30.9.15
मीडिया विमर्श का अगला अंक भारतीयता और पत्रकारिता विषय पर केंद्रित, आप अपनी रचनाएं भेजें
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26.9.15
हिन्दी दिवस मे हुए खर्चे
आज मेरी सहेली हिन्दी कुछ परेशान ,नाराज़,क्रोध मे नजर आ रही थी मेने जब उससे बात करनी चाही तो वो कुछ नहीं बोली बस आंखो से पानी निकल आया ओर मुह फेर लिया जब मेने उससे ज़ोर दिया की किया मुझ से कोई गलती हो गई हे तो माफ करदे इतना कहना था की वो गले से लिपट के जोर-जोर से रोने लगी जब मेने दिलासा दिया तो सिसक के उसने पाना हाल बयान किया !
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28 सितंबर2015 को चूड़ामणि चन्द्रग्रहण
28 सितम्बर को चूड़ामणि ग्रहण होने के कारण सुख- समृद्धि और शांति प्रदान करेगा। सोमवार 28 सितंबर 2015 को चन्द्रग्रहण होने जा रहा है। इससे पहले 13 सितंबर को सूर्यग्रहण लगा था लेकिन यह ग्रहण भारत में नहीं दिखा था इसलिए इसके सूतक का विचार नहीं किया गया। लेकिन चन्द्रग्रहण कुछ समय के लिए भारत के कुछ भागों में नजर आएगा भाद्रपद, पूर्णिमा, सोमवार को भारत के केवल पश्चिमी राजस्थान तथा पश्चिमी गुजरात के कुछ क्षेत्रो में कुछ ही मिनट के लिए चन्द्रास्त के समय आरम्भ होता हुआ दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत के अन्य किसी भी नगर में दिखाई नहीं देनेवाला है । इसलिए इसका सूतक लगेगा और इसका प्रभाव भी कई क्षेत्रों और राशियों पर भी भारत में देखने को मिलेगा।
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1950 के दशक में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के कैथी इलाके में उपस्थिति के कई लोग गवाह हैं
महोदय, आज नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के की विमान दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के तथ्य पर चर्चा हो रही है : सम्मानित समाचर पत्र हिन्दुस्तान में आज के अंक में उनकी कैथी में उपस्थिति के बारे में खबर छपी है. श्री श्यामा चरण पाण्डेय जी द्वारा पूर्व में प्रधान मंत्री जी को लिखे पत्र और उनके पास पड़े प्रपत्रों की जांच और नेताजी की हस्तलिपि के उसके मिलान से बातें और स्पष्ट हो सकेंगी.
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21.9.15
अपने अनुज भाई को बचाने के लिय बड़े पत्रकार समाचार को ही खा गए
: राष्ट्रीय खेल (NGOC) के करोड़ो रुपये घोटाले के सम्बन्ध में : एक पुरानी कहावत है कि " सैया भये कोतवाल तो डर काहेका"रांची के एक दैनिक अख़बार के बड़े पत्रकार के अनुज भाई 34वे राष्ट्रिय खेल (NGOC) के करोड़ो रुपये घोटाले के प्रमुख आरोपी है क्यों की राष्ट्रिय खेल आयोजन समिति के कोषाअध्यक्ष थे और करोड़ो का घोटाले किय।इस प्रमाणित घोटाले में कई संलिप्त छोटे पदाधिकारी अभी जेल की हवा खा रहे है लेकिन प्रमुख अभियुक्त कोषाअध्यक्ष पर पुलिस हाथ नहीं डाल पा रही है।
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पत्रकारों की इमेज पर ऐश करते समाचार पत्र मालिक
भोपाल। एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने बताया कि समाचार पत्र मालिकों की संस्था आईएनएस वेतन बोर्ड खत्म करने और सरकारी विज्ञापन की दरें बढ़ाने की मांग कर है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी विज्ञापनों की दरें बढ़ाने की मांग कर रहे है। लेकिन समाचार पत्र मालिक यह नहीं कहते कि वे अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने सहित अन्य सुविधायें देंगे।
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लंदन में होगा बीफा समारोह
मुम्बई। भोजपुरी इंटरनेशनल फिल्म अवार्ड (BIFA) समारोह अब लन्दन में संपन्न होगा। जैसा की विदित है की इसी वर्ष जून माह में प्रथम बीफा समारोह मॉरीशस में संपन्न हुआ था। जिसकी अपार सफलता के बाद अब बीफा समारोह लंदन में आयोजित करने की कवायद शुरू हो चुकी है। समारोह को आकर्षित एवं लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से आज फिल्म स्टार रवि किशन एवं फिल्म निर्माता अभय सिन्हा ने गहन चर्चा की।
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यूनियन बनाने की मांग करने पर 400 मजदूरों को काम से निकाला
मानेसर, गुडगाँव। 20 सितम्बर 2015। 18 सितम्बर 2015 को ब्रिजस्टोन पफैक्टरी में 400 से उपर मज़दूरों को यूनियन बनाने का कानूनी हक़ माँगने पर काम से निकाल दिया गया। बाउन्सरों को बुलाकर मज़दूरों को मारा पीटा गया। महिला मज़दूरों से बद्तमीजी की गई। यह सब सिर्फ मज़दूरों द्वारा उनके हक़ माँगने की वजह से किया गया। लेकिन ब्रिजस्टोन के मज़दरों ने झुकने से मना कर दिया है। वे लड़ रहे हैं। 18 सितम्बर से पफैक्ट्री के 400 मजदूर पुलिस और कंपनी द्वारा बुलाये गए गुंडो की ध्मकियों का सामना करते हुए अपने जायज़ हक़ के लिए आवाज उठा रहे हैं। मगर अभी तक कंपनी प्रशासन, श्रम विभाग या हरियाणा सरकार द्वारा इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कोई करवाई नहीं की गयी है।
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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय-वाराणसी में शैक्षिक पदों के लिए चल रहे साक्षात्कार में भारी धांधली
संबंधित विषय में बिना नेट और पीएचडी किये लोगों को भी साक्षात्कार में बुलाया जा रहा...
From: anilbhu6@gmail.com
Date: 2015-09-21 13:59 GMT+05:30
Subject: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय-वाराणसी में शैक्षिक पदों के लिए चल रहे साक्षात्कार में भारी धांधली और संबंधित विषय में बिना नेट और पीएचडी किये लोगों को भी साक्षात्कार में बुलाये जाने के संबंध में।
To: presidentofindia@rb.nic.in, secy.president@rb.nic.in
Cc: vc@bhu.ac.in, smritizirani@sansad.nic.in, hrm@nic.in, soniagandhi@sansad.nic.in, office@rahulgandhi.in, info@digvijayasingh.in, mohanbhagwat59@gmail.com, shivkashi59@gmail.com
सेवा में,
श्रीमान राष्ट्रपति जी
भारत गणराज्य
विषय- काशी हिन्दू विश्वविद्यालय-वाराणसी में शैक्षिक पदों के लिए चल रहे साक्षात्कार में भारी धांधली और संबंधित विषय में बिना नेट और पीएचडी किये लोगों को भी साक्षात्कार में बुलाये जाने के संबंध में।
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काटजू बोले- राहुल गांधी डफर!
Markandey Katju : The Heir Apparent of Congress.. I heard Rahul Gandhi's speech to Congress party workers In Mathura on T.V.. It confirms my opinion that he is a duffer. He said that Congress DNA is in all of you. Is this the DNA of scams and looting the country? He sad he is from Allahabad and Kashmir. Out of my 69 years I have lived perhaps 55 years in Allahabad, but I never saw him in Allahabad..
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चुनार में एक संत हैं स्वामी अड़गड़ानंद, उनकी सुनाई एक कहानी सुनिए
Krishna Kant : चुनार में एक संत हैं स्वामी अड़गड़ानंद. बीए में एक बार मेरे भाई मुझे वहां ले गए थे. अड़गड़ानंद एक कहानी सुनाते हैं— एक गांव की घटना है. नवरात्र का महीना था. रात को एक चाची का पेट खराब हो गया. सुबह चार बजे उनका बहुत तेज पेट दर्द हुआ. चाची लोटा लेकर भागीं. लेकिन परेशानी बढ़ गई. चाची मजबूरी में पगडंडी पर ही बैठ गईं. हालांकि चाची को इस बात का ख्याल था कि यह रास्ता है और अभी लोग आएंगे तो पांव पड़ेगा. उन्होंने इधर उधर से मिट्टी बटोरी और मैले के ऊपर डालकर ऊंचा कर दिया और घर चली गईं.
