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31.3.16

डॉ. नारंग की मौत के सबक

जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है
आपके पीछे तेज़ हवा है आगे मुकद्दर आपका है
उस के क़त्ल पे मैं भी चुप था मेरा नम्बर अब आया
मेरे क़त्ल पे आप भी चुप है अगला नम्बर आपका है

नवाज देवबंदी का ये मशहूर शेर मुझे तब याद आया जब डॉ. नारंग की जाहिलों ने पीट पीट कर हत्या कर दी | डॉ. साहब के बारे में पहले ही इतना कुछ लिखा जा चुका है कि नया कुछ लिखने की जरूरत नहीं | पर फिर भी मेरे पास कुछ महत्वपूर्ण सवाल है | जो मैं आपके सामने रख रहा हूँ | प्रश्न अब सर्वाइवल का है | इन सवालों के उत्तर खोजिएगा | शायद जीवित रहने में थोड़ी मदद मिले |



पहला डॉ. नारंग कोई पहले व्यक्ति नहीं हैं जो जाहिलों की हिंसा के शिकार हुए हैं | ऐसे कई मामले पहले भी हुए हैं और आगे भी बदस्तूर जारी रहेंगे | डॉ. नारंग, अरुण माहौर, सुजीत, प्रशांत पुजारी, ये तो महज कुछ नाम हैं जो हाल ही में प्रकाश में आये हैं | लिस्ट तो बहुत लम्बी है | सवाल ये है कि इन हमलों से बचने के लिए आपकी तैयारी क्या है ? क्या आप ऐसे अचानक हुए हमलों से निपटने में सक्षम हैं ? सोचिये |

दूसरा जागरूकता दुश्मन से लड़ने के लिए आपके पास उसका पूरा ब्यौरा होना जरूरी है | दुश्मन कौन है ? उसकी ताकत क्या है ? इसकी पहचान जरूरी है | पर इसके भी ज्यादा जरूरी वो कारण हैं जिनके कारण वो आपको मारने के लिए उद्यत है | कारणों का पता लगाइए उन्हें चिन्हित कीजिये | सोचिये क्या ये कारण शास्वत हैं या इनका कोई हल भी है ? इतिहास के पन्नों को उलटिए | शायद थोड़ी मदद मिले | यदि जबाब मिल जाये तो इन कारणों को खुद तक सीमित मत रखिये | अपनी जिम्मेदारी समझिये | खुद जागरूक बनिए और दूसरों को भी जागरूक कीजिये |

तीसरा मैंने पहले लिखा था कि “ जो कौम अपने इतिहास से सबक नहीं लेती वो इतिहास के पन्नो पर छप जाती है | ” हिन्दू एक अकेली एसी कौम है जो अपने इतिहास से कभी सबक नहीं लेती | आप किसी भी शताब्दी का इतिहास उठा कर देख लीजिये | पन्ने भरे पड़े हैं हमारे अपने खून से जो विदेशी लुटेरों ने बहाया | और कारण सिर्फ 2 ही हैं | पहला अपनों की गद्दारी और दूसरा अपना संगठित न होना | विडम्बना देखिये आज भी हम इन्हीं दो चुनौतियों से जूझ रहे हैं | जहाँ देखो आपको गद्दारों की फ़ौज मिल जाएगी | स्वरूप अलग हो सकते हैं पर उनका मकसद एक ही है | और वो है हमारी बर्बादी | तो ऐसे गद्दारों से निपटने के लिए आपकी तैयारी क्या है ? क्या आप इन्हें पहचान भी पा रहे हैं ? क्या हम अपने इतिहास से सबक ले रहे हैं या हम अपने इतिहास को भुला रहे हैं ?

चौथा अपना संगठन | डॉ. नारंग जैसो के पास पार्क में जाकर हा हा ही ही करने का समय तो है पर चार लोगो को इकट्ठा कर लट्ठ चलाने का समय नहीं है | अपने पड़ोसियों के हाल चाल जानने का समय नहीं है | एसा क्यों है ? पहले ज़माने में एक- दूसरे से मिलने के लिए मेले का आयोजन होता था | लोग आपस में मिलते थे | अपनी समस्यायें बताते थे | बाकी के लोग मिल जुल कर उनका हल खोजते थे | समाज के अपने-अपने संगठन हुआ करते थे | उनकी बैठके हुआ करती थी जिसमे समाज किन किन समस्यायों से जूझ रहा है इस पर चर्चाएँ हुआ करती थी | आज एसी बैठके होती तो हैं पर वो गप शप के अड्डो में तब्दील हो चुकी हैं | चाय से शुरू होती है चाट पकौड़ों पर खत्म | इनका रचनात्मक योगदान अब सिफर है | इन्हें वापस इनके मुख्य मकसद तक पहुचाइए और कुछ सार्थक हासिल कीजिये | कहीं एसा न हो कि देर हो जाये और आप हाथ मलते रह जाएँ | 

संगठन में शक्ति होती है | संघे शक्ति कलौयुगे | चार लकड़ियों को अलग- अलग तोडना आसान है पर चारों को मिलकर तोडना कठिन | ये सब हमने बचपन में पढ़ा था | इतनी महत्वपूर्ण बात हमने कैसे भुला दी ? क्यों हम लोग “हम” से “मैं” पर आ गए | आपसी प्रतिस्पर्धा ने कब वैमनस्य का रूप ले लिया हमें पता न चला | जिसके कारण ये संकट उत्पन्न हुआ है | हमे वापस “मैं” से “हम” पर जाना होगा | किताबों की सूक्तियों को वास्तिविकता के धरातल पर उतारना होगा | एक दूसरे के आपसी सुख दुःख में सम्मिलित होना होगा | डॉ नारंग की नृशंस हत्या से सबक लीजिये | एक होना होगा जीने के लिए | संगठित होना होगा सुरक्षित जीवन के लिए | याद रखिये जान है तो जहान है | आपकी जान अमूल्य है इसे सुरक्षित संभाल कर रखिये |

-अनुज अग्रवाल 

30.3.16

नई पीढ़ी-नई सोच संस्था ने आर्ड-ईवन फार्मूले को सफल बनाने के लिए दिए सुझाव

- आर्ड-ईवन फार्मूले को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर दिए कुछ सुझाव।
- पहले आर्ड-ईवन फार्मूले की सफलता के लिए सरकार का तेह-दिल से धन्यवाद दिया।
- संस्था ने सरकार से साझा किए विचार ताकि प्रदूषण पर कामयाबी मिल पा सके।
- जिन्हें फार्मूले में छूट मिले उन्हें पेट्रोल या सीएनजी गैस प्रदूषण जांच के प्रमाण पत्र के बाद मिले
- लगभग 20 से 30 प्रतिशत गाडि़यां इतना प्रदूषण छोड़ती हैं कि यह पूरे फार्मूले को ही विफल कर देती हैं।
- इससे सरकार को भी राजस्व होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।

नई दिल्ली। नई पीढ़ी-नई सोच संस्था जनता की भलाई के लिए रोजाना नए-नए कार्य जैसे पोलियो कैंप, नेत्र चिकित्सा कैंप, मतदाता पहचान पत्र कैंप आदि का आयोजन करके जनता व सरकार की मदद करती है। इसी कड़ी में संस्था ने एक और कार्य किया है। संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने दिल्ली सरकार के आर्ड-ईवन फार्मूले को सफल बनाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व परिवहन मंत्री गोपाल राय जी को पत्र लिखकर कुछ सुझाव दिए हैं। पत्र के शुरू में संस्था के अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने दिल्ली सरकार के आर्ड-ईवन फार्मूले की सफलता के लिए संस्था की ओर से दिल्ली सरकार का तेह-दिल से धन्यवाद दिया है और आशा की है कि 15 अप्रैल से लागू हो रहे आर्ड-ईवन फार्मूले को भी सफलता मिले।

साम्प्रदायिक शक्तियां संस्कृति को हथियार बनाती हैं : वीरेन्द्र यादव

पत्रकार और कला समीक्षक आलोक पराडकर की पुस्तक 'कला कलरव' का लोकार्पण


हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक वीरेन्द्र यादव ने कहा है कि साहित्य -संस्कृति की समाजोन्मुख परम्परा और प्रतिबद्ध जीवन दृष्टि को अपना कर ही आज के आसन्न खतरों का प्रतिवाद किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बाजारवाद के सामने घुटना टेक देने की बजाय उससे मुकाबला करने की जरूरत है। साम्प्रदायिक शक्तियां संस्कृति को हथियार  बनाती हैं। सांस्कृतिक पत्रकारिता का दायित्व है कि वह साहित्य -संस्कृति को खतरों के प्रति सचेत करती रहे।

हू इज रियल आनर आफ इण्डिया? भारत के मूलवासी / आदि-निवासी कौन?

-डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'-
'हू इज रियल आनर आफ इण्डिया?' अर्थात् भारत के वास्तविक मूलमालिक कौन हैं? यह एक ऐसा महत्वपूर्ण सवाल है, जिसे वर्तमान समय में दुराशयपूर्वक लगातार उलझाया जा रहा है। एक ओर तो आर्य—वैदिक—मनुवादी व्यवस्था के संवर्धक संघ द्वारा भाड़े के कट्टरपंथी और रुग्ण एवं आपराधिक मानसिकता के लेखकों के मार्फत कूटकरण करके भारत के इतिहास का ​पुनर्लेखन करवाकर विदेशी आर्यों को भारत के मूलवासी—आदिनिवासी सिद्ध करने की कुटिल चाल चली जा रही है।

पुरस्कार 'सेनेटरी पेड' तो नही हैं... संदर्भ : असाहित्यकार सोनी सोरी को साहित्यिक पुरस्कार मिलना

गुजरी होली पर खबर हिमाचल प्रदेश के गांव से आई जहां सामुदायिक मिलन समारोह में पुरस्कारस्वरूप, महिलाओं को सेनेटरी-पेड बांटे गए। विवाद बढ़ा तो उनके पतियों ने खासा बवाल मचाया और अंतत: आयोजकों के माफी मांगने के बाद मामला रफा-दफा हुआ। मगर यही गलती जब देश के प्रमुख राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी से हो तो सवाल खड़े होना लाजिमी है। दिल्ली सरकार द्वारा दिया जाने वाला संतोष कोली साहित्यिक पुरस्कार बस्तर की आदिवासी नेता सोनी सोरी को दिया गया है, जिनकी पहचान एक एक्टिविस्ट और आप पार्टी की नवांकुर नेता से ज्यादा कुछ नही है।

रेल मंत्रालय दे अनुमति तो यात्रियों को डेढ रुपया लीटर पानी, 20 रुपया लीटर छाछ और 30 रुपया लीटर शुद्ध दूध उपलब्ध करा दूं

: रेलवे यात्रियों के साथ कर रहा है अमानवीय व्‍यवहार : सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री व रेल मंत्री को किया मेल :




सामाजिक कार्यकर्ता ब्रज भूषण दूबे ने प्रधानमंत्री के पोर्टल व रेल मंत्री/रेल राज्‍यमंत्री को मेल कर इस आशय की अनुमति मांगा है कि यदि उन्‍हें वैधानिकता प्रदान किया जाय तो वे अपने सहयोगियों सहित गाजीपुर सिटी रेलवे स्‍टेशन पर डेढ रूपया लीटर शुद्ध आरो का पानी, 20 रूपया लीटर छाछ/मटठा एवं 30 रूपया लीटर प्‍योर दूध यात्रियों को प्रदान करा देंगे। प्रयोग के तौर पर उन्‍होने गाजीपुर सिटी रेलवे स्‍टेशन की मांग किया है।

29.3.16

जिंदगी ओएलएक्स ओला से लेकर ब्ला ब्ला तक.... तो गाइए, झिंगालाला... झिंगालाला...


जिंदगी ओला ओएलएक्स से लेकर ब्ला ब्ला तक हो गई है.. कार बेचने के बाद पैदल होने का जो अदभुत अकल्पनीय सुख उठा रहा हूं, उसे शेयर करने का मन नहीं कर रहा है लेकिन कर ही देता हूं क्योंकि अपनी फिलासफी जोत से जोत जलाए रखने वाली रही है. दिल्ली नोएडा मेट्रो से आने-जाने में क्या खूब सुकून मिलता है. इतनी सस्ती और इतनी द्रुतगामी सेवा दिल्ली में कोई दूसरी नहीं. द्रुतगामी इसलिए कि दिल्ली की सड़कों पर कार के सागर में फंस कर चींटी माफिक खिसक रहे कार मालिकों के दयनीय चेहरे देखकर यही लगता है कि सबसे द्रुतगामी अपनी मेट्रो रानी.

26.3.16

Yamuna faces environmental lawlessness: AOL case exposes NGT’s weakness

World Culture Festival (WCF) organised on Yamuna
floodplains by Art of Living (AOL) remains in the news because of
administration of enzyme into Yamuna River.

All enzymes are proteins with very few exceptions but all proteins are
not enzymes. The three dimensional structure of a protein affects it
function. Therefore, those factors that denature proteins will reduce
the activity of enzymes. These include changes in pH, temperature, and
ionic strength.

तानाशाही पर उतरे रतलाम कलेक्टर बोरकर

- मंत्री के करीबी के स्वामित्व की लॉज में हत्या के बाद धराया था शराब का जखीरा और देहव्यापार
- न्याय व्यवस्था की धीमी गति व हावी नौकरशाही का नायाब नमूना बना रतलाम
- मोदी सरकार के  मंत्री है पर्दे के पीछे, सूबे के मुखिया का भी मौन समर्थन
- आपातकाल पर बड़़े-बड़़े बोल बोलने वाले सत्ताधारी भी है मौन

रतलाम।  इतिहास गवाह रहा है की जब-जब किसी प्रदेश में सत्ता की पारी लम्बी चली है तब-तब नौकरशाह सरकार और खासकर जनता पर हावी हुए है। पूर्व की दिग्विजय सरकार पर भी इस प्रकार के आरोप लगे परन्तु वर्तमान शिवराज सरकार के नौकरशाहों ने तो यह साबित कर दिया है। यू तो व्यापम घोटाला, पीएमटी घोटाला, मनरेगा घोटाला व ड्रिप इरीगेशन घोटाला आदि कई  घोटालो से सरकार की छाती खासे तमगे लगाए है पर अब रतलाम कलेक्टर चन्द्र शेखर बोरकर जो की सरकार के करीबी माने जाते है अपनी छाती पर तमगा लगाने के लालच में उच्च न्यायालय की अवमानना पर उतर आए है।

गुड फ्राइडे की मार्मिक घटनाओं की नाट्य प्रस्तुति





वाराणसी 25.03.2016 प्रभु येशु ख्रीस्त की दु:खपीड़ा और सलीब पर उनकी शहादत के मर्मस्पर्शी और दारुण दृश्यों का मंचन प्रेरणा कला मंच के कलाकारों ने बड़ी संजीदगी के साथ किया| क्राइस्ट नगर स्थित मातृधाम आश्रम में गुड फ्राइडे (पुण्य शुक्रवार) के पवित्र दिन वाराणसी, पडोसी जनपदों और अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में आये मसीही श्रद्धालु भक्तों ने इस ‘प्रेम बलिदान’ नाटक को बड़ी भक्ति और श्रद्धा के साथ देखा|

यूपी में जंगलराज : प्रधानी चुनाव में दबंग प्रत्याशी को वोट न देने पर कहार समाज के 16 घरों को फूंका, दो बच्चे मरे

