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17.7.17

बेरोजगार पत्रकारों के साथ खिलवाड़ करते मीडिया हाउस

मीडिया हाउस नौकरी के लिए विज्ञापन तो इस तरह से देते हैं, जैसे उनको तुरंत बहुत सारे मीडिया कर्मियों की जरूरत है।लेकिन रेज्यूमे भेजने के बाद फोन का इंतजार करते रहो। फोन कहां आता है। फोन तो जुगाड़ वालों के पास जाता है। भड़ास 4 मीडिया पर आप को मीडिया हाउसों  के नौकरी वाले विज्ञापन मिल जाएगें । लेकिन रेज्युमे भेजने के लिये जो ई मेल आईडी दी गई होती है, जरूरी नहीं कि वह सही हो।
अभी कुछ दिनों पहले दैनिक जागरण वालों ने बेरोजगार पत्रकारों का मजाक उड़ाया था। ढ़ेर सारे मीडिया कर्मियों की जरूरत का विज्ञापन ऐसा दिया था, जैसे मानो आज इस फील्ड से बेरोजगारी हटा देंगे। फिर क्या था, सभी बेरोजगार पत्रकार लग गए रेज्युमे भेजने में। ख़्वाब भी देखने लगे। आई भी इनकी carrier@nationalvoice.in जो कि पूरी तरह से गलत है। carrier का मतलब होता है, माल वाहक जबकि  सही carrer है। अब अंतर तो का पता कर लिए होते।  अगर इतना नहीं आता तो गूगल कर लेते। या फिर बेरोजगार पत्रकारों का मजाक बना रहे थे। क्या मिलता है ऐसा करके? अरे जगह नहीं तो विज्ञापन मत दो। पर ऐसे मजाक मत बनाओ।
रवि श्रीवास्तव
स्वत्रंत पत्रकार
ravi21dec1987@gmail.com


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