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25.2.07

हिंदी मीडियाः हलचल-हालचाल

अमर उजाला, आगरा में कार्यरत डिप्टी न्यूज एडीटर जेपी त्रिपाठी ने इस संस्थान को बाय बाय कह दिया है। सूत्रों का कहना है कि ऐसा उन्होंने अमर उजाला की अंदरूनी राजनीति से तंग आकर किया। उन्होंने अभी तक कहीं ज्वाइन नहीं किया है। श्री त्रिपाठी इससे पहले दैनिक जागरण, मेरठ में कार्यरत थे।

भोपाल में पत्रिका की धमाकेदार लांचिंग करने वाली टीम के मुखिया संपादक भुवनेश जैन और समाचार संपादक दिनेश रामावत इस बात का श्रेय ले सकते हैं कि उन्होंने भोपाल में दैनिक भास्कर को काफी चिंता में डाल दिया है, जो इन लोगों की प्राथमिक सफलता मानी जाएगी। पत्रिका के जवाब में अगले ही दिन मार्केट में 16 रंगीन पन्नों का टैबलायड डीबी स्टार लांच करने वाले दैनिक भास्कर प्रबंधन को अपने इस टैबलायड की शक्ल सूरत भा नहीं रही है। सूत्र बताते हैं कि डीबी स्टार उस स्तर का प्रोडक्ट नहीं बन पाया, जो पत्रिका से मुकाबला कर सके। इसीलिए नई रणनीति बनाने और नए विजन से काम करने के लिए भास्कर प्रबंधन ने अपने संकटमोचकों ग्रुप एडीटर श्रवण गर्ग और राजस्थान हेड कल्पेश याज्ञनिक को भोपाल बुला लिया है। ये लोग अब अपने प्रोडक्ट को स्तरीय बनाने के लिए मशक्कत करेंगे।

दो साल से नौकरी के लिये भटक रहे मध्य प्रदेश के युवा पत्रकार सत्येश भट्ट को आखिरकार नौकरी मिल गई है। दिल्ली के खबरिया चैनल स्टार न्यूज ने उनको ट्रेनी के तौर पर रख लिया है। उम्मीद है सत्येंद्र अपनी प्रतिभा के बल पर वो मुकाम हासिल कर लेंगे, जिसके वो हकदार हैं। बधाई।

कानपुर, दैनिक जागरण ने वरिष्‍ठ उप सम्‍पादक व वरिष्‍ठ रिर्पोटर के पद हेतु आवेदन आमन्त्रित कियें है। वरिष्‍ठ उप सम्‍पादक हेतु किसी प्रतिष्ठित समाचार पत्र में जनरल डेस्‍क पर कम से कम 5 से 7 वर्ष कार्य करने का अनुभव हो। इसके साथ ही अभ्‍यर्थी को अंग्रेजी से हिन्‍दी में अनुवाद करने तथा कम्‍प्‍यूटर पर कार्य करने का सक्षम हो। किसी प्रतिष्ठित समाचार पत्र में रिपोर्टिग में कम से कम 5 से 7 वर्ष कार्य करने का अनुभव हो। इसके साथ ही अभ्‍यर्थी को अंग्रेजी का ज्ञान तथा कम्‍प्‍यूटर पर कार्य करने में सक्षम हो। आप अपना बायोडाटा... संपादक, दैनिक जागरण, जागरण बिल्डिंग, 2, सर्वोदय नगर, कानपुर-5 पर भेज सकते हैं।

खबर मिली है कि दैनिक जागरण, मेरठ में तैनात ओमप्रकाश सक्सेना ने दैनिक हिंदुस्तान, मेरठ में ज्वाइन कर लिया है। वरिष्ठ पत्रकार ओपी सक्सेना लंबे समय से मुजफ्फरनगर में तैनात थे। पिछले महीनों उनका तबादला दैनिक जागरण के मेरठ स्थित मुख्यालय कर दिया गया था। बताया जाता है कि इस तबादले की वजह से वे प्रबंधन से नाराज चल रहे थे। उनके दैनिक हिंदुस्तान, ज्वाइन करने की खबर की अभी अधिकृत रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है। एक मेल के जरिए मिली सूचना के मुताबिक अकिंचन भारत में मथुरा डेस्क पर कार्यरत उप संपादक केपी त्रिपाठी ने अब इस संस्थान से नाता तोड़कर अब क्रांतिकारी भूमि मेरठ से नाता जोड़ लिया है। मेरठ में वे दैनिक प्रभात में बतौर सीनियर सब एडीटर ज्वाइन कर रहे हैं। उन्हें शुभकामनाएं।

यूपी के बाहर भी आई-नेक्स्ट की शुरुवात हो गई। पटना में आज इस हिंदी टैबलायड का पहला अंक बाजार में आ गया। हालांकि लांचिंग के ठीक एक दिन पहले आई-नेक्स्ट समूह के वरिष्ठ सदस्य अनिल सिन्हा के निधन से पूरी टीम दुखी हो गई थी। पर आई-नेक्स्ट प्रबंधन ने अपने साथी को सही मायने में श्रद्धांजलि देने के लिए पटना में लांचिंग को यथावत रखा। इसी के तहत आज 27 मई को आई-नेक्स्ट पटना के मार्केट में आ गया। पिछले कई महीनों से यहां लांचिंग की तैयारियां चल रही थीं। संपादकीय समेत सभी विभागों में नियुक्तियों से लेकर उनकी ट्रेनिंग तक का सिलसिला चलता रहा। अखबार की डमी भी कई रोज से छप रही थी। लांचिंग विधि विधान से और आई-नेक्स्ट व दैनिक जागरण प्रबंधन की मौजूदगी में की गई। उत्तर प्रदेश के कई केंद्रों से सफल प्रकाशन के बाद आई-नेक्स्ट का यूपी के बाहर यह पहला कदम है। जानकारों का कहना है कि कम कीमत और आकर्षक लेआउट के चलते यह टैबलायड देखते ही देखते हर शहर में हर उम्र के पाठकों का पसंदीदा अखबार बन गया है। इस टैबलायड के जवाब में अमर उजाला समूह ने कांपैक्ट नामक टैबलायड का प्रकाशन ताबड़तोड़ तरीके से कई केंद्रों से किया पर यह अखबार आई-नेक्स्ट को चुनौती नहीं दे पाया। अब देखना है कि क्या कांपैक्ट भी यूपी से बाहर कदम रखेगा?

