Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

27.2.21

राजस्थान पत्रिका अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा,

 

श्रम अधिकारी ने कहा अंतिम पेशी में अनुपस्थित रहने पर होगी एकपक्षीय कार्रवाई

 

जगदलपुर. राजस्थान पत्रिका प्रबंधन कोरोना लॉकडाउन में निकाले गए कर्मचारियों को मजीठिया वेजबोर्ड का लाभ देने में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में श्रम विभाग में लगाए गए परिवाद पर सुनवाई में जानबूझकर उपस्थित नहीं होकर मामले को लंबित कर रहा है। राज्य के भिलाई, बिलासपुर, रायपुर सहित अन्य संस्करणों के कर्मचारियों का मजीठिया वेजबोर्ड को लेकर विभिन्न जिलों के श्रम विभाग में मामला चल रहा है।     

न्यूनतम समर्थन मूल्य को और व्यवहारिक बनायें

डा. राधेश्याम द्विवेदी-

कृषि उपज (जैसे गेहूँ, धान आदि) का न्यूनतम समर्थन मूल्य वह मूल्य है जिससे कम मूल्य देकर किसान से सीधे वह उपज नहीं खरीदी जा सकता हो। न्यूनतम समर्थन मूल्य, भारत सरकार तय करती है। उदाहरण के लिए, यदि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2000 रूपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है तो कोई व्यापारी किसी किसान से 2100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीद सकता है किन्तु 1975 रूपए प्रति कुन्तल की दर से नहीं खरीद सकता। यह तो रहा कानूनी रुप जो होना चाहिए पर होता नहीं है।

26.2.21

दो-दो आर.एन.आई. वाला अनोखा अखबार

पत्रकारिता में हो चली फर्जीवाड़े की इंतेहा....

 



 
सिवनी। चिर परिचित नामों से साम्यता बनाने एकाध मात्रा था अव्यव-प्रत्यय (आगे पीछे लगने वाले उपसर्ग) में हेर-फेर कर फर्जी लाभ कमाने का सिलसिला काफी पुराना है। अब यह फर्जीवाड़ा मीडिया के दायरे में भी अपनी पैठ बनाने लगा हैं। नामों के मिलते-जुलते संस्करण अखबारों के नाम जिसे पत्रकारिता की भाषा में च्मास्ट-हेडज् कहा जाता है, आमतौर पर पेपर का टाईटिल। इसी को लेकर अनेक पत्रकार जो जनसंपर्क यानी पत्रकारिता के शासकीय विभाग के नियमों के तहत अपात्र की श्रेणी में आते है बेखौफ हो स्थापित पत्रों के नाम पर शोषण को अंजाम दे रहे हैं। अनेक शिकायतों के बाद भी जिला जनसंपर्क विभाग जो संचालनालय यानी डायरेक्ट्रेड स्तर का है कि चुप्पी सवालिया निशान खड़ा कर रही है।

PPFA demands unconditional apology from GPC

NJ THAKURIA
 
Guwahati: Patriotic People’s Front Assam (PPFA), a forum of
nationalist citizens in northeast India, while expressing serious
concern over a declared media interaction with a separatist militant
leader who continues to threaten the seventy and integrity of India at
Guwahati Press Club (GPC) recently, demanded an unconditional apology
from the press club committee.

औपनिवेशिक शोषण जैसी नीतियों से बाज आये सरकार

Krishan pal Singh-
    
पेट्रोल की कीमतों के शतक पार करने के साथ ही एक इतिहास रच गया है। भारत में बुलेट टेªन के इस जमाने में मंहगाई भी बुलट रफ्तार से लोगो की जिन्दगी कुचलने के लिये दौड पडी है। यह कुछ ही महीनों मंे पेट्रो पदार्थो की कीमतों में भारी उछाल में निहित झलक है। इस बीच किसान अपनी अस्तित्व चिन्ता में व्याकुलता की चरम सीमा तक जा पहुंचे है जिसकी छाप उनके अनंतकालीन हो रहे धरने में दिखाई दे रही है। नये कृषि कानूनों को अपने ऊपर सबसे बडी मार के रूप में संज्ञान लेकर वे इन्हें वापिस कराने के मुददे पर जीने मरने की लडाई लडने के लिये कूद पडे है जबकि इस युद्धघोष के शोर में डीजल की दरों में हुयी बडी बढोत्तरी से खेती के भविष्य पर जो प्रश्नचिन्ह लगा है उसे लेकर किसान सचेत नहीं हो पा रहा है। खेती की लागत लगातार बढाकर भी सरकार किसानों की आमदनी दुगुनी करने का जो दावा ठोक रही है उससे बडी लफ्फाजी दूसरी कोई नहीं हो सकती है।

25.2.21

मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने रणनीतिक निवेश के लिहाज से अनएकेडमी के साथ मिलाया हाथ

· समग्र शिक्षा के प्रसार की दृष्टि से अनएकेडमी ने की सचिन तेंदुलकर के साथ रणनीतिक साझेदारी

·  सचिन तेंदुलकर करेंगे लाइव इंटरएक्टिव कक्षाओं की एक सीरीज का संचालन, जो अनएकेडमी के लर्नर्स के लिए होगी निशुल्क उपलब्ध

· अनएकेडमी सचिन के साथ सामग्री आधारित एक गहरी साझेदारी विकसित करने पर कर रही है काम, अगले कुछ महीनों में होगा इसका खुलासा

· अनएकेडमी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सचिन तेंदुलकर की एंट्री।