: चुनावी रंजिश में जला दिए आशियाने, दो मासूम जलकर राख : राजनीतिक-सामाजिक संगठनों ने सीतापुर के लहरपुर थाने के पट्टी देहलिया गांव का किया दौरा : नृशंस आपराधिक अग्निकांड को प्रशासन दुर्घटना बताकर दोषियों को बचाने की फिराक में : पीडि़तों के पुर्नवास और मुआवजे की मांग की : ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए पुलिस की नामौजूदगी ने साफ किया कि सरकार को गरीबों की कोई चिंता नहीं  :





लखनऊ । सीतापुर के लहरपुर थाने के पट्टी देहलिया गांव में हुई आगजनी के पीडि़तों से राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के लोग मिले। रिहाई मंच, सोशलिस्ट पाटी (इंडिया), भाकपा माले (रेड स्टार), इंसाफ अभियान, पिछड़ा समाज महासभा, संगतिन किसान मजदूर संगठन के नेताओं से पीडि़तों ने अपने दर्द बयान किए।

23.3.16

दूरदर्शन पटना के समाचार संपादक संजय को मिला गौरैया संरक्षण प्रतियोगिता में दूसरा सम्मान


पटना । विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर पर्यावरण एवं वन विभाग बिहार सरकार द्वारा आयोजित गौरैया संरक्षण प्रतियोगिता के ‘‘गौरैया बक्सा/कृत्रिम घोंषला” में दूरदर्शन पटना के समाचार संपादक संजय कुमार को दूसरा सम्मान प्रदान किया गया। आज संजय गांधी जैविक उद्यान पटना में विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर आयोजित राजकीय कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण एवं वन मंत्री तेज प्रताप ने संजय कुमार को सम्मान प्रदान किया।

समृद्धि की स्कूटी (कहानी)

एक लड़की भीगी भागी सी,
सोती रातों में जागी सी,
मिली एक अज्ज ....।

क्या दिन भर गाना सुनती रहती हो कुछ अपने बारे में सोचो, एक्जाम सिर पर है। दादी के अचानक गाना बंद कर देने के बाद ,समृद्धि प्रतिरोध के रूप में अपनी किताबों का बंडल तेज से मेज पर पटकी और कुर्सी से तेज से उठी,जिससे कुर्सी के अगले दो पाये थोड़ा ऊपर उठे, फिर जमीन पर आ गये और समृद्धि तेजी से रूम से निकल गयी।

बिना दहेज विवाह कर समाज का गौरव सम्मान बढ़ाया राजदीप गंगेले ने




छतरपुर - मध्य प्रदेश सरकार व्दारा महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान के लिए सैकड़ों जन कल्याणकारी योजनाओं को प्रदेश में संचालित किया जा रहा है। इन योजनाओं को सही ढंग से संचालित कराने की जुम्मेदारी संबंधित विभाग एवं जनप्रतिनिधिओं की है। भारतीय संस्कृति एवं संस्कारों की रक्षा करने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश में एक सामाजिक संगठन गणेश शंकर विद्यार्थी प्रेस क्लब मध्य प्रदेश है जो भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार निःशुल्क करता है।  इस संगठन के संचालक /संस्थापक अध्यक्ष संतोष गंगेले लगातार अनेक बर्षो से शिक्षा , स्वास्थ्य, स्वच्छता, समरसता एवं समाज बिषय को लेकर प्रदेश में कार्य कर रहे है। पिछले बर्ष से स्वच्छ भारत अभियान के साथ -साथ बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं, दहेज को अभिशाप है, मतदाता जन जागृति अभियान आदि को लेकन प्रदेश में दौरा किए।


विश्व कठपुतली दिवस पर रैली और नाटक का आयोजन

प्रेस विज्ञप्ति




प्रति वर्ष 21 मार्च पूरे विश्व में 'विश्व कठपुतली दिवस' के रूप में मनाया जाता है. कठपुतली की कला हमारे देश में प्रायः लुप्तप्राय हो चली है जरूरत है इसे पुनः संजोने औए संवारने की. 
इस दिशा में सार्थक पहल करते हुए आज वाराणसी के एक संस्कृति  समूह सृजन कला मंच द्वारा एक सकल्प रैली का आयोजन किया गया. रैली कचहरी स्थित अम्बेडकर पार्क प्रारंभ होकर  जिला मुख्यालय  पहुचीं. सभी कलाकार अपने हाथो में कठपुतली लिए हुए तथा नारे लगते हुए चल रहे थे. जिला मुख्यालय पर रैली सभा में तब्दील हो गयी तत्पश्चात एक कठपुतली नाटक लल्लू की भूल का मंचन किया गया. 

Request for probe into the nuclear leak at Gujarat’s Kakrapar Atomic Power Station

To

Dr Ashwani Kumar
Chairman
Parliamentary Standing Committee (PSC) on Science & Technology, Environment & Forests
Parliament of India

Date: March 21, 2016

Subject-Request for probe into the nuclear leak at Gujarat’s Kakrapar Atomic Power Station

Sir,

With due respect on behalf of ToxicsWatch Alliance (TWA), this is to draw your urgent attention towards the nuclear leak at the Kakrapar Atomic Power Station (KAPS) on the fifth anniversary of the serial meltdown of atomic power plants at Fukushima, Japan and ahead of 30th anniversary of nuclear disaster in Chernobyl , Ukrain (former USSR). The leakage is continuing even after 9 days. This ‘incident’ at the 220-megawatt nuclear reactor in southern Gujarat merits your urgent attention.

TWA's position on impact of enzyme on the Yamuna

World Culture Festival (WCF) organised on Yamuna floodplains by Art of Living (AOL) remains in the news because of administration of enzyme into Yamuna river. When reporters approached ToxicsWatch Alliance (TWA), a public policy research and advocacy group for views on the issue, the following text was shared with them as a reply.

आलोक पराड़कर की पुस्तक का लोकार्पण 27 मार्च को


पत्रकार और कला समीक्षक आलोक पराड़कर की पुस्तक 'कला कलरव' का लोकार्पण 27 मार्च को वाराणसी के पराडकर स्मृति भवन में होगा। लोकार्पण हिन्दी के प्रसिद्ध आलोचक वीरेन्द्र यादव करेंगे जबकि समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ रंग अध्येता कुंवर जी अग्रवाल करेंगे।

केजरीवाल जी, स्वराज बिल को आपका भूल जाना स्पष्ट करता है कि आप भ्रष्ट नेताओं को बचा रहे हैं

22-03-2016
माननीय मुख्यमंत्री                                                                
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
आदरणीय केजरीवाल जी,

आप ने दिल्ली में जनलोकपाल बिल और स्वराज बिल पास करने का वादा किया था. 49दिन की सरकार के 48वें दिन (13-02-2014) आपकी अध्यक्षता में दिल्ली मंत्रिमंडल ने स्वराजबिल पास भी किया था, लेकिन अगले ही दिन आपने इस्तीफा दे दिया. अब आपके पास ऐतिहासिक बहुमत है लेकिन एक वर्ष बाद भी आपने स्वराजबिल को विधानसभा से पास नहीं कराया.

मेरी नयी कविता आप सभी को समर्पित...

@ होली आई रे आई रे होली आई रे @
प्रकाशन तिथि :- 22-03-2016

रंगो में घोल दो प्यार-मुहब्बत अपार होली आई रे  
शिकवे-गिले भुला के बरसा दो प्यार होली आई रे
आई रे होली आई रे होली आई रे………………….

मोदी जी कितने सच्चे आंबेडकर भक्त?