देश के सबसे बड़े हिंदी टैबलायड आई-नेक्स्ट के मार्केटिंग कम्युनिकेशन के हेड और सबसे बड़े हिंदी ब्लाग भड़ास के संचालक मंडल के सदस्य अनिल सिन्हा का हृदयाघात से कानपुर में निधन हो गया। अटैक तब पड़ा जब वो आई-नेक्स्ट आफिस के लिए लिफ्ट पर चढ़ रहे थे। उन्होंने आई-नेक्स्ट की शुरुवाती लांचिंग से लेकर उसके कई केंद्रों पर प्रकाशन तक के काम में शीर्ष भूमिका का निर्वाह किया। भाषा, ब्लाग, लेआउट, कंटेंट, विजुवलाइजेशन, विजन, न्यूज सेंस....हर फील्ड में गहरी पकड़ रखने वाले और जीवन को हमेशा साहस के साथ जीने वाले श्री सिन्हा के निधन से हिंदी पत्रकारिता जगत को एक बड़ा झटका लगा है। भड़ास इस साहसी साथी के असामयिक निधन पर खुद को बेहद कमजोर महसूस कर रहा है। उम्मीद है ईश्वर सिन्हा जी के परिजनों को इस गम को सहने की ताकत देंगे। श्री सिन्हा लखनऊ में सपिरवार रह रहे थे। आई-नेक्स्ट के मुख्यालय, कानपुर में पदस्थ होने के नाते वे लखनऊ-कानपुर की दूरी अक्सर नापा करते थे। वे मूलतः उन्नाव के रहने वाले है। इससे पहले उन्हें एक बार और हार्ट अटैक पड़ा था, तब वे आई-नेक्स्ट, मेरठ लांच करने के लिए मेरठ आए हुए थे। तब आई-नेक्स्ट के संपादक और सीईओ आलोक सांवल ने खुद उन्हें जबरन 20 दिन तक बेड रेस्ट कराया पर अपनी औघड़ प्रवृत्ति के चलते अनिल सिन्हा जी कुछ ही दिनों बाद पर सक्रिय हो गए। श्री आलोक सांवल ने अनिल सिन्हा के निधन को खुद के लिए अपूरणीय क्षति बताया।

भोपाल में राजस्थान पत्रिका ने आखिरकार अपने अखबार की लांचिंग कर ही दी। पिछले कई महीनों से लगातार भर्तियों और तैयारियों के बाद पत्रिका का अखबार भोपाल के मार्केट में 25 मई को आ गया। वैसे, ये लांचिंग गुपचुप तरीके से की गई है क्योंकि मार्केट में ये चर्चा थी कि पत्रिका का प्रकाशन भोपाल में अगस्त महीने से होगा। ऐसी अफवाह या चर्चा राजस्थान पत्रिका ग्रुप ने रणनीतिक तरीके से फैलाई थी ताकि प्रतिद्वंद्वी अखबारों को मात दिया जा सका और उन्हें रक्षात्मक पारी खेलने का भी मौका न मिले। मजेदार तथ्य यह है कि पत्रिका ने भोपाल में लांचिंग के पहले ही दिन भोपाल के दूसरे नंबर का अखबार होने की पोजीशन राज एक्सप्रेस से छीन ली है। राजस्थान पत्रिका के आने से राज एक्सप्रेस का सर्कुलेशन दो ही दिनों में 10 हजार गोता लगाने की खबर है। पत्रिका के आने की खबर के कारण हाल ही में दैनिक जागरण और नवभारत, दोनों ने भोपाल में खुद को री-लांच किया है ताकि वे अपने पाठकों के आधार को बनाये रख सकें। उधर नव दुनिया का सर्कुलेशन काफी कम हो गया है। पत्रिका अब भोपाल में लांचिंग के बाद अब ग्वालियर और इंदौर में अपना अखबार लांच करने की तैयारी में जुट गया है। जानकारों का मानना है कि पत्रिका भास्कर से उसी तरह बदला लेने के मूड में है जिस तरह भास्कर ने राजस्थान में जाकर किया था।


