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22.5.19

सावधान! छतीसगढ़ और उत्तराखंड में ब्लैकमेलर गैंग ‘तहलका इंडिया न्यूज़’ सक्रिय है!



चोर चोर ही रहता है चाहे कोई भी लबादा पहन ले। कुछ ऐसा ही हाल अनुज अग्रवाल नाम के इस ब्लैक मेलर से जर्नलिस्ट बने और ‘तहलका इंडिया न्यूज़’ नाम का फ़र्ज़ी चैनल चलाने वाले इस शातिर क़िस्म के आदतन अपराधी का। नाम तहलका तो हैरान मत हॉ ये तेजपाल वाला नहीं है बल्कि फ़र्ज़ी और नक़ली है। जिसका लोगों भी इसने चुरा लिया और साथ ही टाइम्ज़ के ’T’ का पेटरन भी पर इस बेशर्म को अभी तक किसी ने नोटिस नहीं दिया। ये आजकल दोनो स्टेट के चक्कर लगा रहा है ताकि अपने वसूली के धंधे को आगे बड़ा सके।

इसके ख़िलाफ़ अभी फिर एक एफआईआर देहरादून घंटा घर में वसूली और ब्लैकमेलिंग के लिए दर्ज हुई है जिसकी कापी साथ भेज रहीं हूँ। इसके ख़िलाफ़ इस से पहले भी मध्य प्रदेश में ज़बरन वसूली और ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज हो चुका है जिसमें ये ज़मानत पर है। जिसका लिंक भी भेज रहीं हूँ। इसकी वसूली और इसकी कहानी थोड़ी फ़िल्मी है। देहरादून के एक नामी व्यक्ति का लाइफ़स्टाइल इस को इतना भाया की उसकी तरह अपने को ढालने के लिए इसने पाप का ये खेल शुरू किया।

अपने देहरादून स्टाफ़ में ‘कलवे’ के नाम से मशहूर अनुज अग्रवाल किसी समय चैनल वन का देहरादून में स्ट्रिंगर था और तभी इसके दिमाग़ में दलाली और ब्लैकमेलिंग का ख़याल आया। इसीलिए देहरादून से संचालित होने वाले एक घटिया से लोकल चैनल को इसने ले लिए। जोकि किसी और नाम और लाइसेंस पर दलाली के लिए चलाया जा रहा था।  ‘जानो दुनिया’ नाम का ये चैनल जिसे ये आदमी अब तहलका इंडिया न्यूज़’ के नाम से ब्लैकमेलर की तरह चला रहा है। ब्लैकमेलर इसलिए लिखा क्योंकि ये व्यक्ति छतीसगढ़ और उत्तराखंड के सरकारी गलियरों में इसी लिए सक्रिय है की इसे किसी को फँसाने का मौक़ा मिला जाए और ये जाल फेंक के ब्लैकमेलिंग से अकूत धन कमा सके।

चैनल का लाइसेंस इसने टेलीपोर्ट से किराए पे लिया है या उसमें भी कोई सेटिंग है इसका तो पता नहीं पर ‘जानो दुनिया’ की मूल कम्पनी ‘नीसा टेक्नोलोज़ीस’ ने टेलीपोर्ट के ख़िलाफ़ केस किया हुआ है। पर इस बीच इसने नीसा टेक्नोलोज़ीस के फ़र्ज़ी पेपर बना के अपना धंधा चमका रहा है।जिसकी सूचना ब्रॉड्कैस्टिंग मिनिस्ट्री को भी जाँच के लिए दे दी गयी है। अनुज अग्रवाल नाम का साथ देती है इसके आफिस में काम करने वाली एक मोहतरमा। इस महिला का काम है अनुज अग्रवाल के लिए लोगों से बिना वजह लड़ना क्योंकि ये अपने महिला होने का पूरा फ़ायदा उठाती हैं। ऐसे में जिसकी सैलरी ये लोग मार लेते हैं या वेंडर का पैसा नहीं देना होता ऐसे में ये महिला एक ख़तरनाक टूल की तरह अनुज अग्रवाल को शेड देती है। इसलिए लोग ऐसी शातिर महिला से ना उलझकर अपना पैसा भूल जाते हैं।