 देश के सबसे बड़े शिक्षण मंच अनएकेडमी ने आज दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के साथ रणनीतिक साझेदारी करने का एलान किया। इस साझेदारी का उद्देश्य अनएकेडमी के लर्नर्स को संपूर्ण शिक्षण प्रदान करना है। इस साझेदारी के तहत सचिन तेंदुलकर लाइव इंटरएक्टिव कक्षाओं की एक सीरीज का संचालन करेंगे, जो लर्नर्स के लिए अनएकेडमी के प्लेटफाॅर्म पर निशुल्क उपलब्ध होगी। इसके साथ ही अनएकेडमी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में सचिन तेंदुलकर की एंट्री हो गई है।

निजी क्षेत्र को खुश करने की परंपरा बंद होनी चाहिए

संजय रोकड़े-

देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के अजंड़े को लागू करने का बिड़ा अब दमखम के साथ उठा लिया है। आरएसएस का एकमात्र और सीधा सा सूत्र है कि देश के तमाम संसाधन चंद लोगों के हाथों में आकर सीमित हो जाए और उसके बाद अधिकांश जनता इन चंद लोगों की तरफ हसरत भरी निगाहों से देखती रहे।

24.2.21

जागरण के संपादक अब खबर नहीं करा रहे विज्ञापन

vinod singh-
   

जागरण के संपादक अब खबर नहीं, करा रहे विज्ञापन... देश का नंबर वन अखबार अब धीरे-धीरे गर्त की ओर जा रहा है। संपादकीय की जिम्मेदारी जहां खबरों की होती थी। अब संपादकीय टीम विज्ञापन में जुट गई है।

महाभारत के सबसे प्रसिद्ध पात्र कर्ण के ऊपर बन रही फ़िल्म “सूर्यपुत्र महावीर कर्ण”

महाभारत के सबसे प्रसिद्ध पात्र कर्ण के ऊपर बन रही फ़िल्म “सूर्यपुत्र महावीर कर्ण” का टेलर लॉंच होते ही सोशल मीडिया पर छा गया है। फ़िल्म का ट्रेलर लॉंच होने के कुछ मिनट के भीतर ही ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। ट्रेलर को फ़िल्म जगत की कई सिलेब्रिटीज़ ने भी रीट्वीट किया है।

23.2.21

सूचना कानून का अनुपालन कराने वाला आयोग ही कर रहा है कानून का उल्लंघन

pardeep shukal-

सूचना आयोग के ही चिट्ठी से हुआ खुलासा... आरटीआई एक्ट के क्रियान्वयन  के लिए राज्य स्तर की सर्वोच्च  संवैधानिक  संस्था  उत्तर प्रदेश सूचना आयोग कि अपनी जिम्मेदारी एवं जवाबदेही के प्रति ढुलमुल रवैया के  बीच शिकायतें तो लगातार चर्चा में तो बनी ही रहती है। इस बीच आयोग के जन सूचना अधिकारी कार्यालय से आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप शुक्ला को प्रेषित एक पत्र ने  तो आयोग की पूरी पोल ही खोल दी है। पत्र ने कई तरफ इशारा करते हुए सबसे गंभीर सवाल यह खड़ा कर दिया है कि जब आरटीआई एक्ट का अनुपालन करने में आयोग ही नाकाम है तो वह प्रदेश के अलग-अलग विभागों में आरटीआई  का अनुपालन कैसे करा पाएगा। 



 

19.2.21

मथुरा के सर्राफ से करोड़ों की ठगी करने वाले लुधियाना निवासी योगेश्वर सूद को न्यायालय ने जेल भेजा भाई फरार

मथुरा :- मथुरा की पुलिस ने पंजाब के लुधियाना निवासी शुद्ध को गिरफ्तार न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां से जज ने उसकी जमानत खारिज कर जेल भेज दिया है अभी इस मामले में उसका भाई फरार है पुलिस उसे भी पकड़ने का प्रयास कर रही है। 


प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद की प्रसिद्ध फर्म कान्हा जेम्स एंड आर्ट गैलरी जीएम सराफ होली गेट से भगवान बद्रीनाथ के लिए बेशकीमती हीरा पन्ना जडित छत्र बनवाने के बाद रुपए न देने वाले एक शातिर जालसाज को मथुरा पुलिस ने लुधियाना से गिरफ्तार किया है। पुलिस गुरुवार देर रात उसे मथुरा ले आयी और कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया, वहां से योगेश्वर सूद को जेल भेज दिया। 

कोतवाली पुलिस ने गैर जमानती वारंट के आधार पर जालसाज योगेश्वर सूद को गिरफ्तार किया है जबकि धोखाधड़ी के मामले में नामजद उसका बड़ा भाई ज्ञानेश्वर सूद अभी फरार चल रहा है।

जिसमे मथुरा कोतवाली में 648/19 मुकदमा  पंजीकृत हुआ पंजाब के लुधियाना निवासी ज्ञानेश्वर सूद और योगेश्वर सूद ने भगवान बद्री विशाल के लिए मथुरा की प्रसिद्ध फर्म पीके ज्वेलर्स से हीरा जड़ित छत्र जिसकी कीमत 1करोड़ 31 लाख थी ऑर्डर देकर बनवाया था। छत्र लेने के दौरान दोनों भाइयों ने जल्दी ही रुपए देने का वादा किया था।

फर्म के स्वामी सरार्फ प्रवीण अग्रवाल प्रभात अग्रवाल से सूद बंधुओं द्वारा श्रीबद्रीनाथ धाम में अर्पित करने के लिए साढे 3 किलो सोने से बना हीरा पन्ना माणिक जड़ित बद्री विशाल का छत्र सूद बंधुओं को विश्वास में दे दिया गया। काफी समय बीत जाने पर भी बार-बार छत्र की कीमत मांगने पर सूद बंधुओं द्वारा रुपए नहीं दिए गए और उल्टे फोन पर गाली गलौज जान से मारने की धमकी दी जाती रही।

