-नितिन शर्मा 'सबरंगी'
जम्मू कश्मीर में सरकार बनते ही अलगाववादियों/कट्टरपंथियों/आतंकियों को अच्छी खबर मिली। सरकार का उनके प्रति नरम रूख भले ही देश को झटका दे गया हो, लेकिन विरोधी नापाक मुल्क के लिए खुशी जैसा है। सरकार ने अलगाववादी मसरत को रिहा करके अपने इरादे भी साफ कर दिए। भला कौन सी ऐसी रहमदिली है कि जिस शख्स पर गंभीर आरोप हों, बेगुनाहों की मौत के दाग जिसके दामन पर लगे हों और वह 5 लाख का इनामी रहा हो उसे रिहा कर दिया जाये।
जम्मू कश्मीर में सरकार बनते ही अलगाववादियों/कट्टरपंथियों/आतंकियों को अच्छी खबर मिली। सरकार का उनके प्रति नरम रूख भले ही देश को झटका दे गया हो, लेकिन विरोधी नापाक मुल्क के लिए खुशी जैसा है। सरकार ने अलगाववादी मसरत को रिहा करके अपने इरादे भी साफ कर दिए। भला कौन सी ऐसी रहमदिली है कि जिस शख्स पर गंभीर आरोप हों, बेगुनाहों की मौत के दाग जिसके दामन पर लगे हों और वह 5 लाख का इनामी रहा हो उसे रिहा कर दिया जाये।
दरअसल जिस मसरत को रिहा किया गया है वह अलगाववादी हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का करीबी माना जाता है। मसरत 2008-10 में राष्ट्रवि
रोधी प्रदर्शनों का मास्टरमाइंड रहा है। उस दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं में 112 लोग मारे गए थे। मसरत के खिलाफ देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत दर्जनों मामले दर्ज थे। उसे चार महीनों की तलाश के बाद अक्टूबर 2010 में पकड़ा गया था। मसरत पर संवेदनशील इलाकों में भड़काऊ भाषण के आरोप भी लग चुके हैं। मसरत आलम को अक्टूबर 2010 में श्रीनगर के गुलाब बाग इलाके से 4 महीने की मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया गया था। गिलानी के करीबी माने जाने वाले मसरत आलम पर दस लाख रुपये का इनाम भी था। मसरत 2010 से पब्लिक सेफ्टी एक्ट यानी पीएसए के तहत जेल में बंद था। उसे बारामूला जेल में रखा गया था
इस रिहाई का न सिर्फ पूरे देश में विरोध हुआ बल्कि सहायोगी पार्टी भाजपा भी घिर गई। ऐसे कदम की उम्मीद किसी को नहीं थी। इतना ही नहीं आतंकियों के लिये कार्ययोजना बनाने पर भी विचोर किया जाने लगा। यह तब ओर भी गंभीर है जब पूरा मुल्क आतंकी घटनाओं से गुजर रहा हो ओर आतंक को रोकने के लिये नई-नई योजनाएं भी बनायी जा रही हों। मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार के प्रति भाजपा भी सख्त रूख दिखा रही है। सबसे बड़ा सवाल यह कि सरकार ऐसा करके संदेश क्या देना चाहती है। जाहिर है कि मुल्क के प्रति वफा रखने वालों को तो इससे खुशी मिलेगी नहीं ओर मुल्क के प्रति घिनौनी सोच व नफरत रखने वाले खुश होंगे। शर्मनाक ही है कि जिनके दामन पर बेगुनाहों की मौत के दाग हैं उन्हेें आजाद किया जा रहा है। कोई दोराय नहीं कि ऐसे लोग सजा के ही हकदार होते हैं। ऐसे इरादे नापाक पाकिस्तान को भी हौंसला देंगे। जो भारत को हिंसा की आग में झोंकने का मंसूबा हमेशा पाले रहता है। आतंक की नई खेप तैयार करता है।
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