पत्रिका के अखबार के भोपाल मार्केट में गुपचुप तरीके से लांच होते ही आनन-फानन में भोपाल के सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर ने रातोंरात एक टैबलायड का प्रकाशन शुरू कर दिया। इस अखबार का नाम डीबी स्टार रखा गया है। इसका पहला अंक पत्रिका की लांचिंग के एक दिन बाद आज 26 मई को मार्केट में आया है। 16 पन्नों के इस टैबलायड अखबार के सभी पन्ने रंगीन हैं। इस अखबार को दैनिक भास्कर अपने पाठकों को मुफ्त दे रहा है। जो दैनिक भास्कर के पाठक नहीं हैं उन्हें इस टैबलायड अखबार के लिए कीमत एक रुपये चुकानी पड़ेगी। जानकारों का कहना है कि पत्रिका जिस कलेवर, अंदाज और कंटेंट में इन दिनों निकल रहा है, अगर वैसा ही निकलता रहा तो आगे चलकर इसका प्रभाव दैनिक भास्कर पर भी पड़ना तय है। वैसे भी, पत्रिका ने भास्कर को बड़ा झटका लांच होने से पहले ही दे दिया है। उसने भास्कर के 35 से ज्यादा संपादकीय सहयोगियों को तोड़कर अपने बैनर तले कर लिया है। इसी तरह राज एक्सप्रेस के 42 लोग टूटे जिनमें 30 लोग पत्रिका में गए, 3 भास्कर में गए और बाकी 9 नवदुनिया में पहुंचे। उधर, ग्वालियर और इंदौर से पत्रिका की प्रकाशन की तैयारियों से लगता है कि वो मध्य प्रदेश में भास्कर के गढ़ को भेदने की गहरी रणनीति बनाकर आया है। कुल मिलाकर भोपाल के पाठकों को अखबारों के युद्ध से अच्छा खासा फायदा हो रहा है।

हिंदी पत्रकारों और हिंदी मीडिया हाउसों से जुड़ी सूचनाओं और नौकरियों के लिए हिंदी का पहला आनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है। यह पोर्टल भड़ास ब्लाग का ही प्रोफेशनल एक्सटेंशन है। इसका नाम है भड़ास4मीडिया.काम bhadas4media.com। यह पोर्टल उन हिंदी पत्रकारों के लिए खासतौर पर वरदान साबित होगा जो कोई संबंध संपर्क न होने की वजह से कहीं पर भी नौकरी पाने में नाकाम रहते हैं। ऐसे पत्रकारों को यह पोर्टल मामूली रजिस्ट्रेशन और परामर्श शुल्क लेकर ढेर सारे फायदे पहुंचाएगा। इसमें व्यक्तित्व विकास से लेकर तकनीकी व संपादकीय दक्षता का आकलन और मीडिया हाउसों में नौकरी दिलाने का प्रयास करना भी शामिल है। पोर्टल का दावा है कि वह हर शुरुआत में हर महीने कम से कम 15 हिंदी पत्रकारों का प्लेसमेंट कराएगा। अगर आप भी चाहते हैं इस पोर्टल की सवाओं का लाभ लेना तो अपना बायोडाटा hindi.media.job@gmail.com पर भेज सकते हैं।

खबर है कि वायस आफ इंडिया, लखनऊ
आफिस के लिए कई मीडिया हाउसों के पत्रकारों ने नियुक्ति पत्र ले लिया है। इनमें प्रमुख नाम इस प्रकार हैं-यूपी चैनल हेड - अश्विनी भटनागर (द ट्रिब्यून, चंडीगढ़ से), ब्यूरो चीफ - राजकुमार सिंह (न्यूज 24 से), प्रिंसिपल करेस्पांडेंट - अनुराग शुक्ला (इंडिया टीवी से) और तरूण सुभाष (एचटी, लखनऊ से), सीनियर रिपोर्टर - अनुपमा त्रिपाठी (आईएएनएस से)। इनके अलावा ईटीवी से हरिकेश कुमार, दैनिक हिंदुस्तान, लखनऊ से अंशू मिश्रा, यहीं से अभिषेक मिश्रा और मीनल व जाफरी ने भी वीओआई ज्वाइन किया है। इन सभी को नई पारी के लिए भड़ास की तरफ से शुभकामनाएं।

दैनिक हिंदुस्तान, मुजफ्फरपुर में सीनियर कापी एडीटर विवेक श्रीवास्तव ने पटना से प्रकाशित होने जा रहे आई-नेक्स्ट में सिटी इंचार्ज के पोस्ट पर ज्वाइन कर लिया है। वहीं प्रभात खबर, पटना के चीफ रिपोर्टर ने अपने इस घर को अलविदा कह कर आई-नेक्स्ट ज्वाइन किया है। पटना से आई-नेक्स्ट का प्रकाश मई लास्ट में होने जा रहा है। आई-नेक्स्ट में जाने वालों में प्रभात खबर, पटना के फोटोग्राफर मनीष कुमार भी शामिल हैं।

त्रिवेणी मीडिया ने अपने Journalism Institute ISMS (International School of Media Studies) के सभी 28 स्टूडेंट्स को पंद्रह हजार महीने की नौकरी पर अपने चैनल वॉयस ऑफ इंडिया में नौकरी दे दी है। इनमें से कुछ को National चैनल और बाकी को Regional चैनल में डाला गया है. तीन महीने की मुफ्त ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत त्रिवेणी ने दिसंबर में चालीस लोगों का चयन किया था. इसमें से 12 ने बीच में ही ट्रेनिंग छोड़ दी थी. इन्हें टीवी टुडे इंस्टीट्यूट के सुमित सिंघल और आलोक वर्मा सहित किशोर मालवीय, अनुप सिन्हा, रोहित लाल और मुकेश कुमार ने ट्रेनिंग दी थी. त्रिवेणी के HR का दावा है कि वे आने वाले समय में भी अपन इंस्टीट्यूट के सभी छात्रों को नौकरी देंते रहेंगे