जिस पर दोनों भाइयों के खिलाफ कोतवाली मथुरा में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया। मामले में पुलिस द्वारा चार्ज शीट लगाने के उपरांत गैर जमानती वारंट एसीजेएम प्रथम द्वारा अभियुक्तों के खिलाफ जारी किए गए जिसके आधार पर पुलिस ने एक नामजद को लुधियाना से गिरफ्तार किया था।



18.2.21

अंतरराष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित हुए मंदसौर विश्वविद्यालय के डॉ. शेखर जैन

 इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्गनाइज्ड रिसर्च द्वारा दिया गया अंतरराष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार

बायो टेक्नोलॉजी  व माइक्रोबायोलॉजी में हैं कैरियर की अपार  संभावनाएं : डॉ शेखर जैन

 

मंदसौर । 18 फरवरी 2021  । मंदसौर विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान के विभागाध्यक्ष  डॉ. शेखर जैन को इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्गनाइज्ड रिसर्च  द्वारा अंतरराष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार २०२०-२१  से सम्मानित किया गया । डॉ. शेखर जैन मालवा क्षेत्र की प्रमुख फसलों जिनमें सोयाबीनगेंहू आदि की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तथा इन फसलों को मिट्टी में उपस्थित फफूंद से होने वाली बीमारियो से नियंत्रण में सूक्ष्मजीवो के उपयोग पर शोध कार्य कर रहे है । उन्हें इस क्षेत्र मे प्रतिष्ठित संस्थानों भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थाननई दिल्लीएमिटी यूनिवर्सिटीनोएडा में शोध कार्य करने के साथ ही १०  वर्षों से अधिक समय का अनुभव है । अब तक उनके  ३०  से अधिक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर शोध पत्र प्रकाशित हो चुके है । Elsevier, Springer, MDPI, Current Science, Wiley आदि शोध पत्रिकाओं में डॉ शेखर के शोध पत्र प्रकाशित   हो चुके हैं तथा कई प्रतिष्ठित संस्थाओ जैसे कि माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडियाएसोसिएशन ऑफ़ मिक्रोबिओलॉजिस्ट ऑफ़ इंडियाइंडियन फ़ायटोफथोलोजिकल सोसाइटीएशियन पीजीपीआर  सोसाइटीइंस्टिट्यूट ऑफ़ आर्गनाइज्ड रिसर्च के सक्रिय  मेंबर भी हैं।

17.2.21

क्रिएटिविटी के नाम पर बीजेपी की चापलूसी में लगे सुधीर चौधरी और ZEE NEWS

Himanshu Sharan-

कहने को तो ज़ी न्यूज़ के वरिष्ठ एंकर सुधीर चौधरी दावा करते हैं कि वो निष्पक्ष होकर पत्रकारिता कर रहे हैं लेकिन हकीकत देखी जाए तो सुधीर चौधरी सत्ताधारियों की गोद में बैठकर अपनी पत्रकारिता की दुकान चला रहे हैं…जिसका जीता जागता सबूत एक बार फिर सुधीर चौधरी के चैनल ने जनता के सामने पेश कर दिया…

'भारत में मीडिया शिक्षा के सौ वर्ष' विषय पर सम्पन्न हुआ राष्ट्रीय वेबिनार

देश के दिग्गज मीडिया शिक्षकों ने रखी बात

जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग , मंदसौर विश्वविद्यालय तथा कम्यूनिकेशन टुडे जर्नल के संयुक्त तत्तावधान में आयोजित हुआ वेबिनार

ज़िम्मेदार पत्रकार, शोधार्थी और नागरिक बनाने का ज़िम्मा लें मीडिया संस्थान- प्रोफ़ेसर के वी नागराज

नए अवसर और रोज़गार सृजन पर भी ध्यान देना होगा : प्रोफ़ेसर संजीव भानावत

आइआइएमसी, राजस्थान विश्वविद्यालय, गुआहाटी, असम और बीबीएयू लखनऊ से जुड़े वक़्ता  

Global media corona casualties reach 800, India at 55

NJ THAKURIA-
    
 
PEC lauds New Delhi’s gesture to victim families

Geneva/ Guwahati, 17 February 2021: Press Emblem Campaign (PEC), a
Switzerland based media watchdog, has lauded the Indian Union
government in New Delhi for exercising a massive corona-vaccination
program and also extending financial aids to the bereaved families of
media corona warriors. The acclaimed forum urges other nations to
follow the example and go for an early vaccination for journalists.

ऐसे में मोदी सरकार के साथ ही योगी सरकार से कैसे निपटेंगे भटकते समाजवादी?

CHARAN SINGH RAJPUT-
    
मैंने समाजवाद और प्रख्यात समाजवादियों के संघर्ष पर काफी अध्ययन किया है समझने का प्रयास किया है। मेरा मानना है कि सच्चे समाजवादी ही मोदी और योगी सरकार की दमनकारी नीतियों का विरोध कर सकते हैं। बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। मेरा आकलन यह है आज के स्थापित समाजवादियों के बस की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से निपटना नहीं है। इसका बड़ा कारण संघर्ष का अभाव और संगठन चलाने के रणकौशल में आई स्थिलता है। आज के समाजवादी बिल्ली के भाग से छींका टूटने की आस में बैठे हैं। अगले साल चुनाव हैं पर न देश और न ही किसी प्रदेश में कोई बड़ा राजनीतिक आंदोलन चल रहा है। वह भी तब जब महंगाई आसमान छू रही है। नये किसान कानून और श्रम कानून में संशोधन बड़ा मुद्दा राजनीतिक दलों के पास है। विपक्ष की बड़ी कमी वंशवाद के बल पर स्थापित नेतृत्व भी है।

16.2.21

आओ! थोड़ा बसंत हो जाएं ...

