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21.11.21

भ्रष्टाचार और कदाचार के नए नए कीर्तिमान गढ़ रही है सी एम सिटी की पुलिस

के. सत्येंद्र-


गोरखपुर : यूपी पुलिस तो बेमिसाल थी आज भी है और शायद हमेशा यूँ ही बेमिसाल बनी रहेगी लेकिन योगी जी की गोरखपुर पुलिस तो योगी जी के नाक के नीचे खुद ही  अपने कर्मकांडों से अपनी आबरू कई बार तार-तार कर चुकी है । सी एम सिटी में ही वर्दीधारियों ने चेकिंग के नाम पर कभी सर्राफ को लूटा तो कभी ब्लैकमेल कर डॉक्टर से लाखों रुपये ऐंठ लिए । कभी किसी की दीवार गिरा कर वसूली की तो कभी होटल में व्यवसाई को पीट-पीटकर मार डाला। कमाई के मामले में तो लगता है जैसे अपनी गोरखपुर पुलिस को कोई  विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।


शहर के हर कोने से लेकर गली नुक्कड़ तक और हर बाजार चौराहे से लेकर ठेले खोमचे तक से हमारी पुलिस को कमाई ढूंढ निकालने में महारत हासिल है । अब गोरखपुर पुलिस ने अपनी कमाई की लिस्ट में एक नया धंधा भी जोड़ लिया है । पुलिस ऐसे लोगों से भी मोटी कमाई करने लगी है जो गर्भ में पल रही बेटीयों को माँ के गर्भ में ही मार दे रहे हैं । हो यह रहा है कि गोरखपुर जिले में अब स्नेचरों से लेकर गैंगेस्टरो ने और सड़क पर असलहे के बल पर लूट करने वालों से लेकर स्मैकियों ने अवैध पैथोलॉजी की आड़ में लिंग परीक्षण करना शुरू कर दिया है । स्वास्थ्य महकमा इनपर छापेमारी कर इन्हें सील कर देता है लेकिन ये अपराधी वर्दीधारी अपराधियों संग सांठ गांठ कर सरकारी सील तोड़ देते है और फिर अपना कारनामा करने लग जाते हैं।

एस डी एम साहब इसे बंद कराने और इनपर मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी करते रहते हैं और पुलिस इस आदेश को कूड़ेदान में फेंक कर अपनी महीनेवार वसूली अभियान में लगी रहती है । ताजा मामला सी एम साहब के जिले के थाना कैंट का है जहां की पुलिस पी के डायग्नोस्टिक के नाम से चल रहे अवैध धंधे और इस धन्धे से जुड़े गैंगेस्टर स्मैकियों लुटेरों और स्नेचरों को आत्मनिर्भर बनाने पर आमादा है । सी एम साहब द्वारा गर्भ में पल रही बेटियों को बचाने के लिए बनाये गए मुखबिर योजना को उनके जिले की पुलिस ने ही ध्वस्त कर दिया है और सबका साथ सबका विकास के स्लोगन को चरितार्थ करने में जी जान से जुटी हुई है।

गोरखपुर स्वास्थ्य महकमे और तत्कालीन एस डी एम साहब की माने तो यह पता चलता है कि लगभग एक साल से थाना कैंट की पुलिस ने इस अवैध पी के डायग्नोस्टिक के खिलाफ जारी हुए आदेश के बावजूद भी न तो इसे बंद कराया और न ही इनपर मुकदमा लिखा । आखिर क्यों ?  गोरखपुर पुलिस ने समय समय पर अपने कर्मकांडों से साबित करती रही है कि वो वाकई में निर्भीक है और उसके पास भी छप्पन इंच का सीना है । नही होता तो सी एम साहब के जिले में और उनकी नाक के नीचे ही कांड दर कांड किये चले जाना आसान काम तो नही है ।








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