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27.10.22

गुजरात चुनाव-2022

शंभु चौधरी-

आगामी माह  गुजरात व हिमाचल प्रदेश  की विधान सभाअसें के चुनाव होने जा रहें हैं। इस बार के चुनाव में इस बार इन दोनों राज्यों में चुनाव त्रिकोणीय  चुनाव होने जा रहा है। मेरे इस लेख को गुजरात चुनाव तक केंद्रित कर लिखने का प्रयास कर रहा हूँ।  जैसा कि आप सभी जानते हैं कि बंगाल में वामपंथी  दलों को शासन 35 साल चलां, लोगों को लगता था कि इनकी जड़ें इतनी मजबूत है कि इसे बंगाल से उखाड़ फैंकना नामुमकिन ही नहीं असंभव भी प्रतित होता है। इसके बावजूद ममता के नये संगठन ने उसे मिट्टी में मिला दिया। आज बंगाल में वामपंथियों को राजनीतिक रूप से नई जमीन तलाशनी पड़ रही है।

6 गुणा अधिक प्रदूषित हुई काशी की आबोहवा

 



जम कर फूटे पटाखों ने फिर बिगाड़ी बनारस की आबोहवा, एक बार फिर जुमला साबित हुआ ग्रीन पटाखा

इंग्लिशिया लाइन, पांडेयपुर, सारनाथ, लहुराबीर बने गैस चेंबर, महमूरगंज और सिगरा रहे तुलनात्मक रूप से साफ़

क्लाइमेट एजेंडा की ओर से हर वर्ष की तरह सातवीं बार इस वर्ष भी दिवाली पर वाराणसी में वायु प्रदूषण की एक विस्तृत रिपोर्ट आज 26 अक्टूबर 2022 को दिन में 1 बजे जारी की गयी. इस रिपोर्ट के अनुसार, बनारस में ग्रीन पटाखे और जिला प्रशासन की ओर से हुई अपील इस बार पुनः बेअसर साबित हुई. कोविड 19 के साथ साथ अन्य श्वसन सम्बन्धी संक्रमण के खतरों के मद्देनजर, बनारस में वायु गुणवत्ता ठीक रखने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष के लिए जारी NGT के दिशा निर्देशों की खुल कर अवहेलना हुई और जिला प्रशासन हर वर्ष की तरह इस बार भी मूकदर्शक बना रहा. रात्री दस बजे के बाद पूर्ण रूप से पटाखा प्रतिबन्ध के लिए जारी आदेश को ताक पर रखते हुए काशीवासियों ने जहां एक तरफ जम कर पटाखे बजाये, वहीं दूसरी ओर इन पटाखों से शहर में पी  एम 2.5, पी एम 10 और वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू एच ओ) , दोनों के ही मानकों की तुलना में काफी खराब हो गया.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2023 में शामिल होंगे दुनिया के कुछ श्रेष्ठ कहानीकार

कथा लेखन में वो ताकत होती है, जो पाठकों को तुरंत ही एक काल्पनिक जगत में ले जाती है| ये ताकत वास्तव में कहानी कहने की कला में ही निहित है| जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 16वें संस्करण में शामिल होने वाले दुनिया के श्रेष्ठ कहानीकार आपको इसी कला से रुबरु करायेंगे|

14.10.22

इल्तुतमिश ने तोड़ा, मोदी ने संवारा ! महाकाल शिवलिंग की वीरगाथा !!

के. विक्रम राव-

        खोरासान के बटमार मुहिउद्दीन मोहम्मद गोरी के गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक के ही गुलाम शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने करीब नौ सदियां बीते धर्मनगरी उज्जैन को खण्डित किया था, लूटा था। स्वयंभू दक्षिणामूर्ति शिवलिंग को क्षिप्रा नदी में फेंक दिया था। ऐसा ही फरगना के डाकू जहीरूद्दीन बाबर द्वारा श्रीराम जन्मस्थल पर जघन्य प्रहार हुआ था। आलमगीर औरंगजेब के वहशियानापन का शिकार बने विश्वनाथ मंदिर को तो मोदी ने विभूषित किया। भारत ऋणी है। राजा भोज द्वारा पूजित, कालिदास द्वारा महिमा मंडित, बारह लिंगों में से एक शंकर भगवान का यह देवालय जंबुद्वीप में प्राचीन ज्ञान का भण्डार रहा, मेधा का पर्याय और आस्था केन्द्र की धुरी। हिन्दुओं के धैर्य और शौर्य की सीमा अपार थी। अत: स्वाधीनता के बाद दशकों तक वे शांति से सुधार हेतु प्रतीक्षारत रहा। पराधीन प्रजा तो बेबस ही रही थी। आजादी के सात दशकों बाद वोट के लुटेरे, मजहब के दलालों की उदासीनता से ही शासन में लोकास्था डिगी। इस बीच अयोध्या का भी समाधान हो गया है। सोमनाथ को तो सरदार वल्लभभाई पटेल ने पहले ही संवार दिया था, जवाहरलाल नेहरु के जोरधार प्रतिरोध के बावजूद। अत: भला हो नरेन्द्र दामोदरदास मोदी का कि अपने सहप्रदेशीय सरदार पटेल की भांति वे भी तत्पर हुये राष्ट्र गौरव को संजोने के लिये।

इसका नाम मुलायम है जिसका जलवा कायम है!!

के. विक्रम राव-

एक गुत्थी उलझी है, मुलायम सिंह यादव के दिवंगत होने के बाद से। कभी खुलनी चाहिये। सार्वजनिक दर्शन तथा श्रद्धांजलि देने हेतु इस जननायक की शव यात्रा दिल्ली और लखनऊ पार्टी कार्यालय तथा दोनों आवासों से होते हुये जा सकती थी। हजारों चाहनेवाले वंचित रह गये। मेदांता (हरियाणा) से सैफई गांव सीधे ले जाने की तुलना में कुछ समय शायद ज्यादा लग जाता। यूं तो पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव का शव सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी मुख्यालय के फाटक के बाहर फुटपाथ पर ही  रखवा कर सीधे हैदराबाद रवना कर डाला था। मुलायम सिंह यादव तो जनप्रिय नायक रहे। फिर आधुनिक युग में तो इतने रसायन उपयोग में हैं कि लम्बे अरसे तक शव को परिरक्षित रखा जा सकता है। अब आमजन जिसके अत्यंत अजीज यह लोहियावादी नेता रहे को महरूम कर दिया गया। अक्षम्य है। गमगीन अधिक कर दिया गया।

12.10.22

औसत से भी नीचे चरित्र की पायदान पर खड़े भारतीय कैसे हों दुनिया के लिए रोल माडल, क्या संघ प्रमुख इसे विचारेंगे

केपी सिंह-

हाल ही में कोलकता में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दो वयोवृद्ध प्रचारकों की याद में आयोजित कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने देश के प्रत्येक हिन्दू का पूरी दुनिया के लिए रोल माडल के रूप में अपने को तराशने का आवाहन पूरे हिन्दू समाज की गौरव ग्रन्थि को छू गया। किसी कोम के चारित्रिक उत्थान में ऐसे उपक्रम का बड़ा योगदान हो सकता है इसलिए संघ प्रमुख का हिन्दू समाज के सकारात्मक मनोबल बढ़ाने का यह तरीका फलदायक है।

पूंजीवाद का विकल्प हासिल करने के लिए मेहनतकशों के राजनीतिक आंदोलन को मजबूत करने का आह्वान

विद्यानंद चौधरी-
समाज में जब एक समुदाय की नागरिकता पर हमला होता है और बहुमत इसका समर्थन करता है तो वह खुद अपनी नागरिकता हारने की भी सहमति दे देता है। सवाल वह भी नहीं कर सकता। अधिकार वह भी नहीं मांग सकता। शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार, किसानी, मजदूरी, महिलाओं, बच्चों, युवाओं आदि के नागरिक अधिकारों का क्या हाल है? किसने क्या खोया? बहुमत ने कुछ पाया क्या? नागरिकता संपूर्णता में हासिल होती है और संपूर्णता में खत्म भी हो जाती है। विभाजन केवल संपूर्णता में नागरिक अधिकारों को छीनने के लिए, उनके आंदोलनों के अधिकारों को कुचलने के लिए इस्तेमाल में लाए जाते हैं। वास्तविकता यह है कि कट्टरता और उन्माद पूंजीवाद द्वारा एक स्मोक स्क्रीन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। अपने छिनते अधिकारों को न देख नागरिक केवल नफरत और कट्टरता के अंधकार में गुम हो गया है। नशे में वह नफरत के नालियों में गिरा कीड़े की तरह गंदगी में लिपटा खुद को खो चुका है। चेतनाविहीनता की यह स्थिति बहुत खतरनाक है। वह पूंजीवादी अधिनायक को सर्वशक्तिमान समझ खुद निर्बल निरीह जीव बन समर्पण भाव में नतमस्तक खड़ा है। वह नफरती उन्मादी अधिनायक का हथियार बन गया है।

सहायक नगर आयुक्त मथुरा (sdm) राजकुमार मित्तल द्वारा दीपक पत्रकार के साथ मारपीट, गाली गलौज, अभद्रता

दीपक चौधरी- 

सरकारी गाड़ी में पालतू कुत्ते की सैर, फोटो खींचने पर पत्रकार से ही भिड़ गए 'SDM'

मथुरा - सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग कर रहे हैं अधिकारी ,सहायक नगर आयुक्त सरकारी गाड़ी में घूमा रहे थे पालतू कुत्ता , फोटो खींचने पर सहायक नगर आयुक्त ने पत्रकार के साथ जमकर की बदसलूकी ओर गाली गलौज ,किया हाई वोल्टेज ड्रामा

सामाजिक लोकतंत्र को पूर्व शर्त मानने वाले बाबा साहब और डा लोहिया के इरादे क्यों नहीं हुए कामयाब

केपी सिंह-

भारतीय लोकतंत्र की गुत्थियों में बहुत उलझाव है जिन्हें सुलझाना आसान नहीं है। पश्चिम की लोकतांत्रिक महाशक्तियों में इसकी प्रेक्टिस को लगभग पांच दशक का समय व्यतीत हो चुका है तब वहां परिपक्व लोकतंत्र बन सका, जबकि भारत में अभी सत्तर वर्ष से कुछ ही ज्यादा समय गुजरा है लेकिन तब दुनिया एक गांव में नहीं बदली थी। आज संचार की रफ्तार  वैश्विक विमर्श की सघनता कहां से कहां पहुंच चुकी है ऐसे में बदलाव के लिए सत्तर वर्ष का समय भी बहुत होता है। हालांकि भारतीय लोकतंत्र ने कई उत्कृष्ट सोपान भी चढ़े हैं लेकिन कई पहलुओं में यह इतनी विडम्बना का शिकार है कि स्थिति शोचनीय नजर आने लगती है।

बांसवाड़ा में साजिशन दर्ज किए जाते हैं पत्रकारों के खिलाफ मुकदमें

किशन सेन-

जब खेत ही बाढ़ को खाने लगे तो खेत का क्या कसूर यही हाल है वर्तमान में बांसवाड़ा के पत्रकारों का?

देश के  दो बड़े  अखबार के पत्रकारों कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी  क्या अन्य सस्थान के पत्रकारों के लिए मौका देखते है ये आखिर मजबूरी या फिर किसी साजिश का हिस्सा।

गांधी और लोहिया में उतना ही भेद देखता हूँ जितना कि राम और कृष्ण में!

-जयराम शुक्ल

 डा.लोहिया ने गांधी को पढ़ा भगत सिंह को जिया

राजनीति ऐसा तिलस्म है कभी सपनों को यथार्थ में बदल देता है तो कभी यथार्थ को काँच की तरह चूर चूर कर देता है। काँग्रेसमुक्त भारत की सोच डाक्टर राममनोहर लोहिया की थी। 12 अक्टूबर को डा. लोहिया की पुण्यतिथि पड़ती है। एक दिन पहले 11 अक्टूबर को जेपी और नाना जी पैदा हुए थे। आज देश लगभग कांग्रेस मुक्त है पर लोहिया मुखपृष्ठ पर नहीं हैं। 1967 में उत्तरप्रदेश में चरण सिंह चौधरी की सरकार के जरिये लोहिया ने गैरकांग्रेस सरकार की ओर पहला कदम बढाया था जिसे  दस साल बाद 77 में जयप्रकाश नारायण और नाना जी ने परिणति तक पहुँचाया।

समाचार प्रकाशन पर मुझे गलत कांड में फंसाने के संबंध में

 सेवा में,

पुलिस महानिदेशक,
बिहार, पटना

विषय :- समाचार प्रकाशन पर मुझे गलत कांड में फंसाने के संबंध में

हाईटेक पत्रकारिता में बिजनेस प्रोडक्ट हुई खबरें

सुधीर अवस्थी परदेसी-

पत्रकारिता महज एक काम नहीं बल्कि मिशन रही है। इस क्षेत्र में आने वाला शख्स अपना सब कुछ दांव पर लगा कर पत्रकार कहलाता है। बिल्कुल इस बात को कहने में संकोच नहीं कि वर्तमान समय में हाईटेक पत्रकारिता में साधन सुविधाएं बढ़ीं पत्रकारिता आसान हुई लेकिन पत्रकारिता का स्तर गिरता नजर आ रहा है।

बधाई हो! भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले शतक बना सकता है

पैट्रोलियम पदार्थ जनवरी के बाद 85 डॉलर से नीचे, फिर भी महंगाई बढ़ेगी क्योंकि रुपया कमजोर हो रहा है
अडाणी-अम्बानी की खुशियां भारतीयों के कंधों पर बोझ

10.10.22

संघ प्रमुख का संबोधन हिन्दू समाज के रूढ़िवादी तबके को झकझोरने वाला है!

केपी सिंह-
जातिगत भेदभाव से खंडित होते रहे हिन्दू समाज की हाल में कायम हुई जोरदार राजनैतिक एकता को बनाये रखने के क्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दलितों के तिरस्कार को खतम करने को लेकर एक बार फिर क्रांतिकारी स्तर का वक्तव्य जारी किया है। नागपुर में एक पुस्तक के विमोचन समारोह के अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जाति व्यवस्था और वर्ण व्यवस्था अतीत की बातें हो चुकी हैं। अब इन अवधारणाओं को खारिज करना ही बेहतर होगा। उन्होंने ब्राह्मणों से उनके पूर्वजों द्वारा दलितों के साथ किये गये व्यवहार के लिए माफी मांगने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे उनके नीचे देखने का सवाल नहीं है क्योंकि सभी के पूर्वजों ने अतीत में गल्तियां की हैं जिनका प्रायश्चित होना चाहिए।

न्यूज चैनल में ऐसी गलती प्रसारित हो जाने पर दर्शक दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं..

देखिए इंडिया न्यूज का कमाल... क्या सोचकर ऐसे न्यूज बनाते हैं इंडिया न्यूज के कर्णधार ?? देखें स्क्रीनशाट...

ज्ञानवापी सहित जिन 40 हजार मंदिरों को कानूनी लड़ाई लड़कर वापस लेंगे और भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएंगे : हरिशंकर जैन

सुरेश गांधी

वाराणसी। हिन्दुस्तान के सीनियर अधिवक्ता एवं बाबा विशेश्वरनाथ को पुनः स्थापित करने की लड़ाई लड़ रहे हरिशंकर जैन ने बिना किसी लाग-लपेट के खुलेअंदाज में कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना है।  इसके लिए हम हर लड़ाई लड़ रहे हैं। खासकर देश के जिन 40 हजार मंदिरों को तोड़कर उन पर कब्जा किया गया है उन्हें कानूनी लड़ाई लड़कर वापस लेना भी है असल मकसद। यह बातें वे शनिवार को होटल कैस्टीलो में आयोजित पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उनके साथ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक एवं विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ, कश्मीरी पंडित सुशील पंडीत, पूर्व कर्नल आरएसएन सिंह व ट्रस्ट इंडिया फाउंडेशन के अनिल यादव आदि मौजूद रहे। बता दें, ये प्रखर राष्ट्रवादी विचारक 9 अक्टूबर को ट्रस्ट इंडिया फाउंडेशन व रोटरी क्लब आफ वाराणसी नार्थ के तत्वावधान में रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में आयोजित भारत राष्ट्र के सामने चुनौतियां और समाधान विषयक संगोष्ठी में भाग लेने वाराणसी आएं हैं। संगोष्ठी का मकसद देश की संस्कृति और सभ्यता को लेकर आ रही चुनौतियों पर चर्चा व उसका समाधान निकालना है।

3.10.22

ABP News-CVoter opinion poll on caste factor in upcoming Gujarat polls

 
• What is the mood of caste in this upcoming Gujarat polls?
• What does the Patidar of Gujarat has to say?
• Which way will the Hindu voters swing?
• Are the muslim votes getting divided?

 

New Delhi, October 3rd, 2022: According to the ABP News-CVoter (Centre for Voting Opinion & Trends in Election Research) opinion poll, the ruling BJP (BharatiyaJanata Party) is predicted to win the elections for a record seventh time since 1995, in Gujarat. The BJP is anticipated to win between 135-143 seats, which would represent a significant gain from its 2017 total tally of 99 seats.

"हिंद स्वराज" का विमोचन किया एक गरीब मूर्तिकार ने

 



महात्मा गांधी की 153 वीं जयंती के ऐतिहासिक मौके पर छत्तीसगढ़ के औद्योगिक नगर कोरबा में पत्रकार संपादक सुरेशचंद्र रोहरा के संयोजन में महात्मा गांधी दर्शन, मानिकपुर संस्थान द्वारा गांधी जी की 122 साल पहले लिखी गई बहुचर्चित पुस्तक "हिंद स्वराज" का प्रकाशन किया गया था जिसका विमोचन  एक गांधी जी की मूर्तियां बनाने में समर्पित मूर्तिकार कृष्णा सहिस और छत्तीसगढ़ के गांधी कहे जाने वाले वयोवृद्ध गांधीवादी बोध राम कंवर पूर्व विधायक द्वारा किया गया।