-प्रभुनाथ शुक्ल 

माघ अलविदा हो चला है। मौसम का मिजाज फागुनी हो चला है। जवान ठंड अब बुढ़ी हो गई है। हल्की पछुवा की  गलन सुबह – शाम जिस्म में चुभन और सिहरन पैदा करती है। गुनगुनी धूप थोड़ा तीखी हो गई है। घास पर पड़ी मोतियों सरीखी ओस की बूँदें सूर्य की किरणों से जल्द सिमटने लगी हैं। प्रकृति के इस बदलाव के साथ फागुन ने आहिस्ता- आहिस्ता क़दम बढ़ा दिया है। फसलों की रंगत बदल गई है।  गाँवों में रंग रंगीली होली के दिन करीब आने वाले हैं।  लेकिन होली की कोई आहट नहीँ दिखती।  प्रकृति तो हमें वसंत का भरपूर ऐहसास दिलाती दिखती है। सिवान की मेंडों से गुजरते वक्त फसलें उसी सिद्दत से पछुवा हवाओं के साथ झूम कर आलिंगन करती हैं। गदराई सरसों के खेत पीले- पीले फूलों और हरी फलियों से झुक गए हैं। अलसी और तीसी के नीले फूल झूम- झूम कर वसंत के स्वागत में लगे हैं। जौ की सुनहली बालियां बौराई सी झूम रहीं हैं। मटर फूल और फली से लद गई है। टेंशू , गेंदा और गुलाब फागुन की मस्ती में खिलखिला रहे हैं। अमराइयों में आम में लगे बौरों की मादकता अजीब गंध फैला रहीं है। भौंरे कलियों का रसपान कर वसंत के गीत गुनगुना रहे हैं। पेड़ों से पत्ते रिश्ते तोड़ वसंत के स्वागत में धरती पर बिछ जाने को आतुर हैं। प्रकृति और उसका ऐहसास फागुन के होने की दस्तक देता है। भौजाई की ठिठोली और मसखरी जाने कहां खो गई। फागुन के गीतों पर ढोल- मंजीरे की थाप सुनाई नहीँ देती है। पूर्वांचल में फागुन के गीत को फगुवा के नाम से पुकारा जाता है। लेकिन अब यह गीत और उसे गाने वाले लोग गायब हैं। 

बच्चे मन के सच्चे

अंजु पांडे-

कोरोना काल में जब सारे स्कूल बंद हो गए, एवं बच्चों को घर से बाहर जाकर खेलने की अनुमति भी नहीं मिली, तब मोबाइल पर बैठकर व्यर्थ समय गंवाने के बजाय  दिल्ली के कुछ बच्चों ने अपने समय का सदुपयोग की जो राह निकाली, उसने उन्हें आजीवन एक अनोखे बंधन में बांध दिया। लॉकडाउन के समय शुरू हुए दिल्ली सेवा भारती के “ईच वन टीच वन\" कार्यक्रम से जोड़कर डीपीएस, जीडी गोयंका, मॉडर्न स्कूल जैसे प्रतिष्ठित स्कूलों के 12 सौ से अधिक बच्चों ने अंबेडकर बस्ती, बाल्मीकि बस्ती, रविदास कैंप, कालकाजी संजय कैंप बस्ती, के बच्चों  को ऑनलाइन पढ़ाया , सुंदर-सुंदर कहानियां सुनाई, नृत्य सिखाया, आर्ट एंड क्राफ्ट में पेपर मेड गुलदस्ते, पेन स्टैंड,जैसी कई खूबसूरत चीजें बनाना भी सिखाई। यह सेवा यात्रा थी, संभ्रांत परिवारों के सर्व सुविधा संपन्न बच्चों की झोपड़ी में रहने वाले अभावग्रस्त बालकों से जोड़ने की। जिसने इनके बीच की दूरी को तय कर, दोनों ही के जीवन को अद्भुत दिशा दी। दिल्ली सेवा भारती के प्रांत प्रचार मंत्री, भूपेंद्र जी बताते हैं कोरोना काल बीतने के बाद “ईच वन टीच वन\" कार्यक्रम ने अब “टीन  सेवा\" का रूप धारण कर लिया है, जिसमें अब सेवा के बाद राष्ट्र भाव भी जुड़ चुका है।

अपने बुने जाल में खुद ही फंसते जा रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी, बड़ी चुनौती बने राकेश टिकैत

CHARAN SINGH RAJPUT-
    
किसान नेताओं ने प्रधानमंत्री के आंदोलनकारियों को आंदोलनजीवी और परजीवी कहने को किसान आंदोलन से जोड़ा है। देश में बड़े किसान नेता के रूप में उभरे भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। अब वह अक्टूबर तक किसान आंदोलन चलाने की बात कर रहे हैं। मतलब दो अक्टूबर महात्मा गांधी की जयंती पर वह देश में ऐसा कुछ करने जा रहे हैं जो न केवल मोदी सरकार बल्कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के लिए भी भारी पडऩे वाला है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा के साथ ही दूसरे राज्यों में किसान आंदोलन के समर्थन में हो रहीर महापंचायतें और इनमें राकेश टिकैत का प्रमुखता से पहुंचना मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। गाजीपुर बार्डर लगातार किसान आंदोलन के समर्थन में साधु संतों के साथ ही विभिन्न वर्ग और धर्मों के लोगों का पहुंचना जारी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्मिलों और जाटों में बढ़ी दूरी का कम होना अगले साल उत्तर प्रदेश में हो रहे चुनाव के लिए खतरे की घंटी माना जा रहा है। महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी ने भी आंदोलन में पहुंचकर किसान नेताओं को पूरा समर्थन दिया है।

PEC expresses concern over complete internet shut down in Myanmar

Geneva/Guwahati, 15 February 2021: After the military coup in Myanmar on 1 February, the junta has now cut down internet services across the south-east Asian country from Monday seemingly to start an aggressive military action against millions of pro-democracy Burmese protesters and thus put their securities in danger, said Press Emblem Campaign (PEC), a Switzerland based media watchdog.

