जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में गुरुवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर राष्ट्र निर्माण में हिंदी पत्रकारिता का योगदान विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुंदरलाल ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 30 मई 1826 में उदंत मार्तंड ने हिंदी पत्रकारिता की ऐसी ज्योति जलाई जो स्वतंत्रता आंदोलन के अंतिम चरण में ज्वाला बनकर फूटी। उन्होंने कहा हमनें स्वयं अपने दौर में दिनमान, धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान जैसी पत्रिकाओं से ज्ञान अर्जित किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सेवा भाव से होना चाहिए इसका दुरुपयोग घिनौना अपराध है। आज हमें इस बात पर चिन्तन करना चाहिए कि हिंदी पत्रकारिता सही दिशा में गतिमान रहे।
30.5.19
राष्ट्र निर्माण में हिंदी पत्रकारिता की अहम् भूमिका
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में गुरुवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर राष्ट्र निर्माण में हिंदी पत्रकारिता का योगदान विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. सुंदरलाल ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता ने राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 30 मई 1826 में उदंत मार्तंड ने हिंदी पत्रकारिता की ऐसी ज्योति जलाई जो स्वतंत्रता आंदोलन के अंतिम चरण में ज्वाला बनकर फूटी। उन्होंने कहा हमनें स्वयं अपने दौर में दिनमान, धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान जैसी पत्रिकाओं से ज्ञान अर्जित किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सेवा भाव से होना चाहिए इसका दुरुपयोग घिनौना अपराध है। आज हमें इस बात पर चिन्तन करना चाहिए कि हिंदी पत्रकारिता सही दिशा में गतिमान रहे।
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ब्रांड मोदी ने विपक्ष को घुटने पर बिठाया
मोदी है तो मुमकिन है। आएगा तो मोदी ही। और फिर मोदी ने जनमत के हथियार से विपक्ष के वोटों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी, वह भी उनके गढ़ों में घुसकर। जीत के बाद मोदी का पहला जो ट्वीट आया, उसमें उन्होंने कहा कि सबका साथ+सबका विकास+सबका विश्वास= विजयी भारत। मोदी अपनी चुनावी सभाओं और रैलियों में लगातार कहते रहे कि 2019 का आम चुनाव देश की जनता लड़ रही है। इसी बात पर उनका ट्वीट मोहर लगा रहा है। 2019 का चुनाव मोदी चुनाव रहा।
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कुत्ता काटे तो मनपा दे पीड़ित को मुवावजा!
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दलित राजनीति को डॉ. आंबेडकर से सीखना चाहिए
डॉ. आंबेडकर दलित राजनीति के जनक माने जाते हैं क्योंकि उन्होंने ही सब से पहले दलितों के लिए राजनैतिक अधिकारों की लडाई लड़ी थी. उन्होंने ही भारत के भावी संविधान के निर्माण के सम्बन्ध में लन्दन में 1930-32 में हुए गोलमेज़ सम्मलेन में दलितों को एक अलग अल्पसंख्यक समूह के रूप में मान्यता दिलाई थी और अन्य अल्पसंख्यक मुस्लिम, सिख, ईसाई की तरह अलग अधिकार दिए जाने की मांग को स्वीकार करवाया था. 1932 में जब “कम्युनल अवार्ड” के अंतर्गत दलितों को भी अन्य अल्पसंख्यकों की तरह अलग मताधिकार मिला तो गाँधी जी ने उस के विरोध में यह कहते हुए कि इस से हिन्दू समाज टूट जायेगा, आमरण अनशन की धमकी दे डाली जब कि उन्हें अन्य अल्पसंख्यकों को यह अधिकार दिए जाने में कोई आपत्ति नहीं थी. अंत में अनुचित दबाव में मजबूर होकर डॉ. आंबेडकर को गांधी जी की जान बचाने के लिए “पूना पैकट” करना पड़ा और दलितों की राजनैतिक स्वतंत्रता के अधिकार की बलि देनी पड़ी तथा संयुक्त चुनाव क्षेत्र और आरक्षित सीटें स्वीकार करनी पड़ीं.
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29.5.19
हे बाबा राहुल, हे दीदी प्रियंका.... हम कांग्रेसियों की अरज भी सुन लो....
