रोहटा (मेरठ) : खबरें नहीं होगी तो पाठक अखबार पढ़ कर क्या करेगा पाठकों को उनके आसपास की खबरें पढ़ने को जब तक ना मिले उनका दिल नहीं लगता। और मजे की बात तो यह है कि जब पाठक जानते हो कि वास्तव में क्या हुआ है, और अखबार में क्या छपा है, तो सरकुलेशन तो घटेगा ही। यही हाल है रोहटा में दैनिक जनवाणी अखबार का । यहां ना तो कोई रिपोर्टर है और ना ही सरकुलेशन की जिम्मेवारी संभालने वाला कोई अधिकारी।
विज्ञापन तो जीरो है। यहां फिलहाल दैनिक जनवाणी की केवल 5 प्रतियां आती हैं । जिनमें से केवल तीन ही बिक पाती हैं। 2 प्रतियां ज्यों की त्यों रखी रहती हैं। इसके अलावा 1 महीने में कम से कम दो-तीन बार अखबार आता ही नहीं, कभी छपता ही नहीं, तो कभी सरकुलेशन वाले यहां की पांच प्रतियां रखना भूल जाते हैं। ऊपर से खबरों को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करना सरकुलेशन को घटा रहा है। चरस गांजा और शराब सट्टा जुआ आदि के अवैध कारोबार की खबरों को दबाना।
मौके पर जाए बिना ही उटपटांग खबरें लिखना, जनवाणी के लिए मुसीबत बना हुआ है। जिसके चलते पाठक वर्ग जनवाणी से दूर होता चला जा रहा है। इससे पूर्व यहां पत्रकार अरुण वत्स पर रोहटा की जिम्मेदारी थी। उस समय विज्ञापन और प्रसार काफी अच्छा हुआ करता था। लेकिन उनके अखबार से चले जाने के बाद रोहटा में दिन-प्रतिदिन अखबार की हालत बद से बदतर होती चली आ रही है ।बताते चलें कि फिलहाल यहां जनवाणी का कोई रिपोर्टर नहीं है। सरूरपुर क्षेत्र के पत्रकार इरशाद चौधरी पर ही यहां की जिम्मेदारी है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
विज्ञापन तो जीरो है। यहां फिलहाल दैनिक जनवाणी की केवल 5 प्रतियां आती हैं । जिनमें से केवल तीन ही बिक पाती हैं। 2 प्रतियां ज्यों की त्यों रखी रहती हैं। इसके अलावा 1 महीने में कम से कम दो-तीन बार अखबार आता ही नहीं, कभी छपता ही नहीं, तो कभी सरकुलेशन वाले यहां की पांच प्रतियां रखना भूल जाते हैं। ऊपर से खबरों को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत करना सरकुलेशन को घटा रहा है। चरस गांजा और शराब सट्टा जुआ आदि के अवैध कारोबार की खबरों को दबाना।
मौके पर जाए बिना ही उटपटांग खबरें लिखना, जनवाणी के लिए मुसीबत बना हुआ है। जिसके चलते पाठक वर्ग जनवाणी से दूर होता चला जा रहा है। इससे पूर्व यहां पत्रकार अरुण वत्स पर रोहटा की जिम्मेदारी थी। उस समय विज्ञापन और प्रसार काफी अच्छा हुआ करता था। लेकिन उनके अखबार से चले जाने के बाद रोहटा में दिन-प्रतिदिन अखबार की हालत बद से बदतर होती चली आ रही है ।बताते चलें कि फिलहाल यहां जनवाणी का कोई रिपोर्टर नहीं है। सरूरपुर क्षेत्र के पत्रकार इरशाद चौधरी पर ही यहां की जिम्मेदारी है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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