ज़ी बिजनेस में इन दिनों पलायन का दौर शुरू हो गया है। पिछले 15 दिनों में ही चार लोगों ने ज़ी बिज़नेस को टाटा बाय-बाय कर दिया है। रिपोर्टर के रूप में काम कर रहे दीपक उपाध्याय ने भास्कर के आगामी बिजनेस अख़बार से नाता जोड़ लिया है। मंडी लाइव टीम में काम कर रहे शमशेर सिंह ने भी इसी अख़बार में संवाददाता के रूप में ज्वाइन किया है। रन डाउन पर काम कर रहीं योगश्री दिवेकर अंग्रेजी के बिज़नेस अखबार फाइनेंसियल एक्सप्रेस से जुड़ गयी हैं। मंडी लाइव टीम के ही एक अन्य सदस्य आशीष ने इस्तीफा दे दिया है और वह डब्ल्यूएनएस यानी वर्ल्ड न्यूज़ सर्विस की ओर रूख कर रहे हैं। ज़ी बिज़नेस की मंडी लाइव टीम में अब केवल टीम लीडर और एंकर अमीष देवगुन रह गए हैं। कमोडिटी में रुचि रखने वाले पत्रकार बंधु अगर कोशिश करना चाहें तो लोहा गर्म है।

भड़ास को एक मेल के जरिए खबर पहुंचाई गई है कि ईटीवी नेटवर्क से करीब चालीस लोगों ने एक साथ पलायन कर दिया है और वायस आफ इंडिया (त्रिवेणी ग्रुप) का दामन थाम लिया है। इधर लोग गए नहीं कि उधर ईटीवी ने हमेशा की तरह चालीस की जगह सत्तर लोगों की भर्ती भी कर ली है।

वीर अर्जुन, नई दिल्ली से डिजायनर और पेजीनेटर तरबेज खान ने इस्तीफा दे दिया है। अब वे अपने हुनर का जौहर नई दिल्ली के ही आज समाज अखबार में दिखाएंगे।

सुरेंद्र सिंह यादव ने दैनिक जागरण, कुरुक्षेत्र में बतौर चीफ करेस्पांडेंट 17 मई को कार्यभार संभाल लिया है। वे इससे पहले दैनिक जागरण, लुधियाना में कार्यरत थे। उससे भी पहले वे दैनिक जागरण, नोएडा में सेंट्रल डेस्क पर थे।

लाइव इंडिया के बहुचर्चित रिपोर्टर प्रकाश सिंह ने वॉयस ऑफ इंडिया (त्रिवेणी) ज्वायन किया है। बताया जाता है कि प्रकाश ने यहां पहुंचने के लिए जुगाड़ों की झड़ी लगा दी थी। अंदर की खबर है कि प्रकाश को चैनल में लेने से कुछ लोगों की भावनाएं भी आहत हुई हैं।

दैनिक जागरण, नोएडा में कार्यरत आईटी मैनेजर करनवीर सिंह को संस्थान जर्मनी भेज रहा है। वे वहां सीटीपी मशीन की ट्रेनिंग लेने जा रहे हैं। इन दिनों सभी प्रिंट मीडिया समूह अपने संस्थानों को फुली कंप्यूटराइज्ड और मशीनीकृत कर रहे हैं। ऐसी मशीनों को आपरेट करना-कराना एक नया काम होगा, जिसके लिए शिक्षण-प्रशिक्षण अनिर्वाय तौर पर जरूरी होगा। करनवीर जी को शुभकामनाएं।

देशबंधु अखबार के राष्ट्रीय संस्करण में कई नई नियुक्तियां हुई हैं। आगरा से छपने वाले अकिंचन भारत अखबार में फिरोजाबाद डेस्क पर काम कर रहे वैभव पांडेय ने अपने संस्थान को टाटा बाय बाय कहते हुए देशबंधु की सेवा शुरू कर दी है। उन्होंने बतौर सब एडीटर ज्वाइन किया है। इसी तरह दिल्ली के फ्रीलांस जर्नलिस्ट और पुस्तक समीक्षक निशांत भारद्वाज ने भी बतौर सब एडीटर देशबंधु में अपनी सेवा देनी शुरू कर दी है। वे देशबंधु में संपादकीय पेज और विचार पेज पर अपनी प्रतिभा का जलवा दिखा रहे हैं। पूनम सिंघल भी देशबंधु के राष्ट्रीय संस्करण से जुड़ गई हैं। वे इससे पहले प्रभात खबर के दिल्ली कार्यालय में कुछ समय तक कार्यरत थीं। इन सभी साथियों को नई नौकरी के लिए शुभकामनाएं।

संडे पोस्ट अखबार में पिछले चार साल से बतौर सब एडीटर काम कर रहीं प्रीति सिंह परिहार ने देशबंधु में केवल चार दिन काटे और इतने ही समय में जाने क्या हुआ कि यह संस्थान उन्हें रास आता नहीं लगा और फिर से वे अपने पुराने संस्थान लौट गईं। सूत्रों का कहना है कि उन्हें देशबंधु ने जितने पैसे पर ज्वाइन कराया था, उतना उनके पुराने संस्थान ने आफर किया तो वो इस आफर को ठुकरा न सकीं और घर लौट गईं।

प्रीति तो संडे पोस्ट में फिर गईं हीं, देशबंधु के राष्ट्रीय संस्करण में कार्यरत एक और महिला पत्रकार उनके नक्शेकदम पर हो लीं। इनका नाम है गीता कंठोला। गीता ने भी देशबंधु को बाय बाय कहकर संडे पोस्ट ज्वाइन कर लिया है। इससे पहले गीता राष्ट्रीय सहारा के फीचर सेक्शन से जुड़ी रही हैं। प्रीति और गीता, दोनों को भड़ास की तरफ से करियर की बेहतरी की शुभकामनाएं।

