सर मेरा नाम संतोष कुमार सिंह है, मैं सराय भारती जिला बलिया (उत्तर प्रदेश ) का निवासी हू | मेरी बहन(शालिनी ) को दिनांक 18-06-2015 को उसके ससुराल वालों ने मिल कर हत्या कर दी और न्याय के लिए मैंने कानून का सहारा लिया लेकिन आज के समाज में न्याय पैसे पे चलता है लाख पैरवी करने के बावजूद न्याय नहीं मिला | अपराधी अपराध कर के खुलेआम घूम रहे है ,इस समाज में कानून से विश्वास हटता जा रहा है अतः आप सभी से निवेदन है की मेरी बहन के हत्यारों को दंड दिलवाने में सहायता करे,
अगर ऐसा ही चलता रहेगा तो भारत देश में वो दिन बहुत जल्दी ही आएगा जब न्याय पाने के लिए सिर्फ इंसान को सभी हदें पर कर या तो आतंकवाद बनना होगा या फिर आपने आप को भगवान के हवाले कर उसी से न्याय की गुहार लगानी पड़ेगी . क्योकि ये भारत देश भ्रष्ट्राचारियों से भरा पड़ा है यहाँ न्याय मांगना उचित नहीं |. उस केस से सम्बंधित सारे छायाप्रति आपको भेज रहा हू |
Thanks & Regards
Santosh Singh
09450154302
santosh kumar Singh
mcse.san@gmail.com
सेवा में,
माननीय मुख्य न्यायधिश महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
मानवाधिकार भवन ब्लाक - C, जी0 पी0 ओ0
कॉम्प्लेक्स,आई एन ए0
नई दिल्ली- 1100023
विषय - न्याय तथा मा0 महोदय को अपने स्तर कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र प्रेषित |
सन्दर्भ - प्रार्थी के प्रर्थना पत्र दिनाँक 27-06-2015 पर क्या कार्यवाही की गयी,जन सुचना अधिनियम 2005 के तहत सुचना से अवगत कराया जाए तथा अति शीघ्र अपने स्तर से उचित कार्यवाही की जाय |
महोदय,
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि-
1. मै प्रार्थी केशव प्रसाद सिंह पुत्र स्व0 शिवनाथ सिंह, ग्राम+पोस्ट- सराय भारती, तहसील- रसड़ा, जनपद- बलिया, उ0प्र0 का निवासी है |
2. यह है कि प्रार्थी की पुत्री की हत्या दिनाँक- 18-06-2015 को उसके ससुराल में ससुर- उदयप्रतप सिंह, सास- ममता सिंह, पति- मनोज कुमार सिंह,देवर- रजनीश सिंह, ननद- रीना सिंह द्वारा की गयी जिसकी न्याय हेतु प्रार्थना पत्र दिनाँक 27-06-2015 की प्रतिलिपि माननीय महोदय को दिया गया | प्रार्थी के प्रार्थना पत्र का प्रतिलिपि कई माननीयों के पास गया लेकिन परिणाम कुछ नहीं मिला, वह लिफाफे किसी गठ्ठर में आज भी बंद पड़े है |
3.यह कि प्रार्थी की लाख पैरवी के बाद जिला सत्र न्यायाधीस,मऊ द्वारा मुख्य अपराधियों को उदयप्रताप सिंह व् ममता सिंह दिनाँक 30-07-2015 को जमानत दे दी गयी | जो जमानत प्रार्थना पत्र संख्या -565/2015 में जितने दलील व् गवाह व् प्रपत्र पेश किये गए हैं, सब फ़र्ज़ी हैं | जिसका सही प्रपत्र प्रमाडित प्रार्थी आपको संलग्न कर भेज रहा है | जमानत प्रार्थना पत्र में दिखया गया है कि अपराधी मनोज के माता-पिता अलग रहते हैं ,यह असत्य है, दिखया गया है की उदयप्रताप सिंह की उम्र 65 वर्ष् तथा ममता सिंह की उम्र 63 वर्ष है यह भी असत्य है सत्य प्रति प्रार्थी सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी मऊ द्वारा प्रमड़ित प्रति मा0 महोदय को संलग्न कर रहा है |
