सिवनी (मध्य प्रदेश)। कुछ वर्षो पूर्व विधानसभाओं में यह चर्चा बड़े जोर से गर्मायी थी कि विधायक विधानसभाओं में काम के वक्त कम्प्यूटरों में नीली फिल्म देखते हैं और यह मामला गर्माया मगर शनै: शनै: शांत हो गया, यह मामला उस समय उठा था जब स्वयं स्व. हरवंश सिंह दिग्विजय सिंह जी के कार्यकाल में केबीनेट मंत्री थे। ऐसी ही स्थिति गत दिनों केवलारी के विधायक ठा. रजनीश सिंह के साथ भी निर्मित हुई जब उन्होंने सफाई दे देकर अपने आपको स्वयं उलझन में डाल दिया। मामला कुछ यूं हुआ कि ठा. रजनीश सिंह के वाट्सएप नंबर से एक नीली फिल्म लगभग 11 सेकेंड की एक ह्वाट्सएप ग्रुप को देर रात्रि में सेंड कर दी गयी।
ग्रुप से जुड़े लोगों ने जब फिल्म देखा तो अपनी प्रतिक्रिया देना प्रारंभ किया और इस प्रतिक्रिया का असर ठा. रजनीश पर कुछ यूं हुआ कि उन्होंने घटना को नया मोड़ देने के लिये जवाब देना प्रारंभ किया। अपने जवाब में उन्होंने कहा कि मेरे मोबाईल का उपयोग किसी व्यक्ति द्वारा किया जाकर यह फिल्म सेंड कर दी गई है अत: इस कृत्य के लिये मैं क्षमा मांगता हूं। हम अपने पाठकों के सामने यह प्रश्र रखना चाहते हैं कि थोड़ी देर के लिये हम मान भी लें कि किसी ने शरारत करते हुए ठा. रजनीश के मोबाईल से नीली फिल्म सेंड कर दी लेकिन इससे यह भी जाहिर होता है कि यह फिल्म उनके मोबाईल में पहले से अपलोड थी और मोबाईल में अपलोड उक्त फिल्म का उपयोग उन्होंने अनेकों बार किया होगा।
गौरतलब है कि दादा स्व. हरवंश सिंह के कार्यकाल में संपत्ति को लेकर तो अनेक विवाद होते रहे लेकिन चरित्र को लेकर कभी उन पर इस तरह का दाग नहीं लगा लेकिन ठा. रजनीश ने तो सारी पराकाष्ठा को पार करते हुए उक्त वीडियों को मोबाईल के माध्यम से जनजनज तक पहुंचाकर यह सिद्ध कर दिया कि वे पिता से चार कदम आगे है।
ज्ञातव्य है ठा. हरवंश सिंह ने अपने राजनैतिक जीवन में राजनीति के साथ साथ हर वर्ग के बीच अपनी पैठ मजबूत करने के लिये समय समय पर हर धर्मगुरूओ को अपने घर में यथाचित सम्मान दिया चाहे रावतपुरा सरकार हो या स्वामी शंकराचार्य जी या राष्ट्रसंत तरूण सागर जी आदि को घर बुलाकर अपनी धार्मिक भावना प्रकट की थी लेकिन ठा. हरवंश सिंह के सभी आदर्शो को पलीता लगाने का काम ठा. रजनीश सिंह ने कर दिखाया। कहा भी गया है कि पूत कपूत तोम्या धन संचय, पूत सपूत तो क्या धन संचय’ ठा. हरवंश सिंह ने अपने पुत्र के लिये धनवैभव छोड़ गये हैं लेकिन इस कलयुगी सपूत ने अपने द्वारा कपूत के समान कार्य कर सब मिट्टी में मिला दिया।
जिले के कांग्रेसी केवलारी विधायक की इस हरकत से अपने आपको शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं वे आपस में यह कहते सूने जा रहे हैं कि वे अब किस मुंह से विपक्ष को घेरे। आखिर ठा. रजनीश से यह गलती हो गयी थी तो उन्हें क्षमा मांगना ही नहीं था, क्षमा मांगने से इस बात की तो पुष्टि हो ही गयी यह घटना सत्य है और हो सकता है कि यह बात विधानसभा तक पहुंची तो ठा. रजनीश सिंह एवं सिवनी के कांग्रेसी नेताओं के चरित्र को संदेह की निगाह से देखा जायेगा।
हाल ही में यह बात 100-200 लोगों के बीच है जो आने वाले समय में चार से पांच अंक तक भी पहुंच सकती है और इसके लिए समय की मांग है कि अपने राजनैतिक भविष्य को बचाने के लिये उन्हें कुछ करना चाहिए अन्यथा ताश के पत्तों की तरह पिता की विरासत जो कवलारी विधानसभा के रूप में खैरात में मिली है वह बिखरने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। वैसे भी इनके दादा झलकन सिंह को छिंदवाड़ा से क्यों भगाया गया था यह प्रश्र का समाधान आज तक नहीं हुआ है।
मुझे आज साबरमती फिल्म का वह गीत याद आ रहा है जिसके बोल कुछ यूं थे कि- दे दी हमें आजादी बिना खडंग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल।। महात्मा गांधी की पार्टी के अनुयायी ठा. रजनीश सिंह ने आज तक इस वाटसएप के माध्यम से भरी बरसात में जो राजनैतिक आग लगाकर जो कमाल किया है उसके लिए सिर्फ कांग्रेसी ठा. रजनीश को यही कह सकते हैं कि उनकी यह हरकत सैम सैम है...।
भाजपाईयों के मुंह में लगे ताले
सड़ी-सड़ी बात में बड़ी-बड़ी विज्ञप्ति जारी करने वाले भाजपाई व जिले के जनप्रतिनिधि इतने बड़े मामले को लेकर मौन क्यों हैं। यही काम यदि किसी आम आदमी से हो जाता है तो तिल का ताड़ बना दिया जाता लेकिन दादा ठाकुर के लाडले के खिलाफ कोई भी कुछ कहने से बच रहा है। वहीं भाजपा व निर्दलीय विधायक भी मानो ऐसे चुप बैठे हैं जैसे उन्हें कुछ पता ही न हो जबकि उस गु्रप में महिलाएं भी जुड़ी हुई थी बावजूद इसके किसी ने भी विरोध नहीं जताया।
Akhilesh Dubey
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