ABP Network-CNX conducts Opinion Poll for West Bengal Assembly Elections 2021

 

ABP Network-CNX conducts Opinion Poll for West Bengal Assembly Elections 2021

Noida, 15th February 2021: India’s leading media conglomerate, ABP Network has revealed the findings of its Opinion Poll Survey for West Bengal Assembly Elections 2021. Conducted with research partner, CNX - the opinion poll survey provides a clearer picture of how the ballot game stands in West Bengal. 

उत्तराखंड सीएम हेल्प लाइन का हाल-बेहाल

arun srivastava-
    





बात न किसी घपले-घोटाले की है और न वित्तीय अनियमितता की। फिलहाल  बात "उत्तराखंड सीएम हेल्प लाइन" की है। पता नहीं कहां से मैंने सुन रखा था कि, सीएम हेल्प लाइन काफी कारगर होती है, इसकी निरंतर समीक्षा होती है। यहां से शिकायत आने आने पर अधिकारियों की पुलपुली (कहां होती है पता नहीं) कांप जाती है। मैंने भी सोचा चलो क्यों न देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के सीएम हेल्प लाइन की शरण ली जाए। मैंने 18 सितंबर 2020 को श्रम विभाग से संबंधित एक शिकायत 1905 के माध्यम से दर्ज कराई जो 106393 के क्रम में पंजीकृत हुई। पर आज की तारीख तक नतीज़ा " ढाक के तीन पात" रहा। मामला पत्रकारों/गैर पत्रकारों के लिए गठित मजीठिया वेजबोर्ड की संस्तुतियों के आधार पर वेतन एवं अन्य पर परिलाभ के लिए था। श्रम विभाग में (01/2016) दायर किया गया था। किंतु सीए की  वजह से पदनाम गलत हो गया। महीनों की लंबी लिखा-पढ़ी के बाद भी पद नाम में विभाग ने सुधार नहीं किया। 

Sanjaya Baru at Kalinga Literary Festival

New Delhi: Eminent author Sanjaya Baru joined KLF Bhava Samvad with journalist Pallavi Rebbapragada to converse about his latest book 'Beyond Covid Shadow'.

He began with saying, "Privatizing is not the easy way out. Somehow assuming privatizing is the easier option is not correct. It has its own difficulties as we've seen in the different parts of the country. But Delhi is a very peculiar and high income market and a very pampered market.

ABP News reveals it all in its new FPC

 New offerings and new timings to add depth to the channel’s content portfolio 

Noida, 16th February, 2021: India’s leading Hindi News Channel, ABP News has revealed certain key changes in its fixed point chart, adding much more diversity, depth, and strength to its content portfolio. 

14.2.21

ग्राम प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति तक की शैक्षिक योग्यता तय हो

chandra prakash gautam-

आजादी और हम... आज मौजूदा देश की हालात देखते हुए यह लिखना पड़ रहा है कि ग्राम प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री राष्ट्रपति तक की शैक्षिक योग्यता तय होना चाहिए । आम जनता राजनेताओं द्वारा जिस तरह से विकास के नाम पर ठगी  जा रही  है। देश की अर्थव्यवस्था जिस तरह से गर्त में जा रही है । उससे यह साफ  मालूम पड़ रहा है कि उन राजनेताओं में देश संचालन की योग्यता ही नहीं है । जैसा कि आप सब जानते हैं कि भारत गाँवों  में बसता है जब गाँव  के प्रधान की योग्यता तय होगी तभी गाँव के मूर्खतापूर्ण राजनीति में सुधार होगा मेरा तो मानना है कि ग्राम प्रधान की कम से कम योग्यता स्नातक होना चाहिए ।  स्नातक के नीचे जो भी शिक्षा ग्रहण किया हो वह प्रधान पद के लिए अमान्य होना चाहिए । ऐसे ही प्रधानमंत्री राष्ट्रपति शिक्षा मंत्री आदि सभी की शैक्षिक योग्यता  परास्नातक व पीएचडी होना चाहिए ।

11.2.21

पत्रकार की बेवा की दर्द भरी दास्तान

जिसकी सब सुनते थे उसकी बीवी की अब कोई सुनने को तैयार नहीं, प्रशासन ने दिखा दिया घर के बाहर का रास्ता

बिल्हौर। वह एक पत्रकार था। दूसरों की अंगुलियां थाम कर आगे बढ़ा था। अपनी कलम के जरिए लोगों के हक की खातिर लड़ता था। और लोगों के हक की यह लड़ाई इतनी लंबी हो गई। कुछ लोगों से अदावत इतनी बढ़ गई कि गोली मारकर उसे रास्ते से हटा दिया गया। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई बल्कि सही मायने में बात की शुरुआत ही यहीं से हुई। पति नवीन गुप्ता की मौत होते ही भाई की नजर लाखों की दौलत पर पड़ गई। पति के द्वारा अपनी मेहनत से खड़ी की गई लाखों की दौलत की असली वारिस उसकी पत्नी किरन गुप्ता बनी। पत्रकार की बेवा से लाखों की चल अचल संपत्ति कैसे हड़पी जाए। इसके लिए घर के लोग ही इकट्ठा हो गए। सास ससुर ने अपने दूसरे बेटे को मजबूत करने के लिए मजबूर होकर उपजिलाधिकारी के कोर्ट में वरिष्ठ नागरिक का हवाला देते हुए गलत चाल चलन वाली बहू से  अपनी जान को खतरा बता दिया।  

अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सरकारी हमले के खिलाफ़ संयुक्त बयान

