श्रम अधिकारी ने कहा अंतिम पेशी में अनुपस्थित रहने पर होगी एकपक्षीय कार्रवाई
जगदलपुर. राजस्थान पत्रिका प्रबंधन कोरोना लॉकडाउन में निकाले गए कर्मचारियों को मजीठिया वेजबोर्ड का लाभ देने में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में श्रम विभाग में लगाए गए परिवाद पर सुनवाई में जानबूझकर उपस्थित नहीं होकर मामले को लंबित कर रहा है। राज्य के भिलाई, बिलासपुर, रायपुर सहित अन्य संस्करणों के कर्मचारियों का मजीठिया वेजबोर्ड को लेकर विभिन्न जिलों के श्रम विभाग में मामला चल रहा है।
एकपक्षीय फैसला सुनाया जाएगा
ताजा मामला जगदलपुर का है, जहां श्रम अधिकारी के यहां छह पेशी में राजस्थान पत्रिका सहित फर्जी कंपनी फोर्ट फोलिएज प्राइवेट लिमिटेड के जिम्मेदारी अधिकारी उपस्थित नहीं हुआ। श्रम अधिकारी ने पेशी में उपस्थित एक सामान्य कर्मचारी को फटकार लगाते हुए अंतिम मौका 6 जनवरी को दिया है। उन्होंने सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा है कि अंतिम पेशी में निर्णय लेने वाले अधिकारी उपस्थित नहीं हुआ तो एकपक्षीय फैसला सुनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर सुनवाई
पत्रिका के जगदलपुर संस्करण में सहायक विज्ञापन प्रबंधक पर कार्यरत कर्मचारी पूनमचंद बनपेला ने प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद भी कोरोना लॉकडाउन में सेवा से पृथक किए जाने और मजीठिया वेडबोर्ड की अनुशंसा का लाभ नहीं दिए जाने की शिकायत की थी। इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय ने त्वरित संज्ञान लेते हुए शिकायत का निराकण एवं मजीठिया वेडबोर्ड का लाभ दिलाने जगदलपुर श्रम अधिकारी को निर्देशित किया था। पीएम के निर्देश पर मामले की सुनवाई 29 अक्टूबर से शुरू हुई। इसके बाद 18 व 29 नवंबर, 8, 17 और 31 दिसंबर को पेशी हुई। आगामी और अंतिम पेशी 6 जनवरी 2021 को नियत की गई है।
राजस्थान पैदल चलकर जवाब लेने जाएंगे
पहली पेशी में पत्रिका जगदलपुर के शाखा प्रबंधक शब्द कुमार सोलंकी को खाली हाथ पेशी में आने पर श्रम अधिकारी ने फटकार लगाते हुए संबंधित प्रकरण के आवश्यक दस्तावेज और सक्षम अधिकारी को भेजने कहा। उन्होंने पत्रिका प्रबंधन के राजस्थान से जवाब आने का हवाला देकर तिथि आगे बढ़ाने की मांग की। इस पर आवेदक ने सवाल किया कि इतना समय क्यों? क्या वे जगदलपुर से राजस्थान पैदल चलकर जवाब लेने जाएंगे। इस सवाल से मुंह फेरकर वे श्रम कार्यालय से बाहर चला गया।
राज्य संपादक और महाप्रबंधक उपस्थित नहीं हुए
पहली पेशी के बाद से अब तक की पेशी में पत्रिका प्रबंधन की तरफ से कोई सक्षम अधिकारी राज्य संपादक और महाप्रबंधक उपस्थित नहीं हुए। 29 नवंबर को फर्जी कंपनी फोर्ट फोलिएज की तरफ से जगदलपुर कार्यालय के एकाउंटेंट विनोद प्रधान उपस्थित हुए। जिसे विषय से संबंधित कोई जानकारी नहीं थी। श्रम अधिकारी ने उसे जमकर फटकारा। लगातार 2 पेशी में पत्रिका प्रबंधन अनुपस्थित रहा। इससे पता चलता है कि है कि प्रबंधन न्याय प्रणाली को हल्के में ले रहा है। 31 दिसंबर की पेशी में पुन: विनोद प्रधान उपस्थित हुए जिसे श्रम अधिकारी ने जमकर लताड़ा। वे किसी भी प्रश्न का जवाब नहीं दे पाया। श्रम अधिकारी ने पत्रिका प्रबंधन को अनंतिम अवसर देते हुए 6 दिसंबर को पेशी तिथि निर्धारित की है। साथ ही आवेदक पूनम चंद बनपेला को आश्वासन भी दिया कि आगामी पेशी को प्रकरण न्यायालय में विचार हेतु भेज दिया जाएगा।
No comments:
Post a Comment