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सेवा ही हिन्दू संस्कृति का आधार स्तंभ : विहिप
प्रैस विज्ञप्ति
विहिप के सेवा कुंभ में उमडा जन सैलाब, बडी संख्या में सेवा हेतु आकर्षित हुए लोग
नई दिल्ली। सितम्बर 20, 2015. विश्व हिन्दू परिषद की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सेवा कुम्भ में आज अच्छी खासी उपस्थिति देखी गई। लोगों की सेवा के प्रति रुचि इस बात से झलक रही थी कि प्रदर्शनी में लगी हर सामग्री को लोग बड़े चाव से न सिर्फ़ देख रहे थे बल्कि वे स्वयं सेवा के किस आयाम से जुड सकते हैं, यह जानने की जिज्ञासा भी थी। सेवा कुम्भ को संबोधित करते हुए विहिप के केन्द्रीय मंत्री व अखिल भारतीय सेवा प्रमुख श्री अरविन्द भाई ब्रह्म-भट्ट ने कहा कि सेवा ही हिन्दू संस्कृति का आधार है। देश भर में हम हजारों सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज के हर वर्ग के उत्थान हेतु काम कर रहे हैं किन्तु इन्हें अभी बडी संख्या में विस्तार देने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में आशीर्वचन देते हुए सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष स्वामी राघवानन्द जी महाराज ने कहा कि समाज के उपेक्षित वर्ग के उत्थान, युवाओं को संस्कारित, स्वावलंबी व सक्षम बनाने तथा भारत के चहुँ मुखी विकास हेतु देश के प्रत्येक समर्थ व्यक्ति को अपनी-अपनी क्षमतानुसार सेवा के कार्यों में अपनी अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेम चन्द गोयल जी ने सेवा कार्य में किसी भी प्रकार के दिखावे से हमेशा दूर रहने पर बल दिया। इस अवसर पर सेवा कार्य में विशेष योगदान करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया।
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द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ स्वयं में एक विश्व हिंदी सम्मेलन है : रामबहादुर राय
‘‘पंडित महावीर प्रसाद द्विवेदी युग निर्माता और युग प्रेरक थे। उन्होंने प्रेमचद, मैथिलीषरण गुप्त जैसे लेखकों की रचनाओं में संषोधत किए। उन्होंने विभिन्न बोली-भाशा में बंटी हिंदी को एक मानक रूप में ढालने का भी काम किया। वे केवल कहानी-कविता ही नहीं, बल्कि बाल साहित्य, विज्ञान, किसानों के लिए भी लिखते थे। हिंदी में प्रगतिषील चेतना की धारा का प्रारंभ द्विवेदीजी से ही हुआ।’’ यह उद्गार थे प्रख्यात लेखक व साहित्य आकदेमी के अध्यक्ष डा. विष्वनाथ प्रसाद तिवारी के। वे आज से 83 साल पहले छपे व आज दुर्लभ महावीर प्रसाद द्विवेदी अभिनंदन ग्रंथ के पुनर्प्रकाषन के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। राश्ट्रीय पुस्तक न्यास, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी राश्ट्रीय स्मारक समिति, रायबरेली और राइटर्स एंड जर्नलिस्ट एसोसिएषन, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न इस समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात आलोचक प्रो मैनेजर पांडे कर रहे थे। इस आयोजन में पद्मश्री रामबहादर राय, प्रो. पुश्पिता अवस्थी, नीदरलैंड , अनुपम मिश्र और न्यास की निदेषक डा. रीटा चौधरी विषेश अतिथि थे।
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प्राकृतिक संतुलन के साथ हो विकास की बातें
20 सितम्बर 2015, वाराणसी : गंगा आह्वान, साझा संस्कृति मंच एवं गंगा रक्षा आन्दोलन के संयुक्त तत्वाधान में धर्मसंघ शिक्षा मण्डल के सभागार में आयोजित गंगा रक्षा हेतु 'भागीरथ प्रयास' राष्ट्रीय जन अभियान के दूसरे दिन गंगा के 'व्यथा-कथा' पर मुख्य वक्ता के रूप में मालवीय उद्यमिता सम्वर्धन केन्द्र (आई.आई.टी., बीएचयू) के समंवयक प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र ने कहा कि मानव जब उन्नति करने लगता है तो उसकी सोच बदल जाती है, हमें स्वार्थी न होकर प्रकृति के संतुलन के साथ विकास की बाते करनी चाहिये। नदीयों पर बांध बनने से संस्कृति, सभ्यता व जीवों का नुकसान हुआ। अगर किसी दिन ये बांध स्वतः नष्ट हो गये तो आस-पास के क्षेत्रों का मंजर बहुत दूखद होगा। बांधों से नदीयों के जल स्त्रोतों पर प्रभाव पड़ता है, अगर नदीयों में अविरलता चाहिये तो बड़े बांधों की स्थान पर छोटे-छोटे बांध बनाने चाहिये। साथ ही उन्होंने नदीयों के किनारे बसे लोगो से अपील की कि नदी किनारे पर पेड़-पौधे लगाकर प्रकृति की रक्षा के साथ स्वयं को भी बचा सकते है।
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मेरी बहन शालिनी की ससुराल वालों ने मिलकर हत्या कर दी, लाख पैरवी करने के बावजूद न्याय नहीं मिला
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राष्ट्रपति के हाथों नीटी को मिला "राजभाषा कीर्ति पुरस्कार"
फोटो कैप्शन -: केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में महामहिम राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के करकमलों से राजभाषा कीर्ति पुरस्कार ग्रहण करते हुए प्रो. अशोक पुण्डीर, संकायाध्यक्ष(छात्र कार्य एवं स्थापन), नीटी।
भारत सरकार, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय ने राजभाषा हिंदी के उत्कृष्ट
कार्यान्वयन हेतु संस्थान को वर्ष 2014 - 15 के लिए राजभाषा कीर्ति पुरस्कारों
के लिए "ख" क्षेत्र में द्वितीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया है। दि. 14 सितंबर,
2015 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में संस्थान के
संकायाध्यक्ष (छात्र कार्य एवं स्थापन) प्रो. अशोक पुण्डीर ने महामहिम
राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के करकमलों से यह पुरस्कार ग्रहण किया। इस
समारोह में उनके साथ संस्थान के कुलसचिव डॉ. उत्पल देबनाथ और राजभाषा अधिकारी
मो. आफताब आलम उपस्थित थे।
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20.9.15
भागीरथ प्रयास एक बार फिर जन अभियान का शुभारम्भ : गंगा को बचने के लिए उसे बाधों से मुक्त करना होगा.
