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21.9.15

काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय-वाराणसी में शैक्षिक पदों के लिए चल रहे साक्षात्‍कार में भारी धांधली

संबंधित विषय में बिना नेट और पीएचडी किये लोगों को भी साक्षात्‍कार में बुलाया जा रहा...

From: anilbhu6@gmail.com

Date: 2015-09-21 13:59 GMT+05:30

Subject: काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय-वाराणसी में शैक्षिक पदों के लिए चल रहे साक्षात्‍कार में भारी धांधली और संबंधित विषय में बिना नेट और पीएचडी किये लोगों को भी साक्षात्‍कार में बुलाये जाने के संबंध में।

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सेवा में,
         श्रीमान राष्‍ट्रपति जी
         भारत गणराज्‍य

विषय- काशी हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय-वाराणसी में शैक्षिक पदों के लिए चल रहे साक्षात्‍कार में भारी धांधली और संबंधित विषय में बिना नेट और पीएचडी किये लोगों को भी साक्षात्‍कार में बुलाये जाने के संबंध में।



महोदय,
           इन दिनों काशी हिन्‍दू विश्वविद्यालय में विभिन्‍न शैक्षिक पदों के लिए साक्षात्‍कार प्रक्रिया चल रही है, जिसमें नियम-कानून और यूजीसी की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है, ऐसे-ऐसे लोगों को साक्षात्‍कार के लिए बुलाया गया है जो संबंधित विषय में न नेट है और न हीं पीएचडी। इंटरव्‍यू के लिए काल लेटर भी निर्धारित 21 दिनों की समय सीमा से कम औसतन दस दिन पूर्व जारी किये जा रहे हैं। पूरी प्रक्रिया में भ्रष्‍टाचार चरम पर है। अनेक योग्‍य लोगों की योग्‍यता को दरकिनार कर ऐसे-ऐसे लोगों को काल लेटर जारी किये गये हैं, जो संबंधित पद की योग्‍यता नहीं रखते। यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार संबंधित विषय के लिए स्‍पेशलाइजेशन के प्रावधान का खुला उल्‍लंघन किया जा रहा है। साक्षात्‍कार के लिए आने वाले एक्‍सपर्ट के नाम पहले ही आम हो जा रहे हैं। पूरी प्रक्रिया पर्दे में ढंककर इतनी जल्‍दी निबटाई जा रही है कि 29 सितंबर को विश्‍वविद्यालय कार्यकारिणी की प्रस्‍तावित बैठक में उसका अनुमोदन कराकर अयोग्‍य अभ्‍यर्थियों से हुए सौदे को अंतिम रूप दिया जा सके।
वैसे तो सभी विभागों के पदों के लिए भ्रष्‍टाचार का बोलबाला है , लेकिन पत्रकारिता विभाग के जो तथ्‍य सामने आये हैं वो विश्‍वविद्यालय प्रशासन के नंगा नाच को समझने के लिए पर्याप्‍त है। इस विभाग के विभिन्‍न पदों के लिए 22 सितंबर को इंटरव्‍यू है, जिसके लिए काल लेटर 12 सिंतबर को जारी किया गया। वेबसाइट पर इसकी कट आफ लिस्‍ट इसलिए जारी नहीं की गयी कि गड़बडि़यां कोई पकड़ न सके। आशंका होने पर एक अभ्‍यर्थी ने 18 सितंबर को इसकी शिकायत की तो कट अाफ लिस्‍ट वेबसाइट पर डाली गयी।इस लिस्‍ट को देखने के बाद ऐसा लगता है कि पत्रकारिता विभाग के सभी पदों पर नियुक्ति के लिए सेटिंग-गेटिंग में सभी मानकों की धज्जियां उड़ा दी गयी हैं।
ऐसे-ऐसे लोगों को काल लेटर जारी किया गया है जो संबंधित विषय में न नेट हैं और न ही पीएचडी। पोस्‍ट कोड-2614 (एसोसिएट प्रोफेसर) के लिए सिर्फ दो लोगों को काल किया गया है। इनमें दोनों संबंधित विषय में न नेट हैं और न ही पीएचडी। पहली अभ्‍यर्थी आकांक्षा
शुक्‍ला ने लोक प्रशासन ( पब्लिक एडमिनिस्‍ट्रेशन) में 2001 में नेट क्‍वालीफाई किया। इसी विषय के अंतर्गत स्‍वजल प्रोजेक्‍ट एवं महिला सशक्तिकरण पर उन्‍होंने पीएचडी किया है। इन्‍होंने ने एमजेएमसी किया है लेकिन इस विषय में नेट और पीएचडी नहीं है। दूसरे अभ्‍यर्थी ज्ञान प्रकाश मिश्रा ने हिन्‍दी विषय में नेट और पीएचडी किया है। इनका अध्‍यापन अनुभव
भी हिन्‍दी विषय का है। इसके बावजूद इन्‍हें पत्रकारिता के एसोसिएट प्रोफेसर पद के साक्षात्‍कार के लिए आमंत्रण दिया गया है, जो पूरी तरह अवैधानिक और मानकों का खुला मजाक है। पोस्‍ट कोड-3955, 3956, 3144 के लिए उमेश कुमार पाठक को काल किया गया है, जो दर्शनशास्‍त्र में पीएचडी हैं।
इस संबंध में श्रीमान से निवेदन है कि प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए संपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए मामले की उच्‍चस्‍तरीय जांच कराने की कृपा करें।
भवदीय
अनिल कुमार
पूर्व छात्र नेता
ग्राम- कैथी शंकर पुर
जनपद-आजमगढ़

प्रतिलिपि निम्‍न को सूचनार्थ एवं आवश्‍यक कार्यवाही हेतु प्रेषित
1. कुलपति- बीएचयू
2. प्रधानमंत्री- भारत सरकार
3- श्री मोहन भागवत- आरएसएस प्रमुख
4. मानव संसाधन विकास मंत्री- भारत सरकार
5. श्रीमति सोनिया गांधी, अध्‍यक्ष- कांग्रेस
6.  श्री राहुल गांधी, उपाध्‍यक्ष- कांग्रेस
7-  श्री दिग्विजय सिंह, महासचिव- कांग्रेस
8- श्री शिवनारायण- आरएसएस प्रचारक

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