मैं रायगढ़ (छग) में सम्मेलन में भाग लेकर शहडोल में पत्रकार मित्रों के साथ बैठा। चर्चा में बात सामने आयी कि शहडोल जिले में पिछले वर्ष में लगभग 8 पत्रकारों पर झूठे प्रकरण दर्ज हुये, इस दौरान पुलिस अधीक्षक के रूप में जी.जी. पाण्डेय एवं आईजी वेदप्रकाश शर्मा पदस्थ थे। श्री जी.जी. पाण्डेय पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली दैनिक दिनचर्या (चौबीस घंटे) की एवं उनकी संपत्ति की जांच गुप्त रूप से कराना आवश्यक है तभी दूध का दूध और पानी का पानी होगा।
मेरा दुर्भाग्य है कि मैं अपने साथियों की सुरक्षा नहीं करा पाया, मित्रों ने अपना कष्ट स्वयं भोगा और मुझ तक जानकारी नहीं भेजी। जिन पत्रकारों पर झूठे मुकदमें दर्ज है उनमें सर्व श्री राजेश गुप्ता दैनिक जागरण तत्कालिक संवाददाता, रामनारायण पाण्डेय तत्कालिक संवाददाता हरिभूमि, दीपनारायण तिवारी तत्कालिक संवाददाता पत्रिका, सुरेश चतुर्वेदी तत्कालिक संवाददाता स्टार समाचार, राजेश द्विवेदी साधना न्यूज चैनल तत्कालिक रिर्पोटर, सुभाष मिश्रा सत्यजागरण, अखिलेश पाण्डेय सत्यजागरण, ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह ईटीवी रिर्पोटर, शिवेन्द्र ईटीवी कैमरामैन इसी तरह पूरे प्रदेश में कई पत्रकारों शामिल है।
मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मीडिया के माध्यम से जानकारी भेज रहा हूं कि वे इस तरह के पुलिस अधिकारियों की जांच कराए कि उनके कार्यकाल में पत्रकारों पर प्रकरण क्यों दर्ज हुए। जांच आवश्यक है तत्काल जांच किसी न्यायाधीश से कराने के आदेश नहीं होते है तो मंै 15 दिन पश्चात (राधावल्लभ शारदा) राजधानी में अनिश्चित कालीन धरना दूूंगा।
इस धरने में पूरे प्रदेश के पत्रकार सहभागी होंगे। अब मैं पूरे प्रदेश के पत्रकारों से आग्रह करूंगा कि उनके जिले तहसील में किसी पत्रकार पर कोई प्रकरण दर्ज हुये हैं तो वो नि:संकोच अपने दस्तावेज सहित कार्यालय आकर मुलाकात करें।
आपका
राधावल्लभ शारदा
प्रांताध्यक्ष
एमपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन
एफ 88/19 तुलसी नगर, भोपाल (म.प्र.)
मो. 09425609484
19.9.15
पुलिस अधीक्षक जी.जी. पाण्डेय की जांच की मांग को लेकर राधावल्लभ 15 दिन धरने पर बैठेंगे
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