निर्मल पुकार! अविरल हो गंगधार
19 सितम्बर 2015 वाराणसी गंगा आह्वान, साझा संस्कृति मंच एवं गंगा रक्षा आन्दोलन द्वारा आयोजित गंगा रक्षा हेतु राष्ट्रीय जन अभियान‘भागीरथ प्रयास’ गोष्ठी का आरम्भ आज दुर्गाकुण्ड स्थित धर्मसंघ के सभागार में गंगा पूजन तथा स्वामी निगमानंद सरस्वती व बाबा नागनाथ के चित्रोंपर माल्यार्पण के साथ आरम्भ हुआ। प्रथम सत्र में काशी विद्वत सभा के प्रवक्ता पण्डित कमलाकांत त्रिपाठी ने कहा कि नदी तभी गंगा है जब वहहिमालय से गंगा सागर तक अविरल रहती है। गंगा आमजन की है। उससे इनको वंचित करना अन्याय व अधर्म है। श्री काशी पण्डित सभा की ओरसे पण्डित महेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि बांधों से गंगा नदी का पावन स्वरूप नष्ट हो रहा है। यह गंगा जल को गंदा जल बना देता है।Posted by यशवंत सिंह yashwant singh 0 comments
टीआरपी बढ़ाने में माहिर सम्पादकों का बौद्धिक कद कितना नीचा है, बताने की जरूरत नहीं है
तकनीक के आगे आदमी, तकनीक के पीछे आदमी
केपी सिंह-यह तकनीकी क्रांति का युग है तकनीक ने सभी क्षेत्र में अपने हस्तक्षेप को दिखाया है। जिसमें दुनियां बहुत तेजी से बदली है और बदल रही है। पत्रकारिता भी तकनीक के हस्तक्षेप से अछूती नहीं है। तकनीकी क्रांति ने पत्रकारिता के चाल चेहरे और चरित्र को काफी हद तक बदला है।
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महिला कजली महोत्सव में नागेपुर की महिलाओं ने बाजी मारी
रोहनियाँ राजातालाब वाराणसी 19 सितम्बर शनिवार । लोक समिति और मनरेगा मजदूर यूनियन के संयुक्त तत्वाधान में महिला कजली महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमे बड़ी संख्या में महिलाओ ने भाग लिया। कजली महोत्सव में महिलाओं ने पारम्परिक गीतों के साथ साथ देश भक्ति ,मनरेगा ,शिक्षा,महिला हिंसा,भ्रस्टाचार जैसे सामयिक मुद्दों पर गीतों के माध्यम से खूब अपनी आवाज बुलंद किया। महिला कजली महोत्सव में नागेपुर की महिलाओं ने प्रथम स्थान जीता दूसरे स्थान पर कल्लीपुर और तीसरे स्थान पर गनेशपुर की महिलाये रही। सभी विजेता टीम के सभी सदस्यों इंडियन हास्पिटल राजातालाब की तरफ से सभी को क्रमशः स्टील कंडाल, बाल्टी, जग तथा कार्यक्रम में भाग लेने वाली अन्य टीमों को थाली के रूप में सांत्वना पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में कुल आराजी लाइन ब्लाक के अलग अलग गांवों से महिला स्वयं सहायता समूह कुल 30 टीमों ने भाग लिया।
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19.9.15
हरि की उर्दू पुस्तक जिद, जुनून और जिंदादिली का किया लोकार्पण
अलीगढ़। अमुवि के कुलपति लेफ्टिीनैन्ट जनरल जमीर उद्दीन शाह (सेवानिवृत) ने आज हिन्दी के प्रमुख लेखक एवं पत्रकार पं. हरिओम शर्मा हरि की उर्दू पुस्तक जिद, जुनून और जिंदादिली का अपने कार्यालय में लोकार्पण किया। इस अवसर पर एएमयू रजिस्ट्रार डॉ. असफर अली खॉन, मॉसकम्यूनिकेशन विभाग के प्रोफेसर शाफे किदवई और इतिहास विभाग के डॉ. मुहम्मद सज्जाद के अलावा पं. हरिओम शर्मा की पत्नी श्रीमती मायादेवी शर्मा भी मौजूद थीं।
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पुलिस अधीक्षक जी.जी. पाण्डेय की जांच की मांग को लेकर राधावल्लभ 15 दिन धरने पर बैठेंगे
मैं रायगढ़ (छग) में सम्मेलन में भाग लेकर शहडोल में पत्रकार मित्रों के साथ बैठा। चर्चा में बात सामने आयी कि शहडोल जिले में पिछले वर्ष में लगभग 8 पत्रकारों पर झूठे प्रकरण दर्ज हुये, इस दौरान पुलिस अधीक्षक के रूप में जी.जी. पाण्डेय एवं आईजी वेदप्रकाश शर्मा पदस्थ थे। श्री जी.जी. पाण्डेय पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली दैनिक दिनचर्या (चौबीस घंटे) की एवं उनकी संपत्ति की जांच गुप्त रूप से कराना आवश्यक है तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा।
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काशी की गंगा में गंगोत्री का गंगाजल प्रवाहित किया गया
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16.9.15
नीतीश ने 10 साल में 1% भी नहीं किया काम अब कर रहे 5 साल में 99% का वादा
मित्रों,अगर हम कुछ दिन पहले आए नीतीश कुमार जी के घोषणापत्र पर नजर डालें तो पाते हैं उन्होंने वादा किया है कि वे बिहार के हर घर तक नल से पानी की व्यवस्था करेंगे। अगर इस मामले में बिहार की वर्तमान स्थिति और नीतीश सरकार के पिछले 10 सालों के काम पर निगाह डालें तो पाते हैं कि यह वादा ही घनघोर हास्यास्पद है। अभी तक तो सरकार हर घर तक चापाकल की ही व्यवस्था नहीं कर पाई है फिर अगले पाँच साल में हर घर तक नल के पानी का इंतजाम कैसे कर देगी? फिर बिहार के बहुत से शहरों और गांवों में भाजपा कोटे से मंत्री रहे चंद्रमोहन राय ने जलमीनारों का निर्माण करवाया था लेकिन सच्चाई यह है कि उनमें से 99.99% टंकी हाथी के दाँत बनकर रह गईं हैं। चाहे कारण जो भी हो उनसे जलापूर्ति नहीं की जा रही है तो क्या इसी सुशासनी मॉडल से नीतीश कुमार जी बिहार की जनता को नल के पानी से नहला कर निहाल कर देनेवाले हैं?
मित्रों,इसी तरह नीतीश कुमार जी अगले 5 सालों में बिहार के हर घर को शौचालय और बिजली उपलब्ध करवाने के वादे भी कर रहे हैं। श्रीमान् जी क्या ये दोनों काम कभी पूरे होंगे भी या फिर हर चुनाव में अपनी आदत के अनुसार आप अगले पाँच सालों में इनको पूरा करने के वादे करते रहेंगे? इसी तरह नीतीश कुमार जी हर गांव,हर शहर और हर घर को पक्की सड़कों और पक्की नालियों से जोड़ने का वादा किया है। सच्चाई तो यह है कि पिछले दस सालों में नीतीश कुमार जी की सरकार ने बिहार में जितनी सड़कें बनवाई थीं उनमें से कम-से-कम आधी टूट-फूट चुकी हैं और फिर से गड्ढे में सड़क या सड़क में गड्ढे की लालू-राबड़ी कालीन कहावत को चरितार्थ कर रही हैं। जहाँ तक पक्की नालियों के निर्माण और जलनिकासी की व्यवस्था का सवाल है तो वास्तविकता तो यह है कि हल्की-सी बारिश में आज भी राजधानी पटना पानी-पानी हो जाता है। जब पिछले 10 सालों में पटना शहर में ही जलनिकासी का इंतजाम नहीं हो पाया तो फिर पूरे बिहार के हर घर से जलनिकासी के वादे करना क्या पूरी तरह से बेमानी नहीं है? हाजीपुर शहर में ट्राइटेक नाम की कंपनी इन दिनों नालियों के निर्माण का काम कर रही है। उसकी अवधारणा है कि 6 ईंच व्यास वाले पाइपों से भी पॉलिथीन,कचरे से युक्त पानी अबाध रूप से बह सकेगी। बार-बार कंपनी अतिरिक्त समय की मांग करती जा रही है और काम कछुआ गति से पूरा किया जा रहा है।
मित्रों,कहने का तात्पर्य यह है कि नीतीश जी को पता होना चाहिए कि सिर्फ काम होना ही काफी नहीं होता बल्कि उससे कहीं ज्यादा जरूरी होता है उसका गुणवत्तापूर्ण होना। साथ ही सिर्फ वादे कर देने से या शिलान्यास कर देने से काम पूरा नहीं हो जाता बल्कि उसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। बेहतर यही होगा कि नीतीश कुमार जी मान लें कि पिछले 10 सालों में वे काम कर पाने में पूरी तरह से असफल रहे हैं और हार मान लें क्योंकि हवाबाजी और मीडिया-मैनेजमेंट के जरिए वे बिहार के बाहर के लोगों की आँखों में धूल झोंक सकते हैं न कि बिहार के लोगों को धोखा दे सकते हैं जो उनके द्वारा बार-बार धोखा दिए जाने से परेशान और आक्रोशित हैं।
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
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Labels: नीतीश ने 10 साल में 1% भी नहीं किया काम अब कर रहे 5 साल में 99% का वादा
12.9.15
गुरुडम से सावधान !
योगेश्वर वासुदेव श्रीकृष्ण के प्रकटीकरण की स्मृति के उत्सव पर आप सभी मित्रों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई। साथ ही शिक्षक-दिवस के अवसर पर सभी गुरुजनों को प्रणाम और मंगलकामनाएं। सच्चा शिक्षक (गुरु) ही अज्ञानता रूपी अन्धकार को मिटा कर समाज को उन्नति दिला सकता है, परन्तु--
गुरुडम से सावधान !