-एस.आर. दारापुरी- 
अपने प्रसिद्ध लेख “राज्य और क्रांति” में लेनिन ने कहा है, “मार्क्स की शिक्षा के साथ आज वही हो रहा है, जो उत्पीडित वर्गों के मुक्ति-संघर्ष में उनके नेताओं और क्रन्तिकारी विचारकों की शिक्षाओं के साथ इतिहास में अक्सर हुआ है. उत्पीड़क वर्गों ने महान क्रांतिकारियों को उनके जीवन भर लगातार यातनाएं दीं, उनकी शिक्षा का अधिक से अधिक बर्बर द्वेष, अधिक से अधिक क्रोधोन्मत घृणा तथा झूठ बोलने और बदनाम करने के अधिक से अधिक अंधाधुंध मुहिम द्वारा स्वागत किया. लेकिन उन की मौत के बाद उनकी क्रन्तिकारी शिक्षा को सारहीन करके, उसकी क्रन्तिकारी धार को कुंद करके, उसे भ्रष्ट करके उत्पीडित वर्गों को “बहलाने”, तथा धोखा देने के लिए उन्हें अहानिकर देव-प्रतिमाओं का रूप देने, या यूँ कहें, उन्हें देवत्व प्रदान करने और उनके नामों को निश्चित गौरव प्रदान करने के प्रयत्न किये जाते हैं.” क्या आज आंबेडकर के साथ भी यही नहीं किया जा रहा है?

महिला लेखन स्त्री विमर्श नहीं है : निर्मला जैन



कोलकाता : हिंदी की वरिष्ठ आलोचक व प्रोफेसर (रिटायर्ड) निर्मला जैन ने कहा है कि महिला लेखन स्त्री विमर्श नहीं है। संवेदनशीलता की दृष्टि से महिला लेखन महत्वपूर्ण है। यहीं दृष्टिकोण उन्हें पुरुष दृष्टिकोण से भिन्न करता है। महिला लेखन में स्त्री स्मिता की बात होनी चाहिए लेकिन आजकल महिला लेखन में देहवाद की बात अर्थात नारी के देह की स्वतंत्रता की बात की जा रही है जो ठीक नहीं है।

19.3.16

मुकेश गेहलोत को न्याय दिलवाने के लिए पत्रकार हुए लामबंद, पत्रकारों ने दिया पुलिस चौकी पर धरना



कुक्षी/इंदौर। सिर्वी समाज के सक्रिय पदाधिकारी और ग्राम के वरिष्ठ पत्रकार मुकेश गेहलोत को ग्राम के ही युवक सईद को जलाकर मारने के झूठे आरोप में फंसाने से आहत जिलेभर के पत्रकार बुधवार डेहरी में एकत्रित हुए। पत्रकारों ने जब ग्राम के लोगों से इस घटना की अपने स्तर से गोपनीय जानकारी ली तो उन्हें पुरे षड्यंत्र को समझने में देर नही लगी। इसके बाद करीब 12 बजे आक्रोशित पत्रकारों ने इस समूचे मामले की सीबीआई जाँच की मांग को लेकर पुलिस चौकी परिसर में धरना दे दिया।

सहरसा में जिस भू माफिया ने पत्रकार मनोज ठाकुर को पीटा, उसी के होटल में दावत उड़ाते मिले पुलिस वाले


सहरसा : पुलिस और अपराध के बीच छतीस का आकड़ा रहा है लेकिन पुलिस-अपराधी गठजोर का इतिहास पुराना रहा है| इसी की बानगी देखने को मिला। जिस थाने के पदाधिकारी और जवान को आरोपियों की गिरफ़्तारी करना चाहिए था वह पुलिस आरोपी के साथ मिलकर शराब शबाब का आनंद ले रहे थे | अब बात करते है ताजा टीवी के पत्रकार मनोज ठाकुर के साथ मारपीट करने वाले की| पुलिस के साथ मिलकर जमीन माफिया अब पत्रकार को भी नही छोड रहे है।

‘जय हिंद और पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा सुनते ही राजनाथ सिंह हैरत में पड़ गए

शैलेन्द्र चौहान 
गृहमंत्री राजनाथ‍ सिंह अकसर कहते हैं कि जो भी देशद्रोही बयान देगा उसे सजा मिलेगी। लेकिन शनिवार को उनके सामने श्री श्री रविशंकर ने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ नारा लगाया और राजनाथ देखते रह गए। यह सब अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की संस्था ऑर्ट ऑफ लिविंग की 35वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह के दौरान हुआ। आश्चर्य यह कि पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा किेसी और ने नहीं, बल्कि खुद श्री श्री रविशंकर ने लगाया। उन्होंने कहा, ‘जय हिंद और पाकिस्तान जिंदाबाद।’ श्री श्री रविशंकर का यह बयान सुनते ही वहां खड़े राजनाथ सिंह और अन्य लोग हैरत में पड़ गए। श्री श्री ने कहा, ‘जय हिंद और पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा एक साथ क्यों नहीं लग सकता। पाकिस्तान खुद आतंकवाद से जूझ रहा है। ऐसे में अगर दोनों देश एक साथ आ जाएं तो काफी तरक्की कर सकते हैं। जय हिंद और पाकिस्तान जिंदाबाद भी एक साथ आ सकते हैं। यह दोनों पक्षों के लिए एक जिताने वाली स्थिति हो सकती है।’

बूढ़ी मातायें यूं ही नहीं वृन्दावन जैसी जगहों पर चली आती हैं

क्या वृद्धाश्रमों में हमारे बुजुर्ग खुश रहते हैं?

पिछले बरस, अपने पैरों पर खड़ी एक नामी अभिनेत्री ने वृन्दावन के आश्रय सदनों में वृद्ध माताओं की भीड़ पर कहा था कि ‘ये घर छोड़कर यहां आती ही क्यूं हैं?’ उनके इस बयान पर काफी हो-हल्ला मचा। विपक्षी पार्टियों से लेकर आधुनिक समाजसेवी तबके तक से उनके विरोध में आवाजे आयीं। इन आवाजों के बीच उन बंगाली विधवाओं ने भी अपनी बात कही जिनके बारे में वो खुद और लोग कहते हैं कि भगवान की भक्ति के लिये वह वृन्दावन आकर आश्रय सदनों में रहती हैं। सबकी अपनी-अपनी कहानी है, बहुत सारी बातें हैं जिन्हें सोचकर सिवाय आंसुओं के उन्हें कुछ मिलता भी नहीं है। इसलिये सबकुछ भगवान के नाम छोड़कर भगवान के धाम में भक्ति का आश्रय ले रखा है। अकेली जान की गुजर बसर जैसे-तैसे हो ही जाती है। सरकार से मदद मिलती है तो समाजसेवी संस्थाओं से भी कुछ ना कुछ दान मिलता रहता है।

भाई-भतीजावाद की भेंट चढ़ रहा लोकसभा टीवी

कहने को तो लोकसभा टीवी एक संसदीय चैनल है। लेकिन सच्चाई यही है इसकी शुरुआत से आज तक इस संसदीय चैनल में भाई भतीजावाद का ही बोल-बाला रहा है। जिसके चलते अपनी स्थापना के दस साल के बाद भी भारी भरकम बजट वाला ये चैनल अपनी पहचान को तरस रहा है। इस चैनल की कहीं कोई चर्चा नहीं है, कार्यक्रमों के लिए ये नहीं जाना जाता। जबकि महज़ चार साल पहले जन्मा राज्यसभा टीवी थोड़े समय में ही अपनी एक अलग पहचान बना चुका है।

भास्कर के बजाय सन्मार्ग के रिपोर्टर कहलाना पसंद करते है मोतिहारी में भास्कर के रिपोर्टर



रक्सौल। भास्कर चाहे अपनी ब्रांडिंग जितनी कर ले, लेकिन बिहार में इसके अपने रिपोर्टर तक इसे भाव नहीं दे रहे है। हद तो यह है की भास्कर के रिपोर्टर भी सन्मार्ग जैसे फ्रेंचैजी अखबार का रिपोर्टर कहलाना पसंद कर रहे है। जबकि पैसा भास्कर से लेते है। ताज़ा मामला सुगौली- संधि के दो सौ वर्ष पुरे होने पर आयोजित शताब्दी समारोह का है।

पुलिस का पूरी तरह से राजनीतिकरण और अपराधीकरण हो गया है

प्रकाश सिंह, छतरी और गोदाम

पवन कुमार बंसल

हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक स्वदेश कुमार सेठी ने एक बार पुलिस अकादमी में पुलिस अफसरों को संबोधित करते हुए कहा था कि अच्छे पुलिस अफसर छतरी की तरह होते हैं. जब तेज बारिश हो रही होती है और ओले पड़ रहे होते हैं तो छतरी की तरह उनका इस्तेमाल किया जाता है और बाद में बारिश खत्म होने पर छतरी की तरह उन्हें बंद करके गोदाम में रख दिया जाता है. उनकी पुरानी बात आज के माहौल में उत्त्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह पर सही साबित हो रही है. जब हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली सरकार जाट आंदोलन में हुई हिंसा को रोकने में असफल रहने को लेकर विपक्ष और मीडिया की आलोचना का शिकार हो रही थी तब सरकार ने प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में जाँच दल बनाकर मामले को शांत किया.

