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26.3.24

Moneycontrol continues its winning streak, beats ET comprehensively across metrics

Number one in Unique Visitors, over three times bigger on Time Spent and a similar lead on Page Views

March 26, 2024: Moneycontrol has strengthened its position as India’s premier business news platform, once again beating The Economic Times comprehensively across all digital metrics. According to Comscore data for February 2024 (India ComScore MMX), Moneycontrol has the largest number of Unique Visitors (UVs), 28.46 million, beating ET , which had 27.1 million UVs. Moneycontrol also maintained its massive lead in pages views (512 million) and time spent (667 million minutes).

24.3.24

YouTube पर पहलवान बन चुके श्याम मीरा सिंह को एक आदमी की तलाश है..

यूट्यूब की दुनिया में पत्रकार श्याम मीरा सिंह एक चर्चित नाम बन चुका है. उनके चैनल पर सात लाख से अधिक फॉलोवर्स हो चुके हैं. उम्मीद है जल्द यह आंकड़ा मिलियन छू लेगा. 

फिलहाल श्याम को एक आदमी की तलाश है. उन्होंने लिखा है कि, "History में Master, या UPSC के लिए History ऑप्शनल रहे ऐसे दोस्त की ज़रूरत है जो रिसर्च कर सकें। स्क्रिप्ट लिख सकें। काम Freelance/ Contribution का है। लेकिन हाँ Regular रहेगा। अगर दोनों की फ्रीक्वेंसी मैच करती है।

अपना नाम और काम- Shyammeerasingh@gmail.com पर ईमेल कर दें।"

4.3.24

बाराबंकी-रुस ज्‍वाइंट पार्टी यानी बीजेपी एक बेहद इज्‍जतदार पार्टी है

 

अनिल सिंह- 

राष्‍ट्रवादी कार्यकर्ता ही सुधार सकता है दो देशों का संबंध 

बाराबंकी-रुस ज्‍वाइंट पार्टी यानी बीजेपी एक बेहद इज्‍जतदार पार्टी है. इज्‍जत से बढ़कर इसके लिये कुछ भी नहीं है, अपनी इज्‍जत भी नहीं. इज्‍जत के लिये यह पार्टी अपना सब कुछ दांव पर लगा सकती है. इज्‍जत लेने और इज्‍जत देने वालों की इस पार्टी में बहुत इज्‍जत है. इज्‍जत बचाने के लिये यह पार्टी इज्‍जत भी कुर्बान कर सकती है. इज्‍जत ही इस पार्टी के लिये सब कुछ है. इज्‍जत नहीं तो यह पार्टी नहीं. ऐसी इज्‍जतदार पार्टी का कार्यकर्ता होना अपने आप में बड़ी इज्‍जत है. 

खैर, इस पार्टी के लिये इज्‍जत के पहले अगर कुछ है तो वह राष्‍ट्र है. जब भी बात करते हैं बस राष्‍ट्र हित की बात करते हैं. जो हराम का पैसा कमाते हैं, वह भी राष्‍ट्र के‍ लिये ही कमाते हैं. राष्‍ट्र को यह लोग महाराष्‍ट्र से भी बड़ा मानते हैं. यह पार्टी राष्‍ट्र को हमेशा सौराष्‍ट्र से भी ऊपर रखती है. इसका बड़ा से लेकर छोटा सा कार्यकर्ता केवल राष्‍ट्र को मजबूत करने की बात करता है. राष्‍ट्र को मजबूत करने के लिये इस पार्टी के नेता व्‍यक्तिगत तौर पर भी प्रयास करते रहते हैं. 

गौरतलब है कि रुस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत से रुस के संबंध थोड़े टेड़े हो गये थे. रुस का झुकाव चीन की तरफ कुछ ज्‍यादा ही हो गया था. यह देश हित में चिंता की बात थी. यह बात जब भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता रावत जी को पता चली तो उन्‍हें राष्‍ट्र को लेकर बेहद चिंता हुई, क्‍योंकि वो बेहद राष्‍ट्रवादी नेता थे. उन्‍होंने तय किया कि सरकार चाहे जो करे, लेकिन वह अपने व्‍यक्तिगत प्रयासों से बाराबंकी और रुस के संबंध सुधारने की कोशिश करेंगे. 