यह सत्य है कि सद्गुरु के बिना आत्मज्ञान संभव नहीं है, अतः आत्मज्ञान की प्राप्ति के लिए इनकी शरणागति अत्यावश्यक है; परन्तु यह भी सत्य है कि वर्तमान समय में कलि के दुष्प्रभाव के फलस्वरूप सर्वत्र छाये घटाटोप अंधकार के कारण मनुष्य अत्यंत विचारहीन हो चला है। उसे सत्य असत्य और असत्य सत्य भासता है जिससे वह न करने योग्य कर्म तो तुरन्त कर डालता है और करने योग्य कर्म का उसकोे किंचित्मात्र भान तक नहीं हो पाता। आत्मज्ञान जैसे सूक्ष्म विषय के सम्बंध में सामान्यजन की जिज्ञासा अथवा जानकारी बहुत ही अधिक सीमित होती है। प्रायः देखा जाता है कि लोगों की इस कमजोरी का लाभ सद्गुरु बन बैठे कतिपय धूर्त किस्म के लोग तथा उनके अनुचर उठाते हैं। इनके चेले अपने निहित स्वार्थवश अपने गुरु को ऋषि-महर्षियों की परंपरा का आदर्श-पुरुष निरूपित करते हुए आस्थावान तथा धार्मिक प्रवृत्ति के लोगों को दिग्भ्रमित करने में जरा भी संकोच नहीं करते। यदि थोड़ा-सा भी विचार करते हुए इसकी पृष्ठभूमि पर दृष्टि डालें तो स्पष्ट हो जाता है कि ये तथाकथित स्वयंभू सद्गुरु कैसे ‘आदर्श पुरुष’ हैं।
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सूचना अधिकारी के खिलाफ पत्रकारों का ऐलान-ए-जंग
पत्रकारों के हित की अनदेखी किसी भी दशा में बर्दाश्त नही होगी: महेन्द्र
बगैर पत्रकारों से बातचीत किये गये सौहार्द समिति के गठन को लेकर भेजे गये नामों का मामला
सीतापुर। सौहार्द समिति व अन्य समिति गठन को लेकर जिला सूचना अधिकारी द्वारा बिना पत्रकारों से वार्ता किये ही नाम भेजे जाने के मामले को लेकर जिले भर के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। इसी मुद्दे को लेकर रविवार को जिले के कुछ पत्रकार संगठनों के पदाधिकारियों ने पत्रकार अमित सक्सेना के कार्यालय पर बैठक कर जिला सूचना अधिकारी के खिलाफ आवाज बुलन्द की और सोमवार (आज) को डीएम से मिलकर कार्यवाही कराने का निर्णय लिया गया।
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देवरिया के जिला अस्पताल में दवा की आपूर्ति ठप्प
लगातार दो दशक से एल पी की आपूर्ति कर रही है एक फर्म
दवा के मद में बाकी हैं 55 लाख
देवरिया । उत्तर प्रदेश के मुखिया अखिलेश यादव का कहना है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं विशेष रूप से दवाओं के लिए बजट की कोई कमी नहीं है। बजट की कमी से दवा और ईलाज के अभाव में किसी भी मरीज को परेशान होना नहीं पड़ेगा। लेकिन यदि देवरिया जिले के स्वास्थ्य महकमा के उच्च अधिकारियों की बातों पर गौर करे तो पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों से करीब 55 लाख रूपए केवल जिला चिकित्सालय देवरिया में दवा के मद में बाकी है। दवा के मद में बजट न आने से जिला अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था लड़खड़ा गई है। किसी तरह से अस्पताल की व्यवस्था को जिन्दा रखा गया है। हालत यह हो गई है कि लोकल परचेज की दवा की आपूर्ति करने वाले फर्म ने भुगतान न हो पाने की वजह से दवा की आपूर्ति रोक दी है।
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मजीठिया की लडाई में पहली बार अखबार के मालिकों ने मुंह की खाई है
कटी पतंग की डोर का अंतिम का सिरा कितनी ही मजबूती क्यों न पकडा जाए हवा का वेग पतंग को बहुत देर तक आसमान पर नही राज नहीं करने देती उसे जमीन पर आना ही है। कुछ ऐसी ही हालत मजीठिया वेतन आयोग को लेकर मालिकनों की है। अधिकतर अखबार अपने कर्मचारियों की एकजुटता को तोडने के लिए सारे घोडे खोल दिये हैं । अप सभी जानते हैं कि देश के टॉप फाइव कटेगरी वाले उद्योग घराने वाला अखबार हिंदुस्तान अपने कर्मचारियों से जबरन हस्ताक्षर करा रहा है कि उसे मजीठिया आयोग काा लाभ नहीं चाहिए तो विश्व का सर्वाधिक शोषक अखबार दैनिक जागरण भी साम दाम दंड भेद रूपी सभी अस्त्र शस्त्र और ब्रह्मास्त्र का उपयोग कर रहा है । ऐसे में भास्कर , अमर उजाला , राजस्थान पत्रिका , पंजाब केशरी , प्रभात खबर , नवभारत(मध्य प्रदेश) औऱ देशबंधु आदि भी पीछे कैसे रहते । अपनी अपनी क्षमता के अनुसार ये भी लगे हैं कि अपने कर्मचारियों को कुछ देना न पडे ।
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आशा है पत्रिका के कर्ताधर्ता इसे बर्बादी के कगार पर पहुंचने से पहले संभाल लेंगे
पत्रिका अखबार गुलाब कोठारी के राज में क्या से क्या हो गया। कर्पूर चंद्र कुलिश जी के समय वाली बातें अब कहां? ढंग की खबर के लिये स्थान अब कहां। पूर्ण व्यावसायीकरण कर दिया। मुखपृष्ठ जो पत्रिका की जान हुआ करता था, आज एडवर्टाईजमेंट के लिये आरक्षित है।
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भारी भरकम फोर्स के बावजूद - नक्सली गतिविधियां बरकरार
सुधीर ताम्रकार, बालाघाट
मध्यप्रदेष मे नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में सक्रिय नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुष लगाने के आषय से जहां विभिन्न चौकी और थानों में भारी भरकम सषत्र बल तैनात है वहीं भारतीय रिजर्व बटालियन के स्थापना की कवायद भी चल रही है। बावजूद इसके नक्सलियों की गतिविधियों में काफी इजाफा हुआ है और वे लोग बकायदा प्रभावित क्षेत्र के गांव में ग्रामीणों के साथ बैठकें भी ले रहे हैं जिससे पुलिस के सूचना तंत्र की धज्जियां उड रही है।
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प्रेस क्लब प्रकरण में आपत्ति के बाद षासन ने जिलाधिकारी से फिर मांगी जांच आख्या
सीतापुर। जनपद मुख्यालय पर प्रेस क्लब भवन निर्माण के बहुचर्चित विवाद में षासन ने जिलाधिकारी व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उप्र के निदेषक को पत्र भेज कर प्रकरण की पुनः बिन्दुवार जांच कर आख्या प्रेषित करने के निर्देष दिये हैं। मामले में षासन का पत्र आने के बाद जिला प्रषासन में खासा हड़कम्प मचा हुआ है।
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डीडीहाट जिले के मुद्दे पर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही राजनीति कर रहे हैं : काशी सिंह ऐरी
पिथौरागढ 12 सितंबर। उक्रांद के षीर्ष नेता काशी सिंह ऐरी ने कहा है कि डीडीहाट जिले के मुद्दे पर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने इस मामले में भाजपा को घेरते हुए कहा कि जब उनकी सरकार सत्ता में थी तब उसके नेताओं ने ही इस मुद्दे को उलझाया। उन्होंने कहा कि उक्रांद कार्यकर्ता जनता के बीच जाकर इस मामले में भाजपा नेताओं से जवाब मागेंगे। उन्होंने प्रदेष सरकार से जिला गठन को बनाई गयी समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुएष्षीघ्र डीडीहाट को जिला बनाने की मांग की।
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साहित्य की समृद्धि में अनुवाद का अहम योगदान
प्रयास संस्थान की ओर से सूचना केंद्र में हुए कार्यक्रम ‘अंवेर’ में तीन अनुवाद पुस्तकों का विमोचन, कोलकाता प्रवासी सराफ का अभिनंदन, वरिष्ठ साहित्यकार देवकिशन राजपुरोहित, डॉ हनुमान दीक्षित, डॉ रामकुमार घोटड़ सहित बड़ी संख्या में साहित्यकारों ने की शिरकत
चूरू, 12 सितंबर। प्रयास संस्थान की ओर से शहर के सूचना केंद्र में शनिवार को आयोजित साहित्यिक कार्यक्रम ‘अंवेर’ में भाड़ंग के दुलाराम सहारण द्वारा अनूदित ‘जेवड़ी व घांघू के कुमार अजय द्वारा ‘कानूरु की चौधरण’ व ‘खांडी मूरतां बिचाळै’ पुस्तकों का विमोचन किया गया। समारोह में वक्ताओं ने राजस्थानी भाषा की समृद्धि व विशाल साहित्य भंडार पर चर्चा करते हुए कहा कि अनुवाद कार्य का किसी भी भाषा की समृद्धि में विकास कार्य का भी बड़ा योगदान होता है।
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सबसे बड़ी बाधा है अहंकारी होना
-ललित गर्ग-
मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी होती है उसका अहंकार। अहंकार प्रगति का सबसे बड़ा बाधक तत्व है। जो साधक विनम्र एवं ऋजु नहीं होता, उसके लिये सत्य के दरवाजे नहीं खुल सकते। अहंकार के वशीभूत हुआ व्यक्ति यह सोचता है कि यदि मैं झुक गया और सह लिया तो लोग मुझे छोटा एवं कमजोर समझकर मेरी उपेक्षा करेंगे परन्तु वास्तविकता ऐसी नहीं है। वास्तव में देखा जाये तो नम्र या विनीत होना कमजोरी या कायरता की नहीं, महानता की निशानी है और इसमें से ही जीवन की सार्थकता उजागर होती है।
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10.9.15
मदर टेरेसा सद्भावना अलंकरण से नवाजे गये अजय त्रिपाठी
रायपुर, 08 सितम्बर 2015 को श्री शंकराचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग हुडको सेक्टर भिलाई में मदर टेरेसा सद्भावना अलंकरण समारोह का आयोजन हुआ। समाजिक सद्भावना बढानें की दिशा में किये जा रहे कार्यो, परशुराम सद्भावना यात्रा का आयोजन, समाज सेवा के क्षेत्र में बच्चों व वृद्ध कल्याण के कार्यो, युवाओं को स्वरोजगार, मार्गदर्शन देनें के लिये विश्व ब्राम्हण संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं समाज सेवी श्री अजय त्रिपाठी जी को मदर टेरेसा सद्भावना अलंकरण से नवाजा गया। मदर टेरेसा सद्भावना अलंकरण समारोह के आयोजक पद्मश्री जे.एम.नेल्सन तथा प्रायोजक श्री शंकराचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग हुडको के प्राचार्य थे।
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Residents knocked the door of court for Justice
Respected Sir/Madam,
Jai Hind
We shall be highly obliged if you will publish the story of 114 plots acquired For city centre by Ludhiana improvement trust Ludhiana.