शैलेंद्र तिवारी का तबादला ग्वालियर कर दिया गया है। वे वहां राजस्थान पत्रिका के ब्यूरो चीफ के रूप में काम देखेंगे। उन्होंने राजस्थान पत्रिका के दूसरे अखबार न्यूज टुडे, जयपुर में भी काम किया हुआ है। उल्लेखनीय है कि पत्रिका का भोपाल संस्करण जल्द ही शुरू होने वाला है। इसके बाद मध्य प्रदेश में एक और एडीशन पत्रिका लांच करेगा। इस एडीशन के इंदौर या ग्वालियर से शुरू होने की चर्चाएं हैं। इसी के तहत पत्रिका अपने लोगों को ग्वालियर और इंदौर में भेजना शुरू कर दिया है। अब देखना है कि इन दोनों जगहों में से पहले कहां पर एडीशन शुरू होता है।

दैनिक भास्कर, मुंबई के एडीटोरियल डेस्क और वेब एडीशन में कार्यरत गुरुदत्त तिवारी ने अब इस संस्थान को टाटा बाय बाय बोल दिया है। उन्होंने बतौर सीनियर सब एडीटर बिजनेस स्टैंडर्ड ज्वाइन कर लिया है। गरुदत्त पत्रकारिता में पिछले आठ वर्षों से हैं। उनके ज्यादा समय भोपाल में गुजरा है लेकिन पिछले दो वर्षों से वे मुंबई में जमे हुए हैं। गुरुदत्त इसी तरह तरक्की और समृद्धि की राह पर कुलांचे भरते रहें, भड़ास ऐसी कामना करता है।

अमर उजाला, मेरठ में कार्यरत अजीत तिवारी ने अब दिल्ली की राह पकड़ ली है। वे इकानामिक टाइम्स (हिंदी), नई दिल्ली का साथ हो लिए हैं। नई नौकरी के लिए अजीत को बधाई।

दैनिक जागरण, नोएडा के डिप्टी न्यूज एडीटर और जनरल डेस्क के इंचार्ज अवधेश गुप्ता का तबादला दैनिक जागरण, कानपुर के लिए हो गया है। ऐसा उनकी सहमति से किया गया है। अवधेश मूलतः कानपुर के रहने वाले हैं और उन्होंने अपना करियर भी कानपुर से ही अमर उजाला अखबार के साथ की थी। बाद में वे दिल्ली आए और दैनिक जागरण के साथ ही बने रहे। यहीं वे अपने शानदार काम से लगातार तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते रहे। पारिवारिक वजहों से कानपुर वापसी की इच्छा काफी दिनों से वे जता रहे थे। भड़ास अवधेश के उज्जवल भविष्य की कामना करता है।

दैनिक भास्कर, नोएडा से डिजायनर और पेजीनेटर रवि कुमार ने इस्तीफा दे दिया है। अब वे अपने हुनर का जौहर नई दिल्ली के ही आज समाज अखबार में दिखाएंगे। भड़ास की तरफ से शुभकामनाएं।

लोकेश त्रिपाठी ने इंडिया टीवी का दामन छोड़कर अब दैनिक हिंदुस्तान, लखनऊ के साथ गलबहियां कर ली है। चर्चा है कि वे काफी अच्छे पैकेज पर नए संस्थान में गए हैं। उन्हें शुभकामनाएं।

दैनिक आज, लखनऊ में कार्यरत नरेश शर्मा ने इस संस्थान को बाय-बाय कह दिया है। अब वे भी लखनऊ में ही अमर उजाला के साथ हो लिए हैं। नरेश ने अमर उजाला में बतौर रिपोर्टर कम सब एडीटर इंट्री मारी है। नरेश जी नई पारी में अच्छी बैटिंग करें, इसके लिए भड़ास की तरफ से शुभकामनाएं। अगर आप भी उन्हें कांग्रेट्स बोलना चाहते हैं तो उनके मोबाइल नंबर 09415578193 पर घंटी मार सकते हैं।

डा. सुबोध कुमार ने अमर उजाला, लखनऊ ज्वाइन किया है। इससे पहले वह लखनऊ में ही दैनिक हिंदुस्तान में सब एडीटर पद पर कार्यरत थे। वे अमर उजाला में बतौर सीनियर सब एडीटर नियुक्त हुए हैं। हिंदुस्तान, लखनऊ से पहले डा. सुबोध अमर उजाला, नोएडा में उप संपादक हुआ करते थे। भड़ास डा. सुबोध के करियर और जीवन की बेहतरी के लिए शुभकामनाएं देता है और आप भी उन्हें उनके मोबाइल नंबर 09919939807 पर फोन करके इस नई पारी के लिए विश कर सकते हैं।

न्यूज टुडे, इंदौर में कार्यरत ऋतु मिश्रा का ट्रांसफर भोपाल कर दिया गया है। वो वहां फीचर सेक्शन देखेंगी। उन्हें शुभकामनाएं।

पुण्य प्रसून वाजपेयी के जी न्यूज ज्वाइन करते ही जी न्यूज के तेवर बदलने शुरू हो गए हैं। अब पहले से ज्यादा धारधार दिखने लगा है यह चैनल। इसी के तहत जी न्यूज ने अपनी पंचलाइन भी बदल दी है। इस चैनल का नया पंचलाइन जरा सोचिए हो गया है।

दैनिक जागरण, नोएडा के सीनियर जर्नलिस्ट आलोक त्रिपाठी का तबादला दैनिक जागरण, लखनऊ के लिए कर दिया गया है। आलोक ने अपना करियर दैनिक जागरण, लखनऊ से ही शुरू किया था। इसके बाद वे ईटीवी, हैदराबाद चले गए थे। अपने घर पहुंचने के लिए आलोक को ढेर सारी शुभकामनाएं।