अभिव्यक्ति की आज़ादी पर सरकारी हमले के खिलाफ़ दलित लेखक संघ, प्रगतिशील लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, इप्टा, प्रतिरोध का सिनेमा, न्यू सोशलिस्ट इनीशिएटिव और जनवादी लेखक संघ का संयुक्त बयान:

प्रवर्तन निदेशालय द्वारा 09/02/2021 को स्वतंत्र मीडिया पोर्टल ‘न्यूज़क्लिक’ के दफ़्तर पर तथा उसके स्वत्वाधिकारी, निदेशकों और सम्बद्ध पत्रकारों के घरों पर छापे डालना बेबाक पत्रकारिता का दमन करने की कोशिशों की सबसे ताज़ा कड़ी है। मोदी सरकार शुरुआत से ही सच का साथ देनेवाले पत्रकारों और मीडिया संस्थानों को निशाने पर लेती आई है। प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग, पुलिस—इन सभी महकमों का इस्तेमाल निडर मीडिया को डराने-धमकाने और ग़लत मामलों में फँसाने में किया जाता रहा है। सीएए विरोधी आंदोलन और किसान आंदोलन के साथ इस तरह की दमनकारी हरकतों में और तेज़ी आई है। ज़्यादा दिन नहीं हुए, अपनी आलोचनात्मक धार के लिए सुपरिचित छह पत्रकारों पर राष्ट्रद्रोह के आरोप के साथ एफआईआर दर्ज की गई थी। सिंघू बॉर्डर से पत्रकारों की गिरफ़्तारियाँ भी हुईं। कश्मीर में पत्रकारों का उत्पीड़न लगातार जारी है और उत्तर प्रदेश में हाथरस मामले की रिपोर्टिंग करते पत्रकारों को फ़र्ज़ी आरोपों के तहत गिरफ़्तार किए जाने की घटना भी अभी पुरानी नहीं पड़ी है।

पीयू रजिस्ट्रार के फैसले से मुसीबत में फसे सूचना अधिकारी


नियुक्तियां हुई, लेकिन दस्तावेज गायब ?

 Rajinder K. Singla-

पंजाब यूनिवर्सिटी के अपीलीय अधिकारी व वर्तमान रजिस्ट्रार विक्रम नय्यर ने हाल ही में किए अपने एक फैसले में स्पष्ट किया है कि पीयू एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच के डिप्टी रजिस्ट्रार तथा बलाचौर स्थित कंस्टिचुएंट कॉलेज के प्रिंसिपल यूनिवर्सिटी द्वारा की गई कुछ असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियों के दस्तावेज नहीं दिखा पा रहे, जिनके चलते  उन्हें 15 दिन के भीतर यह दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

पत्रकार ने आईजी मोहित अग्रवाल, डीआईजी अनन्तदेव, सीओ गीतांजलि, एसओ मनोज रघुवंशी पर लगाए गंभीर आरोप

नजीराबाद में दर्ज दो मुकदमे की जांच करने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची कानपुर

थाना नजीरबाद में दर्ज दो मुकदमे की जांच करने कल सुबह बुधवार को टीम पहुँची कानपुर

सैफई के सुघर सिंह पत्रकार ने नजीरबाद पुलिस पर फर्जी फँसाये जाने का लगाया था आरोप


कानपुर नगर । सैफई के वरिष्ठ पत्रकार सुघर सिंह को थाना नजीराबाद कानपुर नगर पुलिस द्वारा दो मुकदमे लगाकर जेल भेजे जाने की जांच करने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम दिल्ली से कानपुर आ चुकी है।

सुघर सिंह पत्रकार ने आईजी मोहित अग्रवाल, डीआईजी अनन्तदेव, सीओ गीतांजलि, एसओ मनोज रघुवंशी, पर फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेजने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मेरे द्वारा कानपुर के थाना फजलगंज, थाना पीजीआई लखनऊ, थाना पीपरपुर अमेठी, थाना सैफई जिला इटावा, थाना करहल जिला मैनपुरी में जो मुकदमे दर्ज कराए गए थे उनमें दो में चार्जसीट जा चुकी है उनमें समझौता करने का दबाब बनाने के लिए उक्त फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए है। 

ओला इलेक्ट्रिक स्‍कूटर्स की अपनी मेगा-फैक्‍ट्री में करेगा एबीबी रोबोटिक्‍स एवं ऑटोमेशन समाधानों का उपयोग

 एबीबी की रिमोट डिजिटल कनेक्टिविटी और मॉनिटरिंग टेक्‍नोलॉजी का ओला के प्रोप्रायटरी एआई इंजन और टेक स्‍टैक पर होगा उपयोग

भारत, 11 फरवरी, 2021:  भारत की अग्रणी वैश्विक मोबिलिटी कंपनी, ओला ने आज घोषणा की कि इसने भारत में अपने मेगा-फैक्‍ट्री के लिए रोबोटिक्‍स एवं ऑटोमेशन समाधानों हेतु एबीबी का अपने एक प्रमुख पार्टनर के रूप में चुनाव किया है। ओला की इस मेगा फैक्‍ट्री से बहु-प्रतीक्षित ओला इलेक्ट्रिक स्‍कूटर तैयार होंगे। ओला की स्‍कूटर मेगा फैक्‍ट्री, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी स्‍कूटर फैक्‍ट्री होने का दावा है, को आने वाले महीनों में तैयार होकर चालू हो जाने का अनुमान है।