Residents knocked the door of court for Justice
Allottees knocked the door of HONOURABLE PUNJAB and HARYANA HIGH COURT CHANDIGARH that they are entitled to get the plot at the old rate of10/09/1999. Ranjit Singh one of the allottee who approached the honourable court said that PHC issued notice of motion for 01/12/2015 for records be produced how the rate of15600/- worked out. Meanwhile, those of the petitioners who are still eligible to
deposit the installments, may do so subject to final outcome of the
writ petition.
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न्यायिक स्वतंत्रता
भारत के संविधान के अनुच्छेद 50 में कहा गया है कि राज्य की लोक सेवाओं में , न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक करने के लिए राज्य कदम उठाएगा | किन्तु 68 वर्ष की आजादी में इस दिशा में क्या प्रगति हुई है चिंतन का विषय है| देश में 70 प्रतिशत जनता कृषि पर निर्भर है तथा कृषि भूमि ही उनकी मुख्य सम्पति है और कृषि भूमि के विवादों के निपटान के लिए राजस्व न्यायालय हैं जिन पर न्यायपालिका का नियंत्रण न होकर राज्य सरकरों का नियंत्रण है| इसके अतिरिक्त सेवा, कर, श्रम, स्टाम्प, उपभोक्ता, सूचना, सहकारिता आदि बहुत से मामलों के लिए विशेष न्यायाधिकरण कार्यरत हैं जिनमें विभागीय अधिकारी ही निर्णय करते हैं और ये सरकारों के नियंत्रण में ही कार्य करते हैं |
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बिहार में महागठबंधन बनाम भाजपा का घमासान
विकास कुमार गुप्ता
बिहार में जातिगत राजनीति का इतिहास रहा है। चाहे अम्बेडकर हो या लोहिया का नारा ‘सौ में पिछड़ा पावे साठ’ चाहे श्रीकृष्ण सिंह पिछड़ा बहस हो। बिहार में सामंतवाद की जड़े पुरानी है और इनके खिलाफ उठते वामपंथ और सशस्त्र संघर्ष का एक अलग इतिहास है।
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव की तारिखों को तय कर दिया है। 12 अक्टूबर से 5 नवम्बर के मध्य कुल 5 चरणों में चुनाव सम्पन्न होने है। बिहार के राजनीति का इतिहास बहुधा जातिगत ही रहा है लेकिन इस बार के लोस चुनाव से उभरे अन्य समीकरण समेत महागठबंधन की गांठ भी चुनाव को नया रंग देती प्रतीत हो रही है। बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर मोदी की अगुवाई वाली एनडीए और महागठबंधन जिसमें कांग्रेस, राजद और जेडीयू के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। आजादी के एक दशक बाद से ही बिहार की राजनीति एक तरह से जातिगत रही है।
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7.9.15
आदेश के बावजूद प्लेसमेंट एजेन्सी कार्मिकों को नहीं दिया अनुभव
बाड़मेर - माननीय उच्च न्यायालय द्वारा प्लेसमेन्ट एजेन्सी के माध्यम से विभिन्न शिक्षा विभाग की परियोजनाओं में कार्यरत को भी विद्यालय सहायक भर्ती 2015 हेतु जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अनुभव प्रमाण-पत्र जारी करने के निर्देश प्रदान किये थे। लेकिन जब सोमवार को प्लेसमेन्ट एजेन्सी कार्मिकों ने जब विभाग की प्रक्रियानुसार अनुभव प्रमाण पत्र के आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी प्राशि कैलाश चंद तिवाड़ी के समुख प्रस्तुत किये तो उन्होंने मनमानी करते हुए सीधे मना कर दिया। इस उपरान्त सैकड़ों प्लेसमेन्ट एजेन्सी कार्मिकों ने जिला कलेक्टर मधुसुदन शर्मा एवं स्थानीय सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी को ज्ञापन सौंपकर अनुभव प्रमाण पत्र पर प्रतिहस्ताक्षर करवाने की विनम्र प्रार्थना की।
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6.9.15
‘रात अभी स्याह नहीं’ का आगमन बेहद सुखद : इब्राहीम अश्क
इलाहाबाद। जब भी किसी शायर या कवि की किताब छपकर मंजरेआम पर आती है जो
बेहद खुशी का एहसास होता है, और लगता है कि साहित्य का एक और इजाफा होता
है। अरुण अर्णण खरे की किताब भी यही एहसास दिलाती है। इन्होंने अपनी
रचनाओं में देश और समाज की भावना को बहुत ही शानदार तरीके से व्यक्त किया
है। यह उनकी दूसरी किताब है, उम्मीद की जानी चाहिए कि आगे भी उनकी
किताबें आती रहेंगी।
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स्वयं से स्वयं के साक्षात्कार का पर्व है पर्युषण
-ललित गर्ग-
भारत पर्वों और त्यौहारों का देश है, उनमें न केवल भौतिक आकर्षण से पर्व है बल्कि आत्म साधना और त्याग से जुड़े पर्व भी है। एक ऐसा ही अनूठा पर्व है पर्युषण महापर्व । यह मात्र जैनों का पर्व नहीं है, यह एक सार्वभौम पर्व है, मानव मात्र का पर्व है। पूरे विश्व के लिए यह एक उत्तम और उत्कृष्ट पर्व है, क्योंकि इसमंे आत्मा की उपासना की जाती है। संपूर्ण संसार में यही एक ऐसा उत्सव या पर्व है जिसमें आत्मरत होकर व्यक्ति आत्मार्थी बनता है व अलौकिक, आध्यात्मिक आनंद के शिखर पर आरोहण करता हुआ मोक्षगामी होने का सद्प्रयास करता है।
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5.9.15
स्योहारा गैस एजेन्सी में सब्सिडी का बड़ा फर्ज़ीवाड़ा
Shariq Zaidi
पैट्रोलियम एवम प्राकृतिक गैस मंत्रालय में उपभोक्ताओं ने की शिकायत
कम्पनी के अधिकारियों से भी जांच की मांग की
स्योहारा : घरेलू गैस की स्थानीय एजेन्सी स्योहारा गैस सर्विस में फर्ज़ीवाड़े का एक मामला प्रकाश में आया है। एजेन्सी के ही उपभोक्ताओं ने गैस एजेन्सी संचालक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके कनेक्शन पर गैस एजेन्सी ने गैस रिफिल ईश्यू कर उपभोक्ता को देने के स्थान पर किसी और को बेच दिये जबकि उस तक रिफिल डिलिवरी पहुंची ही नहीं और ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार किया गया है। उपभोक्ताओं को इस बात का पता जब चला जब उन्होंने इण्टरनेट पर कम्पनी के ट्रांसपेरेन्सी र्पोटल पर अपने कनेक्शन की बुुकिंग व डिलिवरी हिस्ट्री चेक की। उपभोक्ता शारिक शमीम (कनेक्शन संख्या 23990) (एलपीजी आईडी-3750000106165160) ने आनलाईन शिकायत दर्ज करायी है कि 22/11/2013, 01/04/2014, 17/05/2014, 13/09/2014 तिथियों को एजेन्सी ने उसके कनेक्शन संख्या पर रिफिल डिलिवरी दर्शायी है जबकि उसको न तो इन तिथियो में उसको डिलिवरी और न ही उसकी किताब में इन तिथियों में डिलिवरी दर्ज है।
