वेतन मिलने के कुछ दिन तक नौकरी पेशा पूंजीवादी रहता है, महीने के अंत तक वह समाजवादी होने लगता है और जो वैतनिक प्रताड़ना से परे है, वह हमेशा मार्क्सवादी बना रहता है।
- सखाजी
12.1.15
वैतनिक प्रभाव
Posted by Barun Sakhajee Shrivastav
Labels: शुभ दिन: श्रृंखला
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