नवभारत टाईम्स मुंबई का भविष्य वसूलीबाज पत्रकारों के हाथ में

मुंबई एनबीटी में क्या छपेगा और क्या नहीं, इसका फैसला करते है दूसरे अखबारों के वसूलीबाज पत्रकार

टाईम्स गुप का हिंदी अखबार नवभारत टाईम्स (एनबीटी) मुंबई का सबसे बड़ा और लोकपिय अखबार है, जिसमें हर कोई अपनी खबर छपवाना चाहता हैं, लेकिन गत 1 फरवरी से ही इस अखबार की गरिमा पर चौतरफा सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर इस अखबार को चला कौन रहा है। टाईम्स गुप या वसूलीबाज पत्रकार ? एनबीटी में छपने वाली ज्यादातर खबरें वसूलीबाज पत्रकारों से एनबीटी के पत्रकार ले रहे है। एनबीटी के पत्रकार घटनास्थल का दौरा किए बिना ही आफिस में बैठकर वसूलीबाज पत्रकारों से खबरें लेकर अपने दिनभर का कोटा पूरा कर रहे है। इसके एवज में वसूलीबाज पत्रकारों को आथिर्क लाभ मिल रहा है। इसलिए अब एनबीटी में छपी खबरों को कितना तवज्जों दिया जाए, इसपर आशंका बनी हुई है। एनबीटी में वसूलीबाज पत्रकारों द्वारा की जा रही खबरों की हेराफेरी को लेकर यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले कुछ ही दिनों में नवभारत टाईम्स का स्तर और नीचे गिर सकता है।

18.3.16

वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार से रविकांत ने की मुलाकात


मनेंद्रगढ़। शहर के युवा पत्रकार रविकांत सिंह ने नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित एनडीटीवी के कार्यालय में देश के वरिष्ठ पत्रकार व एनडीटीवी के एक्जिक्यूटिव एडिटर रवीश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान रवीश कुमार ने युवा पत्रकार रविकांत से छोट शहरो और बड़े शहरो की पत्रकारिता को लेकर बातचीत की।

सुखदेव न उकसाते तो भगत सिंह के प्रेम और नारी पर इतने अनूठे विचारों से हम सब वंचित रह जाते

राजशेखर व्यास
खूबसूरत शख्सियत रखने वाला नौजवान, हरदिल अजीज, शहीदों का शहजादा भगतसिंह भी कभी प्रेम करता होगा, ऐसा कोई सोच भी नहीं पाता, सोच भी नहीं सकता। पता नहीं क्यों ‘भगतसिंह’ का नाम लेते और याद आते ही हमारे दिमाग में उनका क्रांतिकारी रूप सामने आता है और हम यह मान लेते हैं कि एक क्रांतिकारी और विशेषकर भगतसिंह का तो प्रेम या नारी से कोई वास्ता नहीं होना चाहिए। दरअसल, ऐसा नहीं है।

अखिलेश यादव को मक्खन लगाने में दैनिक जागरण के संपादक दिलीप अवस्थी ने कलमतोड़ पसीना बहाया, आप भी पढ़ें

दैनिक जागरण, लखनऊ के संपादक दिलीप अवस्थी हैं. अखिलेश यादव की सरकार के चार साल पूरे होने पर इन्होंने एक विशेष आर्टकिल लिखा है दैनिक जागरण में. इस आर्टकिल को पढ़ते पढते आपको महसूस होगा कि इन्होंने अखिलेश यादव को मक्खन लगाते लगाते इस कदर कलमतोड़ पसीना बहाया है कि चमचागिरी के सारे प्रतिमान शरमा जाएं.

टीवी और अखबारों में अखिलेश यादव की चापलूसी के लिए होड़ मची, पढ़िए राष्ट्रीय सहारा में प्रकाशित गुणगान



लखनऊ में सभी अख़बार और सभी रीजनल चैनल इस समय अखिलेश सरकार की चापलूसी करने में होड़ मचाए हुये हैं. कौन कितना बड़ा तेलू है, इसको लेकर सब कलम और कैमरा कोठे पर रख कर बैठे हैं. प्रिंट के साथ साथ टीवी पर भी केवल सरकार का गुणगान हो रहा है. ईटीवी, समाचार प्लस, समय चैनलों में सरकार को जनता का हितैषी बताने की होड़ लगी है. दैनिक जागरण और राष्ट्रीय सहारा ने अखिलेश की तारीफ में जबरदस्त कसीदे पढ़े हैं.

साधना न्यूज (एमपी-सीजी) के ठग संचालकों से बच कर रहिए, पढ़िए एक पीड़ित स्ट्रिंगर की दास्तान


संपादक
भड़ास4मीडिया
महोदय                                                                                          

मझसे साधना न्यूज (मध्यप्रदेश छत्तीसगढ) के नाम पर 8 माह पूर्व विनोद राय के निजी खाते में 20 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए थे. इस रकम को खुद मैंने अपने खाते से भेजा था. परन्तु साधना न्यूज ने एक माह बाद ही किसी दूसरे को नियुक्त कर दिया. विनोद राय (इन्दौर, डायरेक्टर, साधना न्यूज) से रुपये वापस मांगने पर वे नये नये तरीके से टालते रहते हैं और आज कल करके कई प्रकार के बहाने से मुझे राशि लौटने से इनकार कर रहे हैं. मैं इसके लिए कई बार इन्दौर का चक्कर काट चुका हूं.

17.3.16

Labour Court rejects enquiry conducted by the Times management against journalist Ira Jha

Ira Jha

Labour Court, Delhi,  rejects the enquiry conducted by the management of Bennet Coleman & Co. Ltd. (Times of India Group) against its dismissed journalist Ira Jha as unjust and unfair. Ms. Ira Jha joined Navbharat Times, a part of Times of India Group as sub-editor in 1985 and was promoted as Chief-sub editor in 1994, the first woman journalist to attain that position  in Hindi journals. Due to  heavy traffic jam near ITO,  Delhi on 13th May,2000 she was late by half an hour for which there was altercation between him and his chief (Shri Ram Kirpal Singh). The management issued a charge-sheet –cum-suspension letter dt.15th May, 2000 accusing her of misconduct of ‘in-subordination’ and ‘creating disorder’ in the office.

16.3.16

बनारस के कैथी स्थित मार्कंडेय धाम में राम जानकी मंदिर से भगवान राम की मूर्ति चोरी



विगत रात्रि में कैथी के श्री मार्कंडेय महादेव धाम में स्थित प्राचीन राम जानकी मंदिर से भगवान श्री राम की मूर्ति चोरी हो गयी. प्रातः मुख्य मंदिर का कपाट खुला पाया गया इसके बाद चोरी का पता चला. चैनल गेट का चेन और रामजानकी मंदिर की कुण्डी को काट कर चोर मंदिर में प्रवेश किये हैं और काले मार्बल से बनी श्री राम जी की मूर्ति को उखाड़ ले गये.  यह मदिर अट्ठारहवीं शताब्दी का बना हुआ है इसका निर्माण गाँव के ही जमींदार हजारी प्रसाद सिंह और उनके परिवार वालों ने कराया था. मंदिर में राम जी, लक्ष्मण जी, सीता जी  और गणेश जी की मूर्तियाँ थी, राम जी की मूर्ति बहुमूल्य ब्लैक मार्बल की थी और बाकी मूर्तियाँ श्वेत संगमरमर की हैं भगवान राम की मूर्ति लगभग 3 फीट की थी..