एक मेल के जरिए दुखद सूचना दी गई है कि अमर उजाला, बरेली की सीनियर जर्नलिस्ट अनामिका आर्या का देहांत लखनऊ में हो गया है। भड़ास परिवार अनामिका को श्रद्धांजलि अर्पित करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि वो दुख की इस घड़ी में अनामिका के परिजनों को ताकत व हौसला प्रदान करें।

दैनिक भास्कर, नई दिल्ली के संपादक अवनीश मिश्र ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बेहद मृदुभाषी और सहज व्यक्तित्व के धनी अवनीश डेढ़ महीने के लिए लंदन जा रहे हैं। वे वहां एक नए वेंचर की तरफ से मिले असाइनमेंट के तहत जा रहे हैं। यह नया वेंचर मीडिया से ही जुड़ा है। अवनीश जी के जाने के बाद उनके पद पर नया संपादक कौन आएगा, इसको लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वैसे दैनिक भास्कर, पानीपत के संपादक दिनेश चंद मिश्र का भी नाम लिया जा रहा है कि वे दिल्ली बुलाएं जा सकते हैं पर कहा यह भी जा रहा है कि मैनेजमेंट बाहर से किसी डायनमिक और तेज तर्रार को ज्वायन कराने को इच्छुक है।

दैनिक जागरण, लुधियाना के चार पत्रकारों का तबादला चंडीगढ़ के लिए कर दिया गया है। ये तबादले मोहाली यूनिट लांच करने के क्रम में किया गये हैं। बताया जाता है कि अभी कई और पत्रकारों का तबादला किया जाएगा। फिलहाल जिन चार लोगों का तबादला हुआ है, उनके नाम इस प्रकार हैं- सुशील खन्ना (डीएनई), सुरेंद्र सिंह यादव (चीफ सब), चंद्रशेखर (चीफ सब) और गौरव तंवर (सीनियर सब) । इन चारों साथियों को नई जगह पर ढेर सारी सफलताएं मिलें, इसके लिए भड़ास की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं।

दैनिक जागरण, लुधियाना में प्रदीप ठाकुर के करीबी माने जाने वाले पत्रकार मोहिंदर सिंह अमृत से भी मैनेजमेंट ने इस्तीफा ले लिया है। इससे पूर्व कई लोगों का तबादला विभिन्न जगहों पर किया गया और संपादकीय प्रभारी प्रदीप ठाकुर से इस्तीफा लेकर उनकी जगह पर कमलेश रघुवंशी को भेजा गया।

बृजेश कुमार झा ने दैनिक जागरण, कानपुर में लंबी पारी खेलने के बाद अब इसे अलविदा कह दिया है। उन्होंने दैनिक हिंदुस्तान, चंडीगढ़ में अच्छे पद और पैकेज पर ज्वाइन किया है। बृजेश लेआउट और डिजायनिंग के मास्टर माने जाते हैं। उन्होंने दैनिक जागरण के सभी फीचर पेजों को अपनी खास स्टाइल से तराशा, सजाया और संवारा है। अपने काम के धनी बृजेश बेहद सरल, सहज और यारबाज किस्म के मस्तमौला आदमी हैं। भड़ास उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है और उनको नई जाब प्रोफाइल में सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करता है।

खबर है कि राजस्थान पत्रिका के चेन्नई संस्करण से दो पत्रकारों ने इस्तीफा दिया है। इनके नाम हैं अजय पोद्दार (चीफ सब एडीटर) और पवन मित्तल (सब एडीटर)। पवन मित्तल के बारे में बताया जा रहा है कि उन्होंने अमर उजाला, बरेली ज्वाइन कर लिया है।

दैनिक हिंदुस्तान, लखनऊ में पिछले पांच वर्षों से स्पोर्ट्स डेस्क पर बतौर खेल पत्रकार अपनी सेवाएं दे रहे अरुण सक्सेना ने अब इस संस्थान को टाटा-बाय-बाय बोल दिया है। वे अब अमर उजाला, लखनऊ के झंडे तले आ गए हैं। उन्होंने इस संस्थान में बतौर वरिष्ठ उप संपादक ज्वाइन किया है। हिंदुस्तान से पहले अरुण राष्ट्रीय सहारा, लखनऊ में खेल पत्रकार हुआ करते थे। अरुण को नए संस्थान में खूब तरक्की मिले, इसके लिए भड़ास की तरफ से अग्रिम शुभकामनाएं।

दैनिक जागरण, लुधियाना से प्रदीप ठाकुर से इस्तीफा लेने के बाद भी दैनिक जागरण मैनेजमेंट शांत नहीं हुआ है। कई और लोगों पर गाज गिरी है। खबर मिली है कि चीफ रिपोर्टर गौतम जालंधरी को मैनेजमेंट ने सिटी चीफ पद से हटा कर उनका तबादला रोहतक कर दिया है। सीनियर रिपोर्टर नितिन धीमान को भी लुधियाना की रिपोर्टिंग टीम से अलग कर दिया गया है। उनका तबादला अबोहर कर दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि अभी कुछ और लोग कार्रवाई के दायरे में आ सकते हैं।

दैनिक जागरण, चंडीगढ़ के स्पोर्ट्स रिपोर्टर जितेंद्र सिंह यादव ने हरियाणा सरकार के डिपार्टमेंट आफ पब्लिक रिलेशन में एपीआरओ पद पर ज्वाइन कर लिया है। जितेंद्र जी को पक्की नौकरी मिलने पर भड़ास की तरफ से ढेर सारी बधाई।

