सीतापुर। जनपद मुख्यालय पर प्रेस क्लब भवन निर्माण के बहुचर्चित विवाद में षासन ने जिलाधिकारी व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उप्र के निदेषक को पत्र भेज कर प्रकरण की पुनः बिन्दुवार जांच कर आख्या प्रेषित करने के निर्देष दिये हैं। मामले में षासन का पत्र आने के बाद जिला प्रषासन में खासा हड़कम्प मचा हुआ है।
मालूम हो कि प्रकरण पर पूर्व में प्रदेष षासन द्वारा जिला प्रषासन से जांच कर आख्या भेजने के निर्देष दिये गए थे। उक्त निर्देषों के अनुपालन में जिला प्रषासन ने मनमाने तरीके से षासन को आख्या भेज कर मामले की इतिश्री कर दी थी। उधर प्रकरण के षिकायतकर्ता संगठन ने इस जांच आख्या से असंतुष्ट हो कर मामले पर अपनी आपत्ति दर्ज करायी थी और षासन से प्रकरण की पुनः जांच कराने का अनुरोध किया था। उक्त आपत्ति पर संज्ञान लेते हुए प्रदेष षासन के विषेष सचिव बाबूलाल श्रीवास ने जिला प्रषासन को फिर से मामले की जांच करा कर आख्या भेजने के निर्देष दिये हैं। इन निर्देषों में कहा गया है कि क्या प्रष्नगत प्रकरण सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट अथवा पर्यावरण से जुड़ी किसी भी संस्था द्वारा पारित निर्णयों के विरूद्ध है। साथ ही प्रष्नगत भूमि विवादित है या नहीं । प्रमुख सचिव श्री श्रीवास ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि प्रष्नगत प्रस्तावित निर्माण हेतु भूमि किस संस्था को आवंटित की गई है और उक्त संस्था का चयन किन मानदण्डों के आधार पर किया गया है। साथ ही चयनित संस्था का रजिस्ट्रेषन प्रमाण पत्र किस तिथि तक मान्य है। इसके अतिरिक्त इस पत्र में जिलाधिकारी से यह भी पूंछा गया है कि प्रेस क्लब सीतापुर एवं अध्यक्ष सीतापुर प्रेस क्लब क्या एक ही संस्था है अथवा भिन्न भिन्न। प्रमुख सचिव ने जिलाधिकारी से इन बिंदुओं पर यथाषीघ्र जांच आख्या भेजे जाने का आग्रह किया है।
समझा जाता है कि श्रमजीवी पत्रकार यूनियन की आपत्ति व आपत्ति पर षासन द्वारा लिए गए प्रभावी संज्ञान के बाद अब उक्त बिंदुओं पर स्पष्ट जांच आख्या भेजना जिला प्रषासन की विवषता होगी। समूचे मीडिया जगत की निगाहें फिलहाल उक्त घटनाक्रम ही टिकी हुई हैं।
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