delhi-12 April, 2016: The presentation ceremony of the prestigious Padma Shri was held in the historic Durbar Hall of the Rashtrapati Bhavan at 11:30 am on Tuesday. Continuing the tradition, the Hon’ble President of India Shri Pranab Mukherjee conferred the Padma Shri to Madhu Pandit Dasa, Chairman of The Akshaya Patra Foundation. At the ceremony, illustrious personalities recognised for contributions in varied fields were also present.
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वाहन चोर कांग्रेस नेता को दैनिक भास्कर के मार्केटिंग हेड का संरक्षण!
चोरी के चार पहिया लग्जरी वाहनों को खपाने के मामले में पुलिस के निशाने पर आए ग्वालियर मप्र के कांग्रेस नेता यदुनाथ सिंह तोमर को प्रदेंश के ही नंबर 1 अखबार दैनिक भास्कर के रीजनल मार्केटिंग हैड का ही संरक्षण प्राप्त है। इसकी चर्चा भास्कर की ग्वालियर यूनिट में भी है। क्योंकि कांग्रेस नेता के साथ रीजनल मार्केटिंग हेड की व्यावसायिक साझेदारी जगजाहिर है। जब भी कभी टारगेट पूरा करना होता था तो इन रीजनल मार्केटिंग हेड द्वारा कांग्रेस नेता यदुनाथ सिंह तोमर के फुल व हाफ पेज एड छाप दिए जाते। यही वजह रही कि कांग्रेस नेता के काले कारनामे अभी तक भास्कर में छपने के बजाय कभी कांग्रेस नेता को समाजसेवी तो कभी खेलप्रेमी बताकर समाचार छपते रहे।
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12.4.16
भला हो इस आईटी क्रांति का जिसने निठ्ठलों को भी रोजगार दे दिया, कोई व्हाटसअप तो कोई फेसबुक पर व्यस्त है
व्यंग्य : सोशल मीडिया और रोजगार
-विवेक दत्त मथुरिया-
कौन कहता देश में बेरोजगारी है? हमको तो कोई बेरोजगार नहीं दिखाई देता। सब अपने - अपने रोजगार में व्यस्त हैं। भला हो इस आईटी क्रांति का जिसने निठ्ठलों को भी रोजगार दे दिया। कोई व्हाटसअप पर तो कोई फेसबुक पर व्यस्त है। घर से लेकर बाहर तक कोई खाली नजर नहीं आ रहा। बात छात्र, नौजवान की हो या फिर घरों की चारदीवारी के अंदर रहने वाली बहन-बेटी हों सब बिजी हैं। अपने-अपने मोबाइल में इतने मशगूल हैं कि सर पर कोई खड़ा इसका पता ही नहीं चलता। योगियों की तरह एकदम समाधिस्थ अवस्था को प्राप्त हो जाते हैं। अब किसी योग गुरु की दरकार नहीं रह गई। सब इंटरनेट योग में व्यस्त और मस्त हैं।
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11.4.16
खुलासा : दैनिक जागरण के पत्रकार नरेंद्र पर आसाराम के गुर्गों ने ही किया था हमला
शाहजहांपुर के पत्रकार नरेन्द्र यादव पर हुए जानलेवा हमले की गुत्थी लगभग सुलझ गई है। पत्रकार की कथित संत आसाराम के गुर्गों ने ही हत्या करने की कोशिश की थी, जबकि पुलिस लगातार पारिवारिक और व्यक्तिगत रंजिश मानते हुए घटना को दबाने का प्रयास करती रही है। दैनिक जागरण और सरकार की भी भूमिका नकारात्मक रही है, जिससे पीड़ित पत्रकार न्याय और सच की लड़ाई में न सिर्फ अकेला पड़ गया है, बल्कि शारीरिक, मानसिक और आर्थिक संकट भी झेलने को मजबूर है, साथ ही जान पर संकट लगातार बना हुआ है।
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आईसक्रीम पार्लर (कहानी)
सक्षम द्विवेदी
आइसक्रीम से उसके होंठों का रंग गुलाबी से नारंगी हो जाता था। ये देखकर वैदिक के लिए उस सस्ती सी स्टिक वाली आरेंज की आइसक्रीम की वास्तविक कीमत लगा पाना मुश्किल हो जाता था। जैसे-जैसे आइसक्रीम का रंग फीका होता जाता उसके होठों का रंग और गाढ़ा होता जाता। घुटने के चोट के निशान के बाद आरेंज की आइसक्रीम ही थी जो कि शर्मिष्ठा को बेहद खुशी प्रदान करती थी।
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‘मतदाताओं की सरकार में कितनी और कैसी हो भागीदारी… एक बड़ा सवाल?
