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4.2.22

69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने सरकार के विरुद्ध बिगुल फूंका

 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने  शिक्षक भर्ती में हुए 19000 से अधिक आरक्षण घोटाले के विरोध में सरकार के विरुद्ध बिगुल फूंक दिया है l

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी एवं पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप ने उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की टीमे बनाकर प्रत्येक जनपद में भेज दी है तथा वह टीम डोर टू डोर घूम कर ओबीसी तथा  एससी वर्ग के साथ इस 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 से अधिक सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले के संबंध में ओबीसी तथा एससी वर्ग के मतदाताओं को जागरुक करने का कार्य कर रही है  l

आरक्षण पीड़ित व्यक्तियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि इस भर्ती में सरकार ने 19000 से अधिक सीट पर जो आरक्षण घोटाला हुआ है यदि इसमें से मात्र 6800 सीट देकर और चुनाव आयोग से परमिशन लेकर इस मामले को शांत करने का प्रयास किया  गया तो उत्तर प्रदेश के समस्त आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थी लखनऊ की सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे क्योंकि इस भर्ती में 19000 से अधिक आरक्षित वर्ग की सीटों पर आरक्षण घोटाला हुआ है वही दूसरी तरफ अब इस आरक्षण घोटाले को उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ हाई कोर्ट में भी स्वीकार कर लिया है कि  इस भर्ती में आरक्षण में विसंगतियां हुई है तथा अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी गलत तरीके से इस भर्ती में चयनित हो गए हैं तो ऐसी स्थिति में जब तक गलत तरीके से चयनित किए गए सभी अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को इस भर्ती की चयन प्रक्रिया से बाहर कर उनसे वेतन की रिकवरी नहीं कर ली जाती तब तक सरकार इस भर्ती प्रक्रिया को बिल्कुल भी आगे ना बढ़ाएं  क्योंकि लखनऊ हाई कोर्ट ने भी यह माना है कि एक पद पर 2 अभ्यर्थी चयनित नहीं हो सकतेl

इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.80% तथा एससी वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण दिया गया है जो पूरी तरह से गलत हैl

24 जनवरी को लखनऊ हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में जस्टिस राजन राय ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया है कि वह इस भर्ती में गलत तरीके से चयनित किए गए सभी अभ्यर्थियों को  दैनिक अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया एवं दैनिक जागरण में विज्ञप्ति निकाल कर उन्हें सूचित करें ताकि वह 18 फरवरी को होने वाली सुनवाई में अपना पक्ष रख सके लेकिन अभी तक सरकार ने अखबार में विज्ञप्ति देकर उन्हें सूचित करने का कार्य नहीं किया है l

आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन हुआ है तथा सरकार 19000 आरक्षण घोटाले की सीट में से मात्र 6800 सीट देकर इस मामले को शांत करना चाहती है जो पूरी तरह से गलत है यदि सरकार ने जल्दबाजी में कोई निर्णय लिया तथा इस भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया तो अभ्यर्थी सीधे सुप्रीम कोर्ट जाकर याचिका दाखिल करेंगेl

1 comment:

INDIAN the friend of nation said...

good article according to time