अलीगढ़। अमुवि के कुलपति लेफ्टिीनैन्ट जनरल जमीर उद्दीन शाह (सेवानिवृत) ने आज हिन्दी के प्रमुख लेखक एवं पत्रकार पं. हरिओम शर्मा हरि की उर्दू पुस्तक जिद, जुनून और जिंदादिली का अपने कार्यालय में लोकार्पण किया। इस अवसर पर एएमयू रजिस्ट्रार डॉ. असफर अली खॉन, मॉसकम्यूनिकेशन विभाग के प्रोफेसर शाफे किदवई और इतिहास विभाग के डॉ. मुहम्मद सज्जाद के अलावा पं. हरिओम शर्मा की पत्नी श्रीमती मायादेवी शर्मा भी मौजूद थीं।
इस अवसर पर कुलपति ने सामाजिक समसमरत एवं एकता के प्रति पं. हरिओम शर्मा के दृष्टिकोण की सराहना की और उन्हें बाहुलवाद सहनशीलता का समर्थक बताया। उनहोंने कहा कि शर्मा जी की लेखनी में मानव मूल्यों को जिस प्रकार उभारा गया है वह प्रशंसनीय है। जनरल शाह ने कहा कि उनकी लेखनी में जाति, धर्म, भाषा एवं क्षेत्रवाद को हतोत्सहित किया गया है।
इस अवसर पर पं. हरिओम शर्मा ने कहा कि एएमयू के कारण ही आज विश्व में अलीगढ़ की पहचान है और जो साम्प्रदायिक ताकतें एएमयू को बदनाम करने का षडयंत्र कर रही हैं वह इस देश का ही नुकसान कर रही है। उनहोंने कहा कि जो लोग इस प्रकार का दृष्टिकोण रखते हैं उन्हें यूनीवर्सिटी कैम्पस में कुछ समय बिताकर सभ्यता और संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एएमयू अलीगढ़ का गौरव है। पं. शर्मा ने अपनी अन्य कृतियों ‘‘जागो, उठो चलो,’’ ‘‘जड़, जमीन, जहॉ’’ ‘‘हार्वेस्ट ऑफ हयूमैन वैल्यूज’’ ‘‘कैसे बने सफल माता पिता’’ ‘‘सच करें सपने’’ ‘‘अपना रास्ता खुद बनायें’’ ‘‘छोटी बातें बड़े परिणाम और ‘‘आओ करें ईश वंदना’’ के बारे में भी बताया।
19.9.15
हरि की उर्दू पुस्तक जिद, जुनून और जिंदादिली का किया लोकार्पण
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