सपा सरकार के चार साल पूरे होने पर अल्पसंख्यक मुद्दे से जुड़े 40 सवाल

लखनऊ । रिहाई मंच ने सपा सरकार के चार साल पूरे होने पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव, हिंसा, आतंकवाद के नाम पर बेगुनाहों को फंसाने का आरोप लगाया। मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने चार सालों में अखिलेश यादव द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय से किए गए वादों पर अमल न करने का आरोप लगाया। इंसाफ अभियान के उपाध्यक्ष सलीम बेग ने मुसलमानों के शैक्षणिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए मुस्लिम बाहुल्य जिलों में स्कूल-कालेज न खोलने, यूनानी चिकित्सा पद्धति के साथ सौतेला बर्ताव जैसी नीतियों पर सवाल करते हुए आरएसएस के एजेण्डे को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व को बढ़ाने का आरोप लगाया। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा एवं अल्पसंख्यक संस्थानों से संबन्धित वादा न पूरा करने वाली सपा सरकार के चार साल पर रिहाई मंच ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से 40 सवाल किए हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ श्रमिक बनती जा रही हैं महिलाएं : प्रो. सुचेता सेन चौधरी

महिला अध्ययन विभाग द्वारा ‘हैंडीक्राफ्ट एंड सस्टेनेबल लाइवलीहुड’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्टी आयोजित



भोपाल। महिलाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ श्रमिक बनती जा रही हैं, महिलाओं का उपयोग कृषि कार्यों से लेकर कंपनी तक में हो रहा है लेकिन रचनातमक और नेतृत्व के कार्य उन्हें नहीं सौंपे जाते हैं। यहां उनकी भूमिका बहुत कम है, यह बात मंगलवार को बरकतउल्ला विश्वविद्याले के महिला अध्ययन विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित दो दिवसीय संगोष्टी में स्वदेशी संस्कृति के अध्ययन केंद्र झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्ष्य प्रो. सुचेता सेन चौधरी ने कहा। संगोष्टी में मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति आई.एस चैहान, अध्यक्ष बीयू कुलपति प्रो. एम डी तिवारी और महिला अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. आशा शुक्ला मौजूद थी।

श्रीमति सेन ने कहा कि हेंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं को हस्तकला के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, उनके द्वारा बनाए जा रहे क्राफ्ट देश-विदेश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बाजार में बेचे जा रहे हैं। जिसका लाभ सीधे तौर पर उन्हे नहीं मिल रहा है। सरकार द्वारा कई योजनाएं हेंडीक्राफ्ट उद्योग को बढावा देने के लिए चलाई जा रही हैं लेकिन जानकारी के आभाव में इन योजनाओं का फायदा किसी भी कारीगर को नहीं मिल रहा है।

मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति आई.एस चौहान ने कहा कि हस्तकला कार्यों में अदिवासी समुदाय का बहुत बढ़ा योगदान रहा है। हमें उनकी इस प्रतिभा को निखारने के लिए योजनाबद्ध तरिके से कार्य करना होगा जिससे उनकी ये कला वैश्विक स्तर पर पहचानी जा सके। जब सुदुंण जीविका की बात होती है तो सिर्फ एक व्यक्ति की बात नहीं होती हम पूरे आदिवासी समुदाय के बारें में सोचते हैं। हमें उनके लिए ऐसा काम करना चाहिए जिससे उन्हे इस कार्य का लाभ पहुंचे।

कुलपति प्रो.एम डी तिवारी ने कहा कि हेंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में कार्य कर रही महिलाओं का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। सेमिनार और संगोष्टियां पहले भी होती रही हैं लेकिन महिला अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. आशा शुक्ला के प्रयासों से हमने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। हमारी कोशिश है हम ऐसे गावों के लोगों को प्राशिक्षण दे जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्तिथि में सुधार आए। महिला अध्ययन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. आशा शुक्ला ने कहा कि महिलाओं की आर्थिक और सामाजिक सुधार ने के लिए महिला अध्ययन विभाग पिछले एक दशक से लगातार काम कर रहा है। इस काम में अनेक सहयोगियों ने अपनी महती भूमिका निभाई है।

सेमिनार में अतिथियों द्वारा महिला अध्ययन विभाग द्वारा विभाग की शोध पत्रिका, समाचार संवाद पत्रिका एवं राष्ट्रीय संगोष्टी का शोध सारांश पुस्तिका का लोकार्पण किया गया विभाग हर साल समाचार संवाद पत्रिका के माध्यम से बीते साल की गई समस्त गतिविधियों के संक्षिप्त समाचार प्रकाशित करता है। इसके अलावा आगामी साल में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी जाती है। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में शोध पत्रों का वाचन किया गया। सेमिनार में प्रो. एच.एस यादव, डा. रूची घोष, प्रो. सतीष चंद्रा, शिव कुमार पांडे,  डा. शफीकुननिसा, डॉ रफत, डॉ. अनिता धुर्वे थे और डा. जया फूकन, सहायक प्रध्यापिका महिला अध्ययन विभाग, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने आभार व्यक्त किया।

पुरूषों को अपने घर की महिलाओं के प्रति रवैया बदलना होगा

हैंडीक्राफ्ट को जाति व्यवस्था से जोड़ना घातक: डॉ. आर के श्रीवास्तव


भोपाल। हस्तकला में सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। जिनकी बनाई हुई वस्तुएं देश—विदेश में पसंद ​की जाती हैं। लेकिन किसी भी हस्तकला 'हैंडीक्राफ्ट' को किसी धर्म या जाति से जोड़ना घातक है क्योंकि धर्म या जाति से जुड़ने पर हस्तकला का उत्थान न होकर पतन ही होगा। समाज में हमें महिलाओं के प्रति उदार होने की जरूरत है। आज हम ये चाहते हैं हमारे घर की महिलाएं बाहर निकले और खुद को निर्भर बनाएं लेकिन जब हमे कोई इस बात के लिए समाज में टोक देता है तो पुरूषों के अहम को चोट चहुंच जाती है। पुरूषों को अपने घर की महिलाओं के प्रति रवैया को बदलना होगा।

14.3.16

हीली पर नंगे होगे लखनऊ के गुटबाज पत्रकार

विभाजन की राजनीति करके पत्रकारों का बंटवारा करने वाले लखनऊ के पत्रकारों के कपड़े उतारने के लिये हास्य-व्यंग्य  के बाण तैयार किये गये है।  पत्रकारों के बीच बढ़ते जा रहे सर-फुटव्वल को बयाँ करने के साथ होली पर गिले-शिकवे भुला कर  एकता स्थापित करने की नसीहत देने के मकसद से " होली बुलेटिन" तैयार किया जा रहा है।  जिसमें पत्रकारों की खबरो को व्यंग्यात्मक तरीके से बयाँ करने के लिये फिल्मी गीतो की पैरोडी, गीत, गजल, कविताओ के जरिये पत्रकारिता की छवि धूमिल करने वालों को नंगा किया जायेगा। इसके अलावा फोटो- कैप्शन , कार्टून, कैरीकेचर के रंग सच का आईना दिखायेगे।

पुस्तक समीक्षा : अनथक यात्री की कहानी बयां करती किताब


भारतीय राजनीति के 'अनथक यात्री' लखीराम अग्रवाल पर किसी पुस्तक का आना सुखद घटना है। सुखद इसलिए है, क्योंकि लखीरामजी जैसे राजपुरुषों की प्रेरक कथाएं ही आज हमें राजनीति के निर्लज्ज विमर्श से उबार सकती हैं। दलबंदी के गहराते दलदल में फंसकर इधर-उधर हाथ-पैर मार रहे राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नेताओं को सीख देने के लिए लखीरामजी जैसे नेताओं के चरित्र को सामने लाना बेहद जरूरी है। विचार के लिए किस स्तर का समर्पण चाहिए और विपरीत परिस्थितियों में भी राजनीतिक शुचिता कैसे बनाए रखी जाती है, यह सब सिखाने के लिए लखीरामजी सरीखे व्यक्तित्वों को अतीत से खींचकर वर्तमान में लाना ही चाहिए।