रावतजी इसी प्रयास में जुट गये. उन्‍होंने बाराबंकी और रुस के संबंध को सुधारने के लिये हर संभव प्रयास करना शुरू कर दिया. इसी क्रम में उन्‍होंने रुस से सबंध सुधारने के लिये होटल की बुकिंग की. मीटिंग के दौरान इन्‍होंने अपना इज्‍जत देकर और रुसी से इज्‍जत लेकर संबंध को मजबूत बनाने का प्रयास किया. अगर आप मीटिंग का मुजाहिरा देखें तो पायेंगे कि बाराबंकी और रुस दोनों शांत, सौहार्दपूर्ण एवं उत्‍तेजित माहौल में संबंध सुधारते देखे जा सकते हैं. 

संबंध सुधार के दौरान कहीं भी ऐसा नहीं लग रहा है कि बाराबंकी या रुस में किसी प्रकार की कोई वैमनस्‍यता है. मैं राष्‍ट्रवादी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता का तहेदिल से शुक्रगुजार हूं कि उन्‍होंने अपने निजी स्‍वार्थ से आगे निकलकर रुस जैसे बड़े देश से संबंध सुधारने की दिशा में पहल किया है, अन्‍यथा कई तुच्‍छ कार्यकर्ता तो नेपाल और बांग्‍लादेश जैसे छोटे देश से संबंध सुधार लेते हैं. मैं बेहद राष्‍ट्रवादी और इज्‍जतदार पार्टी के इज्‍जतदार कार्यकर्ता रावत साहब को रुस से संबंध सुधारने की बधाई देता हूं. 

उम्‍मीद करता हूं कि राष्‍ट्रवादी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं के अलावा दूसरी पार्टियों के नेता भी निजी हितों को दरकिनार कर रुस, नेपाल, ब्रिटेन से अपने संबंध सुधारेंगे तथा इसका सबूत जनता में पेश करेंगे. पहले मुझे कांग्रेस के सिंघवी के जज बनाने की प्रक्रिया पसंद थी, लेकिन रावत जी का रुस से संबंध सुधारने की प्रक्रिया प्रेरणादायक लगने लगी है. मुझे पूरी आशंका है कि कुछ नेता दो देश नहीं तो दो राज्‍यों के बी संबंध सुधारते भी नजर आ सकते हैं. यह हमारे राष्‍ट्र के लिये इज्‍जत की बात होगी. 

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. 

अंबानी के बेटे की शादी में रिहाना के ठुमके और अमिताभ की फिल्म दीवार का डायलॉग!


मिताभ की दीवार फ़िल्म में एक दृश्य है, जिसमे वो एक बिल्डिंग खरीदता है. खरीदते वक्त वह बिल्कुल भी मोलभाव नहीं करता और बिल्डर जो कीमत मांगता है उसी में खरीद लेता हैं. बिल्डर कहता है आपको सौदा करना नहीं आता. 

यदि आप कुछ मोलभाव करते तो मैं कुछेक लाख कम में भी आपको यह बिल्डिंग बेच देता. तब अमिताभ कहता है कि सौदा करना आपको नहीं आता, इस बिल्डिंग के बनते समय मेरी मां ने ईंटे उठाई थी. यदि तुम कुछेक लाख ज्यादा भी मांगते तो भी मैं आपको देकर यह बिल्डिंग खरीद लेता.....?

कुछ लोग कह रहे है गोबर जैसी शक्ल वाली रिहाना को अपने बेटे के विवाह समारोह में 2-4 ठुमको के लिए मुकेश अंबानी ने  70 करोड़ क्यों दे दिए? इतने पैसे में तो भारत में ही ठुमके लगाने वाली सैकड़ो मिल जाती. 

अंबानी को सौदा करना नहीं आता. उधर अंबानी भाई, अमिताभ की तरह सोच रहे हैं कि इस रिहाना ने ब्लैक स्पेसियो से पैसे लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब की थी. उसे सबक सिखाने का इससे बेहतर मौका और कहां मिलता? यदि रिहाना 2-5 करोड़ ज्यादा भी मांगती तो भी मैं उसे दे देता!