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4.9.15
फर्जी दस्तावेज पेश कर लड़ा चुनाव
उम्र 46 साल, जून 2014 में हरियाणा के मेवात से आठवीं उत्तीर्ण का सर्टिफिकेट
सेड़वा - पंचायतीराज चुनाव में शिक्षा संबंधित जाली दस्तावेज पेश कर चुनाव जीतने वाली धनाऊ पंचायत समिति के श्रीरामवाला ग्राम पंचायत के सरपंच जेती के खिलाफ प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की है। जेठाराम पुत्र लिखमाराम जाट ने 20 जुलाई 2015 को कोर्ट के जरिये परिवाद पेश कर बताया कि श्रीरामवाला ग्राम पंचायत की नवनिर्वाचित सरपंच जेती ने चुनाव में झूठे व कूटरचित दस्तावेज पेश कर चुनाव लड़ा और जीत भी गए। परिवादी ने बताया कि फर्जी मार्कशीट देनी वाली संस्था के संचालक मोहम्मद युसुफ को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी पुलिस में भादस की धारा 420, 467, 468, 471 120बी के आईपीसी के अन्तर्गत मामला दर्ज है।
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नेपाल के मधेसियों का हो रहा मर्डर लेकिन भारत साधे हुए है चुप्पी
डॉ. वेदप्रताप वैदिक
आजकल नेपाल में कोहराम मचा हुआ है लेकिन हम भारतीयों का ध्यान दूसरे पड़ोसी देशों की तरफ ज़रा ज्यादा जाता है। हमारे लोग यह जानने की जरुरत भी नहीं समझते कि नेपाल में आजकल कई लोग रोज़ क्यों मारे जा रहे हैं? वे भूकंप और बाढ़ की चपेट में नहीं आए हैं बल्कि पुलिसवालों की गोलियों के शिकार हो रहे हैं। कौन हैं, ये नेपाली लोग? नेपाल के ये नागरिक हिंदीभाषी हैं। ये मैथिल या उ.प्र. और बिहार की कई बोलियों का प्रयोग करते हैं। ये लोग बिहार और उ.प्र. से जुड़ी हुई नेपाल की सीमा में रहते हैं। यह प्रायः मैदानी इलाका है। इसे तराई कहते हैं। इन लाखों लोगों को नेपाली कहने की बजाय ‘मधेस’कहते हैं। याने नेपाल और भारत के मध्य का जो प्रदेश है, उसमें रहनेवाले लोग।
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पांच की जगह चार सितंबर को ही शिक्षक दिवस मनाना हमारे गुरुओं का अपमान है
राकेश भदौरिया
शिक्षक दिवस ५ सितम्बर को है, परन्तु पूरे भारत में सभी स्कूलों में आज ४ सितम्बर को ही शिक्षक दिवस मनाने की औपचारिकता पूरी की जा रही है। यहाँ तक कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी आज ही शिक्षक दिवस मनाकर छात्रों की क्लास ले रहे है और उनसे संवाद कर रहे हैं। मेरी समझ में नहीं आ रहा कि क्या किसी दिवस को एक दिन पहले ही मनाना चाहिए। तर्क दिया जा रहा है कि कल ५ सितम्बर को श्री कृष्णा जन्माष्टमी होने के कारण एक दिन पहले ही शिक्षक दिवस मनाने की औपचारिकता पूरी की जा रही है।
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मोदी सरकार के यू-टर्न और भारत का भविष्य
मित्रों,हमने केंद्र सरकार को उसके कार्यकाल की शुरुआत में ही चेताया था कि भारत की जनता को उनका परिश्रम ही नहीं चाहिए बल्कि परिणाम भी चाहिए लेकिन या तो सरकार ने हमारी बातों पर कान ही नहीं दिया या फिर सरकार के थिंक टैंक की सोंच में ही त्रुटि है। अब हम 56 ईंच के सीनेवाली सरकार के कुछ महत्त्वपूर्ण यू-टर्न पर विचार करते हैं। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जो कुछ किया है उस पर हम अभी विचार नहीं करेंगे क्योंकि अभी इसके लिए उचित समय नहीं आया। हालाँकि जिस तरह से वहाँ रोजाना आतंकी मारे जा रहे हैं उससे तो यही संकेत मिल रहा है कि स्थिति पिछली अब्दुल्ला सरकार के मुकाबले बेहतर है। कुछ लोग भले ही पाकिस्तान या आईएस का झंडा लहराएँ लेकिन बहुमत इस समय भारत के पक्ष में है। इतना ही नहीं पीओके में भी भारत के प्रति समर्थन बढ़ने की खबरें आ रही हैं।
मित्रों,केंद्र सरकार ने पोर्न वेबसाइटों पर जब रोक लगाने की घोषणा की तो हम जैसे लोग काफी खुश हुए लेकिन 24 घंटा बीतने से पहले ही कदम पीछे खींच लिए गए। क्या केंद्र सरकार को पहले से पता नहीं था कि इसके बारे में सुप्रीम कोर्ट के क्या विचार हैं? अगर पता नहीं था तो यह बात बेहद शर्मनाक है और अगर पता था तो फिर वेबसाइटों को प्रतिबंधित ही क्यों किया?
मित्रों,इसी तरह की पलटी मोदी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से संबद्ध दस्तावेजों को जारी करने के मामले में भी मारी है जिससे करोड़ों राष्ट्रवादियों का हृदय विदीर्ण हुआ है।
मित्रों,इसी तरह केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर भी यू-टर्न ले लिया जबकि वो पहले इसका पारित होना देश के औद्योगिक विकास के लिए जरूरी मान रही थी। तो क्या अब यह विधेयक जरूरी नहीं रहा? संस्कृत में एक कहावत है कि दीर्घसूत्री विनश्यन्ति अर्थात् विलंब से काम करने वालों को सफलता नहीं मिलती। केंद्र सरकार को अगर इस विधेयक को पारित करवाना ही था तो इस कार्य में ठीक वैसी ही तत्परता और दृढ़ता दिखानी चाहिए थी जैसी तत्परता और दृढ़ता यूपीए ने अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील के मामले में दिखाई थी और संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाकर बिना वामपंथियों के भारी विरोध की परवाह किए नए विधेयक को पारित करवाया था। सरकार ने विपक्ष को क्यों लंबा मौका दिया जिससे वो किसानों को सरकार के खिलाफ भड़का सके? क्या केंद्र सरकार विधेयक को लेकर डरी-सहमी हुई थी? अगर सरकार के पास 56 ईंच का सीना नहीं था तो फिर विधेयक में संशोधन के लिए प्रयास करने की आवश्यकता ही क्या थी और अगर सीना था तो फिर विधेयक को वापस क्यों लिया? लेकिन सिर्फ सीना चौड़ा होने या साहसी होने से ही कोई सरकार या व्यक्ति कार्यकुशल नहीं हो जाते बल्कि उसके साथ-साथ एक तेज और चतुर मस्तिष्क का होना भी उतना ही जरूरी है।
मित्रों,अभी कुछ दिन पहले ही खबर आई है कि कारगिल के शहीद सौरभ कालिया के मामले में भी सरकार ने यू-टर्न ले लिया है और सरकार का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय अदालत में इस मामले को तभी ले जाया जा सकता है जब पाकिस्तान भी इसके लिए तैयार हो। अगर ऐसा ही था तो फिर इतनी कवायद करने और देश और न्यायालय का कीमती वक्त बर्बाद करने की आवश्यकता ही क्या थी? क्या कानून मंत्रालय को प्रत्येक मामले में देर से ज्ञान प्राप्त होता है?