भारतीय मुसलमान सर्वश्रेष्ठ

डॉ. वेदप्रताप वैदिक

कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद की संसद से बिदाई अपने आप में एक अपूर्व घटना बन गई। पिछले साठ—सत्तर साल में किसी अन्य सांसद की ऐसी भावुक विदाई हुई हो, ऐसा मुझे याद नहीं पड़ता। इस विदाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व के एक अज्ञात आयाम को उजागर किया। गुजराती पर्यटकों के शहीद होने की घटना का जिक्र करते ही उनकी आंखों से आंसू आने लगे। लेकिन उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह हुई कि गुलाम नबी आजाद ने अपनी जीवन-यात्रा का जिक्र करते हुए ऐसी बात कह दी, जो सिर्फ भारतीय मुसलमानों के लिए ही नहीं, प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूँ। यही बात अब से 10-11 साल पहले मेरे मुँह से अचानक दुबई में निकल गई थी। 

"हिंदी एकमात्र भाषा है जिसमें दुनिया की कोई भी भाषा लिखी जा सकती हैं"

 रेडियो प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रसिद्ध रेडियो एनाउंसर कमल शर्मा ने चौथे दिन कहा-

रेडियो में पहला श्रोता माइक्रोफॉन होता है- श्री कमल शर्मा



मन्दसौर। हमारे देश में श्रुति परम्परा रही है और रेडियो भी इसी परम्परा का हिस्सा है। एक प्रसारणकर्ता के लिए आवाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक वक्ता को भाषा का अनुशासन पालन करना अनिवार्य है। हिंदी एकमात्र भाषा है जिसमें दुनिया की किसी भाषा को लिखा जा सकता है। गलत उच्चारण से शब्दों के मायने बदल जाते हैं, अर्थ के अनर्थ हो जाते हैं। उक्त उद्गार प्रसिद्ध रेडियो एनाउंसर कमल शर्मा ने कहे। वे मन्दसौर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित रेडियो पर छः दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के चौथे दिन वॉइस ऑवर विषय पर छात्रों को प्रशिक्षण देते हुए बोल रहे थे।

9.2.21

बंगाल के मिठास के आगे हारेगी कड़वाहट की राजनीति

-भास्कर गुहा नियोगी

कोलकाता  : सुर और स्वाद में मिठास की जमीन है बंगाल। चाहे वो गुरूदेव के गीत और कविताएं हो, हवा सी मुक्त बाउल गीत हो या फिर संथाली गीत-संगीत सारे के सारे जीवन में मिठास घोलते है। इनके छंद-बंद में चाहे जितनी विभिन्नताएं हो पर इनके मूल में मानव प्रेम और मुक्ति की कामना है मुक्ति घृणा, नफरत और वैमनस्य से। सती प्रथा के नाम पर आग में जबरन झोंक दिए गए बाल विधवाओं की चीखों के खिलाफ राजा राममोहन राय खड़े ही नहीं हुए तत्कालीन पाखंडी समाज के तीव्र विरोध के बावजूद कानून लाकर उसे बंद करवाया। विधवा विवाह और स्त्री शिक्षा को लेकर विद्यासागर की लड़ाई को कोई कैसे नजर अंदाज कर सकता है जिसने स्त्री मुक्ति के लिए रुढ़ियों के बंद दरवाजों को ढहा दिया या फिर भक्ति आंदोलन के अग्रणी दूत चैतन्य महाप्रभु को जिन्होंने सामंती समाज के साये में पल रहे जातिप्रथा को नकार हर एक को गले लगाकर प्रेम करने की तहरीक चलायी कुल मिलाकर बंगाल की सरजमीं की मिजाज को अगर हम पढ़ने और समझने की कोशिश करें तो जो बात समझ में आती है वो ये कि कड़वाहट पर यहां की मिठास हमेशा भारी पड़ी है।

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में भर्ती घोटाला

Amitesh Agnihotri-
 

उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में भर्ती के नाम नाम पर बड़ा खेल हुआ है और कुलपति ने अपने चहेते  लोगों को जगह देने के लिए यूजीसी के सारे नियम कानूनों को ताक पर रख दिए गए। इसके तहत न केवल आरक्षण के नियमों को ताक पर रख दिया गया बल्कि मनमाने तरीके से भर्तियों में खेल किया गया। कुलपति की तानाशाही रवैये का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि विश्वविद्यालय ने सूचना के अधिकार के तहत इस विषय में जानकारी देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया है कि यह विषय बेहद गोपनीय है इसलिए यह सूचना नही दी जा सकती।

7.2.21

किसान आंदोलन से लौटा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का भाईचारा

CHARAN SINGH RAJPUT-

सत्तारूढ़ भाजपा के साथ ही विपक्ष की सपा, बसपा व रालोद के लिए चुनौती बनकर उभर रहे हैं राकेश टिकैत

किसान आंदोलन ने जहां किसान की ताकत का अहसास मोदी सरकार को कराया है वहीं पश्चिमी उत्तर के बिगड़े भाईचारे का फिर से लौटा दिया है। जिस मुजफ्फरनगर के दंगे के नाम पर भाजपा ने 2014 में न केवल केंद्र की सत्ता हथियाई थी बल्कि 2017 में देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश पर भी फतह हासिल की थी। उसी मुजफ्फरनगर के किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन से ऐसा माहौल बना दिया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सत्ता के लिए मुस्लिम-हिन्दूओं में पैदा की गई नफरत भाईचारे में बदल रही है। किसान आंदोलन में जहां जाटों के साथ विभिन्न वर्गों के जुड़े किसान भारी संख्या में भागीदारी कर रहे हेैं वहीं जाटों से दूरी बनाकर चल रहे मुस्लिम भी आंदोलन में आ डटे हैं।

पत्रकारिता करने वाले हर एक छात्र को मीडिया इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है...