4. यह कि जमानत प्रार्थना पत्र में दिया गया है कि अपराधी अलग-अलग मकान में रहते थे ये असत्य है |सत्य है की सभी अपराधी एक मकान में मकान नंबर-45 में रहते हैं | जिसका प्रमड़ित निर्वाचन आयोग की सूचि है | तथा मा0 श्री अशोक कुमार यादव क्षेत्राधिकारी,मऊ शहर, जो प्रमड़ित किये हैं कि सभी एक साथ एक मकान में रहते है | जिन्होंने जाँच कर रिपोर्ट लगाई |जिसको प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ |
5. यह है कि न्यायालय पर पूरा विश्वास है लेकिन इतना फ़र्ज़ी तरीके से कागजी कार्यवाही कर जिला सत्र न्यायधिस मा0 चंद्र मोहन दिक्षित ,मऊ द्वारा जमानत दे दी गयी व् प्रमाड़ो का मूल कॉपी की जांच क्यों नहीं कराया गया | फ़ोटोकॉपी पर न्यायालय फैसला सुनाता है या गाँधी के फ़ोटो वाले कागज पर | हत्या को असत्य किया जा सकता है | न्यायाधीस भगवान के रूप में घिरे है | जो ब्रम्हा,विष्णु, महेश से भी बड़ा मानता हूँ लेकिन माननीय जी अपने आप को बहुत छोटा साबित कर दिए | अब माननीय महोदय जी से आग्रह कराया जाए की पुनः सभी दस्तावेजो की जाँच कराइ जाए तथा फ़र्ज़ी लोगो को 420 के तहत मुकदमा कायम किया जाए | जितने भी शपथ पत्र दिए हैं सभी में असत्य लिखा गया है | उनको भी न्यायालय द्वारा उचित दण्ड दिया जाए | अन्यथा हत्या के बदले हत्या होने लगेगा | जिससे देश में व्यापक रूप से अशांति फैल जायेगी अपराध अभी कम नहीं है और दुना होने लगेंगे |
6. यह है कि प्रार्थी ने श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय मऊ को संबोधित कर प्रार्थना पत्र दिया की प्रार्थी के नात-नातिन को प्रार्थी को सौपा जाए | तथा उनके परवरिश में अशांति न फैले तथा उनके विद्यालय में प्रवेश कर उनको सही रास्ता दिया जाये | लेकिन अबतक S.P. साहब का कोई जवाब या कार्यवाही का पता ही नहीं चला प्रार्थी को आपके कानून पद्धति से भरोसा ही उठता जा रहा है |
7. यह की प्रार्थी के पुत्री के हत्यारे रजनीश कुमार सिंह व् रीना सिंह, ग्राम+पोस्ट- ताजोपुर ,थाना -सरायलखंसी मऊ आज दिनाँक तक न तो पुलिस पकड़ पाई,नहीं वह न्यायालय में हाज़िर हुए | इससे कानून पर क्या भरोसा किया जाए | समझ में नहीं आता |
अतः श्रीमान माननीय जी से प्रार्थना है कि कृपया अपने स्तर से उचित कार्यवाही की जाए तथा प्रार्थी को सुचना से अवगत कराया जाए |
(सूचना हेतु 10 Rs का postal order साथ संलग्न)
संलग्नक -
1. प्रार्थना पत्र दिनाँक 27-06-2015 का छाया प्रति |
2. जमानत प्रार्थना पत्र की छाया प्रति |
3. सभी मूल दस्तवेजो की छाया प्रति |
4. मुक़दमे की छाया प्रति |
5.श्रीमान पुलिस अधिक्षक महोदय के प्रार्थना पत्र का छाया प्रति |
प्रातिलिपि -
सूचनार्थ एवम् अति शीघ्र कार्यवाही हेतु प्रेषित -
1. मा0 श्री रामनाइक जी, महामहिम राज्यपाल महोदय, उ0प्र0 लखनऊ |
2. मा0 श्री नरेंद्र मोदी जी , प्रधानमंत्री, भारत सर्कार नई दिल्ली |
3.मा0 श्री राजनाथ सिंह जी,गृहमंत्री, भारत सरकार नई दिल्ली |
4. मा0 अध्यक्ष महोदया, राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली |
5. मा 0 श्री अखिलेश यादव जी, मुख्यमंत्री, उ0प्र0 सरकर लख़नऊ |
6. मा0 अध्य्क्ष महोदय उ.प्र. महिला आयोग लखनऊ
7. श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय,मऊ |
8. मा0 प्रमुख सचिव लोक शिकायत विभाग,अनुभाग -2 उ0प्र0 सचिवालय शाश्त्रीय भवन, लखनऊ |
9. मा0 श्री चंद्र मोहन दीक्षित जी
जिला सत्र न्यायाधीश, मऊ
