औरंगाबाद में कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित डॉ० सुनील कुमार को गोह प्रखंड के प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी के पद पर प्रतिनियुक्त किया गया था. उन्होंने गोह प्रखंड में अपने चंद माह के कार्यकाल में पैसे-वसूली और विभिन्न मदों के पैसे के घोटाले का अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किया. कोई भी काम हो अगर उनके हस्ताक्षर की जरुरत है तो उन्हें चढ़ावा चाहिए होता था. इस संबंध में मेरी सूचना पर आरटीआई एक्टीविस्ट श्री शिवप्रकाश राय जी ने सभी आलाधिकारियों तक तथ्यात्मक शिकायत दर्ज कराई थी और आनन्-फानन में उनकी प्रतिनियुक्ति रद्द कर उन्हें उनके मूल पद पर वापस भेजा गया था, तब श्री उमेश कुमार सिंह की पदस्थापना उनकी जगह पर की गई थी. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, गोह के पद पर रहते उनपर वित्तीय अनियमितता के मामले की जाँच और उस पर कार्रवाई अभी लंबित है. इस बीच प्राथमिक शिक्षा निदेशालय आदेश संचिका संख्या- 8/ स्था० -13-09/2013.....818/ दिनांक 28/06/2014 के द्वारा डॉ० सुनील कुमार की पत्नी श्रीमती मंजू कुमारी (वर्तमान में विद्यालय अवर निरीक्षिका, गर्दनीबाग, पटना) को स्थानांतरित करते हुए गोह प्रखंड का प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी बनाया गया है (लिंक-http://www.educationbihar.gov.in/LetterPdf/30Jun201420723.pdf). क्या इत्तफाक (?) है, पति हटे तो क्या हुआ अब पत्नी मोर्चा संभालेंगी. इससे स्थानान्तरण उद्योग क्या रूप ले चुका है इसका भी अंदाजा लगाया जा सकता है.
1.7.14
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