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21.9.15

पत्रकारों की इमेज पर ऐश करते समाचार पत्र मालिक

भोपाल। एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने बताया कि समाचार पत्र मालिकों की संस्था आईएनएस वेतन बोर्ड खत्म करने और सरकारी विज्ञापन की दरें बढ़ाने की मांग कर है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी विज्ञापनों की दरें बढ़ाने की मांग कर रहे है। लेकिन समाचार पत्र मालिक यह नहीं कहते कि वे अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने सहित अन्य सुविधायें देंगे।



समाचार पत्र मालिक आज जिन पत्रकारों की कड़ी मेहनत के कारण बड़ी गाडिय़ों, बड़े मकानों में रह रहे उनको सुविधा देने से कतरा रहे है, उन्हें यह याद रखना होगा कि यदि वे अकेले किसी शहर में निकलेंगे तो 5 व्यक्ति भी उन्हें पहचान नहीं पायेंगे। उनके समाचार पत्र एवं उनकी पहचान शहर-शहर, गांव-गांव में कराने वाला पत्रकार ही होता है। उन पत्रकारों की शहर में जो इज्जत है उसी के कारण समाचार पत्र को विज्ञापन, पत्र की प्रसार संख्या उस शहर में प्रकाशित समाचारों से बढ़ती है और समाचार पत्रकार भेजता है।

जिस पत्रकार के कारण आपकी पहचान आपके समाचार पत्र को विज्ञापन एवं समाचार पत्र की प्रसार संख्या बढ़ती है उसी पत्रकार के लिये आपके पास वेतन देने के नाम पर पैसा नहीं बड़े शर्म की बात है। जिस दिन पत्रकार समाचार नहीं भेजेगा उस दिन से समाचार पत्र की उल्टी गिनती शुरू हो जायेगी। अत: समाचार पत्र मालिकों को अपने कर्मचारियों के प्रति नजरिया बदलना आवश्यक है।  शारदा का केन्द्र एवं राज्य सरकारों से आग्रह है कि समाचार पत्रों ने पत्रकारों को वेज बोर्ड के अनुसार वेतन नहीं दिये जा रहे है, उनको सरकारी विज्ञापन बंद किये जाये।  शारदा का जिले एवं तहसील के पत्रकारों से आग्रह है कि आप एकजुट हो और समाचार पत्र को समाचार, विज्ञापन देना एवं वितरण बंद करें। जब हमारे साथी तीनों बातों पर अमल कर लेंगे तो तहसील के पत्रकार को कम से कम रुपए दस हजार मासिक वेतन एवं अन्य सुविधाएँ देने के लिये समाचार पत्र मालिक मजबूर हो जायेंगे।

मुख्यमंत्री निवास पर पत्रकारों का धरना
भोपाल। पत्रकारों पर दर्ज प्रकरणों की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच एवं प्रकरणों को वापिस लेने की मांग को लेकर धरने की घोषणा की है यह धरना मुख्यमंत्री निवास के सामने दिया जायेगा। धरना 5 अक्टूबर को होगा।  एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने शहडोल में पत्रकारों पर झूठे प्रकरणों पर चिंता जाहिर की है। मात्र शहडोल में बड़ी संख्या में पत्रकारों पर दर्ज मुकदमों को देखकर भोपाल में एक दिवसीय धरने पर बैठेंगे। धरना 5 अक्टूबर 2015 को दोपहर एक बजे से 4 बजे तक रहेगा।  प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के पत्रकारों के लिये धरना दिया जा रहा है। धरना सभी पत्रकारों के लिये है।  प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने पुलिस विभाग पर आरोप लगाते हुये कहा कि पुलिस गृह विभाग के वर्ष 2010 जनवरी के आदेशों का पालन नहीं कर रही है। इससे ऐसा लगता है कि पुलिस के सबसे बड़े दुश्मन पत्रकार है।  एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन की मीडिया प्रभारी सुश्री कल्पना शर्मा ने जानकारी देते हुये बताया कि प्रदेश के वो सभी पत्रकार जिन पर फर्जी मुकदमें दर्ज हुये है, अपना, नाम, स्थान, दर्ज प्रकरण की एफ.आई.आर. (स्नढ्ढक्र) की छायाप्रति, एफ.आई.आर. के समय किस समाचार पत्र, चैनल में कार्यरत थे का नाम एवं आवेदन निसंकोच होकर यूनियन के प्रांतीय कार्यालय एफ-88/19, सेकेण्ड स्टॉप, तुलसी नगर, भोपाल के पते पर कोरियर द्वारा भेजे। जिससे उनके नामों को भी सूची में जोड़ा जा सके। सुश्री कल्पना शर्मा ने बताया कि पदाधिकारियों के आग्रह पर धरना एक दिवसीय दिया जा रहा है।

पत्रकारों पर हुई घटना की घोर निंदा
एम.पी.वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राधावल्लभ शारदा ने नरसिंहपुर में भाजपा के लोगों एवं पुलिस द्वारा जो बर्बरता पूर्व कार्यवाही की गई उसकी घोर निंदा की। श्री शारदा ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग एवं पुलिस तथा हमलावरों पर एफ.आई.आर. दर्ज करने के आदेश देने की मांग की है। 5 अक्टूबर को भोपाल में मुख्यमंत्री निवास पर धरना दिया जा रहा है। सरकार को वाट्सअप पर सूचना दी जा चुकी है।


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