मित्रों,इतना ही नहीं हमेशा से अल्पसंख्यक-तुष्टीकरण का विरोध करनेवाली पार्टी की सरकार भी उसी काम में जुट गई लगती है। आजकल टीवी-रेडियो पर अल्पसंख्यकों को विशेष सुविधा से संबद्ध विज्ञापन धड़ल्ले से आ रहे हैं। हमने मनमोहन सरकार के समय आवाज उठाई थी कि रजिया अगर गरीब है तो सरकार बेशक उसकी मदद करे लेकिन राधा अगर गरीब है तो उसकी भी सहायता करे क्योंकि हिंदू-बहुल देश में हिंदुओं को दोयम-दर्जे का नागरिक कैसे बनाया जा सकता है या फिर हिंदू परिवार में जन्म लेना कोई अपराध तो नहीं। लेकिन देखा तो यही जा रहा है कि पहले की सरकारें जो कर रही थीं वही मोदी सरकार भी कर रही है। मुझे तो लगता है अगर सरकार को तुष्टीकरण करना ही नहीं है तो फिर अल्पसंख्यकों के लिए अलग से मंत्रालय की आवश्यकता ही क्या है? भारत में अल्पसंख्यकों के साथ कभी भेदभाव तो किया नहीं गया। अगर वे पिछड़े हैं तो अपनी पिछड़ी और यथास्थितिवादी सोंच की वजह से पिछड़े हैं।
मित्रों,महत्त्वपूर्ण मामलों में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जिस तरह से बार-बार यू-टर्न लिया जा रहा है उससे अब हमारे मन में संदेह होने लगा कि यह सरकार भारत को सही दिशा में ले जा पाएगी। क्या बेवजह हर चौराहे पर यू-टर्न लेकर कोई मंजिल पर पहुँचा है या फिर पहुँच सकता है?
(हाजीपुर टाईम्स पर भी प्रकाशित)
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3.9.15
हड़ताल सफल, मजदूरों ने भरी हुंकार: पूंजीपतियों से यारी, मजदूरों से गद्दारी नहीं चलेगी
-मुकुल / अयोध्या प्रसाद ‘भारती’
रुद्रपुर (उत्तराखंड) 2 सितम्बर। केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ केन्द्रीय टेªड यूनियनों के आह्वान पर 2 सितंबर को अखिल भारतीय मज़दूर हड़ताल का रुद्रपुर क्षेत्र में भी व्यापक असर रहा, जहाँ राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा रोडवेज की हड़ताल को प्रतिबन्धित करने के बावजूद रोडवेज का चक्का जाम रहा, बैंक व बीमा बन्द रहे, वहीं औद्योगित आस्थान सिडकुल क्षेत्र की तमाम यूनियनें हड़ताल पर रहीं। टाटा यूनियन की हड़ताल से टाटा की सभी वैण्डर कम्पनियां बन्द रहीं। भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के ऐन वक्त पर पीछे हट जाने के बावजूद हड़ताल पूरी तरह से सफल रही। यहाँ तक कि बीएमएस सम्बद्ध तमाम यूनियनें हड़ताल व प्रदर्शन में शामिल रहीं। मजदूरों ने जबरदस्त गर्मी के बावजूद पूरे जोश के साथ अम्बेडकर पार्क में पूरे दिन सभा की और बाजार व मुख्य मार्ग पर हजार की संख्या में रैली निकाली। उधर हल्द्वानी में भी जबर्दश्त प्रदर्शन हुआ और वहाँ निजी परिवहन व ऑटो तक बन्द रहे।
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सामाजिक कार्यों के लिए इम्पैक्ट गुरु मंच का लोकार्पण, क्राउडफंडिंग से छोटे-छोटे दान को प्रोत्साहन : मेनका गांधी
नई दिल्ली, 3 सितम्बर 2015 केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि आज भारत में आॅनलाइन क्राउडफंडिंग की व्यापक संभावनाएं हैं। हमारे प्रधानमंत्री डिजिटल भारत के संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उनके संकल्प को आनलाइन क्राउडफंडिंग जैसे उपक्रमों के माध्यम से बल मिलेगा। इससे भारत ही नहीं दुनिया में दान की परम्परा को एक नयी दिशा मिलेगी क्योंकि छोटे-छोटे दान एक बड़ी सुखद घटना को अंजाम दे सकते हैं।
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न्यूनतम समर्थन मूल्य अब बर्दाश्त के बाहर
उपरोक्त शब्द वरिष्ठ किसान नेता व उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता धीरेन्द्र सिंह ने किसान संगठनों के आहावान पर कस्बा रबूपुरा में कोतवाली के सामने किसानों की पंचायत में कहे। धीरेन्द्र सिंह ने उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि ’’आज देश में प्याज के बढे हुए दामों पर भारत सरकार के वित्त मंत्री दिन में चार-चार बार मीडिया के समक्ष बयान दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने कभी भी किसान द्वारा कडी मशक्कत के बाद पैदा की गयी फसलों के समर्थन मूल्य को घोषित करने में इतनी दिलचस्पी नही दिखाई।
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2.9.15
सुदृढ़ प्राथमिक शिक्षा से उपजेगी संस्कारित पौध
मानवीय जीवन को सरलता और सार्थकता से जीने की कला को विकसित करना ही शिक्षा है। किसी भी देश में उसमें निवास करने वाले लोगों को सभ्य और उन्नत बनाने का एक साधन है शिक्षा। यदि किसी भी देश में शिक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है तो उस देश की रीढ़ भी कमजोर होगी। सम्पूर्ण जगत में शिक्षा को लेकर एक अलग तरह का उत्साह देखने को मिलता है। प्रत्येक राष्ट्र अपने नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण एवं संस्कारित मूल्यपरक शिक्षा प्रदान करने की हर संभव प्रयास करता है। भारत ने भी आज से कुछ वर्षों पूर्व 1 अप्रैल 2010 को ‘शिक्षा का अधिकार’ कानून पारित करके इस तरफ अपना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसके अंतर्गत 6 से 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों को निःशुल्क, अनिवार्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का वायदा भारत सरकार ने अपने देशवासियों से किया। प्रत्येक हर देश में प्राथमिक शिक्षा अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान रखती है। देश के बालकों को संस्कारित और चरित्रवान वटवृक्ष के रूप में तैयार करने का प्रथम सोपान है प्राथमिक शिक्षा। अगर प्राथमिक शिक्षा का यह उपजाऊ बीज है स्वयं ही दूषित और विकृत होगा तो कैसे उपजेगी संस्कारित पौध?
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हिंदी की फुल स्पीड...!!
तारकेश कुमार ओझा
जब मैने होश संभाला तो देश में हिंदी – विरोध और समर्थन दोनों का मिला – जुला माहौल था। बड़ी संख्या में लोग हिंदी प्रेमी थे, जो लोगों से हिंदी अपनाने की अपील किया करते थे। वहीं दक्षिण भारत के राज्यों खास कर तामिलनाडु में इसके हिंसक विरोध की खबरें भी जब – तब सुनने – पढ़ने को मिला करती थी। हालांकि काफी प्रयास के बावजूद इसकी वजह मेरी समझ में नहीं आती थी। संयोगवश 80 के दशक के मध्य में तामिलनाडु समेत दक्षिण भारत के राज्यों में जाने का मौका मिला तो मुझे लगा कि राजनीति को छोड़ भी दें तो यहां के लोगों की हिंदी के प्रति समझ बहुत ही कम है।
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सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं छोड़ा कैलाश विजयवर्गीय ने!
मध्यप्रदेश से जुड़े भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय वो नेता हैं, जिन्हें हमेशा विवादों में रहना पसंद है। कभी वे लड़कियों के जीन्स पहनने पर टिप्पणी करके अख़बारों की सुर्खियां बन जाते हैं, कभी खुद को पत्रकारों से बड़ा बताने से भी नहीं चूकते! अब कैलाश विजयवर्गीय ने सुप्रीम कोर्ट के दो फैसलों पर टिप्पणी करके अदालत को कटघरे में खड़ा करने कि कोशिश की है! भोपाल प्रकाशित 'सुबह सवेरे' में प्रकाशित ये इस लेख में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को भारतीय सामाजिक संस्कारों के विपरीत बताया गया है।
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सहारा मीडिया के कर्मचारी : इधर कुआं उधर खाई!