हे बाबा राहुल आप ऐसा कैसे कह सकते हैं। त्यागपत्र देने का विचार आपके मन में आया भी कैसे। हम सभी कांग्रेसियो का जीवन आपका चरणामृत पी-पी कर पुष्ट हुआ है। आपकी पट्टेचाटी करने मात्र से हमारे शरीर में मिनरल और विटामिन की कमी का अहसास नही होता , इससे हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। हे राजमाता सोनिया जी अपने पुत्र को समझाईये। सत्ता तो आती जाती रहती है मगर इससे आपके राजपरिवार के दर्जे पर कभी असर पड़ सकता है क्या।
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पुण्यतिथि पर विशेष : किसानों के सबसे बड़े चौधरी थे चरण सिंह
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लघुकथा : डर
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लघुकथा : मृत्यु दंड
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लघुकथा : वैध बूचड़खाना
सड़क पर एक लड़के को रोटी हाथ में लेकर आते देख अलग-अलग तरफ खड़ीं वे दोनों उसकी तरफ भागीं। दोनों ही समझ रही थीं कि भोजन उनके लिए आया है। कम उम्र का वह लड़का उन्हें भागते हुए आते देख घबरा गया और रोटी उन दोनों में से गाय की तरफ फैंक कर लौट गया। दूसरी तरफ से भागती आ रही भैंस तीव्र स्वर में रंभाई, “अकेले मत खाना इसमें मेरा भी हिस्सा है।”
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लघुकथा : अदृश्य जीत
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लघुकथा : बहुरूपिया
उस नामी प्रदर्शनी के बाहर एक बड़ी चमचमाती आधुनिक कार रुकी। चालक बाहर निकला और पीछे का दरवाज़ा खोला, अंदर से एक सूटधारी आदमी उतरा। वहीँ कुछ दूर एक भिखारी बैठा हुआ था, वह आदमी उस भिखारी के पास गया और जेब से नोटों का एक पुलिंदा निकाल कर बिना गिने उसमें से कुछ नोट भिखारी की कटोरी में डाल दिए। भिखारी सहित कई व्यक्ति उसकी दरियादिली देख कर चौंक गए।
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लघुकथा : जानवरीयत
वृद्धाश्रम के दरवाज़े से बाहर निकलते ही उसे किसी कमी का अहसास हुआ, उसने दोनों हाथों से अपने चेहरे को टटोला और फिर पीछे पलट कर खोजी आँखों से वृद्धाश्रम के अंदर पड़ताल करने लगा। उसकी यह दशा देख उसकी पत्नी ने माथे पर लकीरें डालते हुए पूछा, "क्या हुआ?"
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28.5.19
विपक्ष क्यों हारा? मोदी क्यों जीते?
विपक्ष के किसी नेता को इतनी बुरी हार का अंदाजा नहीं था। सभी को लगता था कि मोदी आर्थिक मोर्चे पर और रोजगार के मामले में जिस तरह जन आंकाक्षाओं पर खरे नहीं उतरे, तो आम जनता में अंदर ही अंदर एक आक्रोश पनप रहा है, जो विपक्ष के फायदे में जाऐगा। मोदी के आलोचक राजनैतिक विश्लेषक मानते थे कि मोदी की 170 से ज्यादा सीटें नहीं आऐंगी। हालांकि वे ये भी कहते थे कि मोदी लहर, जो ऊपर से दिखाई दे रही है, अगर वह वास्तविक है, तो मोदी 300 से ज्यादा सीटें ले जाऐंगे।
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अमर उजाला के जिला प्रभारी ने दलित पत्रकारों की यूनियन बनाने की शुरुआत की
यूपी के एक जिले में अमर उजाला के जिला प्रभारी दलित समुदाय के हैं. जिले में अपने पैर जमाने के बाद इन महोदय ने पिछले दिनों विभिन्न संस्थानों के दलित पत्रकारों के साथ गोपनीय मीटिंग की. सभी को अहसास कराया कि हम सब एक हैं और सवर्ण पत्रकारों से डरने की जरूरत नहीं है.
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22.5.19
दिल के बड़े गरीब हैं न्यूज़ चैनल के मालिकान, खा जाते हैं स्ट्रिंगर के हक का पैसा
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चिरकुट मैनेजमेंट खा जाता है पत्रकारों के खून-पसीने का वेतन!
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मामूली सिरदर्द को न करें नजरअंदाज
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वरिष्ठ पत्रकार रतन अग्रवाल की पुत्री ने जिले में लाया 7वाँ स्थान
Yudhishthir Mahato
सिन्दरी । मैट्रिक परीक्षा 2019 में एक के बाद जिले के छात्राओं की मेहनत सामने आ रही है। समाज में बेटियां साबित कर रही हैं कि वे भी बेटों से कम नहीं हैं। जो बेटियों को पढ़ाना नहीं चाहते हैं, उनके लिए ऐसी खबरें प्रेरणादायक हैं। आपको बता दें कि सिन्दरी के वरिष्ठ पत्रकार रतन कुमार अग्रवाल की द्वितीय सुपुत्री श्रेया अग्रवाल ने सिन्दरी में प्रथम स्थान व जिला में 9वाँ स्थान प्राप्त कर सिन्दरी का नाम रोशन किया है।
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चुनाव आयोग की नीयत में खोट!
