19.6.16
कितना नीचे गिरेगा दैनिक भास्कर...
भास्कर अपने को आगे बढ़ाने के लिए कितना गिर सकता है इसका एक जीता-जागता उदाहरण भेज रहा हूं। नीचे दिया गया अटैचमेंट देखिए कैसे एक रेप की खबर को भास्कर विज्ञापन बनाकर बेच रहा है और खबर भी कैसी.. सांस बन होने तक रेप।
एक हैवानियत से भरी घटना का विज्ञापन। फर्ज करिये भगवान न करे हमारे किसी करीबी के साथ ऐसा हो और कोई मीडिया हाउस उसका विज्ञापन बनाकर उसे बेचे। शर्मनाक। भड़ास4मीडिया पर भी गूगल से वो विज्ञापन आ राह है। यह विज्ञापन गूगल को भास्कर ने दिया है। यानि भास्कर पैसे देकर रेप के विज्ञापन को गूगल के जरिए लाखों पोर्टलों पर दिखवा और पढ़वा रहा है। ये वाकई परेशान होने की बात है। गूगल नहीं देगा तो कोई और ऐड देगा। पर इसे किस तरह से प्रस्तुत किया गया है, देखिए जरा। मैंने जबसे देखा बहुत बेचैन हूं।
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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