इधर कुआं उधर खाई, कुछ ऐसी ही स्थिति से गुजर रहे हैं, सहारा मीडिया के कर्मचारी। एक तो जबसे समूह के मुखिया जेल में हैं तबसे उन्हें बराबर वेतन नहीं मिल रहा है। जो मिल भी रहा है वो आधा अधूरा दूसरे मजीठिया वेजबोर्ड कोढ में खाज बन गया है। चूंकि वेतन आयोग सिर्फ प्रिंट मीडिया के लिए ही है इसलिए इलेक्ट्रॉनिक वाले कर्मचारी इस लडाई में रुचि नहीं ले रहे हैं। ऐसे में सहारा प्रबंधन के लिए और भी आसान हो गया है मीडिया को दो फाड़ करना।
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इस धरती को जीने योग्य कैसे बनाएँ?
अट्टहास सुन रहे हो काल का?
अबूझ गति
खंड की
जो क्षण का वेग है।
अनसुलझे किस्सों में
हिन्दू - मुसलमान हैं..
असंख्य धर्म हैं
अनंत मर्यादाएं हैं..
सब जीवंत हैं और सब मृत भी..
शिव के शाश्वत ब्रह्मांड में युगों से लिखी लहरियाँ हैं
राक्षसों की मौत है, देवताओं की विजय है...
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प्रधानमंत्री करेंगे विद्यार्थियों को संबोधित, कलक्टर ने दिए पुख्ता इंतजाम के निर्देश
बाड़मेर, 02 सितंबर। शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में 4 सितंबर को सुबह 10 से 11.45 बजे के मध्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्कूली विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे। दूरदर्शन के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय चैनलों से इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। विद्यार्थियों तक प्रधानमंत्री के संबोधन का प्रसारण सुनिश्चित करने के लिए जिला कलक्टर ने पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए है। जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि बाड़मेर जिले में प्रारंभिक शिक्षा के 4888 एवं माध्यमिक शिक्षा के 558 विद्यालयांे मंे विद्यार्थियांे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के प्रसारण को टीवी पर दिखाने एवं रेडियो पर सुनाने के लिए माकूल इंतजाम किए गए है।
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सुनिश्चित जलाधिकार से ही बचा करते हैं हम नदियों को
कुमार कृष्णन
जल का सवाल महत्वपूर्ण सवाल है। वाबजूद इसके जल की सुरक्षा के सवाल पर हमारे देश में कोई कानून नहीं है। जल सुरक्षा के मुद्दे को किस प्रकार कानूनी जामा पहनाया जाय और ऐसा क्या किया जाए कि सरकार इसे कानूनी स्वरूप प्रदान करने के लिए वाघ्य हो। इस ज्वलंत मुद्दे पर नई दिल्ली स्थित गांधी शांति प्रतिष्ठान के समागार में जल जोड़ो अभियान और जल विरादरी की ओर से जल संरक्षण, सम्वर्धन हेतु दो दिवसीय ' जल सुरक्षा अधिनियम विमर्श राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से आये जलयोद्धाओं और पानीदारों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला के प्रथम दिन जहां इस कानून के प्रारूप पर चर्चा हुई वहीं इसे लागू करवाने के लिए सांसदों से संवाद, जनजागरूकता जैसे कई अभियान चलाने के कार्यक्रम तय किए गए।
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प्रेम और सम्मान से पानी की लड़ाई को शांति में बदलना मुमकिन
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अब खत्म करें जातीय आरक्षण
डॉ. वेदप्रताप वैदिक
गुजरात में चला पाटीदारों का आंदोलन सचमुच स्वागत योग्य है, क्योंकि यह आरक्षण- जैसी सड़ी-गली व्यवस्था को खत्म करने का कारण बनेगा। यह आंदोलन बड़े मजबूत तर्क पर आधारित है। यह कहता है कि यदि आप अन्य पिछड़ों को आरक्षण दे रहे हो तो हमें भी क्यों नहीं? या तो हमें भी आरक्षण दो या फिर किसी को मत दो। इसने आरक्षण के पिटारे को खोल दिया है। आरक्षण को लेकर अहमदाबाद की बड़ी सभा ने नेताओं के छक्के छुड़ा दिए। देश के सारे नेता, वे भी जो अपने आपको तीस मार खां समझते हैं, नहीं जानते कि क्या करें? गुजरात के पटेलों का विरोध करें या समर्थन! जो विरोधी नेता मोदी-विरोधी हैं, उन्होंने पटेलों की मांग का तत्काल समर्थन कर दिया, लेकिन जिन्होंने सारे मामले पर दूरंदेशी से सोच-विचार किया है, उन्होंने सोचा कि पटेल लोग गरीबों का आटा गीला कर रहे हैं।
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1.9.15
ये कायर और बुज़दिल भगवा फ़ासीवादी दाभोलकर, पानसारे, कालबुर्गी जैसे बुद्धिजीवियों की आवाज़ हमेशा के लिए चुप कराना चाहते हैं
प्रेस विज्ञप्ति
दिल्ली। दिशा छात्र संगठन और नौजवान भारत सभा कन्नड़ के सुप्रसिद्ध लेखक, कन्नड़ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति रह चुके और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रो. एम.एम. कालबुर्गी की हिंदुत्ववादी फासिस्टों द्वारा की गयी निर्मम हत्या की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। एम.एम. कालबुर्गी ने हमेशा अपने लेखन के ज़रिये समाज में फैली रूढ़ियों, अंधविश्वासों और हिंदुत्वववादी कट्टरपंथ को अपना निशाना बनाया। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद से जनपक्षधर लेखकों, साहित्यकारों, कलाकारों पर फ़ासीवादी हमले तेज़ हो गए है। अभिव्यक्ति की आज़ादी पर मंडरा रहे फ़ासीवादी खतरे और धार्मिक कट्टरपंथ की खि़लाफ़ उठ रही हर आवाज़ भारत के फ़ासीवादियों के लिए खतरा है।
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भ्रष्टाचार और अपराध के मकड़जाल की उपज कौन।
कुलदीप कुमार विश्वकर्मा
गर्व से गौरान्वित करने वाले पौराणिक संस्कृति की धरोहरों से सुसज्जित इस हिन्दुस्तान की अपनी एक अलग छवि है पुरे विश्व में जो पुरे विश्व को बरबस ही अपनी संस्कृति की ओर आकर्षित कर खुद की तरफ बुलाती है वही दूसरी ओर यहाँ के चारों स्तंभों के कमजोर और जर्जर हो चुके न्याय प्रणाली और उस बची कूची जीवित और न्याय संगत गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने कर्तव्यों को बखूबी ईमानदारी से निभाने वाले लोगों को साम, दाम, दंड और भेद से कमजोर कर उन्हें उनके नेक कार्यों के लिए रोड़ा खड़ा करने वाले दूषित मिलावटी खून वालों के वजह से जो कानून व्यवस्था भारत में बेपटरी हुई है उससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के साख जिस तरह से धूमिल हो रही है उस ओर लोग अपने निज स्वार्थ के लिए ध्यान नहीं दे रहे है और भ्रष्टाचार और अपराध जैसे अति संवेदनशील विषयो पर कोई भी जमीनी स्तर पर गंभीर नहीं है चाहे वो भारत के प्रधानमंत्री जी हो या किसी भी प्रदेश के शासन प्रशासन में बैठे लोग या फिर सिस्टम में अच्छी घुसपैठ रखने वाले लोग।
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कवि वीरेन डंगवाल की कविता पर बातचीत और उनकी कविताओं की आवृत्ति के आनंद के लिए 4 सितम्बर की शाम गांधी शांति प्रतिष्ठान पहुंचें
पलाश विश्वास
'आएंगे उजले दिन जरूर ..'
कवि वीरेन डंगवाल की कविता पर बातचीत और उनकी कविताओं की आवृत्ति के आनंद के लिए. 4 सितम्बर की शाम को आई टी ओ के नजदीक गांधी शांति प्रतिष्ठान जरुर पहुंचे.
अनुपम सिंह
जसम, दिल्ली के लिए
9718427689
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खनन माफिया का मुखपत्र बना जागरण... सहारनपुर में ब्रांडिंग के नाम पर करोड़ों का खेल
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