चैनल में अदरक की शक्ल का एक एंकर है जिसकी लाल आँखे हैं उसे वो सारे अधिकार प्राप्त है जो किसी राजा को होते हैं किसी भी महिला के साथ वो मेकप रूम में पींगे बड़ा सकता है। अय्याशी का अड्डा टाइप इस एंकर ने इस चैनल को बना दिया है। अनुज अग्रवाल के लिए देहरादून से नॉएडा आना आसान नहीं था इसलिए अनुज अग्रवाल ने नेहरा नाम के एक बिल्डर को बेवक़ूफ़ और सीडी बनाया और लगभग दस करोड़ रुपए उस से वसूल कर अपना चैनल यहाँ उसकी सेक्टर ६३ में बिल्डिंग में शिफ़्ट किया और उसे चैनल का झाँसा देकर अपना काम शुरू कर दिया। इसके लिए इसने मीडिया के काफ़ी पुराने लोगों को बड़ी सैलरी पर रखा पर एक महीने में ही इसकी रंग उतर गया। पहले महीने में ही जब लोगों ने वेतन माँगना शुरू किया तो इस व्यक्ति को साँप सूंघ गया और इसने मनचाहे तरीक़े से लोगों को निकलना शुरू कर दिया। इसका ये मक़सद पहले से ही था की कैसे भी नॉएडा में शिफ़्ट हो जाऊँ  फिर अपना देहरादून का स्टाफ़ लाकर क़ब्ज़ा कर लूँगा और ये उसमें सफल भी हुआ। उनमे से कई लोगों ने इसे आफ़िस में चप्पलों से पीटा भी। पर ये बड़ा बेशर्म है और अपने हर मंसूबों में सफल होता चला गया।

इसी बीच नेहरा ने इस से प्रभावित होकर अपनी आउडी इसे चलाने को दे दी जिसे इसने शराब के नशे में अपनी एचआर के जन्मदिन पर रुड़की में रात में ठोक दिया। जिससे नाराज़ होकर नेहरा ने इस से अपनी गाड़ी वापस माँगी तो इसने उसे भी आँखे दिखायी और इसका स्टिंग ओपरेशन को चलाने की धमकी दी जिसमें नेहरा को इसने कुछ आपत्तिजनक बातों को रिकार्ड किया था। इस से इन दोनो के बीच में लग गयी और जब नेहरा ने हिसाब चेक किया तो उसके पेरों तले ज़मीन खिसक गयी।अनुज अग्रवाल नेहरा को दस करोड़ से दबा चुका था। नेहरा के तोते उड़ गए और उसने खड़े खड़े अनुज अग्रवाल को चैनल से बाहर कर दिया और उसका सारा समान सीज कर लिया जिसकी वजह से काफ़ी लोगों की सैलरी दाँव पर लग गयी जिसमें कुछ लोग कोर्ट में चले गए।

अनुज अगवाल ने नेहरा को तब काफ़ी धमकी दी की वो उसकी निजी स्टिंग को सार्वजनिक कर देगा पर कुछ होता तो दिखता। अनुज की लैला ने आकर समान के लिए ड्रामा किया और तब कहीं जाकर उसका कुछ समान नेहरा ने दे दिया। अनुज जानता था कि एक दिन उसकी पोल खुलेगी इसीलिए उसने पास में ही एक बिल्डिंग किराए पर ले ली और फिर से अपनी दलाली की दुकान शुरू कर दी। इस बार ये फिर फँस गया और इसके ख़िलाफ़ एक एफआईआर देहरादून घंटा घर में दर्ज हो गयी।

लगभग एक साल से कैश में पैसा बाँट रहा और १२ घंटे की शिफ़्ट करवा रहा अनुज अब आयकर और लेबर विभाग के निशाने पर है। ये व्यक्ति ना जाने कितने अपराधी क़िस्म के लोगों press के कार्ड छाप छाप कर दे रहा है ताकि लोग वसूली कर सकें। ये दोनो स्टेट में किसी बड़े मिनिस्टर की तलाश में है जो इसके जाल में फँस जाए और ये उसे फँसा के पैसा कमा सके। कुल मिला कर इस तरह के अपराधी व्यक्ति का पर्दाफास जल्द से जल्द होना चाहिए। जिस से जॉब की तलाश में भटक रहे लोग इनके जाल में फँस कर अपना शोषण ना करवा पाए। जो कुछ लिखा जा रहा है वो तथ्यों और इसके काले कारनामों के आधार पर और चैनल की ज़िम्मेदार कर्मचारी होने के बाद लिख रहीं हूँ।ये व्यक्ति जर्नलिज़म के नाम पर बदनुमा दाग़ है जिस से समाज में क़ोड़ फैला रहा है इसको रोकना ही होगा। इसलिए तहलका इंडिया न्यूज़ नाम के इस चैनल से जब सर्च कर रहे लोग दूरी बनाए लड़कियाँ ख़ास तौर पर वरना वहाँ शोषण होने के चांस हैं।

surabhi shrama
shramasurabhi@gmail.com

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