सी.एस. राजपूत
नई दिल्ली। लोगों का बेवकूफ बनाना तो कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखे। अब जब डोनाल्ड ट्रंप के रोड शो पर खर्च होने वाले 100 करोड़ रुपये का जवाब जनता मांगने लगी तो विदेश मंत्रालय से प्रवक्ता से कहलवा दिया कि यह खर्च 'अभिवादन समिति' उठा रही है। हां वह बात दूसरी है कि किसी को यह पता नहीं है कि आखिरकार यह अभिवादन समिति है क्या बला ? कौन हैं इसके मालिक ? क्या है इसका वजूद ? यह समिति डोनाल्ड ट्रंप पर इतना भारी-भरकम खर्च क्यों कर रही?
दरअसल लगभग सभी सरकारें जनता का बेवकूफ बनाती रही हैं पर मोदी सरकार है कि यह तो लोगों को पागल ही समझ रही है। हां यह बात तो है कि उसके समझने के पीछे भी कारण है। जिस देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से गड़बड़ा गई हो, रोजी-रोटी का बड़ा संकट हो, किसान, मजदूर और युवा विभिन्न परेशानियों से कराह रहा हो। आये दिन व्यक्तिगत के अलावा पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने की खबरें बहुतायात से सुनने और पढ़ने को मिल रही हों उस देश में यदि हिन्दू-मुस्लिम से लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो मोदी सरकार लोगों को पागल समझ सकती है।
अरे भाई हर कार्यक्रम में अभिवादन समिति बनती है। इतना बड़ा कार्यक्रम है तो एक समिति तो बनेगी ही। जनता को तो यह बताओ कि यह अभिवादन समिति है किसकी ? सरकार और अमेरिकी राष्ट्रपति से इसका क्या संबंध है ? यह समिति विदेशी राष्ट्रपति पर 100 करोड़ रुपये क्यों खर्च कर रही है ? कहीं यह समिति अडानी, या अंबानी की तो नहीं है ? या फिर जनता के पैसे को अभिवादन समिति बनाकर ट्रंप के नाम पर लुटवाया जा रहा है। यह ऐसी परिस्थिति में हो रहा जब मोदी सरकार ने देश में ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि आम आदमी यदि कहीं पर दो-चार हजार रुपये भी खर्च कर ले तो उसे जवाब देना पड़ता है तो फिर इन 100 करोड़ रुपये का हिसाब क्यों नहीं ?
देश की जमीनी हकीकत यह है कि प्रधानमंत्री मोदी देश और देश के संसाधनों का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत रुतबे और अपने अडानी और अंबानी जैसे मित्रों के लिए कर रहे हैं। जनता को तो इन महाशय ने अपने हाल पर छोड़ दिया है। जिस देश में 10-20 हजार कर्जे के लिए किसान की उसकी इज्जत नीलाम कर दी जाती है। उसे जेल में डाल दिया जााता है। मजदूर से 200-300 रुपये के लिए 10-12 घंटे काम लिया जाता है। बेइज्जत किया जाता है। जनता को कभी नोटबंदी तो कभी जीएसटी के नाम पर परेशान किया जाता है। हां यदि आप इस तरह से परेशानी देश में बताओगे तो यह कहने वालों की कमी नहीं हैकि देश में इन सबसे निपटने के लिए विभिन्न विभाग हैं पर क्या आज तारीख में कोई विभाग किसी की कोई परेशानी हल करने की स्थिति में है। देश में आर्थिक संकट का नाम लेकर लोगों को तंगी में जीने के लिए विवश किया जाता है और अपने फकीर कहने वाले प्रधानमंत्री जनता के पैसे को ऐसे लुटा रहे हैं कि जैसे उनके पिताजी कमाकर रख गये थे। खुद तो बेतहाशा विदेशी दौरे पर जनता के खून-पसीने की कमाई को खर्च कर ही रहे हैं अब विदेशी राष्ट्रपतियों के नाम पर भी खेल खेलना शुरू कर दिया। एक बार यह मान भी लिया जाए कि कोई निजी संस्था इस 100 रुपये के खर्च को वहन कर रही है। पर क्या यह कंपनी सरकार से इन 100 करोड़ के 1000 करोड़ नहीं कमाएगी ? क्या यह सब जनता की टटरी में से नहीं निकलेगा।
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान मुख्य आकर्षण अहमदाबाद में नवनिर्मित मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित होने वाला 'नमस्ते ट्रंपÓ कार्यक्रम है। ट्रंप की यात्रा को लेकर की जा रही तैयारियों के खर्च पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। मुख्य सवाल यह है कि अहमदाबाद में तीन घंटे के ट्रंप के कार्यक्रम में 100 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। आखिर इतनी भारी-भरकम रकम को खर्च कौन कर रहा है ? क्या यह खर्च सरकार के हिस्से आएगा या फिर इस खर्च को कोई और वहन करेगा ?
