Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

24.1.21

अंजुम ग़ाज़ीपुरी का निधन





टी-सीरिज में थी अंजुम ग़ाज़ीपुरी की ख़ास जगह
 

दिलदारनगर (ग़ाज़ीपुर) । अंजुम ग़ाज़ीपुरी के निधन हो जाने पर साहित्यिक संस्था
‘गुफ़्तगू’ की तरफ से बहुअरा गांव में शोक प्रकट किया गया। गुफ्तगू के
अध्यक्ष इम्तियाज़ अहमद ग़ाज़ी ने कहा कि बहुअरा गांव के रहने वाले अंजुम
ग़ाज़ीपुरी ने गुलशन कुमार की टी-सीरिज की बनने वाले आडियो कैसेट के लिए
बहुत सारे गीत, ग़ज़ल, नात आदि लिखे। इनके लिखे गीत को तस्लीम आरिफ़, तृप्ति
शाक्या, बरखा रानी आदि ने आवाज़ दी। अस्सी और नब्बे के दशक में ‘ख़्वाजा का
दर नूरानी’, ‘रमजान की बातें’, ‘टाइम बम है तेरी जवानी’ समेत दो दर्जन से
अधिक बने आडियो कैसेट के लिए अंजुम ग़ाज़ीपुरी ने गीत लिखे। उस दौर में इन
आडियो कैसेट की खूब बिक्री हुई, अपनी ख़ास किस्म की शायरी की वजह से
गुलशन कुमार के करीबी लोगों में शामिल हो गए थे अंजुम ग़ाज़ीपुरी।


अंजुम के निधन से ग़ाज़ीपुर ने होनहार शायर को खोया है, उनकी कमी महसूस की
जाएगी। मास्टर शमशाद हुसैन खान ने कहा कि 1960 में बहुअरा गंाव में जन्मे
अंजुम ग़ाज़ीपुरी ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल में हासिल की
थी, उसके बाद आगे की शिक्षा उन्होंने कोलकाता से हासिल की।

वहीं से उन्होंने शायरी शुरू की थी। बाद में दिल्ली में चले गए, वहां गुलशन
कुमार की कंपनी टी-सीरिज से जुड़ गए। टी-सीरिज के बनने वाले आडियो कैसेट
के लिए उन्होंने गीत लिखना शुरू किया, धीरे-धीरे गुलशन कुमार के काफी
करीबी लोगों में शामिल हो गए। बाद में वे अपने गांव आकर रहने लगे, यहां
काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। मंगलवार को उनको उनके गांव के कब्रिस्तान
में सुपुर्दे खाक कर दिया गया। एमकेबीएम इंटर कालेज के प्रधानाचार्य
आसिफ़ अली खान, सेराज शम्सी, मास्टर सुहैल खान, बहुअरा के ग्राम प्रधान
तौकीर खान,  नसीम रजा खान, डा. वसीम रज़ा आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया।

No comments: