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11.2.21

"हिंदी एकमात्र भाषा है जिसमें दुनिया की कोई भी भाषा लिखी जा सकती हैं"

 रेडियो प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रसिद्ध रेडियो एनाउंसर कमल शर्मा ने चौथे दिन कहा-

रेडियो में पहला श्रोता माइक्रोफॉन होता है- श्री कमल शर्मा



मन्दसौर। हमारे देश में श्रुति परम्परा रही है और रेडियो भी इसी परम्परा का हिस्सा है। एक प्रसारणकर्ता के लिए आवाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। एक वक्ता को भाषा का अनुशासन पालन करना अनिवार्य है। हिंदी एकमात्र भाषा है जिसमें दुनिया की किसी भाषा को लिखा जा सकता है। गलत उच्चारण से शब्दों के मायने बदल जाते हैं, अर्थ के अनर्थ हो जाते हैं। उक्त उद्गार प्रसिद्ध रेडियो एनाउंसर कमल शर्मा ने कहे। वे मन्दसौर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित रेडियो पर छः दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के चौथे दिन वॉइस ऑवर विषय पर छात्रों को प्रशिक्षण देते हुए बोल रहे थे।


श्री कमल शर्मा ने बताया कि ध्वनि का अपना एक विज्ञान हैं, हर शब्द का अपना एक निर्धारित महत्व होता हैं। बिना किसी शब्द के महत्व को जाने, शब्द का उच्चारण औचित्य रहित होता हैं।


प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार जैसल ने रेडियो के बदलते दौर विषय पर छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि समय के साथ रेडियो ने भी सकरात्मक परिवर्तन किया है। समय ने गीतों को बदला लेकिन श्रोताओं व रेडियो के बीच सम्बन्धों को नहीं बदला व दिनों- दिन अटूट बनता गया। ततपश्चात कमल शर्मा ने प्रशिक्षणार्थियों को रेडियो में वॉइस ऑवर की उपयोगिता व महत्ता के बारे में विस्तृत चर्चा की।

कार्यक्रम में डिजिटल रूप से देशभर के कई संस्थाओं से छात्र व मीडिया शोधार्थी ने भी सहभागिता की व रेडियो से जुड़े हुए प्रश्न पूछे जिनका कमल शर्मा द्वारा सन्तोषप्रद जवाब भी दिए।


प्रशिक्षण के अंत में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के छात्रों ने वॉइस ऑवर के प्रेक्टिकल सैम्पल भी प्रस्तुत किए। जिनका कमल शर्मा द्वारा अवलोकन किया गया एवं सुधार के पहलुओं पर सुझाव भी दिए गए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रसिद्ध रेडियो एनाउंसर कमल शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार जैसल, सहा. प्रो. अरुण कुमार जायसवाल, सहा. प्रो सोनाली सिंह सहित बड़ी संख्या में छात्र- छात्राएँ थे।  कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के छात्र जयेश आचार्य ने किया। आगामी दो दिनों में सहभागियों को प्रक्टिकल जानकारी दी जाएगी |  उक्त जानकारी पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा दी गई।

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