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14.3.16

हीली पर नंगे होगे लखनऊ के गुटबाज पत्रकार

विभाजन की राजनीति करके पत्रकारों का बंटवारा करने वाले लखनऊ के पत्रकारों के कपड़े उतारने के लिये हास्य-व्यंग्य  के बाण तैयार किये गये है।  पत्रकारों के बीच बढ़ते जा रहे सर-फुटव्वल को बयाँ करने के साथ होली पर गिले-शिकवे भुला कर  एकता स्थापित करने की नसीहत देने के मकसद से " होली बुलेटिन" तैयार किया जा रहा है।  जिसमें पत्रकारों की खबरो को व्यंग्यात्मक तरीके से बयाँ करने के लिये फिल्मी गीतो की पैरोडी, गीत, गजल, कविताओ के जरिये पत्रकारिता की छवि धूमिल करने वालों को नंगा किया जायेगा। इसके अलावा फोटो- कैप्शन , कार्टून, कैरीकेचर के रंग सच का आईना दिखायेगे।


होली बुलेटिन मे इस बात की  पुरजोर गुजारिश की जायेगी कि बटवारा करने और पत्रकार बिरादरी के टुकड़े करने  वाले पत्रकारों को चाहिए है कि वे अपने अन्दर पनप रहे जिन्ना को होलिका दहन में स्वाहा कर दे। होली के पारम्परिक सृजनात्मक रंगो के क्रम में  लखनऊ के कुछ  पत्रकारों के टाइटिल भी तैयार किये गये है। जिसमे तिकड़मबाज, मामा-भाँजा, बाजीराव, मोहरा ,  नागदत्त,  नरक प्रधान, सड़क प्रधान, टोपी,  कठपुतली, फट्टर नरेश,  फट्ट-ए-मुल्क, नाटिया, शकुनि मामा,  नथ्थू लाल, बिरयानीखोर, उत्तम बहादुर , सरकारी दामाद,  शिव-प्यार , इडियट, दोगला, हम चुप रहेगे, ठंडी भट्टी, लाउन्डा, बाडीगाड , हिडम्बा,    चिरकुट, ठासकर, खोसू , उत्कृष्ट,  सिद्धान्त कलंक  इत्यादि शामिल है।

इसके अतिरिक्त मशहूर फिल्मी गीत   :-   पैसा-पैसा करती है तू पैसे पे क्यों मरती है..........   की तर्ज पर जो गीत तैयार हुआ है जिसके बोल है :- तिकड़म बाजी करते हो तो हेमंत से क्यो डरते हो...। ( यहाँ हेमंत का आशय हेमंत त्रटतु से है।

मेरे दोस्त किस्सा ये क्या हो गया ,
सुना है कि तू बेवफा हो गया ....

बैँग्लौर और दिल्ली वाले दो पुराने दोस्तो की साथ में पुरानी तस्वीर  के साथ उक्त गीत दो दोस्तों के बीच टकराव की वजह की पड़ताड़ करेगी।  साथ ही होली बुलेटिन मे दोने को मतभेद भुलाकर गले मिलने की गुजारिश भी की जायेगी।

UPSACC PART-1  UPSACC PART-2
IFWJ- PART-1    IFWJ PART-2

इनके बटवारे का "जिन्ना " कौन है ?

चोर-चोर मौसेरे भाई,  फिर भी दोनो मे क्यों खिची तलवार?

होली पर कौन किसके करे गाल लाल?

किसपर कौन चलाये लठ ( लठमार होली मे )

होली पर किसका किससे गले मिलना है जरुरी ?

इस तरह के अलग- अलग तरीके के सवाल हमने आपसे भी किये हैं। जिसका जवाब आप दे सकते हैं। पत्रकारिता और पत्रकारों की गतिविधियों से सम्बंधित होली की ठिठोली और हास्य-व्यंग्य   / कोई आइडिया/कविता/ तस्वीर केरीकेचर इत्यादि  भी आमंत्रित हैं।  यदि इस प्रकार की कोई सामग्री आप देना चाहें तो हमे जरू भेजे। पत्रकारों की मौजूदा गतिविधियों/गहमागहमियो/ नई दोस्ती की इबारतो और दुश्मनी मे बदल चुकी पुरानी दोस्ती के फलसफो पर आधारित संस्मरणो की रचनात्मकता हमारे होली बुलेटिन को खूबसूरत रंग प्रदान कर सकती हैं। यदि आप किसी व्यंग्यात्मक रचना/सच को  अपना नाम छुपा कर प्रसारित करने चाहते है तो आपका नाम गुप्त रखा जायेगा  और हम सजा-संवारकर आपकी बात/रचना को होली बुलेटिन में प्रस्तुत करेंगे।

नवेद शिकोह /मोहम्मद कामरान
मोबाइल-09369670660, 09918223245, 9335907080
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