सहारा समय के छतरपुर के रिपोर्टर रवींद्र अरजरिया का जबलपुर ट्रांसफर कर दिया गया है। इससे नाराज रवींद्र जी ने सहारा समय को अपना इस्तीफा भेज दिया और त्रिवेणी के नए लांच होने वाले चैनल वायस आफ इंडिया को ज्वाइन कर लिया है। वे वायस आफ इंडिया के सागर प्रतिनिधि होंगे।

टीकमगढ़ में जनसत्ता के रिपोर्टर सुरेश शर्मा ने एक नई पत्रिका शुरू की है। पत्रिका का नाम है भविष्य की चुनौती। सुरेश जी को इस नई पहल पर भड़ास की तरफ से ढेर सारी शुभकामनाएं।

मंतोष कुमार सिंह ने दैनिक हरिभूमि को अलविदा कह दिया है। वे हरिभूमि में चार साल तक सेंट्रल डेस्क पर कार्यरत रहे। उन्होंने एक मई से पत्रिका, भोपाल ज्वाइन कर लिया है। यहां भी वे सेंट्रल डेस्क पर सेवाएं दे रहे हैं। वरिष्ठ भड़ासी साथी मंतोष को भड़ास की पूरी टीम की तरफ से नई नौकरी में सफलता के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं।

दैनिक जागरण, लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार अनेहस शाश्वत इन दिनों स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। पिछले दिनों एक दुर्घटना में उनके घुटने की एक हड्डी टूट गई थी। आपरेशन के बाद वे फिलहाल कंप्लीट बेड रेस्ट पर हैं। अपने उदात्त व्यक्तित्व, सहज-सरल अंदाज, परोपकारी स्वभाव के चलते बेहद लोकप्रिय शाश्वत जी पत्रकारिता में खोजी और शोध वृत्ति के लिए जाने जाते हैं। लखनऊ पर उनकी ऐतिहासिक शोध रिपोर्टों को काफी सराहना मिली है। प्राचीन अवध और आधुनिक अवध के ढेर सारे पहलुओं पर विभिन्न आयामों को छूते हुए उन्होंने जो शोधपरक रिपोर्टें लिखीं, वो दस्तावेज की तरह हैं। शाश्वत जी से उनका हालचाल 09452268389 पर फोन करके ले सकते हैं और उन्हें जल्द स्वस्थ होने के लिए शुभकामनाएं दे सकते हैं।

वरिष्ठ पत्रकार और हर किसी के सुख दुख में हर समय खडे रहने वाले साथी अनिल भारद्वाज डायरिया की चपेट में हैं और सिविल अस्पताल लुधियाना में भर्ती हैं। उनकी तबियत बिगडने पर उन्हें सिविल में भर्ती करवाया गया। बुधवार को उनकी सेहत में थोडा सुधार आया। कोई साथी अगर उनकी सकुशलता जानना चाहते हों तो उनके मोबाईल नंबर 09417487280 पर फोन कर सकते हैं।

भड़ास को खबर मिली है कि जयपुर में सिटी भास्कर के प्रभारी और न्यूज टुडे के एक्जीक्यूटिव एडीटर रह चुके सुमंत भट्टाचार्या ने अब त्रिवेणी के नए न्यूज चैनल में बड़े पद की जिम्मेदारी संभाल ली है।

दैनिक भास्कर ने अपने नए लांच होने वाले बिजनेस अखबार के लिए नई दिल्ली में नया आफिस बनाया है। इस आफिस का पता है दैनिक भास्कर, 132, त्रिभुवन कांप्लेक्स, ईश्वर नगर, न्यू फ्रेंड्स कालोनी, नई दिल्ली। इस आफिस में संपादक यतीश राजावत और उनकी नई टीम के कुछ वरिष्ठ सदस्य बैठने लगे हैं। यहां की सक्रियता देखकर लगता है कि अखबार जल्द ही मार्केट में लाने की तैयारी है।

सूचना है कि नागेश शर्मा ने दैनिक जागरण, मेरठ छोड़कर अमर उजाला, अलीगढ़ ज्वाइन करके घर वापसी कर ली है।

दैनिक हिंदुस्तान, नई दिल्ली में विशेष संवाददाता ह‍रवीर सिंह ने दैनिक भास्कर का बिजनेस अखबार डीएनए मनी, नई दिल्ली ज्वाइन किया है।

मलय कुमार मिश्रा जो लखनउ में ईटीवी के प्रोग्रामिंग में कार्यरत थे ने महुआ टीवी के प्रोग्रामिंग में ज्वाइन किया है। मलय गोरखपुर के रहने वाले हैं और कुछ भोजपुरी फिल्मों में एक्टिंग भी कर चुके हैं...उनका भोजपुरी में कार्यक्रम निर्माण का अच्छा खासा अनुभव है।

जयपुर के क्राइम रिपोर्टर अभिषेक आढ़ा ने त्रिवेणी समूह के नये न्यज चैनल वॉयस ऑफ इंडिया में लंबे-चौड़े आर्थिक पैकेज के साथ बतौर असिस्टेंट प्रोड्यूसर ज्वाइन किया है। अभिषेक दैनिक जागरण-दिल्ली, राजस्थान पत्रिका- जयपुर और दैनिक भास्कर-जयपुर में बतौर क्राइम रिपोर्टर काम कर चुके हैं।

दैनिक जागरण, चंडीगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार केके कुलश्रेष्ठ ने डीएनई पद पर नई दिल्ली में दैनिक भास्कर के नए लांच होने वाले बिजनेस अखबार में ज्वाइन किया है।