डॉ. मृत्युंजयप्पा, विजय कुमार सप्पत्ति, शांताबाई और डॉ. नरपत सोलंकी होंगे पुरस्कृत

कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा हिन्दी से कन्नड़ अथवा कन्नड़ से हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ अनुवाद के लिए घोषित इकतीस हजार राशि के "पिताश्री गोपीराम गोइन्का हिन्दी कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार" के लिए इस वर्ष उडुपि (कर्नाटक) की डॉ. माधवी भंडारी जी द्वारा डॉ. मृत्युंजयप्पा जी की कन्नड़ मूल कृति का हिन्दी अनुवाद "खुदी को किया बुलंद" का चयन हुआ है। संग-संग फाउण्डेशन द्वारा धोषित हिन्दीतर क्षेत्र के वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार के लिए इकतीस हजार राशि का "बाबूलाल गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्कार" इस वर्ष हैदराबाद के श्री विजय कुमार सप्पत्ति को उनकी कृति "एक थी माया" के लिए दिया जायेगा।

12.3.16

11 माह बनाम एक दिन : भिक्षाटन का हुआ असर, 11 माह से रूकी वरासत किया आरोपी लेखपाल ने

तहसीलदार ने कहा- एक लेखपाल के कारण पूरे जिले की हुयी छीछालेदर

शुक्रवार को पी0जी0 कालेज में पढाई करने वाले छात्र धनन्‍जय चतुर्वेदी ने अपने पिता अनन्‍त चौबे की मृत्‍यु के 11 महीने बाद भी लेखपाल द्वारा वरासत न किये जाने पर भिक्षाटन कर रिश्‍वत की रकम इकटठा किया। भिक्षाटन का पैसा अतिरिक्‍त एस0डी0एम0 सत्‍येन्‍द्र श्रीवास्‍तव को यह कहते हुये देने का प्रयास किया गया कि जो पैसे कम पड रहे हों वे उसे आरोपी लेखपाल को देकर  वरासत करा दें। इस प्रकार के लोकतांत्रिक कार्यक्रम से न केवल पत्रक लेने वाले एस0डी0एम0 शर्मसार हुये बल्कि पूरे राजस्‍व विभाग को मुंह छुपाना पडा। असर हुआ कि शुक्रवार को ही 11 माह से रिश्‍वत के अभाव में रोकी गयी वरासत कर दी गयी।

11.3.16

छात्र ने लेखपाल को रिश्‍वत देने के लिये कचहरी में किया भिक्षाटन, देखें तस्वीरें



गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) : हाथ में कटोरा व गले में भिक्षाटन लिखी तख्‍ती लटकाये एक छात्र शुक्रवार को गाजीपुर कचहरी में घूम-घूमकर लोगों से सहयोग मांग रहा था। सहयोग भी सौ पचास का नहीं बल्कि एक दो रूपये का। लोगों को बता भी रहा था कि पिता की मृत्‍यु के बाद वरासत करने के लिये लेखपाल साहब को घूस देना है। काफिले में सामाजिक संस्‍था समग्र विकास इंडिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ब्रज भूषण दूबे भी सहयोगियों के साथ शामिल थे।

9.3.16

राजस्थान में लहराया सहारनपुर का परचम



सहारनपुर। राजस्थान की रंग-रंगीली धरती पर एक बार फिर सहारनपुर का नाम रोशन हुआ है। गंगा-जमनी तहजीब के शहर बीकानेर में आयोजित चतुर्थ इंटरनेशनल सोशल मीडिया सम्मेलन में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी व पत्रकार पवन शर्मा ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में सोशल मीडिया की भूमिका और सदुपयोग पर बेबाक नजरिया रखा। इस अवसर पर देश-विदेश से जुटे सैकड़ों कलाकारों, साहित्यकारों की उपस्थिति में श्री शर्मा को सोशल मीडिया सम्मान से भी नवाज़ा गया। प्रेरणा सामाजिक aसेवा समिति व एजुग्राम सहित नगर की विभिन्न सांस्कृतिक, सामाजिक एवं साहित्यिक संस्थाओं ने इसे गौरवपूर्ण उपलब्धि करार दिया।

7.3.16

बीडीएस कन्‍वेंशन में इज़रायल के पूर्ण बहिष्‍कार का आह्वान


नई दिल्ली : फ़ि‍लिस्‍तीन के विरुद्ध इज़रायल की नस्‍लभेदी नीतियों और जनसंहारी मुहिम के विरोध में आज यहां आयोजित बीडीएस कन्‍वेंशन में इज़रायल के पूर्ण बहिष्‍कार का आह्वान किया गया। 'फ़ि‍लिस्‍तीन के साथ एकजुट भारतीय जन' की ओर से आयोजित बीडीएस यानी बहिष्‍कार, विनिवेश, प्रतिबंध कन्‍वेंशन में देश के विभिन्‍न भागों से आये बुद्धिजीवियों और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की प्रस्‍तावित भारत यात्रा रद्द करने की भी मांग की।

एक संत-राजनीतिज्ञ की याद : छत्तीसगढ़ की अस्मिता और स्वाभिमान के प्रतीक थे पवन दीवान

-संजय द्विवेदी-
संत श्री पवन दीवान ने जब गुडगांव के मेदांता अस्पताल में 2 मार्च,2016 को आखिरी सांसें लीं तो सही मायने में एक युग का अवसान हो गया। छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी लगा देने वाले और समाज जीवन के हर मोर्चे पर सक्रिय श्री दीवान की कई स्मृतियां एक साथ दिमाग में कौंध जाती हैं। मंत्री और सांसद रहे पवन जी की निजी जिंदगी में जैसी सादगी थी, वह आज की धर्मनीति और राजनीति दोनों में दुर्लभ है। मुझे उनके आश्रम में उनका टीवी इंटरव्यू करने का मौका मिला, एक कमरे में एक लकड़ी का एक बेहद सामान्य तख्त, कुछ खाना बनाने के बरतन, बस इतने से संसाधन। कोई वैभव नहीं- जो आज के संतों के लिए अनिवार्य हैं। आश्रम तो आश्रम सरीखा ही था। स्वयं बनाकर खाना और अपनी भुवनमोहिनी मुस्कान के साथ अपने लोगों के लिए सदा उपलब्ध।  8 अगस्त,1945 को जन्में और छत्तीसगढ़ के महासमुंद क्षेत्र से दो बार सांसद रहे संत पवन दीवान मप्र सरकार में जेल मंत्री भी रहे। बाद के दिनों में छत्तीसगढ़ गो सेवा आयोग के अध्यक्ष भी रहे। उनकी राजनीति, धर्मनीति, कविता और कथावाचन सब कुछ लोगों के लिए थी।




सहारा मीडिया में सेफ एग्जिट स्कीम के बाद भी भर्ती चालू

18 महीनों से सहारा इंडिया मीडिया के कर्मचारी प्रबंधन के ज़ुल्म के शिकार हैं! प्रबंधन न तो टाइम पर सैलरी दे रहा है और ना ही ये फैसला कर रहा है की मीडिया को चलाना है या नहीं! पिछले एक साल से प्रबंधन कर्मचारियों को ये कह कर गुमराह कर रहा है की किसी बड़ी पार्टी मीडिया को टेकओवर कर रही है! अब अच्छे दिन आने वाले हैं! बीच में ये खबर आई कई दुबई की कोई कंपनी टेकओवर कर रही है! लेकिन ये बात भी हवा हवाई साबित हुई! इसके बाद उपेन्द्र राय की फिर से एंट्री हुई तो कर्मचारियों ने समझा की अब सब कुछ ठीक हो जायेगा!

