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20.9.21

नवभारत अखबार का फर्जीवाडा

Anil Singh
anil.singh7b@gmail.com


छत्तीसगढ के 'नवभारत' अखबार ने बिलासपुर में नवभारत कप राष्ट्रीय फुटबाल के आयोजन के नाम पर जमकर फर्जीवाडा कर प्रायोजकों को तो चूना लगाया हैं भूपेश बघेल सरकार की भी दस लाख की जेब काटी है, जबकी कथित राष्ट्रीय फुटबाल मैच देखने अखबार दर्शक भी नहीं जुटा पा रहा है. प्रायोजक कुछ कर नहीं पा रहे है क्योंकि अखबार से दुश्मनी कौन लें.?


ऐसा बनाया माहौल

वैसे तो अखबार पिछले १० साल से यह इव्हेंट मनाता आ रहा है पर इस बार ११ वें आयोजन में जबरदस्त मार्केटिंग की गई. एक स्थानीय निजी विश्वविद्यालय को सात लाख रू. में टाइटल स्पांसर बनाया गया. अन्य १४ प्रायोजकों से तीन से पांच लाख रुपये जुटाये गये. इन प्रायोजकों में कुछ स्थानीय पब्लिक स्कूल, कोविद काल में जमकर बिल बनाने वाले अस्पताल,और भूमाफिया से बिल्डर बने लोग शामिल है. पिछले दो वर्षों से राज्य के खेल संघों को सरकार कोविद के नाम पर कोई अनुदान नहीं दे रही हैं, और अखबार के निजी ब्रांड इमेज बढाने के लिये सरकार मदद नहीं कर सकती पर राष्ट्रीय टीमों पर खर्च करने के नाम पर अखबार प्रबंधन ने भूपेश बघेल सरकार को झांसा देकर दस लाख रूपये अनुदान स्वरूप हासिल किये. ( देखिये अनुदान का जीआर) पेड न्यूज के बाद देश में शासकीय अनुदान हासिल करनेवाला यह पहला अखबार होगा.

मुफ्तखोरी का आयोजन

लाखों रुपये जुटाने के बाद भी नवभारत ने मुफ्तखोरी की पराकाष्ठा की. मैच का आयोजन दक्षिण पूर्व मध्य रेल्वे के नार्थ इन्स्टिट्यूट ग्राउंड पर किया गया. यह ग्राउंड मुफ्त में हासिल कर रेल्वे को उपकृत करने कलकत्ता और मुंबई की टीम को मैच में शामिल किया गया. पर वें नहीं आई तब स्थानीय टीम को उतारा गया. फुटबाल टीमों को होटेल में ठहराने की बजाय  साईंस कालेज के सौजन्य से  सरकंडा क्षेत्र में  कालेज की क्लास में गद्दे डाल रूकवाया गया.गद्दे भी पंजाबी समाज के एक डेकोरेटर से मुफ्त में लिये गये. टीमों के भोजन की व्यवस्था दो दिन महापौर एक दिन उप महापौर,एक दिन विधायक और एक दिन निगम के अध्यक्ष, नगर निगम सभापती के जिम्मे डाली गई. चाय नाश्ते के लिये एक स्थानीय होटलवाले को पकडा गया. खाद्य विभाग से गैस सिलेंडर और चांवल के बोरें लिये गये. खिलाडियों को साइंस कालेज से खेल मैदान तक पहुंचाने प्रायोजक स्कूल की बसें ली गई. इसकी चर्चा शहर में ऐसे हुई की लोग आयोजन से कन्नी काटते रहे. राष्ट्रीय स्तर के आयोजन के उद्घाटन के लिये लोग नहीं मिले तो प्रायोजक विश्वविद्यालय और रेल्वे और स्थानीय पुलिस अफसर बुलाये गये.

सब टीमें क्षेत्रीय स्थानीय

जैसा प्रायोजकों से पैसे हासिल करते समय दावा किया गया था कि देश की जानी मानी टीम को  बुलाया जा रहा है तो लोगों को लगा देश की प्रोफेशनल टीमें आयेगी लेकिन न मोहन बगान आई न बेंगलुरू की टीम. बिलासपुर से स्टे मध्यप्रदेश उडिसा और महाराष्ट्र की छोटे और अनजान क्लबों की टीमें आई.जैसे संबलपुरी फुटबाल क्लब,क्लासिक जमशेदपुर, डायमंड बालाघाट, अडानी अंबिकापुर, सिटी क्लब गोंदिया, इंडियन दमन,एस इ सी आर, बिलासपुर, एन इ आई बिलासपुर,डीएफए कोरबा, फ्यूचर होप कलकत्ता,बीएमवाई चरोडा,न्यू स्पोर्ट्स चर्चा. महिला टीम: जेएलए रायपुर,माता रूखमणि बस्तर,आर एफ एम रायपुर,एम जी एम बिलासपुर. टीम को न टी शर्ट दिए गये ना कोई उपहार. जबकी पुरस्कार एस सी सी एल, एन टी पी सी, जिंदाल स्टील और कोल इंडिया ने प्रायोजित किये है. फिर नवभारत ने इव्हेंट के नाम पर इकठ्ठा किये साठ सत्तर लाख कहां गये? इसकी चर्चा पूरे बिलासपुर में है. अपने आप को छत्तीसगढ का नंबर वन अखबार कहनेवाले नवभारत में स्टाफ को दो महिने लेट सेलरी मिल रही है और अखबार के इव्हेंट को दर्शक नहीं मिल रहे है. 

देखिये खाली पडे ग्राउंड की दर्शक दिर्घा










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