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27.2.23

सुशासन बाबू के गृह जिले के रिश्वतखोर अफसरों पर लगाम लगाए कौन?

 




नालंदा से संजय कुमार की रिपोर्ट
 
नालंदा में सरकारी विकास योजनाओं की राशि का भुगतान अच्छे कार्य के आधार पर नहीं ,बल्कि 22% कमीशन पर होता है

बिहारशरीफ। बिहार में जंगलराज तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ कर सत्ता में आए नीतीश कुमार के राज्य में अब फिर एक बार बिहार को जंगलराज कि वापसी हो चुकी है। वही, सरकारी मुलाजिम बिना भय के निडर होकर  आकूत संपत्ति बनाने में लगे हुए हैं।
 
बताया जाता है कि बिहार में सरकारी विकास कार्य के बारे में एक कहावत प्रचलित रही है कि सरकारी योजनाओं का कार्य घटिया होता है ,जिसकी बानगी समय-समय पर उजागर होती रही है।
 
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले तथा बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार के गृह प्रखंड बेन में सरकारी योजनाएं गुणवत्ताहीन तथा योजनाओं के नाम पर लूट के लिए जाना जाता है।  बेन प्रखंड क्षेत्र के कोई भी गांव में आप चले जाइए, लोगों की जुबान पर सरकारी योजनाओं की लूट खसोट का की कहानियां सुनने को मिलती है।
 
उसी बेन प्रखंड के मैजरा पंचायत का मुजफ्फरपुर गांव इन दिनों अलग मामले को लेकर सुर्खियों में है। यहां की कहानियां कुछ अलग ही है। लोग बताने से यह नहीं थक रहे हैं कि पैन खुदाई का कार्य बढ़िया हुआ है, गांव वाले के अनुकुल हुआ है, इस कार्य से गांव के लोग गदगद हैं।, परंतु इस इस गांव में  पैन खुदाई नें एक अलग चर्चा छेड़ दिया  है, मामला है गुणवत्तापूर्ण कार्य का।
बताया जाता है कि बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग , जिला परिषद नालंदा द्वारा पन्द्रहवी वित्त आयोग मद के अंतर्गत ग्राम पंचायत राज्य मैजरा के मुजफ्फरपुर वार्ड संख्या 10 पैमार नदी से आहर तक सफाई कार्य का शिलान्यस पूनम सिन्हा द्वारा 10 जून 2022 को किया गया था। योजना संख्या 74/21-22 के अंतर्गत होने वाले कार्य के लिए प्राकलित  राशि 737700 आवंटित की गई थी। कार्य एजेंसी जिला अभियंता जिला परिषद नालंदा थी।
बताया जाता है कि कार्य समाप्त हो चुका है। परंतु अभी तक राशि का भुगतान नहीं किया गया है। बताया जाता है कि मामला है 22 पर्सेंट कमीशन का। कमीशन नहीं दिए जाने के कारण भुगतान लंबित है।
कई ग्रामीण ने बताया कि इतनी कम राशि में बहुत काम हुआ है ,गुणवत्तापूर्ण हुआ है। ग्रामीण शान से कहते हैं कि जितना बढ़िया कार्य हुआ है शायद ही कही होता होगा। गांव वाले जैसे-जैसे बताएं ,उसी अनुरूप कार्य हुआ है। जबकि अधिकांश  मामलों में कार्य ठेकेदार अपनी मर्जी से तथा  अपना हित साधते हुए करते हैं।
 बेन जिला परिषद सदस्य पूनम सिन्हा ने कहा की मैं कमीशन नहीं लेती हूं तथा गुणवत्तापूर्ण कार्य से कभी समझौता नहीं करती हूं। कार्य बढ़िया हुआ है ,गुणवत्तापूर्ण हुआ है ,बावजूद राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है, 22 परसेंट कमीशन की मांग की जा रही है ,जिसके कारण बिल लंबित है। उन्होंने दर्द बयां करते हुए कहा कि क्या यही नीतीश कुमार का भ्रष्टाचार मुक्त बिहार है। जहां आप कार्य कितना भी अच्छा क्यों न करवा लो, बिना कमीशन भुगतान नहीं होगा। 
उन्होंने बताया कि 38 परसेंट राशि रॉयल्टी के रूप में चली जाती हैं ऊपर से ऑफिस का 22 पर्सेंट कमीशन। आखिर जब कार्य बढ़िया हुआ है, कमीशन क्यों मांगा जाता है।
श्रीमती सिन्हा ने कहा कि भ्रष्ट नेताओं के इशारे पर हमारी कई योजनाओं को अधिकारियों द्वारा एनओसी नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण योजनाओं का लाभ ससमय जनता को नहीं मिल रहा है।
उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री से मांग किया है कि बेन प्रखंड में जितने भी विकास कार्य हो रहे हैं, सभी का जांच निष्पक्ष एजेंसी से करवाई ताकि हकीकत पता चल सके कि विकास की योजनाओं में कैसी  लूट मची है।

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