कमलेश रघुवंशी को दैनिक जागरण, लुधियाना का भी प्रभारी बना दिया गया है। यह अंतरिम व्यवस्था के तहत किया गया है। इससे पहले दैनिक जागरण, लुधियाना के संपादकीय प्रभारी प्रदीप ठाकुर को कई आरोपों के चलते बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। इसी के चलते खाली पड़े पद पर दैनिक जागरण, जालंधर के प्रभारी कमलेश रघुवंशी को अतिरिक्त प्रभार के तहत बिठाया गया है।

नई दुनिया, रायपुर के सब एडीटर जितेंद्र सूर्यवंशी ने एमपी पत्रिका, भोपाल ज्वाइन कर लिया है। वेलकम बैक टू भोपाल....।

दैनिक हिंदुस्तान, कानपुर के सीनियर कामर्स करेस्पांडेंट आलोक तिवारी को नया और बड़ा ब्रेक मिला है। वे दैनिक भास्कर के नए लांच होने वाले बिजनेस अखबार (डीएनए मनी, नई दिल्ली) में बतौर डिप्टी न्यूज एडीटर काम करेंगे। आईनेक्स्ट, कानपुर से अनिरूद्ध यादव और पुलक भी यहां ज्वाइन कर रहे हैं। इन सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं।

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हिंदी मीडियाः हलचल-हालचाल पार्ट वन

3 comments:

dhanpuri.bhadas@bhada.com said...

इन दिनों भोपाल से प्रकाशित एक साप्ताहिक अमरकीर्ति जबरदस्त चर्चाओं में है। कोयला खदानों के भृष्टाचार पर पहले पेज पर लगातार दस अंकों से जो पुराण छप रहा है उसको पढ़कर ऐसा लग रहा है कि कोयला खदानों में सिवाए भृष्टाचार के और कुछ भी नहीं है क्या। अरे भइया मैने तो पढ़कर बहुत सी ऐसी चीजों को जाना जो कभी सपनों में सोंच भी नहीं सकता था कुछ भी हो इतना कड़वा सच आज से पहले कभी पढ़ा भी नहीं था। अब मैं भी भड़ासी बन गया हूं। अपनी भड़ास निकालता रहूंगा।
जय भड़ा,.....!!!!!!!!!

Anonymous said...

हे भगवान कल ही तो अमरकीर्ति भोपाल की चर्चा करके फुर्सत नहीं हुआ था कि आज नया अंक हाथ में आ गया। ऐसा लग रहा है कि मानो अखबार न हो कोई ऐटम बम हो....। कालरी के तमाम काले पीले का चिट्ठा पढ़ा। दुख हुआ हैरानी भी। बताइए अपने ही वीआरएस लेने वाले मजदूरों से उनके ही फंड को देने के लिए लाखों रुपए की मांग है न शर्म की बात कुछ तो शर्म करो भृष्ट अफसरों....। इससे भी ज्यादा शर्मनाक बात यह है कि दफ्तर में इंटरनेट पर अश्लील वेबसाइट अफसर देखें और बनें रहे साधू...। छी छी के अलावा क्या कहा जाए जिस दफ्तर में बेटी की उम्र की कर्मचारी काम कर रही हों वहां यह घिनौनी हरकत। हे गांधी बाबा के देश के सरकारी देवदूतों अब तो बस करो कुछ तो देश के लिए शर्म करो।
नकारा और धिक्कार का पात्र है कोयला मंत्रालय जो सब कुछ जानते हुए भी चुप्पी साधे हुआ है क्या पता श्रीप्रकाश जायसवाल को यह सब पता भी है या नहीं। अरे जायसवालजी एक अखबार बार बार चीख चीखकर कुछ कह रहा है और आप हैं आपका मंत्रालय है चुप्पी साधे बैठा है। राम राम कुछ तो करो प्रभु कोयला माफियाओं और खदानों का हाल इतना बुरा होगा सोंचा भी नहीं था ऐसा लग रहा है कि अमरकीर्ति के सारे अंक ही भड़ास पर छप जाएं तो कमसे कम पूरा देश जान जाए कि कोयला खदानों की असलियत है क्या लिखूं और क्या न लिखूं समझ नहीं आ रहा है। चुप रहा भी न जाए और कुछ कहा भी न जाए पर अब लगता है कि इजाजत मिली तो अमरकीर्ति का पूरा अंक ही भड़ास पर पेस्ट करवा दूंगा।

Anonymous said...

हाय रे धिक्कार है उनको जो बच्चों का एक वक्त का निवाला भी खाने में परहेज नहीं कर रहे हैं। अमरकीर्ति में पढ़कर बड़ा ही आश्चर्य हुआ। धनपुरी में ऐसा हो रहा है और शहडोल कलेक्टर चुप बैठे हैं। पता नहीं नगरपालिका की संगठिका कितनी ताकतवर है जो एडहॉक पोस्ट पर होते हुए भी बकौल अमरकीर्ति बहुत ताकतवर हो गई है। पता नहीं इसकी ताकत का क्या राज है। लेकिन शासन, प्रशासन सब चुप बैठे हैं एक अकेला जिला पंचायत का उपाध्यक्ष लड़ रहा है भृष्टाचारियों से क्या पता कब तक वो लड़ पाएगा हारेगा या जीतेगा ये तो वक्त बताएगा पर यह सच है कि अफसरशाही के आगे जनतंत्र भी झुका हुआ है। पता नहीं उस महिला संगठिका की ताकत का राज क्या है। यह सीबीसीआईडी ही पता करे लेकिन अगर बच्चों के एक वक्त के निवाले के साथ भी अगर ऐसा हो रहा है तो बेहद शर्मनाक है। सोनियाजी अब आप ही कुछ कीजिए क्योंकि शिवराज सिंह चौहान तो चुप्पी साधे बैठे हैं।