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13.2.22

मोदी शाह नड्डा जी चुनाव में कांग्रेसियों को नहीं, लोकतंत्र सेनानियों को गले लगाओ।

 करणीदानसिंह राजपूत-

लोकतंत्र सेनानियों ने तो आपातकाल में कुर्बानियां देने के लिए सब कुछ छोड़ दिया था। अत्याचार सहे।आप तो उन कुर्बानियां देने वाले लोकतंत्र सेनानियों के हाल जानने के लिए भी कभी नहीं निकले। आपके पास देने को समय तक नहीं है। लोकसभा में मोदी जी द्वारा आपातकाल में कुरबानियां देने वालों पर भाषण देना और सेनानियों का जीवन उनके घर जाकर देखने में बड़ा अंतर है। असली आंसुओं और मगरमच्छी आंसुओं में जो अंतर होता है वह आपके भाषण की असलियत है।

अनेक सेनानी 1 हजार रूपये की सरकारी पेंशन में वृद्धावस्था में जी रहे हैं या मरने की ओर बढ रहे हैं। इतना जानने के लिए ही प्रधानमंत्री एक दिन निकाल लेते। शाह और नड्डा ही लोकतंत्र सेनानियों के घरों में पहुंच जाते। इनके पास भी एक दो दिन नहीं।

चुनावों में वोटों के लिए गरीब दलित के घर भोजन करने पहुंचना और उसका प्रचार करवाना होता रहा है। भाजपा के कितने नेता ऐसा कर चुके हैं।
काश! कभी सच्चे झूठे मन से किसी लोकतंत्र सेनानी, या लोकतंत्र सेनानी की विधवा के यहां जाकर ही कुशल क्षेम पूछ लेते। वह कैसे जीवन गुजार रहे हैं। लेकिन आप तीनों में से और भाजपा के अन्य नेताओं ने भी कभी लोकतंत्र सेनानियों के घर जाकर कोशिश नहीं की।

सन 2014 से अभी तक हजारों पत्र मेल किसी एक का उत्तर नहीं दिया। मिलने का समय मांगते रहे वह भी नहीं दिया। आजादी के बाद आप मोदी जी पहले प्रधानमंत्री हैं जो पत्रों के उत्तर नहीं देते, मिलना नहीं चाहते और हाल जानने को नहीं जाते। इतने सालों में एक दिन नहीं तो एक घंटा समय ही निकल लेते। 80 और 90 साल के वृद्ध दूसरी आजादी के सेनानी के पांव छूकर आशीष ही ले लेते।
यह ईश्वर की लीला है कि आप देने वाले सर्वोच्च पद पर हैं और कुर्बानियां देने वाले सेनानी आग्रह करने वाले स्थान पर हैं,लेकिन याचक नहीं है। हम सेनानी किसी धनपति के आगे याचना नहीं कर रहे। प्रजातंत्रात्मक प्रणाली से प्रधानमंत्री से आग्रह कर रहे हैं।
बस,इसमें एक बहुत बड़ी कमी यह रही है की सम्मान देने सम्मान निधि देने का आग्रह आगे बढकर आपको करना चाहिए था।

आप सबके हो रहे हैं। कांग्रेस को खूब कोस रहे हैं। कांग्रेसियों को खूब गंदा भ्रष्टाचारी बताते हैं और मालाएं पहना कर अपने गले लगा रहे हैं मगर लोकतंत्र सेनानियों को गले लगाना नहीं चाहते जो भाजपा को राज तक पहुंचाने वाले रहे हैं।

मोदीजी शाहजी नड्डा जी चुनावों में कांग्रेसियों को नहीं, लोकतंत्र सेनानियों को गले लगाओ। *
दि. 12 फरवरी 2022.
करणीदानसिंह राजपूत,
पत्रकार, आपातकाल जेलबंदी.
( राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय से अधिस्वीकृत)
सूरतगढ़ ( राजस्थान )
94143 81356.

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