गुवाहाटी : ‘इस सत्य को कोई नकार नहीं सकता कि जन प्रतिनिधि लोगों द्वारा चुने जाते है, लेकिन सरकार, जनप्रतिनिधि नहीं, राजनैतिक दल बनाते हैं जो विधानसभा में अपना बहुमत सबित कर सरकार बनाते हैं, और, यहीं पर आम आदमी का सरकार से सीधा संवाद लगभग कट जाता है।‘
उक्त विचार गुवाहाटी के फैंसी बाज़ार स्थित श्री मारवाड़ी हिंदी पुस्तकालय में नारायण खाकोलिया की अध्यक्षता में आयोजित विचार गोष्ठी में व्यक्त किए गए। गोष्ठी का विषय था ‘मतदाताओं की सरकार में कितनी और कैसी भागीदारी’।
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बकाया देना उपेंद्र राय की जिम्मेदारी
सेफ एग्जिट लेने के बाद भी सहारा मीडिया के कर्मचारियों का पूरा भुगतान नहीं किया गया है। पहली बारी में सेफ एग्जिट लेने वालों का पीएफ और ग्रेच्युटी कंपनी नहीं दे रही है, दूसरी बारी में सेफ एग्जिट लेने वालों का पूरा का पूरा वेतन भी फंसा हुआ है और कंपनी द्वारा तय की गई समय-सीमा भी खत्म हो गई है, वहीं कॉमर्शियल प्रिंटिंग के कर्मचारियों को तो एक पैसा भी नहीं दिया गया है, जबकि दफ्तर में काम कर रहे तमाम कर्मचारी हालात के आगे मजबूर हैं।
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अमर उजाला के मालिक राजुल महेश्वरी जी के नाम खुला पत्र
आदरणीय श्री महेश्वरी जी
इस समय यूपी के फैजाबाद जिले में अमर उजाला की साख गिराने का काम किया जा रहा है, जो असह्य है. जो कई सालों से प्रतिष्ठान से जुड़े हैं उन्हें किन्ही न किन्ही कारणों से हटाया या परेशान ब्यूरो प्रभारी द्वारा किया जा रहा है. ब्यूरो प्रभारी धीरेन्द्र सिंह जो 2 साल पूर्व हिंदुस्तान अख़बार से आए हैं, अपनी मनमानी करते हुए बीट रिपोर्टरों के चोरी छिपे तौर पर विभाग में पैठ बनाने और निजी लाभ के लिए पहले न्यूज उलटी लिखते हैं फिर कुछ दिन बाद उसका खण्डन कर रहे हैं.
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ऑपरेशन ‘पर्दाफाश’
सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत मांगी गयी सूचना के आधार पर वन विभाग कहता है कि नवम्बर 2008 से मार्च 2010 तक हमारी जमीन पर कोई भी वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया, लिहाजा पेड़ों की स्थिति की जानकारी देने का औचित्य ही नहीं उठता। इधर जिस विभाग को वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की जिम्मेदारी दी गयी थी उसने वन विभाग की जमीन पर सफलतापूर्वक वृक्षारोपण की जानकारी मय दस्तावेज के शासन के पास भेज दी। गोलमाल का जब खुलासा हुआ तो जांच बिठायी गयी। जांच अधिकारी ने घोटाले की जानकारी तो दी लेकिन कथित भ्रष्टों को बचाने की गरज से गोलमोल जवाब भेजा। इतना ही नहीं जांच अधिकारी ने बिना इजाजत के जांच रिपोर्ट को रिव्यू करके दोबारा भेज दिया जबकि विधि स्थापित नियम है कि कोई भी अधिकारी अपनी जांच रिपोर्ट को रिव्यू नहीं कर सकता। बहरहाल मामला यहीं तक सीमित नहीं रहा। कथित भ्रष्टों ने दोबारा रिपोर्ट बनाकर शासन के पास भेजी। उसमें लिखा गया कि वृक्षारोपण पटना ;कुटकाद्ध पहाड़ी पर रोपित किए गए थे। सर्वविदित है कि पथरीली पहाड़ी पर पेड़ रोपित ही नहीं किए जा सकते। भ्रष्टाचार से जुड़ा यह सारा मामला आईने की तरह साफ हो गया। विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों को बस इंतजार था भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई का। विभागीय अधिकारियों को आश्चर्य तब हुआ जब भ्रष्ट अधिकारियों को सजा देने के बजाए प्रोन्नत कर दिया गया। विभाग के कर्मचारियों को उम्मीद थी कि अखिलेश सरकार के कार्यकाल में इन दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। लिहाजा समस्त दस्तावेज अखिलेश सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों तक भी पहुंचाए गए। भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का ऐलान करने वाले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में भी भ्रष्टों पर आंच तक नहीं आयी।
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कारपोरेट मीडिया को डबल फायदा : मोदी सरकार की चमचागिरी हो गई और केजरी से विज्ञापन मिल गया
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टीआरपी की तरह कुछ टिप्स बीआरपी/एफआरपी के लिए
जिस प्रकार से न्यूज़ चैनल वाले टीआरपी के लिए मरे जा रहें हैं यही हाल ब्लॉग वालों / फेसबुक वालों का हो चुका है। टीवी की टीआरपी है तो ब्लॉग की बीआरपी और फेसबुक पर एफआरपी। अब टीवी वाले क्या करतें हैं वही ब्लॉग लेखक और फेसबुक यूजर करें तो क्या कहने।
Posted by गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर 0 comments
Labels: बीआरपी के लिए टिप्स
10.4.16
सुन बाबू सुन, इस जूस में बड़े-बड़े गुन, लाख रुपयों की फ्री में दवा है, क्यों न आजमाए, बंद दिल खुलवाए.!!
