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6.1.08

हरिवंश जी इस जमाने के हिंदी पत्रकारिता के एसपी सिंह हैं

दोस्तों शुक्रिया। दरअसल इस बधाई के पात्र घनश्याम श्रीवास्तव हैं जिन्होंने हरिवंश जी के व्यक्तित्व के कई पहलुओं को उजागर किया और बताया कि पत्रकारिता के इस दौर में भी ऐसे संपादक हैं जिन पर हिंदी पत्रकारिता नाज कर सकती है।

टीवी और प्रिंट के मेरे कई अनुभवती मित्रों का कहना है कि हरिवंश जी दरअसल इस दौर के एसपी हैं। एसपी सिंह ने जिस तरह अपने जमाने में सचेत और विवेकशील हिंदी पत्रकारों की एक बड़ी टीम खड़ी की, एक नई कार्य संस्कृति और पत्रकारिता का एक नया मुहावरा गढ़ा, उसी तरह हरिवंश जी ने भी इस दौर में हिंदी मीडिया को कई सारे नामधारी पत्रकार दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने एक नई कार्य संस्कृति भी पैदा की जिसमें मानवीयता और मेरिट को पूरी तरह वरीयता दी। इसके अलावा किस तरह एक संपादक संपादकीय के साथ अन्य विभागों के भी दायित्व को कुशलता से निभा सकता है, इसे बताया। इस दौर में जब मैनेजर कंटेंट के मालिक बने बैठे हों, हरिवंश जी का लगातार लंबी पारी खेलते रहना और प्रभात खबर को नई ऊंचाई पर ले जाते रहना साबित करता है कि दरअसल कंटेंट ही वो असली चीज है जिसका लीडर किसी मीडिया को आगे और शीर्ष पर ले जा सकता है। हरिवंश जी पर अभी पूरी तरह और सूपर्णता में बात किया जाना बाकी है। देखिए, इस काम को कौन साथी लोग कर पाते हैं।

भड़ास में हरिवंश जी पर प्रकाशित पोस्ट पर ढेरों प्रतिक्रियाएं मिली हैं, कई लोगों ने फोन करके बधाई दी और कई लोगों ने एसएमएस करके। इन सभी साथियों से मैं कहना चाहता हूं कि वो अपने कार्यकाल के दौरान हरिवंश जी के आदर्शों और तरीकों पर अड़े रहें, डटे रहें, यही सही मायने में हरिवंश जी के प्रति प्यार दर्शाना होगा।

जय भड़ास
यशवंत

1 comment:

Ashish Maharishi said...

खुदा देखिए कब मिलाता है हरिवंश जी से