ट्रंप की यात्रा पर फिजूलखर्ची की बात जब देश में उठी तो भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक पत्रकार वार्ता कर बताया कि यह हाई प्रोफाइल पब्लिक इवेंट डॉनाल्ड ट्रंप नागरिक अभिवादन समिति की ओर से कराया जा रहा है। हालांकि यह भी अपने आप में हास्यास्पद हे कि इस निजी संस्था के बारे में लोगों को बहुत कम पता है। यह अपने आप में सवाल है कि डॉनाल्ड ट्रंप नागरिकता अभिवादन समिति के पीछे के कौन लोग हैं ? यह भी अपने आप में संदेहास्पद है कि जिन लोगों को कार्यक्रम के मद्देनजर भीड़ जुटाने का जिम्मा सौंपा गया है उनकी कोई जानकारी भी नहीं मिल रही है। ट्रंप के रोड शोम पर 100 करोड़ रुपये खर्च करने वाली अभिवादन समिति की इससे पहले तो कोई वेबसाइट भी नहीं थी और ही इसके कामकाज के बारे में कोई खास खबरें सामने आई हैं। मतलब मामला गर्ममाने पर सब कुछ मैनेज करने का खेल सामने आ रहा है।
यह जनता को बेवकूफ समझने वाली ही प्रवृत्ति है कि गुजरात बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि कार्यक्रम का आयोजक कौन है। महत्व इस बात पर देना चाहिए कि और हमें यह सोचना चाहिए कि यूएस प्रेजिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप का अहमदाबाद में गर्मजोशी से स्वागत हो। मतलब देश की जनता जाए भाड़ में इन्हें तो ट्रंप के सामने बिछना है। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ ही कई बिजनस लीडर्स के भी शामिल होने जा रहे हैं। क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर, सुनील गावस्कर, कपिल देव और बीसीसीआई प्रेजिडेंट सौरव गांगुली को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। इसे केंद्र व गुजरात की सरकार की मनमानी ही कहा जाएगा कि विपक्ष के सदस्यों को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है।
CHARAN SINGH RAJPUT
नई दिल्ली। लोगों का बेवकूफ बनाना तो कोई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखे। अब जब डोनाल्ड ट्रंप के रोड शो पर खर्च होने वाले 100 करोड़ रुपये का जवाब जनता मांगने लगी तो विदेश मंत्रालय से प्रवक्ता से कहलवा दिया कि यह खर्च 'अभिवादन समिति' उठा रही है। हां वह बात दूसरी है कि किसी को यह पता नहीं है कि आखिरकार यह अभिवादन समिति है क्या बला ? कौन हैं इसके मालिक ? क्या है इसका वजूद ? यह समिति डोनाल्ड ट्रंप पर इतना भारी-भरकम खर्च क्यों कर रही?
दरअसल लगभग सभी सरकारें जनता का बेवकूफ बनाती रही हैं पर मोदी सरकार है कि यह तो लोगों को पागल ही समझ रही है। हां यह बात तो है कि उसके समझने के पीछे भी कारण है। जिस देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से गड़बड़ा गई हो, रोजी-रोटी का बड़ा संकट हो, किसान, मजदूर और युवा विभिन्न परेशानियों से कराह रहा हो। आये दिन व्यक्तिगत के अलावा पूरे परिवार के साथ आत्महत्या करने की खबरें बहुतायात से सुनने और पढ़ने को मिल रही हों उस देश में यदि हिन्दू-मुस्लिम से लोग बाहर नहीं निकल पा रहे हैं तो मोदी सरकार लोगों को पागल समझ सकती है।
अरे भाई हर कार्यक्रम में अभिवादन समिति बनती है। इतना बड़ा कार्यक्रम है तो एक समिति तो बनेगी ही। जनता को तो यह बताओ कि यह अभिवादन समिति है किसकी ? सरकार और अमेरिकी राष्ट्रपति से इसका क्या संबंध है ? यह समिति विदेशी राष्ट्रपति पर 100 करोड़ रुपये क्यों खर्च कर रही है ? कहीं यह समिति अडानी, या अंबानी की तो नहीं है ? या फिर जनता के पैसे को अभिवादन समिति बनाकर ट्रंप के नाम पर लुटवाया जा रहा है। यह ऐसी परिस्थिति में हो रहा जब मोदी सरकार ने देश में ऐसी व्यवस्था कर रखी है कि आम आदमी यदि कहीं पर दो-चार हजार रुपये भी खर्च कर ले तो उसे जवाब देना पड़ता है तो फिर इन 100 करोड़ रुपये का हिसाब क्यों नहीं ?