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प्राइवेट कर्मचारियों को समर्पित एक कहानी.... मालिक चाहे जितना प्यारा और मुस्कराता दिखे, वह होता मालिक ही है...
एक राजा था। उसने दस खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे।
उसके दरबारियों और मंत्रियों से जब कोई मामूली सी भी गलती हो जाती तो वह उन्हें उन कुत्तों को ही खिला देता।
एक बार उसके एक विश्वासपात्र सेवक से एक छोटी सी भूल हो गयी।
राजा ने उसे भी उन्हीं कुत्तों के सामने डालने का हुक्म सुना दिया।
उस सेवक ने उसे अपने दस साल की सेवा का वास्ता दिया।
मगर राजा ने उसकी एक न सुनी।
फिर उसने अपने लिए दस दिन की मोहलत माँगी जो उसे मिल गयी।
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यूपी में जंगलराज : बाराबंकी के यासीन को जिंदा जलाने के लिए सपा नेता व पुलिस जिम्मेदार
पीड़ित की मां व भाई पर दर्ज फर्जी मुकदमा वापस लेते हुए उन्हें तत्काल रिहा किया जाए
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए
पीड़ित यासीन से लखनऊ सिविल अस्पताल में रिहाई मंच ने की मुलाकात
लखनऊ 10 अप्रैल 2016। बाराबंकी के हैदरगढ़ के मो0 यासीन जिनको सपा के दबंगों ने तेल छिड़कर जिंदा जलाने की कोशिश की उनसे रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव व शबरोज मोहम्मदी ने सिविल अस्पताल लखनऊ में मुलाकात की। बाराबंकी के वरिष्ठ अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा सपा संरक्षित स्थानीय दंबग और पुलिस का गठजोड़ इसके लिए जिम्मेदार है। मंच ने कहा कि एक शख्स के जिंदा जलाने की घटना जिसमें सपा मंत्री व पुलिस पर सवाल उठ रहा है उसके सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध न होना साफ करता है कि पुलिस न सिर्फ खुद को बचा रही है बल्कि हर संभव दबाव भी बनाने की कोशिश कर रही है।
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लोकसभा के एंकर के भाई की फर्जी नियुक्ति के विरोध को दबा रहा हिंदुस्तान अख़बार
आदरणीय सम्पादक जी
नमस्कार
महोदय जिला बुलन्दशहर के गांव लडाना के इंटर कालेज में एक सहायक अध्यापक की अवैध नियुक्ति लाखों रूपये लेकर नियमों को ताक पर रख कर दी गई है। इसके विरोध में पूरा गांव व कालेज प्रबंधन के काफी लोग पांच दिन से बीएसए कार्यालय बुलन्दशहर में अनिशित कालीन अनशन पर बैठे हैं। दैनिक जागरण व अमर उजाला इस प्रकरण को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहे हैं। लेकिन देश के प्रतिशिठत समाचार पत्र हिन्दुस्तान में प्रकरण को प्रकाशित नहीं किया जा रहा है।
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9.4.16
दशमी पुण्यतिथि : आज के नेता सीखें चौधरी साहब के व्यक्तित्व से ‘जनप्रतिनिधि का धर्म’
संसदीय जनतंत्र का तात्पर्य जनता के द्वारा जनता के लिए जनता का शासन’’ इस परिभाषा को मन-वाणी और कर्म से विश्लेषित करने वाले वास्तविक जनसेवक थे दिवंगत लोकसभा सदस्य चौधरी रघुराज सिंह। आज जबकि जनसामान्य के मताधिकार को लूटकर जनप्रतिनिधि ऐश-ओ-आराम का जीवन यापन करने के लक्ष्य-वेध की दिशा में कदाचारी आचरण कर रहे हैं, लिहाजा जनतांत्रिक मूल्यों का हृास होने लगा है। ऐसे में जनप्रतिनिधि के नैतिक मूल्यों के लिए चौधरी रघुराज सिंह का व्यक्तित्व ही अनुकरणीय है।
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यह आयोजन जनकवि रमाशंकर ‘विद्रोही’ को समर्पित होगा
सांस्कृतिक भड़ैंती, फूहड़पन के विरुद्ध, जनसंस्कृति के संवर्द्धन के लिए आठवां ‘लोकरंग (2016) 07-08 मई को गांव- जोगिया जनूबी पट्टी फाजिलनगर कुशीनगर में लोकरंग सांस्कृतिक समिति के तत्वाधान में आयोजित होने जा रहा है। लोकरंग सांस्कृतिक समिति विगत नौ वर्षों से लोकसंस्कृतियों के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य कर रही है।
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8.4.16