पत्रकारिता करने वाले हर एक छात्र को मीडिया इडस्ट्री मेे कदम रखने से पहले उसे यह जाना बहुत जरूरी है कि वह किस न्यूज़ चैनल में अपने सपनों को लेकर पहला कदम रखने जा रहा है क्योंकि इस समय कोरोना महामारी ने हर इंडस्ट्री पर अपना प्रभाव छोड़ा है 

2.2.21

Union Budget cannot Fulfil the Expectation of Children

 RTE Forum's Statement on Union Budget 2021-22
 
‘Union Budget 2021-22 cannot Fulfil the Expectation of Right to Education of Children and Address the Challenges posed by COVID-19 Pandemic as Allocations are Highly Inadequate Reducing Total Education Budget by 6% from Previous Year (BE)

આજ રોજ કેન્દ્ર સરકાર દ્વારા રજુ કરવામાં આવેલ બજેટ લઘુમતી સમુદાય માટે નિરાશાજનક

આજે કેન્દ્ર સરકાર દ્વારા સંસદમાં ૨૦૨૧-૨૨ નું બજેટ વિત્ત મંત્રી નિર્મળા સીતારમણ દ્વારા રજુ કરવામાં આવેલ, આ બજેટમાં લઘુમતી કાર્યમંત્રાલય નું બજેટ ઘટાવી દેવામાં આવેલ છે. પાછલા વર્ષ ૨૦૨૦-૨૧ નું બજેટ ૫૦૨૯ કરોડ હતું જયારે આ વર્ષ ૨૦૨૧-૨૨ માટે ૪૮૧૦.૭૭ કરોડ રૂપિયા પ્રસ્તાવિત કરવામાં આવેલ છે, પાછલા વર્ષની તુલનામાં આ વર્ષે ૨૧૮.૨૩ કરોડની કમી કરવામાં આવેલ છે.

शुभम तिवारी निर्मित फिल्म 'दुलार' की टीज़र लॉन्च

Report : Sanjana Singh
 
अभिनेता गौरव गिरी की टेली फिल्म 'दुलार' की टीज़र 1 फरवरी लॉन्च कर दी गयी है। शुभम तिवारी फिल्मस के बैनर तले बनी इस टेली फिल्म  को मुज़फ़्फ़रपुर में शूट किया गया है । फिल्म के निर्माता शुभम तिवारी हैं जबकि निर्देशक आजाद खान है। 


ऑफिस से घर जाते समय गुरुग्राम बस अड्डा पर अमर उजाला ब्यूरो चीफ की हुई पिटाई

25 जनवरी की शाम ऑफिस का कार्य खत्म करने के बाद जब गुरुग्राम अमर उजाला के ब्यूरो प्रभारी विनोद डबास अपने घर के लिए रवाना हुए तो, बस अड्डे कर पास कुछ लोगों ने उनकी जमकर धुनाई कर दी। विनोद डबास रोज गुरुग्राम से दिल्ली घर के लिए बस से निकलते हैं। इस बारे में उन्होंने गुरुग्राम रीजनल हेड कमल शर्मा को जानकारी दी कि वह अब गुरुग्राम में आकर काम नहीं करेंगे क्योंकि कई लोग उनसे दुश्मनी निकाल रहे हैं।

गुमशुदा बेटी की तलाश के लिए विकलांग माँ ने पुलिस को रिश्वत देने के लिए भीख मांगा, देखें वीडियो

    
कानपुर – भगवान बचाये कानपुर की ऐसी पुलिस से, गुमशुदा बेटी की तलाश के लिए विकलांग माँ ने पुलिस को तेल डलवाने को दिया भीख मांग कर रुपया

तारिक आज़मी

कानपुर। पुलिस के मानवीय चेहरे को वैसे तो उत्तर प्रदेश पुलिस बड़े शान से अपने ट्वीटर पर तारीफ के पुल बांधते हुवे जगजाहिर करती है। मगर कई मामले ऐसे भी सामने आये है जिसमे पुलिस का वो चेहरा दिखाई दिया है जिसको कोई भी सभ्य समाज नही देखना चाहेगा। ऐसा ही एक मामला कानपुर का सामने आया है जहा एक विकलाग बुज़ुर्ग माँ का आरोप है कि उसकी गुमशुदा बेटी की तलाश के लिए उसने भीख मांग मांग कर पुलिस को गाडी में तेल डलवाने के लिए पैसे दिए है। मगर आज भी उसकी बेटी नही मिल सकी है।

1.2.21

KABAAD- THE COIN SET TO RELEASE.


Director-Varadraj Swami, who has penned the critically acclaimed film Manjhi the mountain man, is all set to treat the audience with his next film “KABAAD- THE COIN”.   

अभी भी मोदी सरकार का खेल न पहचाने तो खुद अपने बच्चों की बर्बादी अपनी आंखों से देखना

-CHARAN SINGH RAJPUT-
    
गजब स्थिति है देश में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर हिंसा फैलाने वाला और लालकिला पर एक विशेष धर्म का झंडा फहराने वाला भाजपा का करीबी है। गणतंत्र दिवस के दिन मोदी सरकार किसान के भेष में आये उपद्रवियों से देश के प्रतीक लालकिला और उसके प्राचीर पर लगे तिरंगा को नहीं बचा पाई। अभी तक दीप सिद्धु को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। आरएसएस व तमाम भगवा संगठनों के कार्यकर्ता, स्थानीय भाजपा सांसद व विधायकों के कार्यकर्ता आज सुबह से ही सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, ग़ाज़ीपुर बॉर्डर, शाहजहांपुर बॉर्डर पर  पहुंचकर उत्पात मचाते रहे नारेबाजी कर रहे। योगेंद्र यादव के दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मकान पर गाली गलौज व पत्थर फेंके गए। गाजीपुर बॉर्डर पर एक सत्तारूढ़ विधायक के साथ 500 लोग उत्पात करते रहे। नांगलोई के पास भी एक सांसद के  करीबी आपराधिक तत्व टीकरी बॉर्डर से आंदोलन उखाड़ने पहुंच गए। फिर भी किसान देशद्रोही है। क्या लालकिला और तिरंगे की रक्षा न् कर पाने की जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए।