नई दिल्ली : आज वरिष्ठ पत्रकार शशिभूषण प्रसाद सिंह की जयंती समारोह के मौके पर अंतरराष्ट्रीय प्रेस परिषद् के द्वारा पत्रकार सम्मान की बात कही गई । बताते चले कि शशिभूषण प्रसाद सिंह बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले थे । जिन्होंने हिंदुस्थान समाचार की नींव बिहार में स्थापित की व कई वर्षों तक संपादन का कार्य किया । इसके अलावा उन्होंने हिंदी दैनिक समाचार पत्र प्लीज की स्थापना की व संपादन करते रहे । इसी वर्ष 71 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक की वजह से वे पत्रकारिता जगत को अलविदा कह चले ।
आज उनकी जयंती समारोह के मौके पर अंतरराष्ट्रीय प्रेस परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभाष कुमार ने कहा कि " बिहार की पत्रकारिता में शशिभूषण बाबू के अमूल्य योगदान को मैंने भी करीब से देखा, जाना और समझा है । उन्होंने करीब 71 वर्षों का सक्रिय एवं रचनात्मक जीवन जिया । वे पुस्तक प्रेमी, घुमक्कड़, पर्यावरण-प्रेमी, कला प्रेमी और संस्कृति के मर्मज्ञ थे । अपनी संपादकीय टिप्पणियों और लेखों के माध्यम से उन्होंने गांवों से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक ज्वलंत मुद्दों पर प्रभावशाली हस्तक्षेप किया । वे जानकारियों के भंडार थे । उनकी पत्रकारिता का मूल लक्ष्य न्यायपूर्ण विश्व का निर्माण और मनुष्य के नैसर्गिक अधिकारों की रक्षा करना है । उन्होंने इन्हीं लक्ष्यों के लिए कलम चलाई । उन्होंने अपने लेखन और संपादन के माध्यम से लोकतांत्रिक समाज की रचना करने के लिए निरंतर कार्य किया । वे एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहते थे जो संविधान के बताए रास्ते पर चलते हुए समता एवं बंधुत्व के सिद्धांत पर विश्वास करता हो । अल्पसंख्यकों, महिलाओं, कमजोर वर्ग के लोगों, शोषितों और वंचितों को समाज में उनका स्थान दिलाने के लिए उन्होंने लगातार प्रयत्न किया । पत्रकारिता जगत में उनके इस अतुलनीय योगदान को नहीं भूला जा सकता है ।"
आज उनकी जयंती समारोह पर निर्णय लिया गया कि प्रतिवर्ष पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में आईपीसी के द्वारा "शशिभूषण प्रसाद सिंह स्मृति सम्मान" का आयोजन किया जाएगा । जिसमें समाज हित में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 1 पत्रकार को 5100 रु. नकद व सम्मान पत्र दिए जाएंगे । साथ ही बेहतरीन पत्रकारिता करने वाले को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा । ताकि पत्रकारिता के मूल उद्देश्य को सींचा जा सके ।
वहीं संगठन के राष्ट्रीय महासचिव आनंद ठाकुर ने कहा कि शशिभूषण प्रसाद सिंह का पूरा जीवन ही पत्रकारिता के लिए समर्पित था। वे हमेशा समाज के हित के लिए सोचते थे । उन्होंने ईमानदार, निष्पक्ष पत्रकारिता से कभी समझौता नहीं किया । आज उनकी वजह से कई परिवारों के बीच शान्ति स्थापित है । आज वे हम सभी के बीच नहीं है लेकिन दिलों में हमेशा बसे रहेंगे । खासकर पत्रकारिता की यदि बात की जाए तो उनके अतुलनीय योगदान को भूल पाना असंभव होगा । उनके जयंती समारोह पर पत्रकारिता स्मृति सम्मान देने का निर्णय लिया गया है । जो देश के अन्य पत्रकारों को उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित कर सकेगा ।
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