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सावधान! छतीसगढ़ और उत्तराखंड में ब्लैकमेलर गैंग ‘तहलका इंडिया न्यूज़’ सक्रिय है!
चोर चोर ही रहता है चाहे कोई भी लबादा पहन ले। कुछ ऐसा ही हाल अनुज अग्रवाल नाम के इस ब्लैक मेलर से जर्नलिस्ट बने और ‘तहलका इंडिया न्यूज़’ नाम का फ़र्ज़ी चैनल चलाने वाले इस शातिर क़िस्म के आदतन अपराधी का। नाम तहलका तो हैरान मत हॉ ये तेजपाल वाला नहीं है बल्कि फ़र्ज़ी और नक़ली है। जिसका लोगों भी इसने चुरा लिया और साथ ही टाइम्ज़ के ’T’ का पेटरन भी पर इस बेशर्म को अभी तक किसी ने नोटिस नहीं दिया। ये आजकल दोनो स्टेट के चक्कर लगा रहा है ताकि अपने वसूली के धंधे को आगे बड़ा सके।
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दैनिक जनवाणी: गजब का प्रसार, मेरठ के रोहटा इलाके में सिर्फ तीन प्रतियां बिकती हैं
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Was Keeping Space Blank by The Telegraph Justified?
We are inviting the opinion/ suggestion of all journalists on an issue related to the profession of journalism so that the matter can be sent for the consideration of the Press Council of India to decide the limit of the freedom of speech and expression as enshrined in the Constitution of India although the Council should have taken up this issue suo muto. The background of this letter is that on 18th May, the Telegraph, an important newspaper from Calcutta, kept a few columns space blank on the top of the first page saying that it will be filled up when the Prime Minister speaks anything in the Press Conference.
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ऐसे विपक्ष से सत्ता परिवर्तन की बात सोचना बेमानी
जो एग्जिट पोल के झूठे होने की उम्मीद लगाए बैठेे हैं। वे जमीनी हकीकत को समझें। विपक्ष के कई नेता भी मोदी और अमित शाह के डर से एक तरह से भाजपा का ही साथ दे रहे थे। मुलायम सिंह यादव का संसद में विपक्ष के हारने की बात कहते हुए मोदी के फिर से प्रधानमंत्री बनने की कामना करने को क्या कहा जाएगा। 2013 में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले का चुनाव में गर्माना और एग्जिट पोल भाजपा के पक्ष में आते ही उन्हें क्लीन चिट मिल जाने को क्या कहोगे।
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21.5.19
सैकड़ों करोड़ की संपत्ति जुटाने के आरोप से मुलायम और अखिलेश को सीबीआई ने 12 साल बाद दी क्लीनचिट
आय से अधिक संपत्ति मामले में सपा संस्थापक और सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव को राहत मिली है। सीबीआई ने मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को क्लीनचिट दे दी है। जांच एजेंसी ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दाखिल कर इसकी जानकारी दी। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसने 7 अगस्त 2013 को मामले की जांच बंद कर दी थी। उसे ऐसा कोई सबूत नहीं मिला, जिससे पिता-पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कराया जा सके।
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व्यंग्य : पत्रकारिता करते-करते हम इतने कमजोर हो जाएंगे, यह पहली बार एहसास हुआ...
हाँ! तो मैं सोच रहा था कि कोई "स्टार्टअप इंडिया " के अंतर्गत नया करोबार कर लिया जाए। पत्रकारिता करते-करते हम इतने कमजोर हो जाएंगे यह पहली बार एहसास हुआ। दिमाग जिस तेजी से सड़को पर समाचार चुनने में, लिखने में काम कर रहा था वह रोजगार खोलने के नाम पर पूरा रूह ही कांपा दिया। दिमाग के परचे-परचे उखड़-उखड़ कर हाथ में आने लगे।
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14.5.19
माया को पीएम बनाने वाले मुद्दे पर अखिलेश ने मोदी के कारण लिया यूटर्न!