दिलीप कुमार यादव एक पाक्षिक कृषि समाचार पत्र का प्रकाशन शरू कर रहे हैं
प्रियवर,
भगवान श्री कृष्ण ने ब्योमासुर असुर को मारकर वायु प्रदूषण, कालिय नाग को नाथ कर यमुना नदी के प्रदूषण को दूर किया। उन्होंने गोचारण करके समूची मानव जाति को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। बिगडती पर्यावरणीय परिस्थितियों में कृषि और किसान दोनों परेशान हैं। किसानों की इस दर्दनाक परिस्थिति में हमने उनका हमराह होने का संकल्प लिया है। चंद लोग किसानों को बचाने के लिए एक पाक्षिक कृषि समाचार पत्र का प्रकाशन शरू कर रहे हैं।
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RBI Executive Director Enjoys 1,72,000/- festival advance without interest or it is interest free advance
I have attached the photocopies of RTI which is eye opener that Executive director of RBI enjoys interest free festival advance. Government talks of withdrawing subsidies, what is this? is it not subsidy?
Ramesh Babji Mhadlekar
mhadram@rediffmail.com
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रमाकांत के ग़ज़ल संग्रह ‘रोशनी है मगर अंधेरा है’ का भव्य लोकार्पण
रायबरेली। चर्चित कवि, संपादक, आलोचक रमाकांत के सद्यः प्रकाशित ग़ज़ल संग्रह ‘रोशनी है मगर अंधेरा है’ का भव्य लोकार्पण सदर तहसील के लेखपालसंघ सभागार में रविवार, मार्च 28, 2016 को संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ सुप्रसिद्ध शायर नाज़ प्रतापगढ़ी, प्रबुद्ध साहित्यकार रामनारायण रमण, वयोवृद्ध संत स्वामी गीतानंद एवं युवा साहित्यकार डॉ अवनीश सिंह चौहान द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्पण से हुआ।
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महिलाओं के अधिकार के नाम पर हम समाज को लैंगिक लड़ाई और अन्याय के खांचें में खींच रहे!
आपराधिक क़ानूनों में लैंगिक भेदभाव
पिछले दिनों देश की संसद ने Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015 पास कर दिया। इस संसोधित अधिनियम के लागू होने से 16 साल तक के किशोरों को जघन्य अपराध की स्थिति में उन पर वयस्कों पर लागू क़ानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2000 को स्थानांतरित करने वाला यह कानून केवल और केवल भीड़तंत्र की मांग पर संसद द्वारा पास कर दिया। एक अपवाद की घटना के सहारे पूरे के पूरे देश के किशोरों को दो साल पहले ही वयस्क कर दिया गया। अगर संसद यह मानती है कि 16 साल की आयु सोचे-समझे अपराध के लिए मुकम्मल है तो 16 साल की उम्र में मताधिकार, गाड़ी चलाना, एडल्ट फिल्में देखना और शराब पीने पर भी निषेध नहीं होना चाहिए और इन चीजों को भी कानूनी मान्यता मिलना चाहिए। अब अगर हमारी संसद केवल अपराध के लिए उम्र घटाती तो साफ है कि उसके द्वारा पास किया गया विधेयक तार्किकता पर आधारित नहीं है।
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7.4.16
डेन केबल नेटवर्क पर एनडीटीवी का प्रसारण रोकने के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
वाराणसी : देश के कई हिस्सों में डेन केबल नेटवर्क पर एनडीटीवी चैनल का प्रसारण नहीं किए जाने के कारण लोगों में निराशा और रोष है। इसी सिलसिले में 4 अप्रैल को बनरास के लहुराबीर इलाके में चंद्रशेखर आज़ाद पार्क में सद्भावना एकता मंच के बैनर तले शहर के सामाजिक राजनीतिक संगठनों और प्रबुद्ध जनों ने धरना प्रदर्शन किया। इसमें तमाम लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि किसी केबल नेटवर्क पर लंबे समय से किसी चैनल को बंद करना सूचना प्राप्त करने के जनता के मौलिक अधिकार का हनन है। इसके लिए इन लोगों ने लंबी लड़ाई लड़ने के साथ इसकी शिकायत संबंधित विभाग में करने की बात कही।
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