रामनगर बुलेटिन नाम से अखबार शुरू किया

आपको सूचित करना है कि मैं दानिश खान एक युवा पत्रकार हूं. उत्तराखण्ड के रामनगर शहर से मैंने अपना एक वीकली अखबार शुरू करा है. रामनगर बुलेटिन के नाम से. कृपया मेरी इस खबर को प्रकाशित करने की कृपा करें.

Way to flexible retirement!

Dear Mr. Singh,

I am writing in regards to my 600-word manuscript, tentatively titled, Way to flexible retirement! Way to flexible retirement! is about retirement planning. Also focus on the current generation (working people with young age) will live longer than previous ones due to improved medical and healthcare, implying the need to gather enough funds that can sustain longer life. This also implies that the healthcare needs and expenses are likely to haunt us. So we should be very serious to save for retirement in time of our precious employability.  I am extremely excited about this article and think that i have been able to comply with all the roof of contributor guideline.

Thank you for your consideration!

Sincerely,

Ankit Tiwari

Story पुनरावृत्ति (एक लोफर और एक समाज की कहानी)


-सक्षम द्विवेदी-

हर शहर में चाय की कुछ दुकानें ऐसी होती हैं जो रात भर खुली रहती हैं। वहां रात भर महफिल लगाने वालों की अपनी एक ऐसी ही कम्युनिटी बन जाती है जैसी सुबह गार्डेन में मार्निंग वाक करने वालों की। साधरणतया लोग किसी एक ही कम्यूनिटी का हिस्सा बन सकते हैं क्योंकि जो रात में देर से सोता है सुबह जल्दी नहीं उठ पाता लेकिन अद्वैत इन दोनों ही समुदायों को देखता था क्योंकि वो बहुत दिनों से ठीक से सोया ही नहीं था, तो जागना कैसा? वो इन दोनों में से किसी भी कम्यूनिटी का हिस्सा तो नहीं था परन्तु वो देर तक चाय की दुकान और सुबह गार्डेन दोनों जगह ही मौजूद रहता था।

कन्हैया, देशद्रोह, सशर्त जमानत और उसका भाषण

-आनंद सिंह-

1992-93 में जब हम लोग पत्रकारिता की शुरुआत में थे, मैं नागपुर से अपने घर झुमरीतिलैया आया हुआ था। हमारे एक मित्र थे। पवन बर्णवाल। अर्थशास्त्र के विद्यार्थी। हमारे बाबूजी जगन्नाथ जैन कालेज में इसी विषय के विभागाध्यक्ष थे। पवन को जब कोई दिक्कत होती थी, वह बाबूजी से मिल लेता था। उसकी समस्या का समाधान हो जाता था। उस दिन भी उससे मुलाकात हुई। हाथ मिलाने के बाद उसने पूछाः आनंद आइसा ज्वाइन करोगे। मैंने पूछा-यह क्या है। उसने बताया कि यह सीपीआई का यूथ विंग है। छात्र राजनीति के लिए बढ़िया मंच। मैंने कहा, देखते हैं। मैं तो नौकरी कर रहा हूं। एबी वर्द्धन के संपर्क में हूं। नागपुर में प्रायः हर माह उनसे मुलाकात हो जाती है।

शिवसेना का मुखपत्र सवाल करता है कि जेएनयू के छात्र ‘कन्हैया’ को हीरो किसने बनाया?

प्रत्येक मिशन की ‘सिद्धि’ का मार्ग है शिक्षा-क्षेत्र!
युवाओं को मुहरा बनाना क्यों है सफलता का दिवास्वप्न?

शिवसेना का मुखपत्र सवाल करता है कि जेएनयू के छात्र ‘कन्हैया’ को हीरो किसने बनाया? केन्द्र की मोदी सरकार ने। निश्चित रूप से दिल्ली पुलिस केन्द्र के अधीन है, ऐसे में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में जमानत मिलना और क्षण-प्रतिक्षण गिरगिटी वृत्ति अपनाते हुए शाब्दिक रंग बदलते हुए कन्हैया का हीरो बनना इस बात का प्रमाण है कि प्रत्येक मिशन की सिद्धि के लिए शिक्षा-क्षेत्र को सुगम मार्ग माना गया है। तीन मिशन (1. लाल यानी माओवाद, 2. नीला यानी दलितवाद 3. हरा यानी अलगाववाद) का समन्वय रसायन विज्ञान से सूत्रवत् प्रभाव ने कन्हैया को हीरो बनाया। हां इसमें चैथे भगवा-मिशन  के रिफ्लेक्शन की भी भूमिका है। क्योंकि सियासी विसात के पहले सोपान ‘‘छात्र-राजनीति’’ के माध्यम से वोटबैंक की सियासत में दलगत वक्तव्यों व गतिविधियों को कन्हैया को शिखर तक पहुंचाने का श्रेय है।

6.3.16

बजट 2016 का सच : बड़ी चर्चा है कि इस बार का बजट गांव, खेती-किसानी के लिए है...

बड़ी चर्चा है कि इस बार का बजट गांव, खेती-किसानी के लिए है। बजट का पूरा सच जानने से पहले कुछ बातों पर गौर करना बेहद जरूरी है। 5 सालों में किसानों की आय दुगुनी करना कितना सच है? भारत सरकार में रहे वित्त सचिव का कहना है कि यह बयान सत्य से परे है। क्योंकि यदि इसे पूरा करना है तो 5 सालों में कृषि की विकास दर 15 प्रतिशत होना आवश्यक है। जबकि भारत क्या दुनिया के किसी भी देश की यह विकास दर सम्भव ही नहीं है। वैसे अभी किसानों की मासिक आय एक रिपोर्ट के अनुसार 1,632 रुपए है और 5 साल के बाद यह 3,264 रुपए हो जाएगी। इस तरह की बयानबाजी मोदी और उनके मंत्रियों की वैसे ही है जैसे कि विदेश से काला धन लाकर उनके खाते में 15 लाख रुपए जमा हो जाएगा। इसी तरह की ढेर सारी कलाबाजी बजट में दिखती है।

कन्हैया हम शर्मिन्दा हैं अपने बीच के शकटासुर और पूतना के कृत्यों से

कामरेड कन्हैया को भगवान कृष्ण-कन्हैया भक्त नवेद शिकोह का लाल सलाम

देश के चंद निष्पक्ष न्यूज चैनलो के सजीव प्रसारण के जरिये आपको सुनकर देश-दुनिया के लाखो-करोड़ों लोगो की तरह मैं भी आपकी शख्सियत और भाषण से काफी प्रभावित हुआ। क्योकि मैं भगवान श्री कृष्ण-कन्हैया का भक्त हूँ  इसलिये मुझे जाने क्यों कन्हैया ( आपमे)  मे भगवान कन्हैया का अवतार नजर आने लगा। जिसका कारण दोनो मे कई मायने मे समानता का महसूस होना था।

कन्हैया कुमार से रिहाई मंच अध्यक्ष ने की मुलाकात

मुहम्मद शुऐब ने कन्हैया कुमार को रोहित वेमुला के ब्राह्मणवाद विरोधी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए दी बधाई, कन्हैया कुमार ने लखनऊ आने का किया वादा

लखनऊ । रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने जवाहरलाल नेहरु छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार से जेएनयू छात्रसंघ भवन नई दिल्ली में मुलाकात कर रोहित वेमुला के ब्राह्मणवाद विरोधी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए बधाई दी। मंच ने कहा कि कन्हैया कुमार की हत्या का फरमान सुनाने वाले संघी गुण्डे ऐसी हरकतों से बाज आएं नहीं तो जिस तरह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के बाद पूरे देश भर में जनता ने संघियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था उसकी पुनरावृत्ति करने पर जनता को मजबूर होना पड़ेगा।