इलाहाबाद उच्च-न्यायालय 2006 सूचना अधिकार अधिनियम के तहत किस प्रकार जमानत दी गई फ़र्ज़ी प्रमाण पर कृपया सुचना से अवगत कराए |
10 Rs का पोस्टल आर्डर साथ संलग्न है |
प्रार्थी
केशव प्रसाद सिंह
पुत्र स्व0 शिवनाथ सिंह
ग्राम+पोस्ट- सराय भारती
रसड़ा, बलिया (उ0प्र0)
दिनाँक-
अगर ऐसा ही चलता रहेगा तो भारत देश में वो दिन बहुत जल्दी ही आएगा जब न्याय पाने के लिए सिर्फ इंसान को सभी हदें पर कर या तो आतंकवाद बनना होगा या फिर आपने आप को भगवान के हवाले कर उसी से न्याय की गुहार लगानी पड़ेगी . क्योकि ये भारत देश भ्रष्ट्राचारियों से भरा पड़ा है यहाँ न्याय मांगना उचित नहीं |. उस केस से सम्बंधित सारे छायाप्रति आपको भेज रहा हू |
Thanks & Regards
Santosh Singh
09450154302
santosh kumar Singh
mcse.san@gmail.com
सेवा में,
माननीय मुख्य न्यायधिश महोदय
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
मानवाधिकार भवन ब्लाक - C, जी0 पी0 ओ0
कॉम्प्लेक्स,आई एन ए0
नई दिल्ली- 1100023
विषय - न्याय तथा मा0 महोदय को अपने स्तर कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र प्रेषित |
सन्दर्भ - प्रार्थी के प्रर्थना पत्र दिनाँक 27-06-2015 पर क्या कार्यवाही की गयी,जन सुचना अधिनियम 2005 के तहत सुचना से अवगत कराया जाए तथा अति शीघ्र अपने स्तर से उचित कार्यवाही की जाय |
महोदय,
सविनय निवेदन इस प्रकार है कि-
1. मै प्रार्थी केशव प्रसाद सिंह पुत्र स्व0 शिवनाथ सिंह, ग्राम+पोस्ट- सराय भारती, तहसील- रसड़ा, जनपद- बलिया, उ0प्र0 का निवासी है |
2. यह है कि प्रार्थी की पुत्री की हत्या दिनाँक- 18-06-2015 को उसके ससुराल में ससुर- उदयप्रतप सिंह, सास- ममता सिंह, पति- मनोज कुमार सिंह,देवर- रजनीश सिंह, ननद- रीना सिंह द्वारा की गयी जिसकी न्याय हेतु प्रार्थना पत्र दिनाँक 27-06-2015 की प्रतिलिपि माननीय महोदय को दिया गया | प्रार्थी के प्रार्थना पत्र का प्रतिलिपि कई माननीयों के पास गया लेकिन परिणाम कुछ नहीं मिला, वह लिफाफे किसी गठ्ठर में आज भी बंद पड़े है |
3.यह कि प्रार्थी की लाख पैरवी के बाद जिला सत्र न्यायाधीस,मऊ द्वारा मुख्य अपराधियों को उदयप्रताप सिंह व् ममता सिंह दिनाँक 30-07-2015 को जमानत दे दी गयी | जो जमानत प्रार्थना पत्र संख्या -565/2015 में जितने दलील व् गवाह व् प्रपत्र पेश किये गए हैं, सब फ़र्ज़ी हैं | जिसका सही प्रपत्र प्रमाडित प्रार्थी आपको संलग्न कर भेज रहा है | जमानत प्रार्थना पत्र में दिखया गया है कि अपराधी मनोज के माता-पिता अलग रहते हैं ,यह असत्य है, दिखया गया है की उदयप्रताप सिंह की उम्र 65 वर्ष् तथा ममता सिंह की उम्र 63 वर्ष है यह भी असत्य है सत्य प्रति प्रार्थी सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी मऊ द्वारा प्रमड़ित प्रति मा0 महोदय को संलग्न कर रहा है |
4. यह कि जमानत प्रार्थना पत्र में दिया गया है कि अपराधी अलग-अलग मकान में रहते थे ये असत्य है |सत्य है की सभी अपराधी एक मकान में मकान नंबर-45 में रहते हैं | जिसका प्रमड़ित निर्वाचन आयोग की सूचि है | तथा मा0 श्री अशोक कुमार यादव क्षेत्राधिकारी,मऊ शहर, जो प्रमड़ित किये हैं कि सभी एक साथ एक मकान में रहते है | जिन्होंने जाँच कर रिपोर्ट लगाई |जिसको प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न कर रहा हूँ |