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जबर्दस्त यूटर्न लेकर अब यूपी से ही नया पीएम आयेगा की जगह कहने लगे हैं कि बसपा सुप्रीमों मायावती को प्रधानमंत्री बनता देख मुझे खुशी होगी। पांच चरणों के चुनाव के बाद प्रधानमंत्री पद की पंसद के लिए अखिलेश की जुबान पर अगर खुलकर बसपा सुप्रीमों मायावती का नाम आता है तो यह अप्रत्याशित नहीं, उनकी सियासी मजबूरी है। इसी तरह की मजबूरी अखिलेश 2017 के विधान सभा चुनाव में भी (जब कांगे्रस के साथ उनका गठबंधन हुआ था) दिखा चुके थे, तब उन्होंने कहा था कि वह तो सीएम के लिए हैं जब पीएम का चुनाव होगा तो राहुल गांधी ही इसके हकदार होंगे,लेकिन दो बरस के भीतर ही अखिलेश की पीएम की पसंद मायावती बन गई हैं।
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महल सी चमचमाती मस्जिदें और उजड़ी क़बरों से घरों में क़ैद करवटें बदलता मुस्लमान
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13.5.19
न्यू मीडिया भारत में लोकतंत्र की नई किरण
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11.5.19
चुनाव आयोग को इस चुनाव में अफसरों की शिकायत / ट्रान्सफर की जानकारी नहीं
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संकट में है गौरैया
बचपन से देखता आ रहा हूं मेरी मां गौरेया को आटे की नन्हीं नन्हीं गोलियां बनाकर देती है और एक एक कर गौरैया का झुंड मेरे घर की दालान में इकट्ठा हो जाता था और इन आटे को अपना भोजन बनाता था। मेरी भुआ ने हम भाई बहनों को गौरैया का झूठा पानी ये सोच कर कईं बार पिलाया है कि हम भी इनकी भांति चहचहाते रहे और आबाद रहें। बरसों हम भाई बहनों ने इनके लिए घौंसले बनाए हैं और इनके जमीन पर गिरे अंडों को बिना हाथ लगाए वापस घौसलों में रखा है। घर के आंगन में लगे कांच पर जब ये गौरैया अपनी चोंच मारती तो ऐसा लगता जैसे दो पक्षी आपस में लड रहे हो और मां आकर उस कांच पर कोई पर्दा डाल देती ताकि इसकी चोंच को नुकसान न हो।
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh 0 comments
विकास संवाद मीडिया फैलोशिप के लिए चार पत्रकारों का चयन
भोपाल। विकास और जनसरोकारों के मुद्दे पर रिपोर्टिंग और शोध के लिए दी जाने वाली विकास संवाद मीडिया फैलोशिप के तहत चार पत्रकारों का चयन किया गया है। वर्ष 2019 के लिए दैनिक भास्कर भोपाल के हरेकृष्ण दुबोलिया, द वायर ग्वालियर से जुड़े दीपक गोस्वामी, धार की स्वतंत्र पत्रकार एकता शर्मा और भोपाल के स्वतंत्र पत्रकार मनीष चंद्र मिश्र शामिल हैं। फैलो का चयन वरिष्ठ संपादकों की एक चयन समिति ने किया। फैलोशिप के तहत सभी फैलो को 84 हजार रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी।
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh 0 comments
10.5.19
मांछे तेल तिके मांछ भाजा होबे!
