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8.8.21

ऊमस का प्रभाव

दिन के शुरुआत में आसमान में यदि बादलों के दर्शन हो जाए तो मन भी बारिश का आहवान करने से पीछे नहीं हटता | बादलो द्वारा बनाए जाने वाली भांति भांति की आकृतियां मनोरंजन को पहले से अधिक मनोरम बना देती हैं |  एक झलक अपने चारों ओर देखने से वातावरण में शांति महसूस होती हैं और यही शांति थोड़े ही वक्त के उपरांत ऊमस  का रूप धारण कर लेती हैं | बार-बार दौड़ कर बादलों को निहारना और मन ही मन यह अनुमान लगाना कि हो ना हो आज बारिश हमारा ही रुख़ करने वाली हैं |


‌शनै: शनै: बादल कला का प्रदर्शन छोड़, घनघोर घटा का रूप धारण  कर लेते हैं और चारों तरफ अंधेरा छा जाता हैं |  इसी बीच ऊमस अपने चरम सीमा पर होती हैं यह वह वक्त होता है जिस में बारिश के आगमन के उत्साह के साथ ऊमस से छुटकारा पाने का इंतजार भी होता हैं | ऐसे में हर एक पल घंटो सा प्रतीत होता हैं और पसीने की हर एक बूंद बारिश की बूंदों के साथ मिलने को आतुर दिखाई पड़ती हैं | वक्त की नजाकत को देखते हुए उत्सुकता अपनी चरम सीमा पर होती हैं |

‌अब एक लहर सोंधी की खुशबू को चारों तरफ छोड़ कर चली गई | जो वातावरण पहले ऊमस के प्रभाव से निरस और कष्टप्रद लग रहा था वह अब ठंडी सुगंधित हवा से मनोरम प्रतीत होने लगी हैं | आशा और उम्मीद अपने चरम सीमा पर ही थी कि बिजली की कड़कड़ाहट नें  शरीर में नई ऊर्जा का संचार कर दिया | अब बड़ी बड़ी बूंद टप-टप करती दिखाई देने लगी और देखते ही देखते मुसल धार बारिश होने लगी | हवा की ठंडी लहर नें तो मानो नई जान छिड़क दी हो यही नहीं बच्चों का बारिश में नहाना और बड़ो का चाय की चुस्कियां लेना मौसम को अधिक प्रभावशाली  और मनोरम बनाते हैं |

अब बारिश की कुछ बूंद गिर रही हैं और  चारों ओर मेढक की आवाज के अतिरिक्त हर प्रकार से शांति हैं | अब चारों ओर पानी  और खेतों में मेड़बंदी मजबूत करते किसान हैं | जो लोग कुछ समय पहले ऊमस से परेशान थे वो अब बरसात से पनपने वाले जीवों के लिए वार्ता करते दिखाई पड़ रहे हैं | बारिश का लुप्त उठाने के बाद अब वातावरण पुनः शांत हो गया रात होने को हैं |  और देखते ही देखते  ऊमस ने पुनः एक बार पैर पसार दिया |


रामनिवास बिश्नोई
सांचोर, राजस्थान
rambishnoi3929@gmail.com

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