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4.3.24

बाराबंकी-रुस ज्‍वाइंट पार्टी यानी बीजेपी एक बेहद इज्‍जतदार पार्टी है

 

अनिल सिंह- 

राष्‍ट्रवादी कार्यकर्ता ही सुधार सकता है दो देशों का संबंध 

बाराबंकी-रुस ज्‍वाइंट पार्टी यानी बीजेपी एक बेहद इज्‍जतदार पार्टी है. इज्‍जत से बढ़कर इसके लिये कुछ भी नहीं है, अपनी इज्‍जत भी नहीं. इज्‍जत के लिये यह पार्टी अपना सब कुछ दांव पर लगा सकती है. इज्‍जत लेने और इज्‍जत देने वालों की इस पार्टी में बहुत इज्‍जत है. इज्‍जत बचाने के लिये यह पार्टी इज्‍जत भी कुर्बान कर सकती है. इज्‍जत ही इस पार्टी के लिये सब कुछ है. इज्‍जत नहीं तो यह पार्टी नहीं. ऐसी इज्‍जतदार पार्टी का कार्यकर्ता होना अपने आप में बड़ी इज्‍जत है. 

खैर, इस पार्टी के लिये इज्‍जत के पहले अगर कुछ है तो वह राष्‍ट्र है. जब भी बात करते हैं बस राष्‍ट्र हित की बात करते हैं. जो हराम का पैसा कमाते हैं, वह भी राष्‍ट्र के‍ लिये ही कमाते हैं. राष्‍ट्र को यह लोग महाराष्‍ट्र से भी बड़ा मानते हैं. यह पार्टी राष्‍ट्र को हमेशा सौराष्‍ट्र से भी ऊपर रखती है. इसका बड़ा से लेकर छोटा सा कार्यकर्ता केवल राष्‍ट्र को मजबूत करने की बात करता है. राष्‍ट्र को मजबूत करने के लिये इस पार्टी के नेता व्‍यक्तिगत तौर पर भी प्रयास करते रहते हैं. 

गौरतलब है कि रुस-यूक्रेन युद्ध के बाद भारत से रुस के संबंध थोड़े टेड़े हो गये थे. रुस का झुकाव चीन की तरफ कुछ ज्‍यादा ही हो गया था. यह देश हित में चिंता की बात थी. यह बात जब भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता रावत जी को पता चली तो उन्‍हें राष्‍ट्र को लेकर बेहद चिंता हुई, क्‍योंकि वो बेहद राष्‍ट्रवादी नेता थे. उन्‍होंने तय किया कि सरकार चाहे जो करे, लेकिन वह अपने व्‍यक्तिगत प्रयासों से बाराबंकी और रुस के संबंध सुधारने की कोशिश करेंगे. 

रावतजी इसी प्रयास में जुट गये. उन्‍होंने बाराबंकी और रुस के संबंध को सुधारने के लिये हर संभव प्रयास करना शुरू कर दिया. इसी क्रम में उन्‍होंने रुस से सबंध सुधारने के लिये होटल की बुकिंग की. मीटिंग के दौरान इन्‍होंने अपना इज्‍जत देकर और रुसी से इज्‍जत लेकर संबंध को मजबूत बनाने का प्रयास किया. अगर आप मीटिंग का मुजाहिरा देखें तो पायेंगे कि बाराबंकी और रुस दोनों शांत, सौहार्दपूर्ण एवं उत्‍तेजित माहौल में संबंध सुधारते देखे जा सकते हैं. 

संबंध सुधार के दौरान कहीं भी ऐसा नहीं लग रहा है कि बाराबंकी या रुस में किसी प्रकार की कोई वैमनस्‍यता है. मैं राष्‍ट्रवादी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता का तहेदिल से शुक्रगुजार हूं कि उन्‍होंने अपने निजी स्‍वार्थ से आगे निकलकर रुस जैसे बड़े देश से संबंध सुधारने की दिशा में पहल किया है, अन्‍यथा कई तुच्‍छ कार्यकर्ता तो नेपाल और बांग्‍लादेश जैसे छोटे देश से संबंध सुधार लेते हैं. मैं बेहद राष्‍ट्रवादी और इज्‍जतदार पार्टी के इज्‍जतदार कार्यकर्ता रावत साहब को रुस से संबंध सुधारने की बधाई देता हूं. 

उम्‍मीद करता हूं कि राष्‍ट्रवादी पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं के अलावा दूसरी पार्टियों के नेता भी निजी हितों को दरकिनार कर रुस, नेपाल, ब्रिटेन से अपने संबंध सुधारेंगे तथा इसका सबूत जनता में पेश करेंगे. पहले मुझे कांग्रेस के सिंघवी के जज बनाने की प्रक्रिया पसंद थी, लेकिन रावत जी का रुस से संबंध सुधारने की प्रक्रिया प्रेरणादायक लगने लगी है. मुझे पूरी आशंका है कि कुछ नेता दो देश नहीं तो दो राज्‍यों के बी संबंध सुधारते भी नजर आ सकते हैं. यह हमारे राष्‍ट्र के लिये इज्‍जत की बात होगी. 

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं. 

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