Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

21.9.15

सेवा ही हिन्दू संस्कृति का आधार स्तंभ : विहिप

प्रैस विज्ञप्ति




विहिप के सेवा कुंभ में उमडा जन सैलाब, बडी संख्या में सेवा हेतु आकर्षित हुए लोग

नई  दिल्ली। सितम्बर 20, 2015. विश्व हिन्दू परिषद की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित सेवा कुम्भ में आज अच्छी खासी उपस्थिति देखी गई। लोगों की सेवा के प्रति रुचि इस बात से झलक रही थी कि प्रदर्शनी में लगी हर सामग्री को लोग बड़े चाव से न सिर्फ़ देख रहे थे बल्कि वे स्वयं सेवा के किस आयाम से जुड सकते हैं, यह जानने की जिज्ञासा भी थी। सेवा कुम्भ को संबोधित करते हुए विहिप के केन्द्रीय मंत्री व अखिल भारतीय सेवा प्रमुख श्री अरविन्द भाई ब्रह्म-भट्ट ने कहा कि सेवा ही हिन्दू संस्कृति का आधार है। देश भर में हम हजारों सेवा प्रकल्पों के माध्यम से समाज के हर वर्ग के उत्थान हेतु काम कर रहे हैं किन्तु इन्हें अभी बडी संख्या में विस्तार देने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में आशीर्वचन देते हुए सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष स्वामी राघवानन्द जी महाराज ने कहा कि समाज के उपेक्षित वर्ग के उत्थान, युवाओं को संस्कारित, स्वावलंबी व सक्षम बनाने तथा भारत के चहुँ मुखी विकास हेतु देश के प्रत्येक समर्थ व्यक्ति को अपनी-अपनी क्षमतानुसार सेवा के कार्यों में अपनी अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेम चन्द गोयल जी ने सेवा कार्य में किसी भी प्रकार के दिखावे से हमेशा दूर रहने पर बल दिया। इस अवसर पर सेवा कार्य में विशेष योगदान करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया गया।



    विस्तृत जानकारी देते हुए विहिप प्रवक्ता श्री विनोद बंसल ने बताया कि दिल्ली के पहाड गंज स्थित गुरू राम राय उदासीन आश्रम में आयोजित इस सेवा कुंभ में विहिप की प्रेरणा से नि:स्वार्थ सेवा में लगी आधा दर्जन से अधिक स्वयंसेवी संस्थाओं ने भाग लिया। आज पूरे दिन चली प्रदर्शनी में गोबर और गौ मूत्र से बने उत्पाद, हिन्दू हेल्प लाईन के अनुपम कार्य तथा महिला व बाल विकास केन्द्रों के कार्य दर्शकों को विशेष रुचिकर लगे।  पाकिस्तानी पीडित हिन्दुओं की सेवा तथा अन्य प्रकल्पों को चलाने वाली भगिनी निवेदिता सेवा न्यास, दिल्ली के कोने-कोने में संस्कार, स्वावलंबन और शिक्षा में जुटी भारतीय जन सेवा संस्थान, संस्कृत के विस्तार में जुटे हनुमान संस्कृत महाविद्यालय तथा जगह-जगह रक्तदान देहदान तथा गरीब कन्याओं की शादी में दक्ष योग क्षेम सेवा न्यास सहित अनेक संस्थानों ने कुंभ में सहभागिता की।

     विहिप के प्रान्त सेवा प्रमुख श्री राजेन्द्र मोहन वशिष्ठ व श्री महावीर प्रसाद गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में आज लगभग छ: दर्जन सेवा कार्यों के माध्यम से युवकों में नैतिक शिक्षा, संस्कार निर्माण, आर्थिक स्वावलम्बन तथा प्राथमिक स्वास्थ्य से जुडे विषयों पर विशेष बल दिया जा रहा है। विहिप के प्रान्त सह मंत्री श्री राम पाल सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हमारी योजनाओं में महिला रोज़गारोन्मुखी कार्यों तथा शिक्षा क्षेत्र में उनके विशेष सहयोग हेतु प्रयास किए जा रहे हैं।

     इस अवसर पर बताया गया कि समाज के सहयोग से विश्व हिन्दू परिषद आज देश भर में 58000 से अधिक शैक्षणिक कार्य, 1300 से अधिक स्वास्थ्य सेवा प्रकल्प, 1000 से अधिक महिला व युवा स्वावलम्बन केन्द्रों के अलावा बडी संख्या में गौ-शालाएं, महिला छात्रावास, कम्प्यूटर, सिलाई, कढाई, ब्यूटीशियन प्रशिक्षण केन्द्र तथा पुस्तकालय, वाचनालय, मोबाईल डिस्पेंसरी इत्यादि की सेवाएं अपेक्षित वर्ग को दे रहा है।

भवदीय

विनोद बंसल

(प्रवक्ता, विश्व हिंदू परिषद दिल्ली)

संपर्क: 9810949109

अणु डाक: ivhpmedia@gmail.com

ट्विटर : vinod_bansal

No comments: