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19.8.21

महिलाओं की सुरक्षा का दम्भ भरने वाले सिस्टम की पोल खोलती हुई ट्वीट

सत्येन्द्र कुमार-

गोरखपुर : आज के हालात में याद आते है बुजुर्गों के वो आशीर्वाद जो उनका पैर छूते ही बरबस उनके मुंह से निकल पड़ते थे कि... जियत रह आ बेटवा ...पढ़ लिख के कलेटटर..बन जा !! लेकिन उन बुजुर्गों को क्या पता था कि भविष्य में इस सड़े हुए सिस्टम और उनके आशीर्वाद का वो हश्र होगा कि यहां कलेक्टर से बड़ा कलाकार टू स्टार दरोगा कहलायेगा । और यह टू स्टार दरोगा आने आने समय मे अपनी बेईमानी, मक्कारी और जलालत की वजह से धरती का भगवान कहलायेगा । उन बुजुर्गों को यह नही पता था कि इस दरोगा की कलम में पीड़ितों को और ज्यादा पीड़ित करने की इतनी बेपनाह ताकत होगी की खुदा.. ए... कायनात खुद ही पनाह मांगने लगेंगे ।


उन बुजुर्गों को यह भी नही मालूम था कि बेकसूरों को अपराधी और अपराधियों को बेकसूर ठहरा देने की इतनी बेपनाह कूवत इनकी कलम में पैदा हो जाएगी की हर शख्श इस बेलगाम घोड़े पर राज करने के लिए राजनीति की ओर रूख करना चाहेगा । राजनीति के सहारे इस बेलगाम घोड़े पर लगाम डालने की इच्छा रखने वाला हर वो शख्श यह भी भूल जॉएगा कि जब वो सत्ता में नही था तब इसी बेलगाम घोड़े ने उसको भी बुरी तरह रौंद डाला था । बहरहाल बुजुर्गों के इस जख्म पर आज सेंधा नमक छिड़कने का लाबोलुआब यह है कि कहने को तो भ्रष्टाचार खत्म करने , सुशासन,और महिला  सुरक्षा के प्रति गंभीरता दिखाने की जद्दोजहद में एक से बढ़कर एक शिकायती पोर्टल तथा टोल फ्री नंबर उतरप्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए है लेकिन लचर, घचर और बनच्चर व्यवस्था की वजह से इन टोल फ्री नंबरो और शिकायती पोर्टलों की वास्तविकता से ज्यादातर लोग बखूबी वाकिफ हो चुके हैं।

यदि ऐसा न होता तो गोरखपुर जनपद में अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर काम करने वाली एक युवती अपनी आपबीती को कागज पर उकेरते हुए गोरखपुर पुलिस के एक दरोगा पर तल्ख टिप्पणी नही करती ! अपनी इस टिप्पणी और अपनी तकलीफ को कागज पर बयाँ करते हुए युवती ने देश के प्रधानमंत्री, पी एम ओ तथा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ट्वीट किया है और उनसे न्याय दिलाने और दरोगा के खिलाफ कार्यवाही करने की अपील की है । युवती का आरोप है कि गोरखपुर में उसके साथ छेड़छाड़ और बलात्कार का प्रयास करने वाले आरोपियों को मुकदमे का विवेचक और स्थानीय थाना चंद पैसों की लालच में शुरु से ही बचाने में लगा है । आरोपियों को बचाने के लिए मुकदमे के विवेचक ने कई खेल खेले है और पीड़िता की अब तक कुछ नही सुनी गई है।

पीड़िता ने तमाम कागज दरोगा जी को दिखाए है लेकिन दरोगा जी जो कागज देखना चाहते थे वो कागज पीड़िता के पास नही थे । पीड़िता शायद भूल गयी थी कि गांधी जी वाले कागज के अलावा दरोगा जी किसी अन्य कागज को नही पहचानते है । वर्तमान सड़े हुए सिस्टम से निराश और हताश पीड़िता ने अपने द्वारा किये गए ट्वीट में मुकदमे के विवेचक को वर्दी वाला राक्षस तक कह डाला है लेकिन दरोगा जी है कि अपनी वर्दी खूंटी पर टांगकर  बलात्कार तथा छेड़छाड़ के आरोपियों की मदद करने पर तुले हुए है । पीड़िता के मुकदमे की विवेचना के बहाने बलात्कार तथा छेड़छाड़ के आरोपियों की मदद करने वाले दरोगा जी जैसे लोगों की वजह से ही खाकी बारमबार शर्मशार होती रहती है !

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