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पूर्वांचल : सियासी बयार अंतिम पड़ाव पर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आखिरी दो चरणों में 12 और 19 मई को पूर्चांचल की 27 सीटों (छठे में 14 और सातवें चरण 13) पर मतदान होना हैं। पूर्वांचल में इन दिनों पश्चिमी यूपी, बुंदेलखंड व अवध के नेताओं की बाढ़ सी आ गई है। किसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी संसदीय सीट पर भेजा गया है तो कोई अखिलेश यादव के चुनाव क्षेत्र आजमगढ़ के ग्रामीण इलाकों की खाक छान रहा है। यूपी ही नहीं, दूसरे प्रदेशों के नेताओं ने भी पूर्वांचल में डेरा डाल दिया है। योगी के प्रभाव वाली गोरखपुर संसदीय सीट पर भी लोगों की नजर लगी है। कांगे्रस ने प्रियंका वाड्रा को पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंपी थी,इस चरण में उनकी सियासी ताकत का अंदाजा भी हो जाएगा। आखिरी दो चरण के चुनावों की 27 सीटों में से 24 सीटों पर भाजपा गठबंधन और तीन सीटों पर सपा काबिज है। सपा ने उप-चुनाव में फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट बीजेपी से हथिया ली थी,जबकि आजमगढ़ से 2014 में मुलायम जीते थे।
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इलैक्ट्रोमैग्रेटिक तरंगों से कैंसर का इलाज
उमेश कुमार सिंह
कई बार अथक प्रयास करने के बाद भी ट्यूमर जैसे रोगों का निवारण नामुमकिन हो जाता है. आज इक्कीसवीं सदी में भी हम ऐसे रोगों का उपचार नहीं खोज पाए हैं. ऐसे रोगों से ग्रस्त मरीज सभी प्राकर के कैंसरों को असाध्य मानकर तब तक डाक्टर के पास नहीं जाते जब तक रोग बहुत बढ़ न जाए. कहीं न कहीं उनके मन में कैंसर के प्रति डर तो होता है लेकिन साथ ही वे अभी तक उपलब्ध कैंसर से लडने वाली सभी उपचारों के दुष्प्रभावों को लेकर भी चिंतित रहते हैं. अब कई अध्ययनों और ट्रायलों से यह साफ हो चुका है कि साइटोट्रोन चिकित्सा की मदद से किसी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता और बेहद कम समय मेें कैंसर से छुटकारा पाया जा सकता है. इससे मरीज का डर कम हो जाता है. लुधियाना स्थित सिबिया मेडिकल सेंटर के निदेशक डा. एस.एस. सिबिया का कहना है कि जितनी जल्दी कैंसर का निदान किया जाए और उसका उपचार शुरु कराया जाए, उतनी ही जल्दी कैंसर से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करने के लिए इस रोग का निदान होते ही नियमित उपचार आवश्यक है. साइटोट्रोन थैरेपी क्लीनिकली प्रमाणित की हुई एक ऐसी शल्य रहित प्रक्रिया है जिससे कैंसर की बढ़त को रोका जा सकता है और कैंसर के मरीजों की जिंदगी को सुधारा जा सकता है.
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9.5.19
DECENTRALISE CENTRAL GOVT. TO REDUCE DELHI’S AIR POLLUTION & CONGESTION
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1.5.19
मुख्य न्यायाधीश यौन उत्पीडन मामले में पीड़िता बोली- जिस तरह से हो रही सुनवाई, उससे नहीं लगता कि मुझे न्याय मिल पाएगा
जे.पी.सिंह
जिस तरह से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के मामले की जिस तरह से सुनवाई की जा रही है, उससे नहीं लगता कि मुझे न्याय मिल पाएगा।साथ ही मुझे ‘डर’ भी लगता है।मुझे मौखिक तौर पर ये निर्देश दिए गए कि मैं मीडिया के सामने समिति की सुनवाई से संबंधित कोई बात ना रखूं और ना ही इसके बारे में मेरे वकील वृंदा ग्रोवर को कुछ बताऊं।यह संगीन आरोप लगाते हुये यौन उत्पीड़न पीड़ित महिला ने कहा है कि अब वह इस मामले में सुनवाई के लिए आतंरिक समिति के सामने पेश नहीं हो पाएगी, क्योंकि उसे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है।इसके साथ ही इस मामले मेंनात्कीय मोड़ आ गया है।महिला ने मामले की सुनवाई कर रही जजों की समिति पर सवाल खड़े किए हैं। महिला ने समिति पर यौन उत्पीड़न अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। साथ ही महिला ने अब समिति के सामने पेश नहीं होने का फैसला किया है।
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राफेल पर सुनवाई टालने की मांग खारिज, मोदी और शाह के खिलाफ याचिका पर मांगा जवाब, चुनाव आयोग ने पीएम को दी क्लीन चिट
जे.पी.सिंह
उच्चतम न्यायालय में मंगलवार को तीन हाईप्रोफाइल मामलों की सुनवाई हुई जिसमें राहुल ने उच्चतम न्यायालय के हवाले 'चौकीदार चोर है' कहने के लिए उच्चतम न्यायालय से माफ़ी मांग ली है । केंद्र सरकार द्वारा राफेल पर सुनवाई को करीब 4 हफ्ते के लिए टालने के अनुरोध को अस्वीकृत करते हुये उच्चतम न्यायालय ने कहा कि केंद्र को अपना जवाब शनिवार तक देना होगा। इसके साथ ही न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख तय की। कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत पर उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है।इस बीच चुनाव आयोग ने पीएम नरेंद्र मोदी को सेना के नाम पर वोट मांगने के आरोपों पर क्लीन चिट दे दिया है। आयोग ने कहा है कि पीएम मोदी ने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया।
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