5. यह है कि न्यायालय पर पूरा विश्वास है लेकिन इतना फ़र्ज़ी तरीके से कागजी कार्यवाही कर जिला सत्र न्यायधिस मा0 चंद्र मोहन दिक्षित ,मऊ द्वारा जमानत दे दी गयी व् प्रमाड़ो का मूल कॉपी की जांच क्यों नहीं कराया गया | फ़ोटोकॉपी पर न्यायालय फैसला सुनाता है या गाँधी के फ़ोटो वाले कागज पर | हत्या को असत्य किया जा सकता है | न्यायाधीस भगवान के रूप में घिरे है | जो ब्रम्हा,विष्णु, महेश से भी बड़ा मानता हूँ लेकिन माननीय जी अपने आप को बहुत छोटा साबित कर दिए | अब माननीय महोदय जी से आग्रह कराया जाए की पुनः सभी दस्तावेजो की जाँच कराइ जाए तथा फ़र्ज़ी लोगो को 420 के तहत मुकदमा कायम किया जाए | जितने भी शपथ पत्र दिए हैं सभी में असत्य लिखा गया है | उनको भी न्यायालय द्वारा उचित दण्ड दिया जाए | अन्यथा हत्या के बदले हत्या होने लगेगा | जिससे देश में व्यापक रूप से अशांति फैल जायेगी अपराध अभी कम नहीं है और दुना होने लगेंगे |
6. यह है कि प्रार्थी ने श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय मऊ को संबोधित कर प्रार्थना पत्र दिया की प्रार्थी के नात-नातिन को प्रार्थी को सौपा जाए | तथा उनके परवरिश में अशांति न फैले तथा उनके विद्यालय में प्रवेश कर उनको सही रास्ता दिया जाये | लेकिन अबतक S.P. साहब का कोई जवाब या कार्यवाही का पता ही नहीं चला प्रार्थी को आपके कानून पद्धति से भरोसा ही उठता जा रहा है |
7. यह की प्रार्थी के पुत्री के हत्यारे रजनीश कुमार सिंह व् रीना सिंह, ग्राम+पोस्ट- ताजोपुर ,थाना -सरायलखंसी मऊ आज दिनाँक तक न तो पुलिस पकड़ पाई,नहीं वह न्यायालय में हाज़िर हुए | इससे कानून पर क्या भरोसा किया जाए | समझ में नहीं आता |
अतः श्रीमान माननीय जी से प्रार्थना है कि कृपया अपने स्तर से उचित कार्यवाही की जाए तथा प्रार्थी को सुचना से अवगत कराया जाए |
(सूचना हेतु 10 Rs का postal order साथ संलग्न)
संलग्नक -
1. प्रार्थना पत्र दिनाँक 27-06-2015 का छाया प्रति |
2. जमानत प्रार्थना पत्र की छाया प्रति |
3. सभी मूल दस्तवेजो की छाया प्रति |
4. मुक़दमे की छाया प्रति |
5.श्रीमान पुलिस अधिक्षक महोदय के प्रार्थना पत्र का छाया प्रति |
प्रातिलिपि -
सूचनार्थ एवम् अति शीघ्र कार्यवाही हेतु प्रेषित -
1. मा0 श्री रामनाइक जी, महामहिम राज्यपाल महोदय, उ0प्र0 लखनऊ |
2. मा0 श्री नरेंद्र मोदी जी , प्रधानमंत्री, भारत सर्कार नई दिल्ली |
3.मा0 श्री राजनाथ सिंह जी,गृहमंत्री, भारत सरकार नई दिल्ली |
4. मा0 अध्यक्ष महोदया, राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली |
5. मा 0 श्री अखिलेश यादव जी, मुख्यमंत्री, उ0प्र0 सरकर लख़नऊ |
6. मा0 अध्य्क्ष महोदय उ.प्र. महिला आयोग लखनऊ
7. श्रीमान पुलिस अधीक्षक महोदय,मऊ |
8. मा0 प्रमुख सचिव लोक शिकायत विभाग,अनुभाग -2 उ0प्र0 सचिवालय शाश्त्रीय भवन, लखनऊ |
9. मा0 श्री चंद्र मोहन दीक्षित जी
जिला सत्र न्यायाधीश, मऊ
इलाहाबाद उच्च-न्यायालय 2006 सूचना अधिकार अधिनियम के तहत किस प्रकार जमानत दी गई फ़र्ज़ी प्रमाण पर कृपया सुचना से अवगत कराए |
10 Rs का पोस्टल आर्डर साथ संलग्न है |
प्रार्थी
केशव प्रसाद सिंह
पुत्र स्व0 शिवनाथ सिंह
ग्राम+पोस्ट- सराय भारती
रसड़ा, बलिया (उ0प्र0)
दिनाँक-
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