देश की जमीनी हकीकत यह है कि प्रधानमंत्री मोदी देश और देश के संसाधनों का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत रुतबे और अपने अडानी और अंबानी जैसे मित्रों के लिए कर रहे हैं। जनता को तो इन महाशय ने अपने हाल पर छोड़ दिया है। जिस देश में 10-20 हजार कर्जे के लिए किसान की उसकी इज्जत नीलाम कर दी जाती है। उसे जेल में डाल दिया जााता है। मजदूर से 200-300 रुपये के लिए 10-12 घंटे काम लिया जाता है। बेइज्जत किया जाता है। जनता को कभी नोटबंदी तो कभी जीएसटी के नाम पर परेशान किया जाता है। हां यदि आप इस तरह से परेशानी देश में बताओगे तो यह कहने वालों की कमी नहीं हैकि देश में इन सबसे निपटने के लिए विभिन्न विभाग हैं पर क्या आज तारीख में कोई विभाग किसी की कोई परेशानी हल करने की स्थिति में है। देश में आर्थिक संकट का नाम लेकर लोगों को तंगी में जीने के लिए विवश किया जाता है और अपने फकीर कहने वाले प्रधानमंत्री जनता के पैसे को ऐसे लुटा रहे हैं कि जैसे उनके पिताजी कमाकर रख गये थे। खुद तो बेतहाशा विदेशी दौरे पर जनता के खून-पसीने की कमाई को खर्च कर ही रहे हैं अब विदेशी राष्ट्रपतियों के नाम पर भी खेल खेलना शुरू कर दिया। एक बार यह मान भी लिया जाए कि कोई निजी संस्था इस 100 रुपये के खर्च को वहन कर रही है। पर क्या यह कंपनी सरकार से इन 100 करोड़ के 1000 करोड़ नहीं कमाएगी ? क्या यह सब जनता की टटरी में से नहीं निकलेगा।
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान मुख्य आकर्षण अहमदाबाद में नवनिर्मित मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित होने वाला 'नमस्ते ट्रंपÓ कार्यक्रम है। ट्रंप की यात्रा को लेकर की जा रही तैयारियों के खर्च पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। मुख्य सवाल यह है कि अहमदाबाद में तीन घंटे के ट्रंप के कार्यक्रम में 100 करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। आखिर इतनी भारी-भरकम रकम को खर्च कौन कर रहा है ? क्या यह खर्च सरकार के हिस्से आएगा या फिर इस खर्च को कोई और वहन करेगा ?
ट्रंप की यात्रा पर फिजूलखर्ची की बात जब देश में उठी तो भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक पत्रकार वार्ता कर बताया कि यह हाई प्रोफाइल पब्लिक इवेंट डॉनाल्ड ट्रंप नागरिक अभिवादन समिति की ओर से कराया जा रहा है। हालांकि यह भी अपने आप में हास्यास्पद हे कि इस निजी संस्था के बारे में लोगों को बहुत कम पता है। यह अपने आप में सवाल है कि डॉनाल्ड ट्रंप नागरिकता अभिवादन समिति के पीछे के कौन लोग हैं ? यह भी अपने आप में संदेहास्पद है कि जिन लोगों को कार्यक्रम के मद्देनजर भीड़ जुटाने का जिम्मा सौंपा गया है उनकी कोई जानकारी भी नहीं मिल रही है। ट्रंप के रोड शोम पर 100 करोड़ रुपये खर्च करने वाली अभिवादन समिति की इससे पहले तो कोई वेबसाइट भी नहीं थी और ही इसके कामकाज के बारे में कोई खास खबरें सामने आई हैं। मतलब मामला गर्ममाने पर सब कुछ मैनेज करने का खेल सामने आ रहा है।
यह जनता को बेवकूफ समझने वाली ही प्रवृत्ति है कि गुजरात बीजेपी के प्रवक्ता का कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि कार्यक्रम का आयोजक कौन है। महत्व इस बात पर देना चाहिए कि और हमें यह सोचना चाहिए कि यूएस प्रेजिडेंट डॉनाल्ड ट्रंप का अहमदाबाद में गर्मजोशी से स्वागत हो। मतलब देश की जनता जाए भाड़ में इन्हें तो ट्रंप के सामने बिछना है। इस कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री के साथ ही कई बिजनस लीडर्स के भी शामिल होने जा रहे हैं। क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर, सुनील गावस्कर, कपिल देव और बीसीसीआई प्रेजिडेंट सौरव गांगुली को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। इसे केंद्र व गुजरात की सरकार की मनमानी ही कहा जाएगा कि विपक्ष के सदस्यों को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है।
CHARAN SINGH RAJPUT
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